पति के 3 इंच लंड से प्यास नहीं बुझी तो पडोसी के 7 इंच लम्बे लंड से खूब चुदी

पति के 3 इंच लंड से प्यास नहीं बुझी तो पडोसी के 7 इंच लम्बे लंड से खूब चुदी

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शैली है। मेरी उम्र 35 साल है। मै मुखर्जीनगर की रहने वाली हूँ। मैं देखने में बहुत खूबसूरत हूँ। मै अपने मोहल्ले की सबसे ज्यादा खूबसूरत औरत हूँ। मै शादी शुदा हूँ। मेरी शादी को 9 साल हो गया था। 9 साल की शादी में मेरे को कभी सेक्स का भरपूर मजा नहीं मिला। मै शादी से पहले ही खुश रहती थी। मैंने शादी से पहलें कई लोगो का लंड खाया था। लेकिन शादी के बाद पति के अलावा किसी और का लंड खाने का मौका ही मिलता था। मै तो परेशान हो चुकी थी। मेरे को अपने पति से चुदने में ज्यादा मजा नहीं आता था। मेरे पति देव का लंड बहुत ही छोटा था। छोटे लंड से ज्यादा देर तक नहीं चोद पाते थे। वो जल्द ही झड़ जाते थे। मै रात भर चूत में फिंगरिंग करती रहती थी। मेरी चूत को एक लंड की तलाश थी जो की मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता लगा दे। लेकिन ऐसा मर्द मेरे को मेरे मोहल्ले में कोई नजर ही नहीं आता था।

मै ज्यादातर अपने हसबैंड के साथ ही घर से बाहर जाती थीं। पतिदेव मेरी जैसी खूबसूरत बीबी को कभी अकेला ही नही छोड़ते थे। लेकिन मेरे को चूत को फड़वाने के लिए ईश्वर की कृपा से एक मर्द नजर आ गया। मेरा घर उसके घर के जस्ट बगल में ही था। वो बाहर कही काम कर रहा था। 9 साल में पहली बार मैंने उसे देखा था। उसकी उम्र 33 साल के करीब रही होगी। उसने अभी तक शादी नहीं की थी। उसके जैसा मर्द तो पूरे मोहल्ले में कोई नहीं था। हाइट उसकी 7 फ़ीट से भी ज्यादा थी। खा पीकर वो खूब मोटा तगड़ा हो गया था। देखने में वो 33 साल से कम ही लग रहा था। जिम जाकर उसने अपनी बॉडी बना ली थी। पहली बार मैंने उसके जैसा मर्द देखा था। जी करता था इसके साथ मैं अपनी दूसरी शादी कर डालूं। उसके जैसा मर्द मिल जाता तो मेरी चूत का तो भाग्य खुल जाता। पूरे मोहल्ले में उसके चर्चे थे। एक दिन मेरे घर वो आया हुआ था।
मेरे पतिदेव से बातचीत की लेकिन बार बार उसकी नजर मेरे बड़े बड़े दूध पर ही जा रहा था। वो अपने मोहल्ले का खूबसूरत मर्द था। तो मैं भी हुस्न की मलिका थी। मेरी जवानी को वो घूर घूर कर देख रहा था। मै भी अपने लटके झटजे दिखाकर उसे इम्प्रेस कर रही थी। एक दिन मेरे पतिदेव मम्मी को लेकर अपने मामा के यहां गए थे। संयोग से उस दिन किसी काम से ससुर जी भी कही बाहर गए हुए थे। घर पर अकेली ही थी। मेरे पति से मिलने के लिए वो मेरे घर आया हुआ था। दोस्तों मै आपको उसका नाम ही बताना भूल गयी। उसका नाम योगेश था। वो मेरे घर पर पहुचते ही वेल को बजाया। मैंने दरवाजा खोला तो योगेश खड़ा हुआ था।

“शैली जी आपके पतिदेव नहीं दिख रहे सुबह से ढूंढ रहा हूँ” योगेश ने कहा
वो तो मम्मी को लेकर मामा के यहाँ गए हुए है फिर सारा मैटर बताया। योगेश जाने लगा। तो मैंने उसे चाय पानी का ऑफर देकर घर में बुला लिया। वो घर में प्रवेश करते सकपका रहा था। मेरे को चूत में खुजली होने लगी। वो बार बार मेरे को घूरते हुए कुछ बोल रहा था। मैंने अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए उसके लंड का सहारा लेना उचित समझा। किसी तरह से मै उसके लंड को खाना चाहती थी।

“शैली जी आप तो मेरे मोहल्ले की सबसे हॉट और सेक्सी औरत हो” योगेश ने कहा

तुम भी तो कुछ कम नहीं हो। तुम कोई कम स्मार्ट थोड़ी ना हो। उससे बात करते करते एक दूसरे के क्लोज़ होने लगी। एक एक बात अब रोमांटिक होती जा रही थी। मेरे को चोदने के लिए वो भी बेकरार लग रहा था। वो बार बार मेरे को छूने की कोशिश करता। हर बात में हँसते हँसते मेरे को छू लेता था। उसका छूना मुझपे भारी पड़ रहा था। लेकिन मेरे को मजा भी आ रहा था।

