क्लासमेट की पहली और आखिरी चुदाई

क्लासमेट की पहली और आखिरी चुदाई

दोस्तो.. मेरा नाम करन है..
मेरी उम्र 23 साल है.. मेरी हाइट 5’6″ है और मैं सूरत का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में एक औसत बन्दा हूँ। मेरे लौड़े का साइज़ भी नॉर्मल ही है।

मेरी अभी तक बहुत सारी लड़कियों से दोस्ती रही है। अब तक किस्सिंग और स्मूचिंग भी बहुत सारी लड़कियों के साथ हुआ है.. लेकिन अभी तक सेक्स केवल 2 लड़कियों में साथ ही किया है.. जिनमें से आज मैं अपनी पहली कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ।

यह मेरी पहली हिन्दी स्टोरी है।

3 साल पहले की बात है.. जब मैं 12 वीं में था और एकाउंट्स की कोचिंग लेने जाता था। कोचिंग क्लास में हम 8 लड़के और 6 लड़कियां थे। उन 6 लड़कियों में 5 हमारे ही बैच में किसी न किसी से सैट थीं.. लेकिन एक जिसका नाम ज़ोया था, वो सिंगल थी।

यह कहानी मेरी और ज़ोया की है। वो दिखने में कुछ ज़्यादा खास सुंदर नहीं थी लेकिन उसका फिगर 34-30-36 का था जिसने मुझे पहली नज़र में ही अपना दीवाना बना लिया।

मैं रोज कोचिंग पर उसी को देखता रहता और बात करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता।
अभी हमारी सिर्फ़ पढ़ाई की बातें होती थीं।

एक दिन की बात है, जब मैं कोचिंग पहुँचा.. तो खाली ज़ोया ही वहाँ थी.. बाकी क्लासमेट्स कोई नहीं आया था और सर भी कहीं बाहर गए हुए थे।

मैंने सर की वाइफ से पूछा तो उन्होंने बोला कि सर किसी काम से अचानक निकल गए थे और बाकी क्लासमेट्स भी आकर जा चुके थे, हम दो जन ही बाकी थे।

इतना कहने के बाद मैंने ज़ोया को बोला- अगर तुम बुरा ना मानो तो तुम्हें तुम्हारे घर तक ड्रॉप कर दूँ।
तब उसने प्यारी सी स्माइल दी और बोली- इसमें बुरा मानने की क्या बात है।

इससे मेरा हौसला और बढ़ गया और मैंने उसे उसके घर के नुक्कड़ तक छोड़ दिया।
मैंने उसकी तरफ देखा तो जाते-जाते उसने प्यारी सी स्माइल दी और ‘बाय’ बोला।

अब लगभग वो रोज मेरे साथ अपने घर जाती थी।

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और एक दिन मैंने उससे उसका नंबर ले लिया और हम रोज रात को देर तक व्हाट्सएप पर चैट करते थे।

अब मैं भी उसे चाहने लगा था और वो भी मुझे पसन्द करने लगी थी।
यह बात उसने मुझे वैलेंटाइन-डे वाले दिन बताई।

अब हमारे बीच धीरे-धीरे सेक्स चैट और फोन सेक्स भी शुरु हो चुका था।
कुछ ही दिनों बाद अब हम दोनों रियल में सेक्स करना चाहते थे.. लेकिन कोई मौका नहीं मिल पा रहा था।

कुछ दिन बीत गए और आख़िर हमें वो मौका मिल गया.. जिसकी हमें तलाश थी।

एक दिन दोपहर 1 बजे के करीब उसका फोन आया कि उसके घर पर कोई नहीं है और रात 8 बजे तक कोई नहीं आने वाला है।

बस फिर क्या था मैं घर से ग्रुप स्टडी का बोल कर निकल गया और कुछ चाकलेट्स लेकर उसके घर पहुँच गया।

उसने मुझे पहले बता दिया था कि बाइक पर नहीं आना और गली में नुक्कड़ पर आने के बाद फोन कर देना.. जिससे वो दरवाजे का लॉक पहले से खोल देगी।

