मेरी कमसिन जवानी की आग Final Chapter

मेरी कमसिन जवानी की आग Final Chapter

उसकी बातों से मेरा ध्यान क्या भटका कि तभी अंकित अपने लंड को मेरी चूत के मुहाने में रखकर एकदम से लंड पेल दिया. उसकी इस तरकीब से लंड घुस गया और मेरी चीख निकल गई. उसने लंड को ताकत से मेरी चूत में दबाया तो मैं चिल्ला उठी- भाई अंकित … मार डालेगा क्या साले.. भोसड़ी के बहुत दर्द हो रहा है.

जबकि उसका थोड़ा सा ही लंड का सुपारा घुसा था लेकिन मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी. सच में अंकित का बहुत मोटा लंबा लंड था.
अंकित बोला- अभी तो साली बोल रही थी कि चाहे कुछ भी हो जाए.. जमकर चोदना.. फाड़ देना मेरी चूत को.. अब ले झेल मेरा लौड़ा खा साली.
अंकित ने पूरी ताकत लगा कि जैसे ही अपना लंड घुसाया, मैं इतनी जोर से चिल्लाने लगी और रोने लगी कि जैसे मेरी जान निकलने लगी हो. मैं गाली भी देने लगी- कुत्ते साले मादरचोद छोड़ दे कमीने भड़वे.. बहुत गंदा है, निकाल ले अपना लंड मुझे नहीं चुदवाना.. कोई बचा लो मुझे बहुत दर्द हो रहा है बचा लो कोई मुझे इस राक्षस से.. हरामी साला मार डालेगा.. बचा लो ओ गॉड.. बचा लो मुझे इस राक्षस से.. देखो न राज अंकल मेरी चूत से खून निकल रहा है क्या.. मुझे बचाओ कोई मेरी चूत फट गई लगती है.

तभी राज अंकल ने आकर देखा और बोले- अंकित थोड़ा आराम से डाल.. हल्का हल्का खून आ गया है सोनू की चूत से.यह सुनते ही मैं और जोर से रोने लगी चिल्लाने लगी- मेरी चूत को फाड़ डाला.. यह बहुत हरामी है, मम्मी बचा लो … बहुत जोर से दर्द हो रहा है.. बहुत गन्दा चोदता है.तभी अंकित ने पूरा का पूरा लंड डाल दिया और बोला- संध्या तू बहुत बड़ी छिनाल है साली.. और ले कुतिया.. आज तेरी चूत की चीथड़े उड़ा दूँगा.

उसने जोर से धक्का मारा तो बिल्कुल ऐसा लगा कि मेरी चूत फट गई हो. उधर पीछे समाली अंकल मेरी गांड में डाले जोर जोर से चोद रहे थे. मुझसे रहा नहीं जा रहा था, पर मैं क्या करती, मेरे हाथ में कुछ नहीं बचा था. इसी समय मेरे पीछे गांड में मुझे अजीब सी गुदगुदी सी होने लगी और मैं अपनी कमर को उठाकर पीछे करने लगी ताकि समाली अंकल का लौड़ा और घुस जाए.
इस बात को समाली अंकल समझ गए और बोले- संध्या, मैंने अपना पूरा लंड तेरी गांड में घुसाया हुआ है.. रुक और तेजी से तेरी गांड में अपना लंड ठोकता हूं.

अब समाली अंकल ने मेरे बालों को पकड़ लिया और थोड़ा पोजीशन बदल कर मेरी गांड को चोदने लगे. बहुत फच फच की आवाज आने लगी और अंकल गन्दी गालियां भी देने लगे- ओहहह मेरी जान संध्या … तेरी गांड को चोदे बिना अब नहीं रह पाऊंगा, तू यहीं रह जा अपने मौसी के यहाँ.. मैं हर दिन अलग अलग लंड का इंतजाम कर दिया करूंगा.. आह. साली मादरचोदी.. तू दुनिया की सबसे बड़ी माल हो चुकी है.. तुझे मैं किसी दिन कुतिया बना कर चोद करूँगा किसी दिन घोड़ी बना कर तेरी गांड मार करूँगा.मैं बोली- हां साले बुड्डे लौड़े.. तेरे लंड में बहुत जान मादरचोद..तभी अचानक से समाली अंकल बोले- ओहहहह ऊंहहह संध्या … मेरा लौड़ा अब झड़ने वाला है.

