मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत :- रीमा

मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत :- रीमा

हैल्लो दोस्तों, Antarvasna मेरा नाम रीमा है आज आप सभी को अपनी पहली चुदाई की सच्ची घटना वो सेक्स अनुभव सुनाने के लिए कामुकता डॉट कॉम तक पहुंची हूँ, वैसे आप सभी की घटनाओं को पढ़कर मेरे मन में अपनी भी इस घटना को लिखकर पहुँचाने का विचार बन गया और मैंने इसको लिखकर तैयार किया। यह घटना तब की है जब में पूरी तरह से जवान होकर अपनी चूत की चुदाई करवाने के लिए तड़पने लगी थी। मुझे किसी दमदार लंड की तलाश थी जो मेरी भूख को शांत करे मेरी जमकर चुदाई करे और आप ही पढ़कर देखे मेरे साथ क्या और कैसे हुआ?

दोस्तों मेरी उम्र 24, में दिखने में बहुत सुंदर, मेरा रंग गोरा उभरे हुए बड़े आकार के बूब्स, गोल सुंदर चेहरा, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल या यह यह कहे कि मेरे इस बदन में कहीं भी कोई कमी नहीं है इसलिए मुझे देखकर हर कोई लड़का मुझे लाइन मारता है क्योंकि में दिखने में बड़ा ही मस्त हॉट सेक्सी माल लगती हूँ और हर किसी की नजर मेरी उभरी हुई छाती पर ही टिकी रहती है और में भी उनको अपना बदन दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करती हूँ हर एक लड़का मेरे जिस्म का दीवाना है और दोस्तों मुझे देर रात को फिल्म देखने और कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ने की आदत है, क्योंकि देर रात को टीवी में सेक्सी फिल्मे आती है और यह सभी काम करने की वजह से मेरा मन भी अब सेक्स करने के लिए बड़ा ही बैचेन होने लगा है इसलिए में जोश में आकर अपनी ऊँगली से ही अपनी चूत को ठंडा करके अपना काम चला लेती हूँ ऐसा करके मेरी चूत ठंडी और मेरा जोश भी कम हो जाता है।

दोस्तों फिर जब मुझे अपनी चूत में ऊँगली करते करते बहुत दिन हो गये तो अब मेरा मन भी करने लगा था कि मुझे किसी का लंड मिल जाए। मुझे मन ही मन अपनी चूत की किसी लंड से जमकर चुदाई करवाने की इच्छा होने लगी थी और में अपनी चूत को शांत करने के लिए बहुत तरस रही थी, लेकिन मुझे कोई ऐसा मिल ही नहीं रहा था जिसका लंड में अपनी चूत में लेकर वो मज़े ले लूँ जो इस दुनिया में समय से पहले या उसके बाद में सभी लोग कभी ना कभी जरुर लेते है। मुझे उम्मीद थी कि मेरे जीवन में भी वो दिन एक दिन जरुर आएगा जब भगवान मेरे मन की बात सुनकर मेरी इस इच्छा को पूरा करेगा। एक दिन यह सभी बाते सोचते हुए मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा विचार आ गया और में अपनी चुदाई का जुगाड़ लगाने लगी। हमारे पास वाले घर में एक परिवार रहता है जिसमे एक भैया, भाभी और उनके दो बच्चे है भैया की लम्बाई 5.11 दिखने में ठीकठाक उनका वो गोरा बदन गठीला है, इसलिए वो बहुत ही आकर्षक लगते है और उनका हमारे घर बहुत बार आना जाना लगा रहता है। यह बात पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों की है उन दिनों मेरी वो भाभी अपने बच्चो के साथ उनके मायके गई हुई थी, इसलिए अब घर में भैया ही अकेले थे और इस वजह से वो भैया खाना हमारे घर ही खाते थे में अपने उन्ही भैया को अपने जाल में फंसाकर उनसे अपनी चुदाई के सपने देख रही थी। में मन ही मन ठान चुकी थी कि मुझे उनसे अपनी चुदाई के मज़े लेने है और फिर धीरे धीरे बच्चों के स्कूल की छुट्टियाँ खत्म होने को थी, लेकिन में अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं कर सकी जिससे मेरी चूत की आग शांत हो सके और वैसे मैंने इतना तो कर ही दिया था कि अब वो मुझसे बहुत खुलकर हंसी मजाक करने लगे थे और हर कभी बातों ही बातों में वो मुझसे दो मतलब की बातें भी कर देते, जिनको में तुरंत समझकर उनकी तरफ हंस दिया करती थी। मैंने उनकी किसी भी बात का कभी बुरा नहीं माना और इस वजह से हम दोनों के बीच की वो दूरी अब कहीं हद तक कम हो चुकी थी और अब केवल दो दिन ही बाकि बचे थे, जिनके बाद मेरी पड़ोस वाली भाभी वापस आने वाली थी। उस दिन मेरी अच्छी किस्मत से मम्मी, पापा और भाई को एक शादी में जाना था इसलिए वो मुझे मेरी पढ़ाई और भैया के खाने के बारे में सोचकर मुझे अकेला ही घर में छोड़कर चले गये थे। अब मैंने उस इतने अच्छे मौके को पाकर मन ही मन खुश होकर अपने आप से कहा कि अगर तू आज भी कुछ नहीं कर सकी तो शायद फिर कभी तू कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ऐसा कभी नहीं आएगा और में अपने मन में विचार उनको अपनी तरफ आकर्षित करने और उनके साथ चुदाई करवाने के लिए बनाने लगी थी। आज मैंने सोच लिया था कि कैसे भी करके मुझे आज यह अपना सपना पूरा करना है, में उस दिन बहुत उत्साहित थी।

