कामिनी की अतृप्त कामाग्नि-3

कामिनी की अतृप्त कामाग्नि-3

कहानी का पिछला भाग: कामिनी की अतृप्त कामाग्नि-2

कामिनी यह सुन कर खुश हो गई, और बोल पड़ी- आग दोनों तरफ ही लगी हुई है।

भीम बोला- बीबी जी, अगर मुझे ज़रा भी पता होता, तो मैं कल शाम 8 बजे ही चला आता। पर आपकी रज़ा नहीं थी, इसलिए इतना नाटक करना पड़ा।

कामिनी यह सुन कर उससे चिपक गई और बोली- राजा अब मुझे अपनी चुदाई से तृप्त कर दो।

भीम बोला- मेरी रानी, तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें दो दिन तक इतना चोदूँगा कि तुम हिलने लायक भी नहीं रहोगी।

यह सुन कर कामिनी बिस्तर पर चढ़ गई और फिर पैर खोल कर ऐसे बैठ गई, जिससे भीम आ कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दे।

अब इतनी देर बाद कामिनी ने भीम के पूरी तरह से तने हुए लंड को देखा जो कि अब 9 इंच लंबा और 4 इंच गोलाई का हो गया था, यह देख उसके मुँह से पानी टपक गया। यही नहीं उसने यह भी महसूस किया कि भीम भी उसी की तरह पूरा चिकना था। उसके शरीर पर भी कोई बाल ना था।

यह देख उसने भीम से पूछ लिया, “तुम इतने चिकने कैसे हो?”

भीम बोला- मुझे शरीर पर बाल पसंद नहीं हैं। इसलिए में हर 15-20 दिनों में अपनी पूरी सफाई करवाता हूँ। बगल और लंड के बाल तो में हर दूसरे दिन शेविंग करते समय साफ़ कर लेता हूँ।
इत्तफ़ाक से उसने दो दिन पहले ही अपनी सफाई करवाई थी। और आज आने से पहले बाकी बालों को भी साफ़ करके आया था।

भीम आगे बोलता गया- मुझे अपने शरीर को दिखाने का बहुत शौक है, और मैं नंगा होने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता! घर पर, तबेले में जहाँ तक होता है, पूरा का पूरा नंगा ही रहता हूँ, या फिर छोटे-छोटे गमछे बाँधे रहता हूँ। चड्ढी तो मैंने कभी पहनी ही नहीं।

यह सुन कर कामिनी ने पूछा- तुम्हारे घर या तबेले में औरतें नहीं हैं क्या?
भीम हंस पड़ा और बोला- मेरा और भोला का परिवार गाँव में है। हम दोनों यहाँ अकेले रहतें हैं। तबेले में काम करने वाले केवल पुरुष ही हैं। इसलिए मुझे कोई चिंता नहीं है।
यह सुन कर कामिनी ने उससे पूछ लिया- तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है?
भीम बोला- मेरी पत्नी और दो लड़के, एक 20 साल का और दूसरा 16 का!

कामिनी कुछ और पूछती, इससे पहले वो खुद ही बताने लगा- अगले महीने बेटे की शादी है और इसी काम के लिए भोला गाँव गया है। मैं खुद अपने गाँव 4-5 महीनों में जाता रहता हूँ।

यह बोलते हुए भीम बिस्तर पर चढ़ गया। उसे मालूम था कि कामिनी अब क्या पूछने वाली है। इसलिए खुद ही आगे बोलता गया- गाँव तो वो 4-5 महीने में जाता हूँ, लेकिन चुदाई जब मन आए तब करता हूँ।

कामिनी ने झट से पूछा- वो कैसे?

भीम बोला- बीबी जी, मैंने ना जाने कितनी औरतों को चोदा है। तबेले में दूध लेने आने वाली औरतों से लेकर, काम वाली बाईओं, रंडियों और बड़े-बड़े घरों की मेम साबों को अपने लंड का मज़ा दिया है। यही नहीं मैने कई चिकने लाट साहबों और छक्कों की गाँड भी मारी है। इस तरह मुझे चुदाई का काफ़ी तज़ुर्बा है। चुदाई मैंने कम उमर से ही शुरू कर दी थी। और अब जब मैं 40 का हो चुका हूँ। ना जाने कितने घाटों का पानी पी चुका हूँ।

