मौसेरी बहन के साथ लण्ड-चूत की रेलम-पेल -2

मौसेरी बहन के साथ लण्ड-चूत की रेलम-पेल -2

अब तक आपने पढ़ा..

मैं- कुछ नया बताओ..
अनु- आज बाथरूम से मेरी पैन्टी गायब हो गई..
मैं- इसका मतलब तेरे भाई से सहन नहीं हुआ.. वो उसे सूंघने के लिए अपने साथ ले गया.. देखना वो एक दिन तुम्हारी ब्रा भी गायब करेगा.. लेकिन तुम चुपचाप रहना।
अनु- ओके.. आज भैया ने अपना अंडरवियर बिना धोए ही छोड़ दिया और इस वक़्त वो मेरे हाथ में है।
मैं- गुड.. तुम उसे उल्टा करके चाटो..
अनु- चाट रही हूँ.. मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है और गीला पानी भी निकाल रहा है।
अब आगे..

मैं- कैसा लगा?
अनु- बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं- इस समय वो भी तुम्हारी पैन्टी को चाट और सूंघ रहा होगा..

अगले दिन
अनु- हाय.. आज मेरी ब्रा भी गायब थी..
मैं- तुम्हारा भाई ले गया है और पहन कर ट्रा करता होगा.. कल तुम अचानक अपने भाई के रूम पर चली जाना और उसके बिस्तर के नीचे देखना.. मेरा अंदाजा है कि तुम्हारी पैन्टी ब्रा वहीं मिलेगी.. लेकिन ये बात उसे पता नहीं चलना चाहिए..
अनु- ओके..

दूसरे दिन दोपहर में अनु मेरे रूम पर आई.. तो मैंने कहा- क्या बात है अनु.. तुम अचानक यहाँ?
तो अनु बोली- हाँ भैया.. मेरी एक दोस्त यहीं पास में रहती है। मैं उसके यहाँ आई थी.. तो यहाँ आ गई।
मैंने कहा- तुम बैठो.. मैं अभी फ्रेश होकर आता हूँ।

और मैं बाथरूम चला गया.. तो अनु ने मेरे बिस्तर के नीचे चैक किया.. तो उसकी रेड ब्रा और वाइट पैन्टी वहाँ थी। उसने देख कर फिर नार्मल हो गई।

फिर जब मैं बाहर आया तो मैंने कहा- चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ।
अनु बोली- नहीं भैया.. मैं अपनी दोस्त के साथ मार्केट होकर जाऊँगी।
कुछ देर बाद वो चली गई।

रात में चैट पर..

मैं- हाय अनु.. कैसी हो.. क्या तुम अपने भाई के कमरे पर गई थीं.. क्या हुआ?
अनु- हाँ गई थी.. आपका अंदाज़ा सही था।
मैं- तो अब.. आगे बोलो.. क्या तुम अपने भाई का लंड चूसना और अपनी चूत में लेना चाहती हो?
अनु- हाँ.. मगर कुछ होगा तो नहीं?
मैं- हाँ होगा ना.. तुम स्वर्ग में पहुँच जाओगी और इतना मज़ा आएगा कि तुम अपने भाई से रोज़ चोदने को बोलोगी..

अनु- लेकिन ये सब होगा कैसे?
मैं- बस जैसा मैं कहता हूँ.. वैसा करती जाओ। वैसे तुम्हारा भाई रहने को.. तुम्हारे घर कब आ रहा है?
अनु- बस 4-5 दिन बाद जब उनका कॉलेज बंद होगा..

मैं- ओके.. मैं बताता हूँ कि तुम्हें क्या करना है.. सबसे पहले तो ये करना कि किसी भी हालत में वो तुम्हारे कमरे में सोए। उसके साथ बैठकर पढ़ते रहना। उसका अलग बिस्तर अपने बिस्तर के बगल में लगा लेना। फिर पढ़ते-पढ़ते ही बुक पर सो जाना और उसे ये लगना चाहिए कि तुम बहुत गहरी नींद में सोती हो। ढीले कपड़े पहनना.. ढीला टॉप वगैरह पहन कर सोना.. कोशिश ये करना कि तुम्हारे कपड़े नींद में घुटनों के ऊपर हो जाए और तुम्हें इस पोज़ में पैर को रखना है कि तुम्हारी पैन्टी तुम्हारे भाई को दिखे। तुम्हारा टॉप कुछ ऊपर को हो जाए.. और तुम्हारी नाभि उस आकर्षित करे। फिर देखना कि क्या होता है..

