माँ का यौबन का प्यास

माँ का यौबन का प्यास

मैं अपने दोस्तों से ब्लू फिल्मों की सीडी लाकर घर पर देखता था। मेरा हाल बहुत बुरा होता था। लण्ड को बार बार मसलता रहता था। मेरा लंड दर्द करने लगता था। मन करता था की किसी को पकड़कर अपना लंड घुसेड़ दूँ। पर क्या करता….. मेरी माँ को पापा ने शादी के दो साल बाद ही तलाक दे दिया था तो आप समझ सकते हैं कि माँ की हालत क्या होती होगी जब पापा से 18 साल से नहीं चुदी। मेरी माँ के साथ अच्छी बनती थी, मैं काम में उनकी मदद भी कर दिया करता था। मैं माँ के कमरे में सोता था, सब कुछ सामान्य था। मैं माँ के साथ मस्ती भी बहुत करता था लेकिन कभी उन्हें वासना भरी नज़र से नहीं देखा था। मेरी माँ बिलकुल मेरी दोस्त जैसी थी।जैसे-जैसे मुझे सेक्स के बारे में पता चलता गया मेरी नज़र बदलती गई और मेरी नीयत बदलती गई। अब मैं माँ के बारे में सोच-सोच कर मुठ मारने लगा और मन में उन्हें चोदने की इच्छा जागी। जिस दिन मैंने कोई ब्ल्यू फिल्म देखी हो उस रात मुझे नींद ही नहीं आती, पूरी रात माँ को देखने में ही निकल जाती, कभी उनकी नाईटी ऊपर सरक आती और उनकी गोरी जांघ दिखाई देती तो कभी उनके स्तनों की झलक मिलती। नाईट लेम्प की रोशनी में ही मजे लेने पड़ते थे। कई बार सोचा कि उनके स्तन दबाऊँ, गोरी जांघ पर हाथ फेरूँ, पर डर लगता था। समय बीतता गया और धीरे-धीरे अब मैं सेक्सी किताबें और ब्ल्यू फिल्म की सीडी और कैसेट घर पर ही लाने लगा और जब भी मौका मिलता, छुप-छुप कर पढ़ता और फिल्म देखता था। जब भी मौका मिलता, मैं उनके गुप्त अंगों को देखने की कोशिश करता और मस्ती-मस्ती में उन्हें छू भी लेता था। माँ भी इसका कोइ विरोध नहीं करती थी, शायद उन्हें भी आनन्द आता था। एक बार मैं अपने दोस्त से ब्लू फिल्म की सीडी लाया और घर में छुपा दी। मेरे घर में सिर्फ मैं और मेरी माँ रहते थे। मैंने सोचा कि जब मौका मिलेगा तब देख लूँगा।अगले दिन मैं कॉलेज़ से लौटा, माँ ने कहा- चलो जल्दी से कपड़े बदल ले, मैं खाना लगाती हूँ ! और वो रसोई में चली गई। मैंने कपड़े बदले और खाना खाना खाने बैठ गया। उसके बाद मैंने सोचा कि ब्लू फिल्म को अपने कंप्यूटर में डाल लेता हूँ। और मैं वो सीडी लेने कमरे में गया। वहाँ जाकर देखा तो सीडी वहाँ से गायब था। मैं एकदम चिन्ता में पड़ गया। एक तो सीडी दूसरे की और कहीं माँ के हाथ में आ गया तो ! मेरी चिन्ता मेरे चेहरे पर साफ नज़र आ रही थी और माँ जिस तरह मुझे घूर रही थी वो देख कर मुझे लग रहा था कि वो सीडी उनके हाथ लग गई है। माँ ने कहा- तुम क्या ढूंढ रहे हो? मैं कुछ मदद करूँ तुम्हारी? मैंने कहा- कुछ नहीं माँ, एक सीडी थी मूवी की। वही ढूंढ रहा हूँ ! तो माँ ने पूछा- कौन सी सीडी? किस फिल्म की थी? मैंने कहा- पता नहीं पर किसी नई फिल्म की थी। दोस्त ने दी थी, अब मिल नहीं रही है। फिर माँ मेरे पास आई और मुस्कुराते हुये कहा- इतना परेशान मत हो, मिल जायेगी ! चल सब सामान वापस रख दे अभी ! इतना बोल वो वहाँ से चली गई और अपने काम में लग गई। माँ की बातें सुनकर मुझे थोड़ा डर भी लगा और कहीं थोड़ी खुशी