उसी समय जाने किस तरह से हुआ कि जो मेरी चूत में अंकित का बहुत मोटा लंड जाने से दर्द हो रहा था, वह दर्द एक दम से गायब होने लगा और 2 मिनट बाद बचा हुआ दर्द भी जाने कहाँ चला गया. अब मैं अब बिल्कुल एक अलग सी मदहोशी की दुनिया में थी. मेरे जिस्म में अब कोई दर्द नहीं था, सिर्फ और सिर्फ सेक्स की प्यास थी.

मैं बोली- अंकित भाई, तू बहुत मस्त लड़का है.. बहुत जोर से डाल दे मैंने तुझे बहुत गाली दी.. मुझे पता नहीं क्या हो गया था.. आह.. तू तो बहुत मस्त लड़का है, मेरा भाई है.. मेरे सगी मौसी के बड़े जेठ का बेटा है, तो मेरा भाई ही है. मेरे भाई मुझे जम के चोद.. तेरा लौड़ा बहुत मस्त है.. मैं बहुत चुदासी हूं. तू आज मुझे जम के चोद पूरा लंड घुसा दे.
साथ ही मैंने समाली अंकल को भी बोला- अंकल आप अभी झड़ने का मत बोलो.. मुझे जम के चोदो.. मेरी गांड में जितना हो सके लंड डालो.. मैं बहुत चुदासी हूं, मैं आपकी हूं अभी 15 दिन यहीं हूं, आप बहुत मस्त हो जम के चोदो.

तभी ना जाने क्या हुआ संमाली अंकल मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे जम के चोदने लगे और बोले- संध्या, तू आने वाले दो-तीन साल में बहुत बड़ी छिनाल रंडी बनेगी.. तेरे से मस्त माल पूरे हमारे एरिया में कोई नहीं होगा. मैं तेरा हमेशा आशिक रहूंगा.. तू आज मुझे जन्नत दिखा दी.. लेकिन मेरी जान संध्या मैं अब झड़ने वाला.. हूं मेरा लंड रस निकलने वाला है.
बस इतना कहते ही मेरी गांड में समाली अंकल का बहुत गर्म गर्म लंड रस छूट गया और मेरी गांड में भर गया. मैं अजीब से नशे में चूर थी. समाली अंकल ने रगड़ रगड़ कर पूरा लंड का रस मेरी गांड में छोड़ दिया. मेरी गांड के अन्दर कोई गरम रस निकला, इस तरह का एक मस्त अहसास मुझे हुआ. मुझे ये बहुत अच्छा लगा और मैं बिल्कुल पागल सी हो गई. पहली बार मेरी गांड में मुझे सेटिस्फेक्शन मिला, पूर्ण संतुष्टि मिली.

मैंने समाली अंकल को बोला- थैंक्यू अंकल.. आज पहली बार आपने मेरी गांड को सेटिस्फाई किया.. मैं हमेशा आपकी रहूंगी और आपके पास आ जाऊंगी.. जब भी आप बुलाओगे.अब समाली अंकल मेरी गांड से अपना लंड निकाल कर उठ गए और बोले- संध्या तू दुनिया की सबसे मस्त गांड वाली लड़की है, तेरा भाई लालजी सच बोल रहा था.