यह कहते-कहते उसने अपने लंड का सुपाड़ा कामिनी की चूत पर टिका दिया और फिर उसके होंठों को चूसते हुए एक ज़ोर का धक्का मारा। जिससे लंड का सुपाड़ा चूत में घुस गया। सुपाड़ा अंदर घुसते ही कामिनी सकपका उठी। क्योंकि उसने आज तक इतना मोटा सुपाड़ा कभी अपनी चूत में लिया ही नहीं था।

भीम को इस बात का शायद अंदाज़ा पहले से ही था, इसलिए उसने कामिनी को चूमना चालू रखा। धीरे-धीरे कामिनी का दर्द कम हो गया। अब कामिनी को पूरी तरह से गर्म करने के लिए उसने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया।

उसने कहा- बीबीजी, आप चिंता मत करो। मैं आपको बहुत प्यार से चोदूँगा। चोदते वक्त आपको अपनी चुदाई के बहुत से किस्से भी सुनाऊँगा। जिससे आप गर्म हो कर चुदवाती रहेंगीं।

ऐसा कहते-कहते उसने अपना आधा लंड कामिनी की चूत में घुसा दिया। लंड के अंदर घुसने से कामिनी की चूत चिर गई। पर उसे बहुत अच्छा भी लगा।

उसने भीम से कहा- तुम मुझे हर संभव मुद्रा में चोदो।
भीम बोला- बीबीजी, आप बस देखते जाओ।

और उसने एक और धक्का मारा जिससे करीब 7 इंच लंड कामिनी की चूत में समा गया। बस फिर क्या था, धीरे-धीरे उसने कामिनी को चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। कुछ ही समय में उसका पूरा का पूरा 9 इंच लंबा लंड कामिनी की चूत में दफ़न हो गया।

ऐसा होने से कामिनी को काफ़ी आनन्द आने लगा और वो पूर्ण समर्पण से चुदवाने लगी। तभी कामिनी ने ध्यान दिया कि घड़ी का घंटा 6 बजा रहा था और भीम उसे बिना झड़े एक घंटे से चोदे जा रहा था। इस बीच कामिनी कितनी बार झड़ चुकी थी, यह उसे खुद भी नहीं पता था।

तभी चुदते हुए कामिनी ने भीम से पूछा- तुम बिना झड़े इतनी देर से मुझे कैसे चोद रहे हो?

भीम ने मुस्कुराते हुए कहा- मेरी जान मैं एक घंटे से पहले तो कभी नहीं झड़ता, और आज आने से पहले मैंने ना झड़ने की दो गोलियाँ भी खाई थीं। तो स्वाभाविक है कि 3 घंटों से पहले तो बिल्कुल नहीं झड़ेगा।

यह सुन कर कामिनी की रूह एक बार को काँप उठी पर फिर उसके तो वारे न्यारे हो गये थे। भीम की एक घंटे की चुदाई ने ही उसे इतना थका दिया था। अभी 2 घंटे और चुदने के नाम से उसे घबराहट होने लगी।

यह भीम ने देखा तो बोला- बीबी जी, आप डरो मत, 2 घंटे कैसे बीतते हैं, यह आपको पता भी नहीं चलेगा।

और उसने कामिनी के ध्यान को भंग करने के लिए उसे चूमना शुरू कर दिया। फिर अगले 2 घंटों तक उसने बिना रुके कामिनी को हर संभव मुद्रा में जी भर के चोदा। जब वो झड़ने को हुआ तो अपना लंड बाहर निकालने लगा।

कामिनी ने उसे रोका और कहा- तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ।

यह सुन कर भीम ने अपना लंड ज़ोर से उसके अंदर पेल दिया और अपना ढेर सारा गर्म-गर्म वीर्य उसके बच्चे-दानी पर छोड़ दिया। वो करीब 5 मिनट तक झड़ता रहा। इस दौरान कामिनी उसे कस कर पकड़े रही, और अपने नाख़ून उसकी पीठ पर गाड़ दिए।

झड़ने के बाद भी भीम का लंड कड़ा था। तो उसने उसे बाहर नहीं निकाला और वैसे लेटे-लेटे ही कामिनी के चेहरे को चूमने लगा।

तभी घड़ी ने 9 का घंटा बजाया तो कामिनी को अहसास हुआ कि उसने अभी 4.5 घंटे की चुदाई ख़त्म की है। वो कल से सोई भी नहीं है, उसने भीम को कहा- चलो, नहा कर थोड़ा आराम कर लेते हैं।

तो भीम उसे अपने से अलग किए बिना उसी मुद्रा में गोद में उठाते हुए बाथरूम ले गया। गर्म पानी के शावर के नीचे खड़ा हो गया।

