देवर के लंड से मिटी चूत की भूख indian sex stories

देवर के लंड से मिटी चूत की भूख indian sex stories

हैल्लो दोस्तों, फिर एक दिन सुबह मेरे पति विजय ऑफीस चले गये और मेरे देवर जी रोज की तरह क्रिकेट खलने को जाने लगे, तो में अपने पैर को लेकर चिल्ला उठी कि मेरा पैर बहुत दर्द कर रहा है तो वो रुक गये। फिर मैंने कहा कि मेरा पैर दर्द कर रहा है। तो वो बोले कि चलो डॉक्टर के पास चलते है। तो में बोली कि डॉक्टर के पास ना, अब इतनी सुबह में डॉक्टर कहाँ होगा? तो वो भी परेशान हो गये कि अब क्या करे? वो तो स्पेशलिस्ट खिलाड़ी थे तो वो बोले कि क्या में तुम्हारे पैर की मालिश कर दूँ? तो मैंने तुरंत हाँ कर दिया। अब ऐसा मौका फिर बार-बार नहीं आने वाला था और में इसे गंवाना नहीं चाहती थी। फिर उन्होंने नारियल का तेल गर्म करने के लिए गैस जला दिया और मेरे पास आकर बोले कि कहाँ दर्द हो रहा है? तो में शर्मा गयी। तो वो बोले कि अरे इसमें शरमाने की क्या बात है? अगर दर्द की जगह नहीं बताओगी, तो में कहाँ मालिश करूँ? तो मैंने उन्हें बताया कि घुटने के ऊपर और कमर में भी मोच आ गयी है। तो वो बोले कि ठीक है और वो उठकर किचन में चले गये और गर्म किया हुआ तेल लेकर फिर से वापस बेड पर आ गये।

अब घर में मेरे और उनके आलावा कोई नहीं था इसलिए वो भी टेन्शन में थे। तो मैंने बोला कि क्या बात है? तो वो बोले कि में तुम्हें कैसे मालिश करूँ? तुम तो मेरे भाई की बीवी हो और पराई औरत को तो में हाथ भी नहीं लगाता हूँ। फिर में झट से बोली कि रहने दो, मेरी जान भी चली जाए तो आपको क्या होगा? दर्द मुझे हो रहा है तो होने दो, में तो डॉक्टर के पास नहीं जाऊंगी, मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो और आप खेलने जा सकते हो। फिर वो बोले कि अगर किसी ने देख लिया तो? तो मैंने कहा कि घर में कोई नहीं है तो उसमें डरने की क्या बात है? तो ऐसा कहने से वो मालिश करने को तैयार हो गये और उन्होंने मालिश करना चालू किया।

फिर जैसे ही उन्होंने मुझे टच किया, तो मेरा पूरा बदन गर्म हो गया और काँप उठा, उनके हाथ का स्पर्श बहुत ही मस्त था, लेकिन अब मुझे वो अच्छा लगने लगा था, मैंने जानबूझकर पेंटी नहीं पहनी हुई थी और ब्रा भी नहीं पहनी थी। अब वो मेरे पैरो की मालिश कर रहे थे। फिर मैंने उन्हें कहा कि मुझे घुटने के ऊपर मोच आई है, तो वो शर्माकर बोले कि कोई देख लेगा। फिर मैंने कह दिया कि दरवाजा बंद कर दो और बाद में मालिश करो। तो उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और तेल की बोतल लेकर मेरे गाउन को मेरे घुटने के ऊपर तक उठाया। फिर जैसे ही उन्होंने मेरा गाउन उठाया तो वो हक्के बक्के रह गये, शायद मेरी चूत उन्हें दिखाई दी होगी और अब वो भी जमकर मालिश करने लगे थे। फिर मेरी नजर उनके लंड के ऊपर पड़ गयी, तो उनका लंड तो टावल में से निकलने को बेताब था और फड़फडा रहा था।  अब मैंने अपनी जांघे थोड़ी फैला थी, तो वैसे ही उन्हें मेरी चूत के दर्शन हुए। अब वो भी थोड़े गर्म हो गये थे और सेक्सी मिज़ाज में मालिश कर रहे थे। फिर उसी कारण मैंने भी थोड़ा सोने का नाटक चालू कर दिया। फिर उन्होंने धीरे-धीरे मेरी जाँघो से लेकर मेरी चूत तक अपना हाथ फैरना चालू कर दिया।  अब मेरा तो पानी निकल गया था और अब में वापस से झड़ने लगी थी, शायद उन्हें भी उसकी गंध आ गयी होगी और फिर उन्होंने मेरी चूत को टच करना चालू किया और थोड़ी ही देर में उनकी एक उंगली मेरी चूत की दीवार मे टकराने लगी। अब में ठंडी साँसे भरने लगी थी, तो तभी देवर जी ने मुझे उठाने का प्रयास किया और बोले कि भाभी उठो, लेकिन अब में सोने का नाटक कर रही थी। अब उन्होंने भाप लिया था कि में भी चूत छूने का आनंद ले रही हूँ। तो उन्होंने वापस से अपना खेल चालू कर दिया, लेकिन अब वो सीधी मेरी चूत को उँगलियों से चोद रहे थे। अब उनकी उंगली मेरी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। अब में वापस से झड़ गयी तो मेरा सारा पानी उनके हाथ पर लग गया और उन्होंने भी वो पूरा चाट लिया।

