ट्रेन में हुई मेरी माँ की गैंग बैंग चुदाई

ट्रेन में हुई मेरी माँ की गैंग बैंग चुदाई

हैल्लो दोस्तों, यह बात पिछले साल में मई महीने की बात है Train mein chudai Maa ki chudai Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai मेरी फेमिली में मेरी माँ, पापा और में हूँ. मेरे पापा अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते है और घर 3 महीनों के बाद ही आते है. मेरी माँ और में घर पर अकेले रहते है. अब में आपको अपनी माँ के बारे में बता दूँ, मेरी माँ दिखने में बहुत सुंदर है और माँ का फिगर 36-28-38 है. माँ का रंग बहुत गोरा है और माँ के बूब्स बहुत बड़े है और माँ के चूतड़ बहुत गोल और बड़े है. जब भी माँ चलती है तो माँ के कूल्हे हिलते है. में जब भी माँ के साथ कहीं जाता हूँ तो सभी माँ के कूल्हों को घूर घूरकर देखते है और माँ ज़्यादातर सूट ही पहनती है, जिनमें उसके बूब्स और गांड दबी रहती है.

अब में सीधा कहानी पर आता हूँ. हमें हमारे किसी रिलेटिव की मौत की वजह से मुंबई जाना था और हमारी रिज़र्वेशन भी नहीं हुई थी, लेकिन जाना ज़रूरी था इसलिए हमने जनरल डब्बे में जाने का फ़ैसला किया. में और मम्मी ट्रेन के आने से 30 मिनट पहले ही स्टेशन पर पहुँच गये थे. माँ ने टाईट सफ़ेद सलवार सूट पहना था जो कि बहुत पारदर्शी था और उसमें से माँ की काली ब्रा और पेंटी साफ दिख रही थी. स्टेशन पर सब लोग माँ की गांड की तरफ देख रहे थे. फिर थोड़ी ही देर में ट्रेन आई और ट्रेन के सारे जनरल डब्बे बाहर तक भरे हुए थे और चढ़ना बहुत मुश्किल था. तभी माँ बोली कि आगे एक आर्मी डब्बा लगा हुआ है और हम उसमें चढ़ने की कोशिश करते है. उस डब्बे में लगभग 100 फ़ौजी थे.

फिर माँ ने खिड़की पर जाकर एक फ़ौजी को दरवाजा खोलने के लिए कहा, वो माँ को देखकर बहुत खुश हुआ और उसने जल्दी से दरवाजा खोलकर हम दोनों को ऊपर चढ़ा लिया. अब सारे फ़ौजी माँ की गांड की तरफ देख रहे थे, उन्होंने माँ को डब्बे के बीचों बीच एक सीट पर बैठा दिया और मुझे ऊपर वाली सीट पर चढ़ा दिया.

अब सभी फ़ौजी विस्की पी रहे थे, उन्होंने माँ को भी विस्की ऑफर की, लेकिन माँ ने मना कर दिया तो वो बोले की पी लीजिए इससे सफ़र में थकावट नहीं होगी. फिर बहुत कहने पर माँ ने एक ग्लास विस्की का पी लिया. अब उन्होंने देखा कि अब यह पीने लग पड़ी है तो उन्होंने माँ को 3 ग्लास विस्की के बिना पानी के ही पिला दिए. उसके बाद वो बातें करने लग पड़े. पहले तो वो नॉर्मल बातें कर रहे थे, लेकिन बाद में जब उन्होंने देखा कि माँ को पूरी तरह चढ़ चुकी है तो वो माँ के साथ सेक्सी बातें करने लग गये.

फ़ौजी – आप बहुत सुंदर हो, मैंने आपके जैसी औरत आज तक नहीं देखी है.

माँ – (शरमाते हुए) अच्छा थैंक यू.

फ़ौजी – आपके मस्त बदन को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे आपका पति आपके साथ कुछ करता नहीं है.

