गोवा – एक यादगार ट्रिप (पार्ट १)

गोवा – एक यादगार ट्रिप (पार्ट १)

मेरा नाम विक्की है, २६ साल का लड़का पढाई कर रहा हूँ. हमारे कॉलेज में लॉन्ग वीकेंड की छुट्टी हो रही थी. मैं और मेरे दोस्तों (रवि एंड करण) ने गोवा घूमने का प्लान बनाया.
मैंने अपनी फ्रेंड शिल्पी को साथ चलने बोला. शिल्पी २३ साल की जवान लड़की है. दिखने में कुछ खाश नहीं है पर जिस्म पूरा भरा हुआ है. ३८ की बड़ी बड़ी चूचियां जिसको वह संभल नहीं पाती है और सबको उसके दर्शन कराते रहती है. शिल्पी को मैं कई बार चोद चूका हूँ.
रवि अपनी बड़ी बहन मधु को ले आया. हम भी उन्हें मधु दीदी कहते है. मधु २९ साल की एक मॉडर्न खयालो वाली पठाखा माल है, दिखने में बहुत ही गोरी और सुन्दर.जिम करके तरासा हुआ बदन है उनका, बड़ी बड़ी चूचियां कम से कम ३८ की होंगी, पतली कमर ३० की और भरी हुई मस्त चुत्तड़ जो की ४० के साइज की होंगी. कुल मिलाकर किसी आमिर घर की माल लगती है. मेरा लण्ड उसे देखते ही खड़ा हो जाता है.उसने एक टाइट टॉप पहना हुआ था और हाफ पैंट. उसकी गोरी गोरी नंगी टाँगे कहर ढा रही थी. और टॉप का गाला इतना डीप था की चूचियों के दर्शन आसानी से हो रहे थे.

रवि: अरे यार यह दीदी ने जिद कर ली साथ में आने की. अब हमारे एन्जॉय कैसे करेंगे.
मैं: सुन भाई एक काम कर तू शिल्पी के साथ टाइम स्पेंड कर, मैं मधु दीदी को संभल लूँगा.
रवि: हाँ यह सही रहेगा.

करण अपनी गर्लफ्रेंड श्रुति के साथ पीछे कार में बैठ गया. श्रुति २६ साल की गजब की माल है ३६-२८-३७ का फिगर है.

रवि कार चला रहा था मैंने शिल्पी को आगे बैठने बोल दिया और मैं पीछे मधु के बगल में बैठ गया.
मैं: दीदी आप आज बहुत सुन्दर लग रही हो.
मधु: थैंक्यू. तुमभी हैंडसम हो गए हो.
मैं: और दीदी जॉब कैसा चल रहा है.

दीदी एक MNC में मैनेजर के पोस्ट पर है.

मधु: बढ़िया चल रहा है.
मैं: और दीदी आप तो कंपनी में कहर बरसाती होंगी.
मधु: क्या बात है बहुत मस्का लगा रहा है.
मैं: नहीं दीदी आप गजब की सेक्सी हो. ऑफिस में तो लड़को का हालत ख़राब हो जाती होगी आपको देखकर.
मधु:अब तू झूटी तारीफे कर रहा है.
मैं: नहीं दीदी, सच बोलू आप बुरा तो नहीं मानोगे.
मधु: बोल कुछ भी बोल सकता है
मैं: दीदी आप का फिगर बहुत अच्छा है. कातिलाना बदन है
मधु: ओह हो क्या अच्छा लगता है मेरे छोटे भाई को मेरे बदन में.
मैं: आपतो ऊपर से निचे तक पूरी माल हो. पूरा रस से भरा हुआ बदन है आपका. कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी. क्या साइज है दीदी इनका
मधु: ३८ की है.
मैं: उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ क़यामत है यह, बिलकुल तरबूज के साइज की है, मेरा मन तो इसको दबा कर खाने का कर रहा है..
मधु: बेटा मुझपर ही लाइन मार रहा है.. कण्ट्रोल कर अपने जज्बात को.
मैं: अरे दीदी, देखो तुम्हारा भाई रवि मजे कर रहा है मेरी आइटम के साथ, मैं तो अकेला हो जाऊँगा ना टूर में.