फिर अचानक से वो मेरे गाउन में घुस गये और मेरी चूत को चाटने लगे। अब में तो खुशी से पागल हो गयी थी तो फिर मैंने मेरे गाउन को उनके सिर से हटा दिया और में उठ गयी। तो वो तुरंत साईड में हो गये और सॉरी बोलने लगे कि मुझसे गलती हो गयी। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या उनको मेरी चूत  पसंद आई? क्या मेरी चूत देवरानी जी से भी अच्छी है? तो तभी वो मेरे पास आ गये और मुझे किस करते हुए बोलने लगे कि तेरी चूत तो स्वर्ग है, इतनी सुंदर चूत मैंने कभी नहीं देखी। फिर तभी में बोली कि चाटना है क्या? तो देर क्यो कर रहे हो? अब वो पूरे मूड में आ गये थे तो फिर उन्होंने मेरा गाउन उतारा और मेरे बूब्स चूसने चालू कर दिए। अब में तो पागल हो गयी थी और मैंने भी उन्हें किस करना चालू कर दिया था। अब हम दोनों के सिर पर सेक्स का भूत सवार था और अब हम दोनों ही प्यासे थे। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर वो मेरे बूब्स चूसते-चूसते मेरी चूत की तरफ बढ़ गये और वापस मेरी चूत को चूसना चालू कर दिया। फिर में भी उनका 7 इंच का लंड पकड़कर बोली कि मुझे भी उसका टेस्ट लेना है। फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये और एक दूसरे का चाटने लगे। अब में 3 बार झड़ गयी और में मेरे पति के साथ मुश्किल से एक बार झड़ जाती थी, लेकिन देवर के साथ में ये मेरा तीसरी बार था, चुदाई के पहले ही। फिर हम दोनों उठकर खड़े हो गये, अब वो मुझे किस कर रहे थे, उनके किस करने का स्टाइल ही बहुत सेक्सी था। अब वो अपने लिप्स का तो बखूबी इस्तेमाल कर रहे थे। फिर उन्होंने मुझे अपनी गोदी में बैठाकर उठा लिया और बाथरूम में ले जाने लगे तो मैंने कहा कि इधर ही जल्दी से चोद दो ना। फिर वो बोले कि धीरज रखो मेरी रानी, इतनी भी क्या जल्दी है? फिर बाथरूम में उन्होंने शॉवर चालू कर दिया तो तभी मैंने पूछा कि क्या करने का इरादा है?