भी हो रही थी, खुशी इस बात की कि अगर माँ ने वो वीडियो देख ली है और मुझसे नाराज़ नहीं हैं तो मेरा उन्हें चोदने का सपना सच हो सकता है। लेकिन मुझे लग रहा था कि माँ ने वो सीडी नहीं देखी होगी। शाम को माँ ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया। हम दोनों आमने सामने बैठे थे। माँ मुझे घूरने लगी। और बीच बीच में मुस्करा भी देती। मैंने पूछा- क्या देख रही हो? तो बोली- देख रही हूँ कि मेरा बेटा बड़ा हो रहा है। मैं शरमा गया। माँ मेरे पास आई और बोली- बेटा, माँ से क्या शर्माता है ! और मेरे लंड को दबाने लगी। मैंने कहा- माँ, आप क्या कर रही हो? माँ बोली- मैंने तेरी वो फिल्म कल ही देख ली है, मुझसे कुछ मत छुपा ! मेरे पास कोई जवाब नहीं था, उन्होंने एक सेक्सी मुस्कान देते हुए कहा- घबरा मत ! मुझे सब पता है। मैंने उनका हाथ अपने लंड से दूर हटा दिया। वो बोली- क्या हुआ? अच्छा नहीं लग रहा? मैंने कहा- अच्छा तो बहुत लग रहा है पर आप मेरी माँ हो ! वो हँसते हुए बोली- एक दिन के लिए भूल जा कि मैं तेरी माँ हूँ। मुझमें भी अब जोश आ गया। मैं माँ को गोद में उठ कर अपने कमरे में ले गया। मैं बार बार उनके वक्ष सहला रहा था। मेरे सहलाने से वो पागल होती जा रही थी। मैं दोनों हाथों से उनके सख्त स्तन मसलने लगा। इससे माँ एकदम मदहोश होती जा रही थी और मेरा लंड भी अंडरवीयर फाड़ रहा था। फिर माँ ने मेरे लंड पर हाथ रखा और पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, उनके स्पर्श से मेरे पूरे शरीर में मानो एक करन्ट सा लगा, किसी ने पहली बार मेरे लंड को छुआ था और मैंने उनके स्तनों को पूरे जोर से निचोड़ दिया जिससे उनकी चीख निकल पड़ी- अ आअ आह। हम दोनों पूरे जोश में थे, सब कुछ भूल चुके थे कि हम कहाँ हैं, हमारा रिश्ता क्या है और समय क्या हुआ है। मैं उनके वक्ष को सहलाते-सहलाते उन्हें चूमने लगा, उनके गोरे गालों पर, गले पर हर जगह ! माँ भी मेरा पूरी तरह साथ दे रही थी, वो भी मुझे चूमने लगी। उनके मुँह से निरंतर सिसकियाँ निकल रही थी- ओह.। अह। हुम्म..। आह ! फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे शरीर को दबोचने लगा। माँ भी पूरे जोश में थी और मेरे बालों में तो कभी मेरे हाथों को सहलाती। अब माँ चुदने के लिये बिल्कुल तैयार हो चुकी थी। माँ का हाथ मेरे लंड पर घूमने लगा। उनकी इस हरकत को देख मैंने उन्हें अपने ऊपर खींच लिया, अपनी बाहों में समेट लिया और उनकी चूचियाँ दबाता, चूमता तो कभी उनकी ग़ाण्ड पर हाथ फेर उसे दबाता। हम दोनों फिर पूरे जोश में आ रहे थे। माँ फिर सिसकियाँ भर रही थी- ओह्ह अह्हा उफ्फ्फ ईई ! फिर मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिये और चूमने लगा। उनकी जीभ मेरे मुँह में घूमने लगी और उनके हाथ मेरे बालों में ! मैंने उनकी नाईटी निकलनी शुरु की, सारे बटन खोल दिये और नाईटी निकाल फेंकी। अब उनका हाथ मेरे अन्डरवीयर में था। बड़े प्यार से मेरा लंड सहला रही थी चाची ! दोनों पूरी तरह एक दूसरे में खोये हुए थे। फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार फेंकी। जैसे ही मैंने माँ के बदन को देखा, मेरे होश उड़ गये, गोरा बदन, सेक्सी फिगर, गोरे गोरे कसे हुए स्तन और खड़े चुचूक ! माँ की शादी को भले ही बीस साल हो गये थे पर उन बीस सालों में वो बहुत कम चुदी थी, इस वजह से उनका फिगर कुंवारी लड़की से कम नहीं था।