रवि शिल्पी की नंगी जांघो को रगड़ रहा था. शिल्पी भी मजे ले रही थी, एक नंबर की रंडी थी वह.

मधु: अच्छा ठीक है थोड़ी फ़्लर्ट कर सकता है.. वैसे भी सब बिजी है.मैं और तुम ही बचे है.
करण श्रुति की चूचियों को दबा कर किश कर रहा था.
मैं: हाँ दीदी यह दोनों तो लगे पड़े है.
मधु: अच्छा और बता क्या अच्छा है मुझमे.
मैं: दीदी आपका बदन पूरा गदराया हुआ है. एकदम मख्खन की तरह.
मधु: और?
मैं: सबसे मस्त तो आपकी गांड है.. इतनी बड़ी और भरी हुई.. आपको देख कर मन करता है.
मधु: क्या मन करता है?
मैं: दीदी मन करता है आपकी इन आमो को मसल डालो, चूस कर इनका पूरा रश पि जाओ. और आपकी जिस्म को चुम चुम कर पूरा निचोड़ दो. आपकी इन भारी चुत्तड़ो को चाट जाओ और आपकी मख्खन जैसी बूर में अपना लौडा घुसा दूँ. और पूरी रात आपकी चुदाई करू.
मधु: हाय तू यह सब सोचता है मेरे बारे में.
मैं: आप हो ही इतनी सेक्सी माल, मैं तो बहनचोद बनने के लिए तैयार हूँ.
मधु (मॉनिंग): अह्ह्ह्हह.

मेरी बातों से दीदी गरम हो गयी थी. उसी समय हम गोवा पहुंच गए. हमने ३ रूम का एक फ्लैट बुक करा रखा था. करण और श्रुति एक कमरे में चले गए. मैंने देखा की रवि भी शिल्पी को दूसरे कमरे में ले जा रहा है. मैं समझ गया श्रुति और शिल्पी की चुदाई शुरू होगी अब.
मैं लास्ट कमरे में चला गया, वहाँ का नाज़ारा की अलग था. दीदी अपनी टॉप उतर रही थी. मुझे उनकी ब्रा के ऊपर से गोरी गोरी चूचियों के दर्शन हो रहे थे. दीदी ने अचानक देख लिया, उसने झट से अपने आप को ढाका.

मधु: तू यहाँ.. किसी और कमरे में जा..
मैं: कहा जाऊ दीदी. सब कमरे में काम चालू हो गया है.
मधु: क्या बोल रहा है.
मैं: आओ दीदी दिखाता हूँ.

किसीने अपने रूम बंद नहीं किये हुए थे, यह हमने पहले तय कर रखा था की खुले आम चुदाई करेंगे. करण के रूम से श्रुति की सेक्सी आवाज आ रही थी. जब मैं और दीदी वहाँ पहुंचे तब श्रुति डोग्गी स्टाइल में चुदवा रही थी. श्रुति की चूचियां हिल रही थी.. और उसकी बूर की धुनाई चल रही थी. श्रुति ने मुझे देख लिया, और मुस्कुराने लगी.
मैं (मन में): हंस ले साली, तुझे मैंने अपने लण्ड की सवारी करवाऊंगा.
मैं: आओ दीदी अब अपने भाई को देखलो.

हम दूसरे कमरे में पहुंचे तो रवि शिल्पी के ऊपर था, बहुत तेजी से शिल्पी की बूर चोद रहा था..मेरा लण्ड पूरा टैंट बना हुआ था. दीदी भी यह सब देख कर काफी गरम हो गयी थी.

