एक हिरोइन से मुलाकात

एक हिरोइन से मुलाकात

दोस्तो, चार साल के बाद एक बार मेरे साथ फिर से एक घटना हुई और इसे भी मैं आप सब के साथ बांटना चाहता हूँ। शायद आप लोगों को मेरी पहली घटना याद हो
आँखों का इलाज़

उस कहानी के बाद मुझे कई मेल आए और मैंने सब का जवाब भी दिया। एक-दो के साथ कुछ लम्बे समय तक मेल पर वार्तालाप भी हुआ।
चलो अब इस नई घटना की बात करते हैं।

अभी पिछले महीने की बात है, मैं बांगलादेश गया था। आज तक मैंने कभी भी किसी काल गर्ल या पैसे लेकर शारीरिक सिख देने वाली के साथ सम्बन्ध नहीं बनाया था। लेकिन बस एक दिली इच्छा थी कि मैं भी किसी हिरोइन के साथ एक बार तो हम-बिस्तर हो सकूँ। बस वो मौका इस बार मिल गया।

फ़्लाइट में मेरे साथ बंगाल की एक हिरोइन बैठी थी, बात करते-करते दोस्ती हो गई। फिर हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया वहाँ पहुँच कर एक दिन।

मैंने उसको होटल पर बुलाया, मैं उसके आने का इन्तज़ार करने लगा। वो 11 बजे पहुँची और होटल के बाहर से कॉल किया। मैं उसे लेने के लिये बाहर गया तो उसे देखता ही रह गया, उसने लाल हाफ स्लेक्स और ऑरेंज कलर का टॉप पहन कर आई थी। उसमें वो गज़ब की लग रही थी। मैं उसे लेकर होटल में ले कर आ गया।

कमरे आ कर हम लोगों ने बात शुरु की, तो बातों बातों में मुझे पता चल गया कि वह पैसे लेकर हर वो काम भी कर लेती है जिससे कोई भी मर्द खुश होता है।

यह जान कर मैं चौंक गया, फिर वो अपने आप ही मेरी असमंजसता को देखते हुए अपनी कहानी बताने लगी।

उसकी कहानी सुनने के साथ-साथ हम लोग बीयर भी पी रहे थे। तो जब तक उसकी कहानी खत्म हुई, हम एक-एक बीयर और दो दो सिगरेट पी चुके थे।

वो दिखने तो साँवले रंग की थी, पर उसकी चूची 36, कमर 27-28 और गान्ड 34 के आस-पास की थी। ना सही फ़िगर मैंने पूछी ना उसने बताई। उसकी ऊँचाई 5 फुट 4 इन्च है।
वो बोली- चलो अब थोड़ी मस्ती करते हैं !

और वो आकर बिल्कुल मुझ से चिपक कर मेरे पास पलंग पर लेट गई।
उसका ऐसा खुला व्यव्हार देख कर लण्ड खड़ा हो गया था। जब वो बिल्कुल ऐसे चिपक कर लेटी, तो बस फिर तो मेरा लन्ड फटने को तैयार हो गया।

लेटने के बाद पहले तो उसने मेरी तरफ मुँह किया और किस करने वाले अन्दाज़ में होंठ गोल कर दिए।
जब उसने होंठ गोल किए, तो मैंने भी देर ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए और मेरे हाथ उसकी चूची तक पहुँच गए। उसने कोइ विरोध नहीं किया, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसकी चूची को जोर से दबा दिया।

वो बस एक ‘आह’ भर कर रह गई क्योंकि उसके होंठ तो मेरे होंठों से बन्द थे।
लेकिन अगला पल मेरे लिये उछलने का था, उसने अपने सीधे हाथ से मेरा लन्ड पकड़ कर जोर से दबा दिया। इस बार मेरी ‘आह’ निकल गई।

इस पर वो होंठ छुड़ा कर बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- साली, इतनी जोर से दबा कर पूछ रही है कि क्या हुआ… रुक अभी बताता हूँ कि क्या हुआ…!
तो वो हँसने लगी और बोली- बता ना..!