“आपके जैसी बीबी मिल जाए तो मेरी तो किस्मत ही खुल जाती” योगेश बोला
“तो तुम मेरे से ही शादी कर लो” मैंने हँसते हुए कहा
“तुम पुरानी हो गयी हो। अब तुम्हारे अंदर वो बात थोड़ी न है” योगेश मजा लेते हुए कह रहा था

वो धीरे धीरे मेरे साथ फ्रैंक होकर बात कर रहा था।
“मेरी शादी कही करा दो शैली अब रात नहीं काट रही है” योगेश ने कहा
“मै शादी तो नहीं करा सकती लेकिन सामान दिला सकती हूँ” मैंने कहा

मेरी बातों को सुनते ही वो उछल पड़ा। योगेश ने मेरे को चिपकाते हुए कहने लगा
“शैली बस एक बार दिला दो मेरे को! मै बहुत तड़पा हूँ उसके लिए” योगेश ने कहा
“तुम्हारी तड़प को मै समझ सकती हूँ लेकिन ये बात किसी और से न बताना” मैंने कहा

“ठीक है बस एक बार मेरे को चूत दिला दो मै किसी से नहीं कहूंगा” योगेश ने बहुत ही विनम्रता भरे शब्दो में बोला
मै उसके करीब जाकर उसके गोंद में बैठ गयी।
“कोई घर में नहीं है! चाहो तो चूत का दर्शन कर सकते हो” मैने कहते हुए उससे चिपक गयी

वो भी मेरे को चिपकते हुए थैंक यू…..थैंक यू….. कहते हुए मेरे को कुत्ते की तरह चाटते हुए चूमने लगा। मै बहुत ही ज्यादा खुश हो रही थी। उसके लंड को मैं अपनी गांड पर महसूस कर रही थी। वो मेरे गले को किस करते हुए मेरे होंठो पर अपना होंठ चिपका दिया। वो जोर जोर से किस करके मेरी सिसकारियों को बढ़ा रहा था। मेरे को उसके अंदर की प्यास को देखकर बहुत ही ख़ुश थी। वर्षो का वो प्यासा लग रहा था।उस दिन मैने साड़ी ब्लाउज पहना हुआ था। “शैली तू तो साडी में कुछ ज्यादा हॉट लग रही हो! अपने उभरे हुए चूचे को दिखाकर मेरी आँखों को शीतलता प्रदान करो!” योगेश ने कहा
उसने मेरे अंग को देखने के लिए जल्दी मेरे कपड़े उतार दिया। मैंने भी उसका कपड़ा उतार दिया। अब हम दोनों नंगे थे। मैं पैंटी में थी। वो भी सिर्फ अंडरवियर में ही मेरे सामने खड़ा था।

“मेरे को बाहों में भरकर प्यार करो मेरु जान!” मैंने कहा

उसने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरे बालों को सहलाने लगा। जिससे मेरी“…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की सिसकारी निकल गई । अब वो मेरे मम्मों को जोर से दबाने लगा और चूसने लगा। मैं पागल जैसी होने लगी। मेरे अन्दर जो चुदास की भूख थी। वो पूरी तरह से गर्म हो गई थी। मैं उसकी बांहों में अपने आप को रगड़ने लगी। फिर मैंने मेरे होंठ उसके होंठों से लगा दिए और हम पूरी ताक़त से एक दूसरे के जीभ को चूसने लगे। कभी वो मेरी जीभ चूसता तो कभी मैं उसकी जीभ चूसे जा रही थी। सच में बहुत मजा आ रहा था। मैं उसके सिर को पकड़ कर दाएं बाएं करके चूमे जा रही थी। योगेश भी बहुत ज्यादा उत्तेजित लग रहा था। वो मेरे को नोच नोच कर प्यार कर रहा था। उसके लंड का आकार बढ़ता हुआ जा रहा था। मेरे को उसके लंड को चूसने का मन कर रहा था। फिर भी मैने अपने आप को कंट्रोल करते हुए उसको और प्यार करने का मौका दे रही थी।

फिर मैंने उसे अपने मम्मों की तरफ इशारा किया तो वो 10 मिनट तक मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से जोर-जोर से चूसने लगा। “पी लो लंड के सरकार! जी भर कर मसलते हुए चूसो! काट डालो मेरे दूध को!” मैंने कहा कुछ देर तक उसने मेरे दूध को चूसा और फिर मेरे को प्यार करना बंद कर दिया। अब उसने मुझे बेड पे लेटा दिया और मेरी चुत चाटने लगा। “…उंह हूँ…हूँ….मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ….हमम अहह्ह् ह…..अ ई…. ..अई…..” की आवाज के साथ अपनी चूत को चाटने के लिए उत्तेजित कर रही थी। कुछ ही मिनट में वो मेरी पूरी चूत को चाट चाट कर मेरी चूत से माल बाहर निकलवा दिया। योगेश मेरी चूत का सब पानी पी गया। मैं तो अपनी चूत चटवाते समय सिर्फ मादक सीत्कारें ही भर रही थी- “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकालते निकालते मेरा मौसम बनता गया।मैं एक बिन पानी मछली की तरह बिस्तर पर मचलती रही। मेरे को उस दिन मुझे दुनिया का सब से बड़ा सुख मिला।