मधु: उफ़्फ़्फ़ोह यह लोग भी..एहि करने आये है लगता है. चल तू मेरे कमरे में ही रुक जा. मैं फ्रेश होकर अति हूँ.
दीदी गांड हिलाते हुआ वाशरूम चली गयी. मेरा लण्ड बेकाबू हो रहा था. दीदी की जवानी देखकर. मैं कीहोल से देखने लगा. दीदी पूरी नंगी होकर नहा रही थी, क्या नजारा था, तरबूज के सामान दो बड़ी बड़ी चूचियां पूरी नंगी थी, थोड़ी देर में दीदी फिंगरिंग कर रही थी. यह देखकर मैंने भी लण्ड निकला और हिलना शुरू कर दिया.. दीदी की चूचियां हिल रही थी, और फिंगरिंग करते वक़्त वोह मेरा नाम ले रही थी.

मधु: अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .. मर गयी विक्की. कब डालेगा रे अपना लण्ड इस बूर में.. आ चोद ले मुझे .. अह्ह्ह्हह उफ्फफ्फ्फ़..उईईईईई
मैं समझ गया दीदी भी मुझसे चुदवाना चाहती है. मैं भी बहुत तेजी से अपना लण्ड हिलने लगा..
मैं: मधु डार्लिंग.. आ बैठ जा इस लण्ड में. चुदवा ले मुझसे अपना बूर.. अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह

१० मिनट मूठ मारने के बाद मैं झड़ गया.. फिर मैं आकर बिस्तर पर लेट गया. थोड़ी देर बाद दीदी नहा कर निकली. उसने एक छोटा सा टॉवल लपेटा हुआ था. टॉवल काफी छोटा था, चूत बचाने के चक्कर में दीदी का आधे से ज्यादा चूची दिख रहा था..

मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी. क्या लग रही हो. सनी लियॉन भी फ़ैल है आपके सामने.
मधु: तू फिर शुरू हो गया..
मैं: अरे दीदी क्या माल हो आप, क्या बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी.क्या जिस्म है आपका. दीदी मैं तो कहता हूँ जो २ रूम्स में हो रहा है.. हम भी यहाँ करते है..
मधु: इस्स्स्सस .. तुझे शर्म नहीं अति.. मुझे दीदी बोलता है और चोदने चाहता है.
मैं: आपके जैसी माल को तो सभी चोदना चाहेंगे. और आप तो मेरे नाम की मूठ मार रही थी बाथरूम में.
मधु: हाँ दीदी सब देख लिया..

मैंने दीदी को अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा.गुलाब के जैसे रसीले होठ थे. दीदी भी मेरा साथ दे रही थी. मैंने अपना हाथ पीछे से उनकी गांड पर ले गया. और खूब सहलाया और मसाला उनकी चुत्तड़ो को..
मधु: अह्हह्ह्ह्ह भाई..

फिर मैंने पीछे से उनकी चूचियों को दबाने लगा… क्या बड़ी चूचियां थी.. मैंने अब दीदी की टॉवल निकल दी. २९ साल की जवान लड़की का नंगा जिस्म मेरे सामने था.. उनकी तरबूज के आकार की बड़ी बड़ी चूचियों को मसलने लगा..

मधु: अह्ह्ह्हह्हह भाई धीरे पूरा बदन तुम्हारा ही है..
मैंने एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को खूब दबा रहा था.. और इधर दीदी का हाथ मेरे लण्ड तक जा चूका था, जिसे वोह जोर जोर से हिला रही थी..
मधु ने फिर मेरे लण्ड को मुंह में ले लिया और जबरदस्त चुसाई करने लगी.

मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी मजा आ रहा है.. और जोर से चुसो दीदी .

१० मिनट में मेरा लण्ड लोहे की तरह अकड़ गया. मैंने दीदी को बेड पर फेंक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.. उसके पुरे बदन के एक एक अंग को किस किया और चूसा. उसकी बूर एकदम गोरी किसी गुलाब की कली की तरह लग रही थी. मैंने अपना लण्ड उनकी बूर में सेट किया और रगड़ने लगा. उनकी चूत काफी गीली हो चुकी थी.