मैंने जोर से उसकी दोनों चूचियाँ पकड़ कर दबा दीं पर वो तो मुझ से भी महान निकली बोली- आह ह ह ह… मजा आ गया।
फिर 5 मिनट तक हम ऐसे ही एक-दूसरे से खेलते रहे।
फिर वो बोली- चलो थोड़ा डान्स करते हैं।

मैंने अपने लैपटॉप पर हिन्दी गाने लगा दिए। उसने मुझे बताया था कि उसे हिन्दी गाने अच्छे लगते हैं। फिर हम डान्स करने लगे, डान्स करते-करते हम एक-दूसरे को चूम भी रहे थे और लिपटा-लिपटी भी चालू थी।
इस बीच मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी। उसकी चूची देख कर मैं तो बस पागल ही हो गया।

मैंने ब्लू-फिल्मों में देखा था कि लड़कियों की चूची तनी हुई होती हैं, पर असल जिन्दगी में मैंने इतनी बड़ी चूची इतनी तनी हुई नहीं देखी थी।
मैंने उससे कहा- चलो तुम डान्स करो, मैं तुम्हें देखता हूँ।
उसे थोड़ा सुरुर हो गया था, बोली- ठीक है..!

और वो नाचने लगी। मैं तो बस उसकी मस्त चूचियों को उछलते हुए देख रहा था।
फिर मैंने उससे कहा- अब अपनी ब्रा भी निकाल दो।

तो वो तो जैसे इस बात का इन्तज़ार ही कर रही थी। उसने एक पल में ब्रा भी निकाल दी। बस फिर तो मैं उसकी तनी हुई चूचियों को देख कर जैसे पागल हो गया। मैंने आव देखा न ताव बस उसे पकड़ कर उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को दबाने लगा।

उसकी निप्पल गोल बेर के बराबर थे, क्या मस्त मज़ा आ रहा था। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
पाँच मिनट चूची चूसने के बाद मैं अलग हुआ तो वो फिर से नाचने लगी और इस बार उसने अपनी स्लेक्स मेरी तरफ़ गान्ड कर के उतार दी।

अब वो केवल सफ़ेद रंग की चड्डी में थी। चड्डी भी क्या थी बस उसकी कमर की पट्टी नज़र आ रही थी, बाकी तो केवल एक धागा सा था, जो उसकी गान्ड में घुसा हुआ था।

जब वो घूमी तो सामने से केवल चूत तक एक झालर सी थी। फिर नाचते हुए ही उसने इसे भी निकाल दिया।

मैं अब तक पलंग के किनारे पर बैठा था। उसने मुझे धक्का दे कर पलंग पर लिटा दिया और मेरे भी कपड़े उतार दिए। कपड़े उतारते हुए जब वो नीचे जा रही थी, तो उसके होंठ मेरा बदन चूम रहे थे।
जैसे ही वो लन्ड के पास पहुँची, तो उसने सुपारे को मुँह में ले लिया और एक जोर का ‘चुप्पा’ लगा दिया।

फिर जब दोनों नंगे हो गए, तो वो मेरी टाँगों के बीच लेट कर मेरे लन्ड को जोर-जोर से चूसने लगी। मुझे एक बार तो लगा कि मेरा रस ये ऐसे ही निकाल देगी। लेकिन बस दो मिनट चूसने के बाद ही वो ऊपर आई और फिर से अपनी चूची मेरे मुँह में दे दी।

अब वो अपने आप ही अपनी चूची दबा-दबा कर मेरे मुँह में घुसाने लगी, जैसे वो पूरी चूची को मुँह में ही घुसा कर रुकेगी।
इसी के साथ अपने दूसरे हाथ से वो मेरे लन्ड को अपनी चूत पर रगड़ रही थी।

वो इतनी जल्दी गरम हो गई कि उसने तुरन्त एक निरोध निकाल कर मेरे लन्ड पर चढ़ा दिया और एक झटके के साथ मेरे लन्ड पर बैठ गई और उसकी और मेरी दोनों की ‘आह’ निकल गई, क्योंकि उसकी चूत में मेरा लन्ड फंसता हुआ सा गया था।

मैं यह महसूस करके थोड़ा चौंक सा गया था पर जब लन्ड अन्दर घुस गया तो वो फिर मेरे ऊपर झुक गई और मेरे सर को उठा कर अपनी चूचियों पर लगा दिया।
अब मैं भी उसकी चूचियों को चूसने लगा। कुछ ही देर में उसने धक्के लगाने शुरु कर दिए।
पांच मिनट धक्के लगाने के बाद वो बोली- अब तुम ऊपर आ कर मेरी चुदाई करो।

मैंने लौड़े को अन्दर ही रख कर एक पल्टी मारी और उसके ऊपर आ गया और फिर क्या था, मैंने अपनी रेलगाड़ी चालू कर दी। फिर तो बस कमरे में ‘उह आह’ की आवाज़ गूँजने लगी।
वो चिल्लाने लगी- आह आ… ह.. और जोर से..!