इधर आगे तरफ चूत में अंकित जोर जोर से अपना लंड मेरी चूत में रगड़ने लगा और घुसाने लगा. अब मुझे सिर्फ अंकित ही चोद रहा था. अंकित बहुत जोर जोर से मेरी चूत में अपना लंड डालकर अपनी और मेरी हवस मिटा रहा था. मैं भी उससे लिपट गई और बोली- अंकित तू बहुत मस्त लौंडा है.. तेरा मस्त लंड है. आज तू मुझे पूरा चोद दे और मेरी चूत भी फाड़ कर चाहे टुकड़े टुकड़े कर दे.
तभी अंकित ने मेरे दोनों दूध अपने हाथों से अपने पकड़ लिए और जमकर दबाने लगा. वो बेहद गन्दी गन्दी गालियां देने लगा. वो बोला- संध्या तू बहुत मादरचोदी है बहनचोद साली कुतिया.. मैं जानता हूं तेरी मम्मी भी छिनाल है. तेरी दोनों बहन भी बहुत चुडक्कड़ हैं, जब लालजी को मैं दारू पिला देता हूं, तो लालजी नशे में मुझे सब बताता है. संध्या तू बहुत बड़ी रंडी है ले मादरचोदी मेरा पूरा लंड खा.
उसने पूरी ताकत से लंड डाला और जम के धक्के मारने लगा. वो इतनी तेजी से अपना लंड मेरी चूत में डाल रहा था कि 5 मिनट के अन्दर ही उसने मेरी चूत को और मुझे बेहाल कर दिया. मुझे कुछ होश नहीं था.. मैं हवश और चुदाई की आग में जलने लगी मदहोश हो गई.

अंकित ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठों को जमकर चूसते हुए बोला- संध्या मां की लौड़ी साली छिनाल.. मैं जल्दी झड़ने वाला हूं तेरी चूत बहुत गर्म है और अब मेरे लौड़े का रस बस निकलने वाला है.

वो फटाफट मेरे अन्दर अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा और दो-तीन मिनट के अन्दर ही अंकित ने अपने लंड का पूरा का पूरा गर्म गर्म लावा मेरी चूत में भर दिया. मैं अपने भाई की पीठ को नाखून से खरोंचने लगी, उसकी पीठ में अपने नाखूनों को गड़ाने लगी. इस वक्त मेरे जिस्म में एक अजीब सी हलचल मच गई थी. मेरी चूत में कुछ सरसराहट सी होने लगी थी. उस पल मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.. बस ऐसा लगा कि मेरी चूत में जैसे भूचाल आने वाला हो. मैं पगला गयी और अंकित से जमके लिपट गई. उसकी छाती को उसके बाजुओं को अपने नाखून से नोंचने लगी.
मैंने कामुकता में अंकित के मुँह में अपनी जीभ डाल दी और अंकित के जीभ को चूसने लगी और उसके होंठों को जमके चूसते हुए काटने भी लगी.तभी अचानक मेरी चूत भी बहने लगी.. मेरी चूत से पिचकारी की तरह रस निकलने लगा.अंकित बोला- संध्या तेरा चूत रस तो आग की तरह गर्म है.. मेरा लौड़ा जला जा रहा है.

मैं बोली- अंकित, हाँ मेरी चूत बहने लगी है.. तू बहुत मस्त है, मैं तुझे जहाँ भी मिलूं तू मुझे जरूर चोदना और जैसे, जिस तरह भी तुम्हें मुझे चोदना हो या किसी मस्त तेरे जैसे लंड वाले मर्द से चुदवाना हो.. तो तुम कोई परवाह मत करना.. बस मुझे अपनी चूत समझ कर चुदवा देना या खुद तुम चोद देना. अंकित, मैं बहुत सेक्सी लड़की हूं.. सच में बोल नहीं पाती हूं, पर मेरा मन करता है कि 24 घंटे मेरी चूत में किसी न किसी मर्द का लौड़ा घुसा रहे और कोई ना कोई मर्द मेरे जिस्म को मसलता रहे. मुझे बहुत चुदवाना है, मैं जब तक यहाँ हूं तब तक तुम लोग जमकर चोदते रहना. मेरी चूत बहुत टाइट है, वो खुल नहीं रही है, तुम लोग इसे चोद चोद कर पन्द्रह दिनों में खोल देना. आज मुझे जन्नत का मज़ा आया.. आप सबको थैंक्स. अब तो अपन सब आपस में खुल ही चुके हैं.. अब कोई परवाह नहीं है.