फिर 4-5 दिनों बाद.. मैं सुबह-सुबह मौसी के घर पहुँच गया।

‘हाय मौसी.. मेरा कॉलेज बंद हो गया है अब मैं 15 दिनों तक यही रहूँगा।’
मौसी बोली- जितने दिन रहना है.. रह.. तेरा घर है.. मुझे क्यों बता रहा है.. लेकिन इस बार तुझे अनु के कमरे में रहना होगा.. क्योंकि तेरे मौसा की तबियत ठीक नहीं है.. इसलिए वो बिस्तर पर सोते हैं।
मौसी ने तो मेरे मन की बात बोल दी थी।

मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं अनु के कमरे में नीचे सो जाया करूँगा।
अनु बोली- हाँ.. मैं भी अपने कुछ डाउट भैया से क्लियर कर लिया करूँगी और मुझे पढ़ाई में कुछ हेल्प हो जाएगी।

फिर अनु अपनी दोस्त से मिलने उसके घर चली गई। मौसा जी तो पहले ही जा चुके थे। अब 2-3 घंटे के लिए मैं और मौसी अकेले थे।

मौसी नहाने चली गईं.. तो मैंने डोर लॉक किया और मौसी से कहा- मौसी एक मग पानी देना..
मौसी ने दरवाजा खोला.. तो मुझे नंगा देखकर डोर लॉक करने लगीं।

लेकिन तब तक मैं बाथरूम में घुस चुका था। ऐसा मैंने इसलिए किया कि मैं जानता था कि मौसी बिना नहाए मुझे अन्दर आने नहीं देंगी।

मौसी ने कहा- प्लीज़ हर्ष… बाद में कर लेना..
तो मैंने कहा- बाद में कब.. अभी घर में कोई नहीं है और कितने दिनों से मेरे लंड का पानी अन्दर ही सूख रहा है। मेरा लावा अपनी चूत में ले लो मौसी।
उन्होंने कहा- प्लीज़..

लेकिन मैंने उनकी एक नहीं सुनी। मैंने फव्वारा चला दिया और उन्हें नीचे बैठाकर उनके मुँह में अपना मूसल लंड पेलकर चोदने लगा।

वो चूस रही थीं.. करीब 10 मिनट के बाद मैंने उनके मुँह में अपना पानी छोड़ा और उन्हें पिला दिया। फिर हम नंगे ही नहा कर बाहर आए और मैंने उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और कहा- अब तुम्हारी चूत चोदूँगा।
वो बोलीं- प्लीज़ चूत में मत डालो..
तो मैंने कहा- तुम बार-बार मना क्यों कर रही हो?
वो बोलीं- क्योंकि मेरा पीरियड चल रहा है..

तभी मैंने कहा- तो क्या हुआ.. इसमें दिक्कत क्या है?
मौसी बोलीं- पीरियड में चुदाई नहीं की जाती है.. डॉक्टर मना करते हैं।
तो मैंने कहा- मैं धीरे-धीरे चोदूँगा और कन्डोम पहन लेता हूँ।

मैंने उनके लाख मना करने के बाद भी उन्हें पटककर अपना लंड एक ही धक्के में उनकी चूत के अन्दर पहुँचा दिया। वो दर्द से ऐसे चीखीं.. जैसे वो पहली चुदाई में भी नहीं चीखी होंगी।

‘हर्ष.. मैं मर गई.. आआहह.. बहाआअरर.. निकाल.. उई मम्मीईईईई मेर..री चूत फट गयईई..’
मेरी मौसी की आँखों से आँसू निकल रहे थे.. मैंने अपना लण्ड बाहर नहीं निकाला और एक ज़ोर का झटका लगा दिया। आधा लण्ड बुर की गहराई में चला गया।

‘अहह.. मैं मरीईई… फट गईईईई.. हरामी साले तूने मुझे चोददा… कुत्ते.. हरामी… रुक ज़ा.. बाहर निकाल..’
मैंने उनकी कोई बात नहीं सुनी और एक और ज़ोर का झटका मारा.. मैंने पूरा लंड सोनी मौसी की चूत में पेल दिया।
‘अहह मम्मी.. बचाओ.. सालेईई.. तूने आज फाड़ दी..ईईई.. ईईई मेरीईईई.. चूत का भोसड़ा बना दिया.. ऐसा दर्द तो मुझे मेरी सुहागरात को भी नहीं हुआ था.. बाहर निकाल इसे..ययई..’