फिर वो दोनों टब में घुस गये, लेकिन भीम ने अपना लंड अभी भी बाहर नहीं निकाला।

कामिनी को ऐसा लग रहा था, मानो लंड अंदर ही फिक्स हो गया है और अब बाहर नहीं निकलेगा। करीब आधा घंटे बाद जब भीम का लंड थोड़ा नर्म हुआ तो कामिनी टब से बाहर निकल गई।

और बोली- मैं जल्दी से कुछ नाश्ता बनाती हूँ। फिर हम आराम करेंगे।
कहते-कहते वो नंगी ही रसोई में जाकर ऑमलेट बनाने लगी। उसने 15 मिनट में ही ऑमलेट ब्रेड, जूस, फ्रूट्स आदि का नाश्ता बना लिया और उसे लेकर बेडरूम में आ गई। उसने देखा कि भीम अभी भी टब में ही लेटा था। तो उसने उसे बाहर आने को कहा।

यह सुन कर भीम बोला- मैं तुम्हें टब में चोदना चाहता हूँ।

कामिनी ने कहा- क्यों नहीं! पर बाद में, अभी उसे जोरों की भूख लगी है।

भीम कामिनी का प्यार भरा चेहरा देख कर मान गया और टब से बाहर निकल आया। उसका लंड अभी भी आधा खड़ा था। ये देख कर कामिनी ने भीम के लंड को पकड़ लिया। और उसे पकड़े हुए वो दोनों बिस्तर पर आकर बैठ गये।

फिर उन्होने नाश्ता ख़त्म किया और जल्दी ही एक-दूसरे से चिपक कर सो गये। सोने से पहले कामिनी ने समय देखा तो 12 बज चुके थे।

करीब 4 बजे कामिनी ने पाया कि उसकी चूत में कुछ हलचल हो रही थी। उसने आँखें खोलीं तो देखा, भीम उसे मज़े से चोद रहा था।

आँख खुलते ही उसने पूछा- तुम कब से चोद रहे हो?

तो भीम बोला- करीब आधा घंटे से।

यह सुन कर कामिनी ने उसे ज़ोर का चुम्बन दिया और कहा- तुम मुझे जी भर के चोदो।

भीम तो पहले से ही लगा था, पर कामिनी की रज़ा मिलते ही उसने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और उसे कुत्तों की तरह चोदने लगा। बस फिर 3 घंटे बाद उसने ढेर सारा वीर्य फिर से कामिनी की चूत में उगल दिया। और लण्ड बिना बाहर निकाले करीब आधा घंटा लेटा रहा।

इन दोनों चुदाईयों के दौरान भीम ने कामिनी को अपने चुदाई के कई किसे सुना दिए थे। अब रात के 8 बज गये थे।

तो कामिनी ने फोन करके खाना ऑर्डर कर दिया। खाना खाने तक उन दोनों ने खूब सारी बातें कीं। फिर आराम करने के लिए लेट गये। पर भीम के मन में तो कुछ और ही था, उसने कामिनी से कहा- अब मैं तुम्हारी गाँड मारना चाहता हूँ।

कामिनी यह सुन कर फिर घबरा गई।

पर भीम ने उससे कहा- जिस तरह तुम्हें चूत चुदाने में आन्न्द आया उससे ज़्यादा गाँड मराने में आएगा।

भीम ने कामिनी को टब में गाँड मराने को कहा इसलिए कामिनी ने टब तैयार कर लिया और जब वो दोनों टब में घुसे तो रात के 12 बज चुके थे।

टब में घुसने के बाद भीम ने धीरे-धीरे कामिनी की गाँड में उंगली करना चालू कर दिया। गरम पानी होने और साबुन की चिकनाहट से गाँड में उंगली आराम से आने जाने लगी। थोड़ी देर में भीम ने 2 और फिर 3 उंगली गाँड में अंदर बाहर करना चालू कर दीं।

जब कामिनी को मज़ा आने लगा तो उसने कामिनी को टब से निकाला और कुतिया बनने को कहा। फिर खुद कुत्ते की तरह उसके ऊपर आकर उसकी गाँड में अपना लंड घुसाने लगा।

लंड का सुपाड़ा अंदर जाते ही कामिनी ज़ोर से चीख पड़ी और उसकी आँखों से पानी निकल आया। यही नहीं भीम ने इतनी ज़ोर का झटका मारा था कि गाँड भी फट गई थी और उसमें से खून निकलने लगा था।