माँ – करने से क्या मतलब है आपका? चोदता बोलिए ना, हाँ वो साला काम के सिलसिले में बाहर ही रहता है और मेरे जिस्म की आग को कोई बुझाता ही नहीं है .

फ़ौजी – आप किस तरह से अपनी आग बुझाना चाहती है.

माँ – में तो चाहती हूँ कि मेरे चारों तरफ बड़े-बड़े लंड हो और मुझे पूरा दिन बेरहमी से चोदते ही रहो.

बस इतना कहने की देर थी कि फ़ौजी ने माँ के बूब्स दबाना शुरू कर दिया. अब माँ भी मस्ती में आहें भरने लगी. तभी बाकी फ़ौजी भी माँ पर टूट पड़े. माँ के जिस्म पर लगभग 30-40 हाथ चल रहे थे और कोई माँ के साथ लिप किस कर रहा था तो कोई माँ के बूब्स दबा रहा था. कोई माँ के पेट पर हाथ फेर रहा था तो कोई माँ की गोरी जाँघो पर हाथ फेर रहा था. कोई सलवार के बाहर से ही माँ की चूत पर हाथ रगड़ रहा था तो कोई माँ की गांड दबा रहा था तो कोई माँ के कोमल पैरों पर हाथ फेर रहा था.

तभी एक फ़ौजी ने माँ की सलवार और कमीज़ खींच कर फाड़ दी. अब माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी. यह देखकर सबको जोश चढ़ गया और वो बहुत तेज तेज माँ के शरीर पर हाथ फेरने लगे. माँ की चूत बहुत साफ थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. तभी एक फ़ौजी ने माँ की चूत पर जीभ रखी और ज़ोर-ज़ोर से उसे चाटने लगा. अब माँ ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी और अपनी मस्त चूत को उसके सिर की तरफ दबाने लगी. उसने 25 मिनट तक माँ की चूत चाटी और फिर दूसरा फ़ौजी माँ की चूत चाटने लगा.

अब एक फ़ौजी माँ की गांड के छेद को ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था और दो फ़ौजी माँ के बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे और चूस रहे थे. फिर उन्होंने माँ की ब्रा और पेंटी ऊतार दी. अब माँ बिल्कुल नंगी थी और माँ के बूब्स पूरे तन चुके थे और गांड गोल हो गई थी. माँ की चूत बहुत गीली हो गई थी. तभी उस फ़ौजी ने माँ की चूत में उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा और दूसरा फ़ौजी माँ की गांड में 3 उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगा. फिर बाकी सभी ने अपने लंड पेंट से बाहर निकाल लिए. सबके लंड बहुत बड़े थे. कोई 8 इंच का था तो कोई 7 इंच का था. सबसे बड़ा लंड 9 इंच का था, और सबसे छोटा लंड 5 इंच का था.

अब दो फ़ौजीयों ने माँ के हाथों में अपने लंड दे दिए और दो ने माँ के मुँह में अपने लंड डाल दिए. अब माँ के मुँह में एक 9 इंच और एक 6 इंच का लंड था और माँ के मुँह में लंड बड़ी मुश्किल से आ रहे थे. वो दोनों ज़ोर से लंड माँ के मुँह में घुसा रहे थे और उनके लंड माँ के तालू से टकराने लगे.

अब माँ के मुँह से आवाज़ नहीं निकल रही थी और वो 20 मिनट तक माँ के मुँह को चोदते रहे और फिर उन्होंने अपना माल माँ के मुँह में ही छोड़ दिया. उन्होंने इतना माल छोड़ा कि वो मुँह से बाहर आने लगा, लेकिन माँ पूरा माल पी गई. फिर दूसरे फ़ौजी भी झड़ने लगे और उन्होंने अपना माल माँ के चेहरे पर छोड़ दिया, अब माँ का मुँह पूरा भर चुका था.