मैंने कहा- चुप कर.. चुप.. अपनी चूत चुदने का मज़ा ले.. मौसी डार्लिंग..
मैंने इसी के साथ उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।

मुझे ऐसा लगा कि उनको इतना दर्द हो रहा था जैसे किसी ने उनकी बुर में चाकू घुसा दिया हो। वो लगातार रो रही थीं और मुझे लंड बाहर निकालने को कह रही थीं.. लेकिन मैं उन्हें चोदता रहा और 10 मिनट के बाद लंड निकाल कर उनके मुँह में झड़ गया।
वो रोए जा रही थीं।

एक घंटे बाद उन्हें कुछ आराम हुआ लेकिन उनकी तबियत खराब हो गई और वो दवा लेकर सो गईं, मैं भी आराम करने लगा।
मेरी नींद 2 घंटे बाद कॉलबेल की आवाज़ से टूटी, मैंने डोर खोला तो देखा तो अनु थी और वो बहुत खुश नज़र आ रही थी और बहुत चहक रही थी।
मैं समझ गया इसे अपनी सील तुड़वाने की जल्दी है।

वो सबसे पहले मौसी के कमरे में गई और देखा कि वो सो रही हैं तो उसकी आँखें चमक उठीं.. और वो ड्रेस चेंज करने चली गई।

मैंने देखा कि अनु ने बहुत ही ढीला स्कर्ट और टॉप पहन लिया और आकर मुझसे बोली- मैं सोने जा रही हूँ।
तो मैंने कहा- ठीक है जाओ.. मैं अभी कुछ देर पढ़ाई करूँगा।
मैं उसके बिस्तर के बगल में नीचे बैठकर पढ़ने लगा और अनु सोने लगी।

ठीक जैसा मैंने उससे कहा था.. ठीक वैसा ही उसने किया। करीब 15 मिनट के बाद उसने पैर को ऐसे मोड़ा कि उसकी स्कर्ट उसके घुटनों से बहुत ऊपर हो गई और उसकी पैन्टी मुझे साफ़ दिखने लगी।
मैं तो जानता था कि जैसा चैट करते समय मैंने उससे कहा था.. वो वैसा ही कर रही है।

तब मैंने भी 2-3 बार अनु को हाथ लगा कर आवाज़ दी.. लेकिन अनु सोई रही और हिली भी नहीं। मैं जानता था कि वो क्या चाहती है।

मैंने भी सीधा उसकी स्कर्ट को उसकी कमर तक चढ़ा दिया और उसकी पैन्टी पर हाथ रख दिया। अब मैं धीरे-धीरे उसे उतारने लगा.. और तब उसकी चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।

मैंने भी सीधा उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और चाटने लगा.. लेकिन अनु फिर भी सोई रही। मेरा प्लान पूरा काम कर रहा था।

कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत को खोला और दोनों हाथों से फैला कर उसकी चूत के अन्दर अपना जीभ घुसा कर चाटने लगा। मैं जानता था कि उत्तेजना के कारण वो ज्यादा देर नहीं टिकेगी और वही हुआ। उसने 10 मिनट में ही अपना पानी छोड़ दिया और मैं उसे पी गया।

मैं तो जानता था कि वो जाग रही है लेकिन उसे ये नहीं पता था कि ये सब मेरा ही प्लान है।

फिर मैंने उसके टॉप को ऊपर उठाया और ब्रा को ऊपर कर दिया। अब मैं मज़े से उसकी चूचियां चूसने लगा.. वो अन्दर ही अन्दर कसमसा रही थी।

दस मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाला और मुठ्ठ मारने लगा और अपने लंड का पानी उसकी चूचियों पर गिरा दिया.. साथ ही ब्रा और सारे कपड़े ठीक करके मैं सो गया।

मेरी इस कामरस से भरपूर कहानी को लेकर आपके मन में जो भी विचार आ रहे हों.. प्लीज़ ईमेल करके जरूर बताइएगा।
कहानी जारी है।
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