माँ बनी अंकल की रांड

माँ बनी अंकल की रांड

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम विकास हे और मेरी उम्र 19 साल हे. मैं दिल्ली की एक रिच फेमली से हूँ. और आज मैं अपनी लाइफ की एक सच्ची बात आप को बताने के लिए आया हूँ. पहले मैं आप को अपनी फेमली के बारे में बता दूँ. मेरी फेमली में 4 लोग हे; मैं, मेरी माँ, पिताजी, और मेरा भाई. मेरे पापा गवर्नमेंट जॉब करते हे और भाई ऑफिस में क्लर्क हे. मैं अभी कोलेज के पहले साल में पढ़ाई करता हूँ. मेरी मम्मी का नाम वासंती हे और उनकी उम्र 46 साल हे.

मम्मी की हाईट 5 फिट 6 इंच हे और उनका फिगर 36 32 38 हे और वो बहुत सेक्सी हे और हॉट भी. मम्मी अभी भी 40 साल से कम ही लगती हे. और हमेशा वो सलवार पहनती हे.

तो अब मैं सीधे चुदाई की कहानी पर आता हूँ. ये घटना आज से कुछ 4 महीने पहले की हे. हमारे पहचान के एक अंकल हे और उनका नाम नितिन हे. उनकी हाईट 5 फिट 9 इंच हे और वो मेरी माँ से एक साल बड़े हे. वो भी बहुत ही आमिर हे और उनका एक बड़ा बंगला हे. वो अक्सर हमारे घर आया करते थे. कभी कभी माँ उनके साथ उनकी कार में बाज़ार चली जाती थी. ये बात घर में सब को ही पता थी.

घर में कोई भी मेरी माँ के ऊपर कोई शक नहीं करता था. लेकिन मुझे माँ और अंकल के ऊपर शक होने लगा था. क्यूंकि माँ अब अंकल से ज्याफा बात करती थी और घुमने भी जाती थी. एक दिन मैं कोलेज से जल्दी घर आ गया तो मैंने देखा की अंकल की कार हमारे घर के बहार खड़ी थी. मैं अपने घर का गेट खोल के अन्दर आ गया. मेनडोर अंदर से लोक था. मैंने जा के साइड की खिड़की से देखा तो अंकल और माँ हंस हंस के बातें कर रहे थे. मैं समझ गया की वो लोग घर में बंद हो के काम कर लेते हे.

अगले ही दिन मैंने अपने घर की मेन डोर की डुप्लीकेट चाबी किसी को पता ना चले वैसे बनवा ली.

मेरा भाई अक्सर ऑफिस से छुट्टी ले के दोस्तों के साथ दिल्ली से बहार घुमने जाता था. एक बार जब भाई दिल्ली से बहार गया तभी डेड को कोई गवर्नमेंट के सर्वे के काम से कुछ दिन के लिए बहार जाना था.

अब घर में सिर्फ मैं और माँ थी. मेरा एक बेस्ट फ्रेंड हे उसका नाम प्रवीन हे. और वो मेरे साथ ही कोलेज में पढ़ाई करता हे. एक दिन सुबह 9 बजे मैं कोलेज चला गया. उस दिन मेरे दोस्त और मैंने पार्टी का प्रोग्राम बनाया था. मैं कोलेज से आके दोस्त के घर चला जाता था और माँ को पता था अगर मैं लेट हो जाता तो दोस्त के घर पर ही पूरी रात रुक जाता था.

माँ जानती थी की मैं अगर रात को 10 बजे आया तो ठीक नहीं तो वही रुक जाऊँगा. लेकिन उस रात बजे पार्टी ख़त्म हुई. और फिर मैं अपने घर पर आ गया. घर पहुँच कर देखा तो घर पर अंकल की कार खड़ी हे. मैं घर का गेट अपनी चाबी से खोल के अन्दर गया. मैंने पीछे के किचन वाले रस्ते से अपने कमरे में चला गया. वहां से मैं माँ और अंकल की बातें सुन सकता था और उन दोनों को देख भी सकता था.