पर भीम ने यह बात कामिनी को नहीं बताई और फिर से उसे टब में लेकर घुस गया। अब गरम पानी के सुकून से कामिनी का दर्द कुछ कम हुआ तो भीम ने धीरे-धीरे लंड और अंदर करना चालू कर दिया।

करीब एक घंटे की मेहनत के बाद भीम का पूरा लंड कामिनी की गाँड में समा गया था। ऐसा होने के बाद भीम कामिनी को उसी पोज़ में गोद के बल उठा कर बिस्तर पर ले आया।

कामिनी ने सर उठा के देखा तो रात के 2 बज चुके थे और फिर भीम कुत्तों की तरह मज़े से उसकी गाँड मारने लगा। गाँड मारते वक्त वो दो बार उसकी गाँड में ही झड़ चुका था। पर उसमें जोश इतना था कि उसने झड़ने के बावजूद भी लंड गाँड में से नहीं निकाला।

लगातार 2 घंटे बिना रुके हर मुद्रा में कामिनी की गाँड की चुदाई की। सुबह के 4 बजे दोनों थक कर एक दूसरे में समाए, सो गये।

जब नींद खुली तो दोपहर के 2 बज चुके थे। भीम अभी भी सो रहा था। कामिनी ने उठ कर स्नान किया और फिर खाना बनाने रसोई में चली गई।

एक घंटे बाद उसने भीम को उठाया और नहा कर खाना खाने के लिए कहा। 4 बजे तक दोनों ही खाना खा कर फ़ुर्सत हो गये थे।

अब कामिनी ने भीम से कहा- मुझे डर है कि कहीं मेरा पति वापस ना आ जाए इसलिए तुम को चले जाना चाहिए।

यह सुन कर भीम हँस पड़ा और बोला- मैं अभी कहीं नहीं जा रहा।

कह कर उसने कामिनी को गोद में उठाया और बिस्तर पर ला कर पटक दिया। फिर खुद उसके ऊपर चढ़ कर उसे चूमने लगा। कुछ ही पल में उसका लंड खड़ा हो गया और उसने कामिनी की जोरों से चुदाई चालू कर दी।

इस बार उसने कामिनी की चूत और गाँड दोनों ही बारी-बारी से 3 घंटे तक चोदी, दोनों ही छेदों में अपना वीर्य उगल दिया। रात के 8 बजे कामिनी ने फिर खाना ऑर्डर किया और खाना खाने के बाद करीब 10 बजे दोनों टब में घुस गये। आज भीम ने टब में घुसे हुए ही कामिनी की गाँड दो बार मारी।

फिर बिस्तर पर दोपहर 12 बजे तक 3 बार उसकी गाँड में अपना वीर्य उगला।

अभी भीम गाँड में वीर्य उगल ही रहा था कि कामिनी का फोन बज पड़ा। कामिनी ने देखा तो उसके पति का नंबर बज रहा था। कामिनी झट से भीम से अलग हुई और उसने फोन उठाया।

फोन पर बात ख़त्म होते ही कामिनी ने भीम से कहा- मेरा पति घर पहुँच रहा है इसलिए तुम्हें जल्दी से जाना होगा।

यह सुन कर भीम बिस्तर से उतर गया और उसने कामिनी से एक गमछा माँगा। कामिनी ने झट से अपनी अल्मारी से एक नया गमछा निकाल कर भीम को दे दिया।

गमछा देते वक्त दोनों ही हंस पड़े और फिर एक-दूसरे के गले से लिपट गये।

कामिनी ने कहा- अब मैं कब चुदवा पाऊँगी तुमसे?
तो भीम ने कहा- जब तुम मुझे बुलाओ, आ जाऊँगा।

यह कह कर उसने गमछा लपेटा और दूध का खाली बर्तन उठा कर लिफ्ट से जाने लगा। कामिनी ने भी फट से अपनी नाइटी पहनी और बिस्तर की चादर वॉशिंग मशीन में डाल कर बाल्कनी में आ गई। उसने नीचे देखा तो भीम गेट की तरफ़ जा ही रहा था। उसके पति की कार अंदर आ गई। अगले ही पल उसका पति कार से निकला और उसने कामिनी को बाल्कनी में खड़ा देख अपना हाथ हिलाया। उधर कामिनी ने भी हाथ हिलाया, पर वो भीम के लिए था। भीम ने बदले में एक प्यार भारी मुस्कान दी और वो चला गया।

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