मैंने वैसा ही किया और घर में घुसने के बाद दरवाजा लॉक कर दिया।

वो हॉल में टाइट रेड टॉप और वाइट जींस पहन कर बैठी हुई थी.. और सामने टेबल पर कोल्डड्रिंक और स्नेक्स रखे हुए थे।
वो मुझे देखते ही उठी और मुझसे लिपट गई।

यह हमारा पहला हग था।
हमने लगभग 10 मिनट तक एक-दूसरे को ऐसे आलिंगनबद्ध रखा.. जैसे सालों बाद मिले हों।

इसके बाद हग करते-करते मैं उसके कूल्हों पर हाथ फेरने लगा।

तब वो मुझसे अलग हुई और बोली- इतनी भी क्या जल्दी है.. तुम नाश्ता करो और मैं दो मिनट में आती हूँ।

मैं सोच में पड़ गया कि माजरा क्या है।

लगभग 5 मिनट बाद उसने मुझे अपने पेरेंट्स के बेडरूम में बुलाया।

जब मैं बेडरूम में दाखिल हुआ तो वो सामने बिस्तर पर ब्लैक कलर की नाइटी में लेटी हुई थी। मैं उसे इस रूप में देखता ही रह गया.. वो हुस्न की मलिका लग रही थी।

मैं सीधा बिस्तर पर गया और उसे किस करने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी।
मैं उसके बड़े-बड़े मम्मों को दबाने लगा और वो गर्म होने लगी थी।

उसके बाद मैंने उसकी नाइटी के बटन खोल दिए, उसने उठकर अपनी नाइटी उतार दी और मेरे पास आकर मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी।
साथ ही उसने मेरी पैन्ट भी खोल दी।

अब हम फिर से किस रहे थे.. वो मेरे लंड को अपने हाथों से दबा रही थी और मुठ भी मार रही थी।
कुछ मिनट की किस्सिंग के बाद हम अलग हुए और वो बिस्तर पर लेट गई।

मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके मम्मों को दबाने लगा। वो अब मेरे लंड को अपनी चूत से रगड़ रही थी और तेज स्वर में मादक सिसकारियां भर रही थी।
वो कहने लगी- करन अब रहा नहीं जा राजा.. जल्दी से मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दो और इतने दिनों से लगी मेरी आग को बुझा दो।

तब मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी क्लीन शेव्ड चूत में उंगली करने लगा।

फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए।
हम दोनों एक साथ ही एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए।

उसके कुछ देर बाद उसने मेरा लौड़ा फिर से अपने मुँह में ले लिया।
जब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चूतड़ों गाण्ड के नीचे तकिया लगा दिया।

अपना लंड उसकी चूत पर टिका कर चूत में डालने लगा।

वो भी मेरी तरह कुंवारी थी.. मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और किस करते-करते एक जोरदार धक्का मारा।
मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था..
दर्द से उसकी हालत खराब हो गई थी और उसकी आँखों में आंसू आ गए थे।

मैं दो मिनट रुका और एक और धक्का मारा.. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था।

उसकी हालत अब और ज़्यादा खराब हो गई थी, उसे बेहोशी सी आने लगी थी इसलिए अब मैं वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा।

कुछ मिनट बाद वो नॉर्मल हुई तो मैं धीरे-धीरे लंड को आगे-पीछे करने लगा और धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी।
अब उसे भी मज़ा आने लगा था और कुछ देर बाद एक बार फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

उसके बाद हम दोनों ने साथ में नहाया और बाद में मैंने उसे घोड़ी बनाकर भी चोदा।

यह हमारी पहली और आख़िरी चुदाई थी क्योंकि कुछ दिनों बाद अचानक से 18 साल की कमसिन उम्र में ही उसकी शादी फिक्स हो गई और मेरी 12वीं क्लियर होने के बाद हम दोनों कभी नहीं मिल सके।

कहानी पर अपने विचार मुझे मेल कीजिए।
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