तभी राज अंकल मेरे पास आए आए और अंकित को बोले- अब तेरा लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया है, उठ जा संध्या के ऊपर से.. और इसकी चूत को किसी कपड़े से पौंछ दे.

अंकित ने अपनी टी-शर्ट से ही मेरी पूरी चूत को साफ किया और मेरे जिस्म पर अपने होंठों से चुंबन लेने लगा. फिर बोला कि संध्या तू अब जल्दी से कपड़े पहन ले… हम लोग यहाँ से चलते हैं.राज अंकल भी बोले- हाँ सोनू.. अंकित ठीक बोल रहा है.

मैंने उठकर अपना टॉप और स्कर्ट पहना, पर जैसे ही उठी.. मुझसे चलते नहीं बन रहा था, पता नहीं मेरी जांघों और टांगों को क्या हो गया था. मुझे चलने में बहुत दर्द हुआ और जलन होने लगी थी.
तभी राज अंकल आए और मुझे अपनी गोदी में उठा कर बोले- संध्या, तू तो बहुत हल्की है.. कितना हल्का सा वजन है तेरा?मैं बोली- हां अंकल मैं सिर्फ 39 किलो की हूँ.राज अंकल बोले- चल वहाँ तक तुझे लिए चलता हूं सोनू.. और तू चिंता मत कर कल तुझे प्रेगनेंसी वाली टेबलेट ला दूंगा, तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.. और जो मैंने कहा है, वह भी करूंगा. तुझे तेरी मम्मी को चुदते हुए तेरे सामने ला दूंगा.मैं चहक कर बोली- ठीक है अंकल.

मैं उनकी गोदी में ही रही और जहाँ मेरी मौसी का घर था, वहाँ तक गेट पर मैं यूं ही गोद में आ गई. गेट के सामने उतार कर राज अंकल ने अंकित को बोला- पहले तू अन्दर जाकर देख, सब सो रहे हैं या कि नहीं?तब अंकित अन्दर गया और फिर 2 मिनट में बाहर आकर बोला- राज अंकल, चुपचाप संध्या को अन्दर जाने दो, सब लोग अभी सो रहे हैं.मैं बिल्कुल लड़खड़ाती हुई अन्दर गई और अपनी जगह पर लेट गई.

सुबह जब हुई तो मुझसे उठा नहीं जा रहा था, पूरे बदन पर इतना दर्द था कि बता नहीं सकती. जब मैं नहीं उठी तो मेरे पास मम्मी आईं और बोलीं- सोनू तू उठ क्यों नहीं रही?

तब मैं बोली- मम्मी लगता है मुझे बुखार चढ़ गया है.. मुझे मेरी तबीयत बहुत खराब लग रही है. शायद कल पूड़ी ज्यादा खा ली थी तो तो आज रात में दर्द हुआ था, पेट में और वोमटिंग होगी ऐसा लग रहा था.. लगता है फूड प्वाइजनिंग हो गया है.मम्मी ने एक दूसरे कमरे में एक बेड लगवाया और मुझसे बोलीं- सोनू तू वहाँ आराम से लेटी रहना, मैं तेरे खाने-पीने का इंतजाम कर दूंगी.. कुछ उल्टा-पुल्टा मत खाना और ना कहीं बाहर निकलना.

दोपहर बाद राज अंकल मेरे पास आए और मुझे दो टैबलेट देकर धीरे से बोले- सोनू इन्हें खा ले.. तुझे अगले 3 महीने तक प्रेगनेंसी नहीं होगी.मैंने वे दोनों टैबलेट खा लीं, तब अंकल फिर से बहुत ही धीरे से बोले- अब तू 3 महीने तक कितनी भी चुदाई करवा ले सोनू.. तुझे प्रेगनेंसी नहीं होगी.इसके बाद अंकल तुरंत चले गए क्योंकि वहाँ लोग आते-जाते थे.