यह सुन कर मैं और जोर-जोर से लम्बे-लम्बे धक्के लगाने लगा। पूरा बाहर निकालता फिर एक झटके में पूरा अन्दर डाल देता लेकिन सुबह से रोक कर रखा ज्वालामुखी जल्द ही फूट पड़ा और मैं पांच मिनट में उसके अन्दर खाली हो गया।

डर तो था नहीं क्योंकि निरोध तो अपना काम कर ही रहा था।
फिर कुछ देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर जब सांस थोड़ी ठीक हुई, तो मैं उसके ऊपर से लुढ़क कर उसके साइड में लेट गया।
वो बोली- मजा आ गया मैं पिचाले एक माह से नहीं चुदी थी।

तब मुझे समझ आया कि उसकी चूत इतनी टाइट क्यों है।
वो कहने लगी- तुम बहुत अच्छा चोदते हो, मैं बहुत थक गई हूँ, चलो कुछ खा-पी लिया जाए।

हमने खाना का ऑर्डर दे दिया और बाथरुम में घुस गए।
जब तक हम तरो-ताज़ा हो कर बाहर आए, तब तक खाना भी आ गया था। हमने खाना खाया और फिर से एक बियर का दौर चला।

खाने-पीने के बाद हम फिर से तैयार हो गए, इस बार वो पहले बोली- चलो इस बार तुम शुरु करो।
उसने मेरे पास आकर अपनी चूची मेरे मुँह पर लगा दी। अब मैं एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को मलने लगा।

तो ‘आह..आह; करने लगी और बोली- और जोर से चूसो… खा जाओ… और जोर से मलो मेरी निप्पल..!

बस मैंने चूस और मसल कर उसकी दोनों निप्पल खड़ी कर दीं। उसके बाद वो एकदम से नीचे गई और फिर से मेरे खडे लन्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी। पाँच मिनट चूसने के बाद वो फिर से ऊपर आकर मुझे चोदने लगी।

इस बार कम से कम उसने 7-8 मिनट तक धक्के लगाए और अपनी चूची तो उसने लगभग पूरे समय मेरे मुँह में ही रखी।
फिर वो बोली- चलो अब तुम्हारी बारी।

इस बार पहले तो मैंने उसे पलंग पर लिटा कर चोदा, फिर मैं उसे उठा कर मेज़ पर ले गया और मेज़ पर लिटा कर थोड़ी देर चोदा फिर उठा कर पलंग पर उल्टा लिटा कर चोदा। इस बार मैं तो जल्द झड़ने वाला था नहीं, इसलिए उसे अलग-अलग अन्दाज़ में बहुत देर तक चोदता रहा।

शायद 15 मिनट हो गए होंगे तो वो बोलने लगी- अपना पानी निकाल दो, मेरा तो दो बार हो गया।
लेकिन मैं तो बस अलग-अलग तरीके से बस चोदता जा रहा था। फिर जब मैंने देखा कि वो बिल्कुल ढीली हो गई है, तो मैं थोड़ी देर रुक गया और उसे प्यार करने लगा।

जब वो फिर से थोड़ी तैयार हुई तो फिर से धक्के चालू, लेकिन उसकी हालत देख कर मैंने ज्यादा देर ना करते करते हुए पाँच मिनट में अपना पानी भी निकाल दिया।

उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में आधा घंटा लेटे रहे। फिर वो तैयार हो कर जाने लगी, तो मैंने उसे पैसे दिए तो वो बोली- तुमने मज़ा इतना दिया कि पैसे लेने का दिल तो नहीं है, लेकिन क्या करूँ… खर्चा भी चलाना है और आजकल मेरे पास कोई रोल भी नहीं है। इसलिये मैंने ये काम किया।
और वो मेरा धन्यवाद करने लगी।

फिर मैं उसे बाहर तक छोड़ने गया।
जाते समय वो बोली- अगली बार जब तुम आओ तो मुझे जरुर याद करना।
और वो चली गई।
तो दोस्तो, ये थी मेरी एक हिरोइन से पहली मुलाकात।
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