मधु: चोद ना भाई जल्दी, कब से तेरे लण्ड के लिए तरस रही है .
मैं: आज मैं धन्य हो गया.. तेरी जैसी माल को मैं आज चोदूंगा. तेरी इन चूचियों ने बहुत खड़ा किया है मेरा लण्ड. आज सब का बदला लूँगा.
मधु: तो सोच क्या रहा है बहनचोद. घुसा अपना लण्ड मेरे बूर में और भोग ले मेरे इस जिस्म को. लेले मेरी गदरायी जवानी का मजा. चूसले सारा रस और रगड़ डाल अपने बेड में.

यह सुनकर मैं जोश में आ गया और लण्ड पेल दिया मैंने दीदी की चूत में. लण्ड बूर को फाड़ता हुआ आधा अंदर चला गया.
मधु: अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह … मर गयी.. उईईईईई माँ.
इतनी जोर दीदी चीखी की रवि ने सुन लिया और हमारे कमरे में वह और शिल्पी आ गए.

रवि: क्या हुआ दीदी?

मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा और एक और धक्के में पूरा ८ इंच का लण्ड घुसा दिया.
मैं: कुछ नहीं रवि, तेरी दीदी की बूर फाड़ दी मैंने आज
मधु: बहनचोद बहुत दर्द हो रहा है.. धीरे से नहीं चोद सकता क्या

रवि और शिल्पी कार्नर में खड़े होकर देख रहे थे. मैंने अपना लण्ड अब धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. मधु दीदी बहुत जोरसे मोअन कर रही थी..

मधु: अह्ह्ह्ह भाई .. मस्त लण्ड है रे तेरा चूत फाड़ दिया इसने .
मैं: तेरी जैसी माल को देखकर और मोटा हो गया है यह.

दीदी की आवाज सुनकर अब करण और श्रुति भी रूम में आ गए थे.. मेरा लण्ड दीदी की बूर में अब बड़ी तेजी से अंदर बाहर हो रहा था. हर एक शॉट के साथ दीदी का मजा बढ़ रहा था..

दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई चोदे जा .. पेलते रह अपना लण्ड .

मैंने देखा करण और रवि का भी लण्ड खड़ा हो गया था..
मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी..आपके भाई और करण भी मजे ले रहे है आपकी चुदाई के. देखो उनका लण्ड भी खड़ा हो गया.

मधु: भाई.. तू सिर्फ मुझे चोदे जा.. और तेज अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह … उईईईईई मजा आ गया.. जवानी का मजा तुमने मुझे दे दिया है..

मैं दीदी की चूचियों को मसल मसल कर चोद रहा था.

मैं: देखबे रवि क्या माल है यार तेरी दीदी.. क्या चूची है इसकी.
रवि (अपने लण्ड को मसलते हुए): हाँ यार एक दम पीेछे है घर में इसका फिगर देखकर कितनी बार हिलाया है मैंने.
मधु: साले मैं सिर्फ विक्की से ही चुदवाूँगी

फिर मैंने मधु दीदी को अपने गोद में लेकर लण्ड पर बिठा लिया सम्भोग की पोजीशन में.. अब हम एक दूसरे को किस करते हुए चोद रहे थे..
मधु: आह्ह्ह्हह्ह.. भाई और जोर से..
मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था और लण्ड पेल रहा था..
मैं: अह्ह्ह्हह..
दीदी ने मुझे हग किये हुए था और मैं अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहा था. १० मिनट की चुदाई के बाद मैंने दीदी को डोग्गी स्टाइल में लिया.