मैं लगातार दो दिनों तक कहीं नहीं गई, थोड़ा भी कहीं आऊं जांऊ.. तो चलने पर मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
तीसरे दिन राज अंकल फिर मेरे पास आए और बोले कि सोनू मैंने सब कुछ सैट कर लिया.. बस मानिकपुर चलेंगे और तेरी मम्मी से भी बात कर ली है. तेरी मम्मी को शापिंग का बहुत बड़ा लालच दिया तो तुरंत तैयार हो गई. तुझे ले जाने के लिए तो तेरी मम्मी खुद से बोली कि क्या मैं सोनू को भी अपने साथ ले चल सकती हूं, उसे भी एक दो ड्रेस टॉप जीन्स दिलवा देना. तब मैं बोला कि हाँ ले चल वह तो मेरी छोटी बेटी जैसी है. बस तेरी मम्मी राजी हो गई हैं, सोनू जैसा प्लान हुआ था, वह सब हो जाएगा. तेरी मम्मी को भी रंगे हाथों चुदते हुए तुझे तेरे सामने ला दूंगा. तू अचानक सामने आ जाना.
फिर सच में सब वैसा ही हुआ. अब मैं आज इस सत्य घटना की पूरी सच्चाई को यहीं पर रोकती हूं. इस सत्य घटना को अभी यहीं तक लिख सकी हूं.

मौसी के यहाँ अगले पन्द्रह दिन के हर एक पल बहुत रोमांचक रहे, मैं 15 दिन तक अपनी सगी मौसी के घर पर रही. उन 15 दिन में ये इत्तेफाक की बात है कि 15 मर्द मुझे मिले, उनमें से आठ मर्द साठ साल के ऊपर के बुड्ढे थे और चार मर्द मेरे बहुत क्लोज रिश्तेदार थे, जो 40 से 60 वर्ष के बीच के थे. बस तीन लड़के जवान थे, जो 30 वर्ष के नीचे थे. उनमें मेरी सगी मौसी का लड़का लालजी भी है.
अगले पन्द्रह दिन में मुझे किस तरह से 15 मर्दों ने कहाँ कहाँ किस किस तरीके से मेरे जिस्म से खेले, किस तरह से इंज्वाय किया, सबने अपनी और मेरी हवश को जगाया और फिर कैसे खुद को और मुझे भी सेटिस्फाई किया.

यह सब कुछ किस किस ने किया और कैसे कैसे किया आप जान सकते हैं, मैं सब बता भी सकती हूं.. परन्तु यदि सभी आरएसएस के पाठक मुझे बोलेंगे कि संध्या आगे पन्द्रह दिनों की पूरी सच्चाई बताओ, तब मैं एक एक शब्द.. जो मेरे जीवन में उन 15 दिनों में घटा.. मैं गॉड की कसम, मम्मी की कसम खाकर कहती हूं कि सब सच सच बताऊंगी कि मेरे साथ सब कुछ कैसे हुआ. एक भी शब्द अगर मेरा झूठा हो, तो मुझे नर्क मिले.. मैं एक भी शब्द झूठ नहीं लिख रही हूं. उन 15 दिनों में ऐसा कोई दिन नहीं था, जिस दिन मेरे साथ सेक्स नहीं हुआ हो. शादी के दिन भी शादी के रात भी मेरे साथ इस तरह से हुआ कि आप लोग इमेजिन भी नहीं कर सकते. पर वे पन्द्रह दिन मेरे जीवन के अनमोल थे. आज भी मैं याद करती हूं तो रोमांचित हो जाती हूं. मैंने वहीं पहली बार अपनी मम्मी को भी चुदते हुए देखा था, जब दो अंकल उन्हें चोद रहे थे. मैं अचानक सामने आ गई थी. फिर किस किस तरह से सब मेरे साथ हुआ, अगर आप सब वह जानेंगे तो मैं सच बोल रही हूं आप पागल हो जायेंगे.. आप स्वयं पर कन्ट्रोल नहीं कर पायेंगे.
आज तक मुझे जिस भी मर्द ने देखा है, उनमें ऐसा कोई भी नहीं है, जिसकी नियत मेरे लिए खराब न हुई हो. ऐसे नजदीक के रिश्तेदार वो भी सत्तर सत्तर साल के बुड्ढे भी और बहुत करीब के रिलेटिव, उन तक ने मेरे साथ सोने के लिए अपनी कोशिशें करी हैं.