फिर रात को करीब आठ बजे मेरे भैया खाना खाने आ गए तभी मैंने उनसे कहा कि भैया आप आज थोड़ा देरी से चले जाना, क्योंकि में आज घर में बिल्कुल अकेली हूँ और मेरे सभी घर वाले किसी शादी में मुझे अकेला छोड़कर चले गए और वो देर रात तक वापस आने की बात मुझसे बोलकर गए है इसलिए रात को अकेले रहने में मुझे बहुत डर लगता है आपके रहने से मेरा मन भी लगा रहेगा। फिर वो बोले कि हाँ ठीक है तुम जब तक कहोगी में यहीं रुक जाऊंगा और वैसे भी तो रात को मुझे अपने घर जाकर बस सोना ही है, में कुछ देर तुम्हारे साथ बातें करके ही अपना समय बिता लूँगा जिसकी वजह से तुम्हारा भी मन लग जाएगा और मुझे भी तुम्हारे साथ अकेले रहने का मौका मिल जाएगा और फिर हम दोनों साथ में बैठकर खाना खाने के बाद टीवी देखने लगे थे। फिर उसी समय मैंने चुपके से घर का मुख्य दरवाजा ठीक तरह से बंद कर दिया और अंदर आकर बिना कुछ सोचे समझे मैंने भैया को पीछे से पकड़कर उनकी गर्दन पर किस कर दिया। अब भैया एकदम से उठ खड़े हुए और गुस्से में वो मुझसे बोले कि तुम यह सब क्या कर रही हो? में अपने घर जा रहा हूँ और मुझे नहीं पता था कि तुमने मुझे इसलिए यहाँ पर रोका है और वो मुझसे यह बात कहकर उठकर जाने लगे। तो एक बार तो में डर ही गई, लेकिन फिर भी मैंने उनको कह दिया कि भैया जब तक मेरी इच्छा पूरी नहीं हो जाती में आपको यहाँ से जाने नहीं दूँगी और अब तक उन्हे नहीं पता था कि मैंने दरवाजा बंद करके ताले की चाबी को कहीं छुपा दिया है।