उसकी बड़ी बड़ी गांड देख कर मुंह में पानी आ रहा था. मैंने पीछे से अपना लण्ड उनकी चूत में घुसाया और चोदने लगा..उनकी चूचियां आगे की तरफ झूल रही थी. जब उसकी गांड लन्ड से टकरा रही थी तो मजा दुगना हो रहा था. इतनी बड़ी और खूबसूरत गांड देखकर मजा आ रहा था

शिल्पी: विक्की भाई चोद मधु को और फाड़ दे इसकी चूत. जैसे तुमने मुझे रात भर चोदा था वैसे ही ठुकाई कर.

दीदी की बड़ी बड़ी गांड ने सिर्फ मेरा ही नहीं रवि और करण का भी बुरा हाल कर रखा था. उसपर तरबूज के सामान बड़ी बड़ी नंगी चूची.

करण: दीदी मेरा लण्ड तो लेलो प्लीज.
मधु: साले रंडी समझा है क्या.. जा अपनी रंडी श्रुति को चोद.

मैं ताबड़ तोड़ अपना लण्ड दीदी की बूर में पेल रहा था.. उनकी बड़ी सी गांड को देखकर मेरा लण्ड भी और फुंकार रहा था.. और तेजी से चुदाई कर रहा था..

मैं: उफ्फ्फ दीदी क्या चुत्तड़ है आपके.. पीछे से आपकी बूर चोदने में ज्यादा मजा आ रहा है.
मधु: तो घुसा दे फिर पूरा.
मैं: यह ले साली, इतनी बड़ी गांड का मजा कुछ और ही है..

करण और रवि से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. इतनी मस्त माल उनके सामने चुद रही थी वोह भी किसी और के लण्ड से. उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकल कर हिलने लगे.

रवि: अह्ह्ह्हह दीदी मैं भी चोदू आपको.. अह्ह्ह
करण: ओह्ह्ह्ह मधु रंडी .. आ चोदू तुझे अपने लण्ड से .. फाड़ दूँ तेरा बूर.
मैं: दीदी देखो दोनों आपकी नाम की मूठ मार रहे है.
मधु: मारने दो उन्हें.. तू बस चुदाई कर मेरी.. क्या स्टैमिना है तेरा. १ घंटे से चोद रहा है.
मैं: आपको तो मैं पूरी रात चोद सकता हूँ.

फिर मैंने तेजी से मधु की चुदाई शुरू कर दी.. उनकी चूचियों को दबा कर लम्बी शॉट मारने लगा
मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी.. मैं आने वाला हूँ..
मधु; भाई मजा आ रहा है.. और तेज चोददददददददददददददददद.. भाई . अपनी रंडी बहन को भोग ले पूरा , चूस मेरी जवानी और निचोड़ ले मुझे.. बहनचोद और तेज मार मेरी चूत .. अह्हह्ह्ह्ह उईईईईई ..
मैं: यह ले साली.. एक नंबर की चुदक्कड है तू..क्या बूर है जानेमन.

मैं बहुत तेजी से दीदी के बूर में झड़ गया.. और दीदी भी झड़ गयी मेरे साथ. उधर रवि और करण भी मूठ मार कर अपने लण्ड को शांत किया.

फिर दीदी नंगे से बेड से उठी और सबको बाहर किया.. करण और रवि तो अब भी मधु की चूची और गांड को ताड़ रहे थे और दीदी को चोदने का सपना देख रहे थे.

मधु: चलो तुम सब निकालो यहाँ से .. अभी मैं और विक्की एक राउंड और चुदाई करेंगे.

करण और रवि वहा से अपना लन्ड मसलते हुए चले गए. और दीदी ने रूम लॉक कर दिया.
दीदी के नंगे बदन को देखकर मेरा लन्ड फिर तनतना गया और मैंने दीदी की चुदाई फिर स्टार्ट हो गयी. पूरी रात हम चुदाई करते रहे. दीदी भी हर चुदाई में पूरा मजा ले रही थी. मैंने रात भर में ८ बार चोदा उनको.

आगे की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.

गोवा - एक यादगार ट्रिप (पार्ट १)

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