मेरा दावा है कि मुझे देखने के बाद कोई भी मर्द बर्दाश्त नहीं कर पाएगा ना खुद पर कंट्रोल कर पाएगा.. यह मेरा चैलेंज है और ये विश्वास भी है.

आगे अब आप लोग ही तय करेंगे कि मैं अपनी लाइफ का एक एक शब्द आपको बताऊं या नहीं.. और एक बात मैं हमेशा बोलती हूं कि यदि मेरी फोटो में भी मुझे कोई मर्द देखेगा न, तो वह अपने जीवन में किसी लड़की किसी और फीमेल की कल्पना भी नहीं करेगा. वह एक बार मुझसे जरूर मिलना चाहेगा. मुझे कोई परवाह नहीं, जितने दिन की जिंदगी है, मैं खुलकर जिऊंगी और जो मेरा मन करेगा वह करूंगी.
अभी मैं उन्नीस साल की युवती हूं परन्तु पिछली घटनाओं को याद करती हूं तो बहुत रोमांचित हो जाती हूं. मैं अपने जीवन में कभी भी एक शब्द भी झूठ नहीं बोली हूं.. ना ही कभी कोई संकोच किया है.. मुझसे झूठ फरेब करते नहीं बना.

इसलिए मैं अपनी कसम खाकर कहती हूं. कभी भी एक शब्द झूठ या बनावटी ना लिखा है.. और न ही कभी लिखूंगी. आप सभी पाठकों को विश्वास हो रहा हो या नहीं, मैं यह नहीं जानती. पर एक एक बात जो मैंने लिखा है वह घटना, वह सब.. मेरे साथ और मेरी जिंदगी में वैसा ही हुआ है. यह मैं गॉड की कसम और मम्मी की कसम खाकर कहती हूं.
मैं अपनी मम्मी को उनकी हर गंदी आदतों के बाद भी सबसे ज्यादा मानती हूं.. उनकी झूठी कसम नहीं खा सकती हूँ.

सच्चाई यही है जो मैं बता चुकी हूं. अगले 15 दिन मेरे कैसे गुजरे.. और मैंने किस तरह से इंज्वाय किया, शायद मेरे लाइफ के सबसे अच्छे दिन थे. इस वक्त में मैंने बहुत मस्ती की, हर पल को जिया और कई लोगों को खुश किया. उन 15 लोगों में दो-तीन छोड़कर बाकी 12-13 लोगों ने कम से कम मेरे साथ तीन, चार बार और कुछ दो-तीन लोगों ने पांच पांच छह छह बार इंज्वाय किया. बहुत मस्त दिन गुजरे और मेरा जो जिस्म है न.. वहीं से मेरा फिगर डेवलप होने लगा और बहुत अच्छे शेप पर आना शुरू हो गया था.
मेरी सभी सहेलियां और कुछ लेडीज सब कहने लगीं कि मौसी के यहाँ जाकर तो तू संध्या खिल गई है, तेरा सीना बड़ा हो गया.. तेरा फिगर अल्टीमेट हो गया है.. ऐसा क्या खिलाया तेरी मौसी ने या वहाँ कुछ तूने गुल खिलाया है.. कि तू माल बन गई है.

