सहपाठी रेणु को पटा कर चुदाई

सहपाठी रेणु को पटा कर चुदाई

Sahpathi Renu Ko Pata Kar Chudai
आप सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.. प्यारे दोस्तो, मेरा नाम राहुल है।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं।

मैं भी अपनी कहानी आपको भेज रहा हूँ.. मेरी यह पहली कहानी है.. यदि कोई ग़लती हो.. तो माफ़ करना।

बात कॉलेज की है आज से 3 साल पहले मेरी सीनियर जिनका नामे रेणु था..उनसे मेरी आँखें लड़ गईं।

वो दिखने में काफ़ी आकर्षक थी।

हमारा जो कॉलेज था.. वो बस स्टैंड से 3 किलोमीटर दूर था।
वो कॉलेज से पैदल ही बस स्टैंड के लिए जाती थी।

एक बार मैं अपने दोस्तों के साथ जा रहा था रेणु मुझे रास्ते में मिली।

मैं उसे लिफ्ट देने के लिए रुका.. और मैंने उसको अपने साथ बैठने के लिए बोला पर उसने मना कर दिया।

सभी दोस्त मेरे ऊपर हँसने लगे।

बोले- ले जा बैठा के…

तभी मैंने कहा- तुम लोग शर्त लगा लो.. एक दिन ये तुम्हारी भाभी ज़रूर बनेगी।

अब मैंने ठान लिया कि रेणु अब तेरे को ही देखना है…

मैंने अब कॉलेज आते समय और जाते समय रोज उससे अपने साथ बैठने के लिए पूछता था.. पर वो मना कर देती थी।

मैं भी सिर्फ़ एक बार ही पूछता था।

वो मना कर देती तो मैं अपनी बाइक आगे ले जाता था।

ये सिलसिला 6 दिनों तक चला.. सातवें दिन मैंने देखा कि वो मेरा इंतजार कर रही थी।

मैं समय से 10 मिनट लेट हो गया था।

वो इंतजार कर रही थी.. मैं बाइक से जैसे ही उसके पास गया.. तो उसने हाथ देकर बाइक रोकी और बोली- आज लिफ्ट के लिए नहीं पूछोगे?

मैंने कहा- आप बैठती ही कहाँ हो…

वो बोली- लो, आज मैं बैठ जाती हूँ।

वो मेरी बाइक पर बैठ गई।

हम लोग कॉलेज आ गए।

कॉलेज की छुट्टी के बाद वो मेरे पास आई और बोली- राहुल तुम चल नहीं रहे…

मेरे सभी दोस्त आँखें फाड़ कर देख रहे थे।
देखने वाली बात जो थी।

वो अपने आप में कयामत थी, हर बंदा उसे पटाना चाहता था.. पर किस्मत ने उसे मेरे पास भेज दिया।

मैंने उसे बिठाया और बस स्टैंड पर छोड़ दिया।

वो बोली- राहुल मुझे तुमसे बात करनी है.. तुम मुझे घर छोड़ दो.. रास्ते में बात करते चलेंगे।

मैं तो यही चाहता था.. मैंने कहा- क्यों नहीं.. मैं आपको घर छोड़ देता हूँ।

रास्ते में उसने मुझसे कहा- राहुल तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे.. मैं तुमको पसन्द करती हूँ।

मेरी तो मानो किस्मत ही चमक गई।

मैंने कहा- मैं भी आपको बहुत प्यार करता हूँ।

मैंने उसे उसके घर के पास उतार दिया.. वो बोली- आओ न.. चाय पीके जाना।

मैंने मना किया- फिर कभी…

तो वो नाराज़ होने लगी तो मैंने कहा- नाराज़ मत हो मेरी जान.. में आता हूँ.. तुम्हारे साथ।

उसके घर पहुँच कर देखा उसके घर पर कोई नहीं था.. सिर्फ़ उसका 10 साल का छोटा भाई था।

रेणु ने अपने भाई से पूछा- मम्मी कहाँ हैं?

तो वो बोला- मम्मी डाक्टर के पास गई हैं अर्चना जीजी को दिखाने.. अब तुम आ गई हो तो मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने जा रहा हूँ।
वो इतना कह कर भाग कर चला गया।

मेरी तो मानो सारी मनोकामनाएँ पूरी हो रही थीं.. मैं मन ही मन खुश हो रहा था।

रेणु रसोई में चाय बना रही थी।

मैंने उसे रसोई में ही पीछे से पकड़ लिया।

वो एकदम से घबरा गई और बोली- राहुल ये तुम क्या कर रहे हो.. भाई ने देख लिया तो जान के लाले पड़ जाएँगे।

मैंने कहा- तुम्हारा भाई तो दोस्तों के साथ खेलने चला गया है।

उसने मेरी बात का विश्वास नहीं किया और उसने सारे कमरों में देखा.. उसका भाई उसे कहीं नहीं दिखा।

अब मैंने उसे फिर पकड़ लिया और अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिए.. वो बहुत घबरा रही थी।

लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा.. फिर कुछ ही पलों में उसको भी मज़ा आने लगा।

वो भी मेरा साथ देने लगी.. अब वो काफ़ी गरम हो गई थी.. लेकिन उसको मम्मी के आने का डर था।

मैंने कहा- हम गेट पर नज़र रखेंगे।

मैंने उसके कपड़े उतारने चाहे.. तो उसने कहा- सारे मत उतारो.. बाद में पहनने में दिक्कत होगी.. जो भी करना है ऐसे ही कर लो।

मैंने तुरंत ही उसे पकड़ लिया और उसके होंठों को खूब चूसा.. फिर उसकी सलवार और पैन्टी निकाल दी।

अब मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा।

वो काफ़ी गरम हो गई और बोली- जल्दी करो…

मैंने अपना हथियार उसकी चूत में ठोक दिया.. वो चिल्लाई पड़ी- उई.. निकालो बाहर.. बहुत दर्द हो रहा है…

मैंने लौड़ा बाहर निकाला.. उसे थोड़ी राहत हुई मैंने ज़्यादा सा तेल अपने लौड़ा पर लगाया और फिर से उसकी चूत में पेल दिया।

हालांकि वो मचली और छटपटाई.. पर मैंने अबकी बार लौड़े की सरकार.. सोच कर धकापेल चुदाई शुरू कर दी।

मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को दबा लिया था ताकि उसकी आवाज न निकले और हाथों में उसके मम्मे पकड़ कर मसलने लगा।

अब वो धीरे-धीरे आनन्द लेने लगी.. मैंने उसको जमकर 15 मिनट तक चोदा.. वो अकड़ गई और एकदम से जोर से भींच लिया।

वो झड़ गई उसकी गर्मी से मेरे लौड़े ने भी अपना लावा उगल दिया।

कुछ पल उसकी चूत में ही लंड डाले रहने के बाद मैंने लौड़ा बाहर निकाला तो उसके खून से मेरे और उसके कपड़े खराब हो गए।

मैं जल्दी से उसके बाथरूम में गया.. अपने कपड़े सही किए और वहाँ से वापस आ गया।

यह मेरी पहली कहानी है.. आप लोगों को कैसी लगी..

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