उन दोनों को ऐसा ही था की मैं अपने दोस्त के घर पर हूँ. अंकल माँ को कह रहे थे वासंती तुम बहोत सुंदर हो. फिर थोड़ी देर में अंकल उठे और माँ का हाथ पकड़ा उन्होंने. वो उसे ले के रूम की तरफ बढे. रूम को अन्दर से लोक कर दिया दोनों ने अन्दर घुस के. मैंने उस रूम की खिड़की से अन्दर झाँका. देखा तो माँ और अंकल दोनों ही बेड के ऊपर बैठे हुए थे. और वो दोनों बातें कर रहे थे. अब अंकल ने अपने एक हाथ को माँ के कंधे के ऊपर रख दिया. फिर अंकल ने माँ का मुहं पकड़ के उसे किस कर दिया.

फिर उन्होंने माँ को बेड पर लिटा दिया और किस करते रहे. माँ अब उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी. शायद माँ को डर लग रहा था लेकिन अब अंकल कहा रुकने को थे. उनका लंड खड़ा था. उन्होंने माँ के दोनों हाथो को पकड़ा और वो अब एकदम हॉट किस कर रहे थे. माँ भी अंकल का पूरा साथ देने लगी थी. अंकल ने माँ के एक एक कर के सारे कपडे उतार दिए. अब माँ एकदम न्यूड थी अंकल के साथ. अंकल ने माँ के बूब्स दबाना चालू कर दिया. और साथ ही में वो निपल्स को भी चूस रहे थे. माँ अब पागल सी हो रही थी और उसके मुहं से जोर जोर से सिसकियाँ बहार आ रही थी.

अब अंकल खड़े हुए और माँ को उन्होंने घुटनों के ऊपर बैठने के लिए कहा. माँ बैठ गई और अंकल ने अपने सब कपडे खोल दिए. और उन्होंने अपना 7 इंच का मोटा और कडक लोडा बहार निकाला. अंकल ने लंड को माँ के पास रख के उसे चूसने के लिए कहा.

लेकिन माँ लंड को चूसने के लिए मन कर रही थी. पर अंकल ने माँ का मुहं पकड़ के लंड को मुहं में दे दिया और मुहं पकड़ के लंड को अन्दर बहार करने लगे. अब माँ लंड चूसने लगी थी. और अंकल माँ के बाल पकड़ के लंड चुसवा रहे थे. अब वो जोश में आ गए थे और माँ का मुहं पकड़ के जोर जोर से चुदाई करने लगे. लंड पूरा मुहं के अन्दर डाल के बाहर निकाल रहे थे. माँ को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही थी. फिर अंकल ने लंड बहार निकाल के माँ को बिस्तर के ऊपर लिटा दिया. लंड माँ की चूत पे रखा उन्होंने. और फिर अन्दर डाल के जोर से धक्का लगा दिया. पूरा लंड माँ की चिकनी चूत में घुस गया!

अब वो माँ की चुदाई करने लगे. अब वो माँ के हाथो को पकड़ के जोर जोर से धक्के मारने लगे. माँ के मुहं से अह्ह्ह अह्ह्ह्हो ओह ओह धीरे करो दर्द हो रहा हे, अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह मर गई की आवाजें आ रही थी. अंकल माँ की कोई बात नहीं सुन रहे थे. और बस वो तो जोर जोर से धक्के मार के उसे चोद रहे थे.

थोड़ी देर में अंकल ने माँ को था के उल्टा कर दिया. और फिर गांड में एक ऊँगली डाली. माँ चीख पड़ी और मना करने लगी की मैंने गांड कभी नहीं मरवाई हे. ये बात सुन के अंकल को और भी जोश चढ़ा वर्जिन गांड पेलने के लिए. और अंकल ने अपना लंड माँ की गांड में जबरदस्ती से डाल दिया. मेरी माँ की गांड बहुत टाईट थी. अंकल ने धक्के लगाने चालू कर दिए. माँ चिल्लाने लगी अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह उईई मर गई अआआह्ह्ह्ह बाप रे बहुत गर्म लग रहा हे. मेरी चमड़ी जल और छिल रही हे, अह्ह्ह्ह बाप रे बाप!

माँ की चीखों का अंकल के ऊपर जरा भी असर नहीं हुआ. वो तो वही मस्ती से उसकी गांड को चोदते रहे. फिर अंकल खड़े हुए और माँ को भी घुटनों के ऊपर बिठा दिया. माँ के मुहं में लंड डाल के उसे चुसाने लगे. कुछ ही देर में अंकल का गाढ़ा मलाई के जैसा वीर्य मेरी माँ के होंठो के ऊपर आ निकला!

माँ बनी अंकल की रांड

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माँ बनी अंकल की रांड