फिर मैंने एकदम से उनके गाल पर किस कर दिया और मेरे ऐसा करते ही वो गुस्से की वजह से उस कमरे के बाहर चले गये, लेकिन उन्हे फिर वापस आना पड़ा क्योंकि बाहर जाने का दरवाजा बंद था और वो अंदर आकर एक बार फिर से मेरे सामने आकर कुर्सी पर बैठ गये और अब वो मुझे समझाने लगे और वो मुझसे बोले रीमा यह बहुत ग़लत बात है, तुम्हे अपने मन में भी हम दोनों के लिए ऐसी कोई बातें नहीं लानी चाहिए यह करना तो बहुत दूर की बात है उन्होंने मुझे बहुत देर तक बड़े प्यार से समझाया, लेकिन में अब कहाँ उनकी वो बातें मानने वाली थी। मैंने उनको साफ साफ कह दिया कि कुछ भी हो मुझे आपके साथ एक बार सेक्स करना है और इसके अलावा में कुछ भी नहीं जानती। फिर बहुत देर के बाद वो मेरी यह बात मान गये और वो मुझसे बोले कि तुम नहाकर गाउन पहनकर बेडरूम में चलो और फिर में खुश होती हुई बस दो मिनट में नहाकर गाउन पहनकर बेड पर जाकर लेट गई, भैया अंदर आए और वो मेरे पास बेड पर आकर लेट गये और फिर में उनसे लिपट गई। अब वो मुझसे बोले कि तुम सीधी बेड पर लेट जाओ और में उनके कहते ही सीधी लेट गई और उसके बाद उन्होंने सबसे पहले मेरे पैर की सबसे छोटी ऊँगली को सक किया और उसके बाद एक एक करके उन्होंने मेरी सभी उँगलियों को सक किया। फिर में इतना होने पर ही पागल हुई जा रही थी, जिसकी वजह से मेरी दोनों आंखे बंद हो चुकी थी और वो बड़ा ही हटकर मस्त अहसास था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती। अब उन्होंने मेरे पैरो को चूमना शुरू किया। वो पैरों को चूमते हुए आगे बढ़ने लगे थे और अब उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे गाउन को थोड़ा सा ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से उनके सामने मेरी गोरी चिकनी जांघे थी, वो अब मेरी जांघो को भी चूमने लगे थे और ऐसा करते हुए उन्होंने मेरे गाउन को और थोड़ा ऊपर कर दिया था, जिसकी वजह से अब उनको मेरी चूत साफ साफ नजर आ रही थी, क्योंकि मैंने गाउन के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी और अब वो मेरी चूत के एकदम पास पहुंच चुके थे। उन्होंने मेरी चूत के दोनों तरफ किस किया और चूत पर चूमते ही मेरे बदन में एक अजीब सा करंट दौड़ने लगा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर उसके बाद अब वो मेरी नाभि में अपनी जीभ को चला रहे थे और अपनी गरम गरम साँसे मेरे पेट पर छोड़ रहे थे और अब उन्होंने गाउन को थोड़ा और ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से अब मेरे एकदम गोल नींबू भी पूरे नंगे हो गये, उन्होंने मेरे एक बूब्स को हल्का सा सहलाकर निप्पल को दबा दिया। उनके हाथों का वो पहला स्पर्श मेरे पूरे बदन में आग लगाने का काम कर गया। फिर उसके बाद दूसरे को दबा दिया। अब वो मेरे पूरे बदन को चूम बूब्स को चूस रहे थे और उन्होंने मेरी नाक, गालों को भी चूमा और इतना सब करने के बाद उन्होंने मेरे गाउन को पूरा उतारकर वो मुझसे बोले कि अब तुम उल्टी होकर लेट जाओ। फिर में तुरंत वैसे ही लेट गई और अब वो पीछे से ही मेरी गर्दन को कंधो को पीठ को जांघो को पैरों को किस करते हुए पैरो पर पहुंच गये और एकदम से मुझे सीधी करके मेरे पैरों को पूरा फैलाकर अपनी पूरी जीभ को उन्होंने मेरी चूत में डाल दिया और वो चूसने चाटने लगे, अपनी जीभ को पूरा अंदर डालकर मेरी चूत की चुदाई अपनी जीभ से करने लगे। उनके ऐसा करने की वजह से मुझे तो उस समय ऐसा लगा जैसे में स्वर्ग में पहुंच गई हूँ और में उसी समय उनके मुहं पर ही झड़ गई। मेरी चूत ने अपनी पूरी गरमी को बाहर निकाल दिया, जिसकी वजह से में बिल्कुल निढाल होकर बेड पर पड़ी रही। अब भैया भी मेरे पास में आकर लेट गये और वो मुझसे बोले रीमा अब तुम मेरे कपड़े उतारो और तब मैंने उनकी टी-शर्ट उतारी और उसकी मस्त छाती पर किस किया।