“चलो शैली अब तुम्हारी बारी है। तू भी मेरे लंड को चूसकर मेरा लंड सख्त कर दे!” योगेश ने कहा

फिर मैं ज़मीन पर बैठ गई और उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। वो तो एकदम जन्नत की सैर करने लगा और ‘अहह अहह..’ की आवाजें निकालने लगा। योगेश मुझसे कहने लगा कि आह जानू और जोर से लंड चूसो.. और जोर से..और फिर उसके लंड का पानी निकल गया। उसका लंड ढीला पड गया। हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर चूमने लगे। चूमते चूमते हम दोनों का मौसम बन गया।

“अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से तू अपना लंड मेरी चूत में पेल दे.. नहीं तो ससुर जी आ जायेंगे” मैंने कहा

मैंने उसे मेरी चूत की तरफ इशारा किया तब उसने मेरी दोनों टांगें फैला दीं और मेरी कमर को पकड़ कर धीरे से लंड को उसने मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया। अहह.. मेरे पतिदेव का लंड 3 इंच का था पर अब 7 इंच का लंड मेरी चूत में घुसा तो मुझे दर्द होने लगा था। जिस साइज़ के लंड के लिए चूत को अभ्यास हो उससे बड़ा लंड जब चूत में जाएगा तो कुछ दर्द तो होता ही है। मेरे पतिदेव के लंड से योगेश का लंड बड़ा और मोटा भी बहुत ज्यादा था, इसलिए मेरी चुत में दर्द हो रहा था। मुझे योगेश के लंड से चुदने में मजा भी बहुत आ रहा था।

अब वो अपना लंड आगे-पीछे करने लगा। देखते देखते 2-3 झटकों में उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया आख़िरी झटका उसने बहुत जोर का दिया था। उउफफ्फ़.. पतिदेव से दुगना बड़ा लंड चूत को फाड़ दी। मेरी चूत में योगेश का लंड धमाल मचा दी। मै उसका दिया हुआ झटका ना बर्दाश्त कर पाई और जोर से चीख पड़ी- आअहह योगेश, थोड़ा आहिस्ता उफफ्फ़.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मैं मजा भी ले रही थी। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी और योगेश का साथ देने लगी आअहह आअहह योगेश रुकना नहीं.. मैं ठीक हूँ.. आअहह मेरी जान! मोटे लंड के सरदार .. आहह..

अब पूरे रूम में फचक फच की आवाज़ आने लगीं और मेरी सीत्कारें बढ़ने लगीं। वो अपनी रफ्तार में मेरी चुत को चोदता जा रहा था और पूरे रूम में हमारे रस की महक हम दोनों को और भी नशीला बना रही थी। अचानक योगेश ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी मुझे और डबल मजा आने लगा.. मैंने उसकी कमर के इर्द गिर्द अपनी टाँगें लपेट कर उसे अपने साथ चिपका लिया. उम्म्म्मं.. उसके साथ मैं और जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी- आअहह आअहह जान…जान…. और जोर से आअहह कम ओन फक मी हार्ड आअहह बेटा और तेज़.. आहह पूरा अन्दर डाल दो.

मेरी बच्चेदानी में योगेश का लंड टच हो रहा था और मुझे बेइंतहा मजा आ रहा था. मैं खुद को आज बहुत खुशनसीब औरत महसूस कर रही थी- उम्म्म्म औमम आहह.. जान… काफी लम्बी चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक-दूसरे के ऊपर सांप के जैसे लिपटे पड़े रहे। इस दौरान हम एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे। इस तरह से मैंने पति के नपुंसकता के कारण अपनी टाइट चूत को दूसरे मर्द से फड़वा लिया। धीरे धीरे योगेश का लंड छोटा होने लगा। जिससे मेरी चूत से बाहर निकलने लगा। हम दोनों का रस एक साथ मिक्स होकर बहने लगा। मैंने पास में रखे कपडे से साफ़ करके चुदाई का भरपूर आनंद लिया। ससुर जी कभी भी आ सकते थे इसीलिए जल्दी से मैंने योगेश को घर से जाने को कहा। उसके बाद योगेश मौक़ा पाते ही मेरे घर आ जाता था। मेरी चूत को चुदाई का मजा देकर मेरी चूत की गर्मी कम करता। हम दोनों ही बहुत मजे लेकर चुदाई करते है। योगेश की टाइमिंग बहुत ही जबरदस्त है। वो घंटो तक बिना रुके चुदाई का मजा दे सकता है।

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