सच में उन लोगों ने मेरा बहुत ख्याल रखा और जब मैं वहाँ से आई थी तो मेरे अकाउंट में पैसे भी काफी डाल दिए थे. वापस में मैं गिफ्ट भी बहुत सारे लेकर आई थी.
यह राज सिर्फ मैं जानती हूं और थोड़ा बहुत मेरी मम्मी को शक है. मम्मी मेरी लालची बहुत हैं, यह सत्य है.. पर वह मुझे बहुत चाहती हैं. ये भी सत्य है कि मुझसे ज्यादा वह पैसों को मानती हैं. कुछ कुछ चीजें उनको समझ आ गई थीं, तब भी वह मुझे सब लोगों के साथ जाने देती थीं.
यही सच्चाई है

मेरी शादी दो साल पहले अप्रैल में मेरे ही नगर में ही हुई, मेरे पति का नाम राजन उर्फ़ राज है, उनकी उम्र 32 वर्ष है, मेरी उम्र अभी 22 वर्ष की है, जब शादी हुई थी तब मैं 20 वर्ष की थी, लालच में मेरी मम्मी उनका बंगला कार सब देखकर मेरी शादी ज्यादा उम्र के आदमी से कर दी. मेरे पति का काम अच्छा है इसलिए मम्मी ने लालच में कि मैं खुश रहूं और मेरी मम्मी को भी पैसा मिलता रहेगा और खास तौर पर उनका कच्चा गिरा हुआ घर बन जायेगा.
राज मेरे पति की एक शादी पहले हो चुकी थी और शादी के दिन से ही उन दोनों की नहीं बनी थी तो वे अलग अलग हो गए थे.

मैं दिखने में बहुत सुंदर हूं और स्लिम हूं. मेरा साइज़ है कमर-26, सीना-30 से थोड़ा ज्यादा, हिप्स-34, पर मैं सबके सामने बहुत शर्मीली स्वभाव की लड़की हूं जबकि अकेले में बहुत ही अलग खुली और बेहद सेक्सी! मैं जब किशोर अवस्था में थी तभी से मेरी मम्मी के फोन से किसी को भी फोन लगा देती थी अकेले में… और अगर वो मर्द होते थे तो फिर वो थोड़ी देर बाद मुझसे सेक्सी अजीब बात करने लगते! कई तो पचास साठ साल के बुजुर्ग होते थे और मैं उनका साथ देती थी; मुझे बहुत अच्छा लगता और मजा आता; जो मर्द गंदी बातें करते, उनका नम्बर मैं एक कापी में लिख लेती.
मेरा पढ़ने में बिल्कुल मन नहीं लगता था, बस सेक्स में ही ध्यान चला जाता. बड़ी मुश्किल से मैंने स्कूल पास किया और बार बार फेल होती रही.

हां यह सच है कि मेरी मम्मी बहुत लालची हैं, रुपयों को बहुत मानती है, वही स्वभाव मेरे में भी है, मेरी कमजोरी भी पैसा है.मम्मी कसम… मैं एक एक शब्द सही लिख रही हूं.
हमारा घर कच्चा है तो मेरी शादी के समय ही मम्मी ने मेरे होने वाले पति से बोली थी- हमारा घर पक्का बनवाने में दामाद जी मदद कर देना!उन्होंने हां कर दिया था क्योंकि वो मुझसे प्यार करते थे और मुझ पर फिदा थे.मम्मी मुझे सिखाया करती थी कि तुम्हारे ये पति जो भी बोले, वो सब करना… पर हर बात के पैसे मांगना. पैसे ही काम आते हैं, कुछ गिफ्ट भी दें तो बोलना इसके बदले मुझे पैसे दे दो. जब तुम्हें प्रेम करें… समझ रही हो न… तब भी तुम उनसे पैसे मांग लिया करना! और रुपए जोड़ना… बुरे वक्त में सिर्फ पैसा काम आता है.
और मम्मी बोली- शादी के बाद तुरंत ही मेरा घर बनवा देना, पति को पटा कर यहां एक रूम अपना भी बनवा लेना. वहां तुम्हारे पति जो बोलें, वो सब करना… कुछ गलत या सही नहीं होता, सब कर लेना, सब में हाँ करना और कुछ उल्टा पुल्टा करवायेंगे तो वो भी कर लेना, बस उसके ज्यादा पैसे ले लेना.
मैं मम्मी को बहुत मानती हूं, उन्हीं की बात मुझे सही लगती है और उन्हीं की बात मुझे समझ आती है.

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मेरी कमसिन जवानी की आग Final Chapter