फिर उसके बाद मैंने उनकी पेंट और अंडरवियर को भी उतार दिया। उनका मोटा लंबा लंड देखकर मेरे बदन में जोश की वजह से करंट सा दौड़ गया। फिर उसी समय लपककर उनके लंड को मैंने अपने एक हाथ में पकड़कर मैंने अपने हाथ को लंड के ऊपर नीचे करना शुरू किया। में लंड को सहलाते हुए मुठ मारने लगी। फिर कुछ देर बाद भैया मुझसे बोले कि जानू अब तुम इसको अपने मुहं में ले लो तब देखना तुम्हे मज़ा कुछ ज्यादा ही आएगा। दोस्तों पहले तो मेरा दिल यह गंदा काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ, लेकिन फिर भी मैंने जोश में आकर सभी बातों को भुलाकर उनके तनकर खड़े लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर में उसको चूसने लगी। कुछ देर चूसते चूसते मुझे इतना मज़ा आने लगा कि में एक बार फिर से झड़ गई। मेरी चूत से पानी बाहर निकलकर बहने लगा था और अब तक भैया भी पूरी तरह से हॉट हो चुके थे और वो मुझसे बोले साली मादारचोद कुतिया तू इसको पूरा अपने गले के अंदर तक ले क्या बाहर निकालकर टाइम पास कर रही है? दोस्तों उनके मुहं से वो गाली सुनकर मुझे भी बहुत जोश आ गया और में पूरी तरह जोश में आकर ज़ोर से जल्दी जल्दी उनके लंड को अंदर बाहर करने लगी। वो अब मुझसे कहने लगे कि तेरी चूत में बहुत आग है आज में इसको चोद चोदकर बिल्कुल ठंडी कर दूँगा में तेरी सारी गरमी बाहर निकाल दूंगा। तुझे बड़ा चुदाई का शौक है ना आज में वो सब अपनी इस एक ही चुदाई में तेरी सभी इच्छाए पूरी कर दूंगा। में तेरी इतनी जमकर चुदाई करूंगा कि रंडी तू दोबारा चुदवाने का नाम नहीं लेगी। देख तेरा यह चुदाई का भूत आज में कैसे उतारता हूँ? में उनकी यह सभी बातें सुनकर और भी जोश में आ गई और मुझे तो कैसे भी अपनी चूत की आग को शांत करना था, चाहे उसके लिए आज मेरी चूत ही क्यों ना फटकर भोसड़ा बन जाए। मुझे तो बस चुदाई के मज़े चाहिए थे।

फिर वो एकदम से उठे और उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को पूरा फैलाकर वो मेरी चूत को आईसक्रीम की तरह चूसने लगे। उस समय तो मुझे मन ही मन लग रहा था कि बस अब मेरी चूत में यह लंड घुस ही जाना चाहिए, क्योंकि मुझसे ज्यादा देर नहीं रुका जा रहा था, वैसे अब भैया भी मेरी चुदाई के लिए तैयार थे, इसलिए वो मुझसे बोले कि तुम अब अपने दोनों पैरों को पूरी फैला दो, क्योंकि में अब तुम्हारी चूत में अपने लंड को डालने का काम करने जा रहा हूँ और इसकी वजह से तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसको तुम्हे बर्दाश्त करना होगा। दोस्तों में उस समय बिल्कुल गरम और बड़ी जोश में थी, इसलिए मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत, मेरी आज तुम मस्त मज़ेदार चुदाई करना, मेरी चूत की खुजली को हमेशा के लिए मिटा देना, तुम मेरी जमकर चुदाई करना। फिर मेरे मुहं से यह जवाब सुनकर बहुत खुश होकर भैया ने अपना लंड मेरी चूत पर रखकर हल्का सा धक्का देकर अपने लंड को अंदर किया, जिसकी वजह से मेरी तो जैसे जान ही निकल गई और में चीख पड़ी। फिर उसी समय भैया ने थोड़ा सा धक्का और मार दिया, जिसकी वजह से अब उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया और दर्द की वजह से मेरी आखों में आंसू आ गये, लेकिन फिर भी मैंने उनको कहा कि आप पूरा लंड मेरी चूत में जबरदस्ती डाल दो, मेरे दर्द की परवाह मत करो।