सभी फ़ौजी माँ के मुँह को चोदकर अपना माल माँ के मुँह के अंदर और चेहरे पर छोड़ रहे थे, माँ का मुँह और जिस्म पूरा माल से भरा हुआ था. तभी एक बोला कि अब इस रंडी को बेरहमी से चोदते है, तो माँ भी बोल रही थी कि चोद डालो मुझे, आज मेरी प्यास बुझा दो, आज मेरी चूत और गांड फाड़ दो. फिर सभी ने अपने लंड निकाल लिए और मुठ मारने लगे, जो झड़ने वाला होता वो अपना माल माँ के ऊपर ही छोड़ देता.

अब एक फ़ौजी ने अपना 8 इंच का लंड निकाला और माँ को अपने ऊपर लेटा दिया. उसका लंड खीरे जितना मोटा था. अब वो अपना लंड माँ की चूत के ऊपर रखकर धक्का मारने लगा, लेकिन उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था. माँ की चूत बहुत टाईट थी, यह देखकर बाकी सभी फ़ौजी माँ की चूत के ऊपर थूकने लगे और उसने सारा थूक माँ की चूत के ऊपर फैला दिया.

अब वो फिर से धक्का मारने लगा और उसने अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. अब उसका लंड माँ की चूत के अंदर आधा घुस गया था, लेकिन माँ बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी. अब उसने और ज़ोर लगाया और अपना लंड पूरा माँ के अंदर घुसा दिया, माँ की आँखों से आंसू और चूत से खून निकलने लगा था. अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा और माँ को भी मज़ा आने लगा. तभी दूसरा फ़ौजी आया और उसने अपना लंड माँ के चूतड़ पर रखा और बहुत ज़ोर से धक्का मारा, लेकिन सिर्फ़ टोपा ही अंदर घुसा और माँ काँप उठी.

फिर उसने अपने बैग से सरसों का तेल निकाला और ढेर सारा तेल माँ की गांड में डाल दिया. अब उसने और ज़ोर से धक्का लगाया तो पूरा लंड अंदर चला गया. अब माँ की गांड से खून निकलने लगा था और वो दोनों माँ को 30 मिनट तक ज़ोर-ज़ोर से चोदते रहे और अपना सारा माल अंदर ही छोड़ दिया. अब माँ बोल रही थी कि मुझे और बुरी तरह चोदो. यह सुनकर उन्होंने फ़ैसला किया कि ज़्यादा से ज़्यादा लंड इसकी गांड और चूत में डालते है. फिर उन्होंने 2 लंड माँ की चूत में डाले और 2 लंड माँ की गांड में डाले और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे.

अब माँ की गांड और चूत से बहुत खून निकल रहा था, लेकिन वो फिर भी चोदते जा रहे थे. वो माँ को 20 मिनट तक चोदते रहे और फिर अपना सारा वीर्य अंदर ही छोड़ दिया. जैसे ही वो हटते तो दूसरे फ़ौजी माँ के ऊपर सांड की तरह चढ़ जाते. वो 3 घंटे तक माँ को लगातार चोदते रहे और तकरीबन 50 फ़ौजीयों ने माँ को चोदा और अपना माल अंदर छोड़ा. माँ की चूत फूल गई थी और लाल हो गई थी, उससे वीर्य टपक रहा था. अब माँ की गांड से भी वीर्य और खून निकल रहा थाज अब उन्होंने माँ को नहाकर आराम करने के लिए कहा.

माँ की चूत फट गई थी और पूरी तरह खुल गई थी. माँ की गांड का छेद भी बहुत खुल चुका था और अब उसमें तीन लंड आराम से चले जाते थे. जब हम मुंबई पहुँचे तो माँ से चला भी नहीं जा रहा था, वो बहुत मुश्किल से चल रही थी. इस हादसे के बाद मैंने अपनी माँ को बहुत बार चोदा और अपने दोस्तों से भी चुदवाया. अब मेरी माँ को गैंगरेप करवाने का चस्का लग गया था.

Train mein chudai ki kahani ek super hit sex stories hai. Desi sab ladka aur laki yeh sex stories padne ki bad app sab log comment karo please.

ट्रेन में हुई मेरी माँ की गैंग बैंग चुदाई

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