फिर वो बोले कि उन्होंने पहली बार जब देवरानी को चोदा था तो ऐसे ही शॉवर के नीचे ही चोदा था और मुझे चूमने लगे और फिर मुझे शॉवर के नीचे झुककर खड़ा रहने को कहा। फिर जैसे ही में झुक गयी, तो वैसे ही उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया। अब में डर गयी थी कि कहीं ये मेरी चूत ना फाड़ दे, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे से चोदना चालू कर दिया। अब में तो आसमान में थी और अब उनका तगड़ा लंड मेरी चूत में धीरे-धीरे करते हुये पूरा घुस गया था और फिर उनकी स्पीड भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी। अब में तो मज़े ले रही थी और उनका साथ दे रही थी, लेकिन तभी अचानक से उन्होंने बहुत ज़ोर-जोर से चोदना चालू कर दिया और में उनकी स्पीड देखकर हैरान हो गयी और मैंने मेरी जिंदगी में कभी ऐसा चोदने वाला मर्द नहीं देखा था। फिर मैंने उन्हें बोला कि धीरे-धीरे करो, लेकिन अब वो सुनने के मूड में नहीं थे। फिर मैंने भी उन्हें उकसाया कि और ज़ोर से, ज़ोर से और मेरी आवाज़े निकलने लगी आहह, आऊच्च, धीरे, हाईई। अब उनके लंड ने तो मेरी चूत को ज़ोर-जोर से मारना चालू कर दिया था।

फिर उन्होंने मुझे वही पर शॉवर के नीचे सुला दिया और फिर वो मेरे ऊपर सो गये। अब उन्होंने मेरी दोनों टाँगे अपने कंधे पर रख ली थी और अपना 7 इंच का लंड मेरी चूत में डालने लगे थे। फिर उनका लंड डालते टाईम ही मेरी चूत से पानी आने लगा, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी दोनों टाँगे पकड़कर मुझे चोदना चालू कर दिया। अब मेरी तो पूरी प्यास बुझ गयी थी, लेकिन मेरा राजा अभी भी प्यासा था और फिर मैंने भी नीचे से उन्हें रेस्पॉन्स देना चालू कर दिया। फिर वो बोले कि क्या तुम मुझे चोदना चाहती हो? तो मैंने बोला कि हाँ में तुम्हें चोदना चाहती हूँ। फिर हम दोनों वापस से बेडरूम पर आ गये, लेकिन उन्होंने मुझे बाथरूम से चलकर नहीं आने दिया। अब वो मुझे अपने लंड पर बैठाकर ही बेडरूम तक ले आए थे और फिर वो लेट गये और मैंने धीरे-धीरे उनका लंड अपनी चूत में लेना चालू कर दिया। फिर पहले तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था, क्योंकि इतने टाईम (40 मिनट) तक मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था, लेकिन फिर बाद में मुझे भी मज़ा आने लगा और अब में सेक्स के स्वर्ग में थी।

फिर मैंने धीरे-धीरे करते-करते अपनी स्पीड बढाई, तो देवर जी बोले कि क्या बात है? फिर से ज़ोश चढ़ गया क्या? तो मैंने बोला कि आपका लंड ही इतना गर्म है कि में तो पागल हो गयी हूँ, मुझे भी नहीं पता कि इतनी ताकत मुझमें कहाँ से आ गयी थी? तो तभी उन्होंने मुझे नीचे से चोदना चालू किया और ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगे। अब मुझे तो इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ? अब में वापस से झड़ गयी थी और उसी टाईम वो भी बोले कि पूजा आअ भाभी, हाईईईई मेरा निकलने वाला है। फिर मैंने कहा कि मेरे अंदर ही डाल देना, प्लीज बाहर मत छोड़ना। फिर वो बोले कि ठीक है और वापस से ज़ोर-जोर से चोदना चालू कर दिया।

फिर उन्होंने अपनी स्पीड इतनी बढ़ाई और मेरे बूब्स, मेरी कमर और मेरा पूरा बदन हिलने लगा था और मेरी चूत में दर्द भी होने लगा था, लेकिन अब देवर जी रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और फिर मेरी चूत में कुछ गर्म सा महसूस हूआ तो मैंने देखा कि मेरी चूत पूरी की पूरी उनके वीर्य से भर गयी थी और बहुत सारा वीर्य मेरी जाँघो पर बह रहा था। अब मेरी चूत की तो देवर जी ने पूरी तरह से प्यास बुझा दी थी। फिर इस तरह से देवर जी ने मुझे मेरी लाईफ में एक स्वर्गीय आनंद दिया। फिर उसके बाद वो हमारे घर 8 दिन रुके और उन 8 दिनों तक उन्होंने मेरी खूब चुदाई की और हम दोनों ने खूब मजा किया ।।

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