फिर भैया ने मेरा जोश वो बात सुनकर तेज धक्का देकर अपने लंड को मेरी चूत में पूरा का पूरा डाल दिया और उसके बाद वो थोड़ी देर के लिए ऐसे ही लेट गये। उसके बाद धीरे धीरे उन्होंने अब लंड को अंदर बाहर शुरू किया, जिसकी वजह से अब मुझे भी मज़ा आने लगा था। फिर मैंने उनको कहा कि जानू थोड़ा तेज करो, जाने दो पूरा अंदर मुझे कब से इस दिन का इंतजार था, आज मुझे यह मज़ा मिला है, पता क्या दोबारा कब मिले, जाने दो पूरा अंदर। अब भैया ने मेरी यह बातें सुनकर अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में भी उनका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और भैया भी बड़े जोश में थे, वो धक्के देते हुए मुझसे बोले कि साली भोसड़ी रंडी छिनाल देख तेरी चूत तो आज पूरी फट जाएगी। में बिना फाड़े इसको नहीं छोड़ सकता, तू मेरी यह चुदाई पूरी जिंदगी नहीं भुला सकती। फिर में भी सिसकियाँ लेते हुए उनसे बोली हाँ फाड़ दो आप इस साली को इस मुझे बहुत परेशान करती है इसने मुझे बड़ा दुख दिया। आज आप इसको ऐसे मत छोड़ना, इसका पूरा जोश निकाल देना जिसकी वजह से यह दोबारा लंड लेना ही भूल जाए, ऐसे चोदना इसको यह चूत से भोसड़ा बन जाए और अब मेरा झड़ने का समय होने ही वाला था, इसलिए मैंने उनसे कहा कि भैया अब मेरा होने वाला है। तो वो बोले कि हाँ आराम से कर लो, वैसे भी मेरा भी काम अब पूरा हो गया, लेकिन अब भी भैया मुझे लगातार धक्के देकर चोदे जा रहे थे। उनके मोटे जोश भरे लंड से मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था। वो एक बड़ी ही अजीब सी जलन थी, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती, लेकिन अब भी भैया रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

दोस्तों पहले ही बार में उन्होंने मुझे अपने सामने नीचे लेटाकर उसके बाद घोड़ी बनाकर, अपने ऊपर लेटाकर सामने वाली दीवार से सटाकर, अपनी गोद में लेकर, टेबल पर लेटाकर और पता नहीं कैसे कैसे उन्होंने चोदा, जब वो झड़े तब तक में चार बार झड़ चुकी थी, जिसकी वजह से मेरी चूत बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी, लेकिन अभी तो भैया एक ही बार झड़े थे, इसलिए अब वो कहाँ मानने वाले थे इसलिए वो थोड़ी देर के बाद दोबारा से शुरू हो गये और उन्होंने रात भर में मुझे केवल दो बार ही चोदा, लेकिन में पांच बार झड़ चुकी थी। उसके बाद हम दोनों थककर सो गए और में उनकी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी। मुझे उनके साथ अपनी चुदाई करवाकर बड़ा मस्त मज़ा आया और वो सुबह जल्दी उठकर अपने घर चले गए ।।

मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत :- रीमा

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मैंने उनको कहा कि चाहे आज मेरी चूत ही क्यों ना फट जाए, मुझे कितना ही दर्द हो में तड़प जाऊ, लेकिन जानू तुम बिल्कुल भी रुकना मत :- रीमा