उनका फिगर 36-28-38 होगा। माँ बिस्तर पर सिर्फ पैंटी में लेटी थी, मैं माँ के ऊपर आ गया और उनके गोरे बदन से खेलने लगा। कभी स्तन चूसता तो कभी तो कभी उनके पूरे बदन को चूमता। फिर मैंने उनकी पैंटी में हाथ डाला, एक दम चिकनी और सफ़ाचट थी। मैंने अपनी उंगली निशाने पर रख दी और धीरे से अंदर की और धकेला। माँ तो जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गई थी, उनकी निरंतर सिसकियाँ निकल रही थी- ओह्ह अह्हा उफ्फ्फ मूह्ह्ह मेरी उंगली अंदर जाने लगी और उनकी सिसकियाँ भी तेज़ होने लगी- अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्हा उनकी चूत एक दम गीली थी, मेरी उंगली अंदर-बाहर होने लगी। तभी माँ ने मुझे कस कर अपनी बाहों में पकड़ लिया और कहा- प्लीज़, मुझे और मत तड़फ़ाओ, जल्दी से मेरी प्यास बुझाओ ! मैंने कहा- अब आप कभी प्यासी नहीं रहोगी ! मैं आपको कभी भी प्यासा नहीं रहने दूंगा ! और मैंने उनकी पैटी उतार दी, अब मस्त कसी चूत मेरे सामने थी। अब हम दोनों निर्वस्त्र एक दूसरे से लिपटे हुए थे। मेरी उंगली उनकी चूत में और उनके चुचूक मेरे मुँह में और मेरा लंड उनके हाथ में ! उनकी सिसकियाँ और तेज़ होती जा रही थी- अह्ह्ह् आह्ह्ह्ह ओह ऊऊफ् फिर मैंने माँ से कहा- मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चख तो लो ! और लंड उनके मुँह में रख दिया और वो बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी। अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, मैंने उनके बालों में हाथ डाला और पकड़ कर उनका मुँह मेरे लंड की ओर खींचने लगा। फिर मैंने उनके वक्ष को चोदना शुरु किया। दोनों हाथों से दोनों स्तनों को पकड़ा और अपना लंड बीच में डाल कर चोदने लगा। मैंने कई फिल्में देखी थी इसलिये थ्योरी तो पूरी आती थी आज प्रेक्टिकल करना था सो पूरा मजा ले रहा था। और इधर माँ का बुरा हाल था- आआह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह मह्ह्ह्ह अहाआअ फिर मैंने उनकी दोनों टांगें फैलाई और बीच में आ गया। मैंने माँ से पूछा- अगर मेरा वीर्य चूत में चला गया तो क्या होगा? माँ ने हँसते हुए कहा कि उनका ऑपरेशन हो चुका है और वो अब गर्भवती नहीं हो सकती। मैंने अपना लंड उनकी रसीली चूत पर रख दिया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा।उनकी सिसकियाँ और बढ़ गई- आआह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह् ओफ्फ्फ्फ उम्म्म अह्ह्ह्हअ उनकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड हर धक्के के साथ अंदर समाता जा रहा था, थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड अंदर समा गया। फिर मैं थोड़ी देर उनसे लिपट कर यों ही पड़ा रहा और उनकी चूचियों से खेलता रहा। माँ ने मुझे कस कर पकड़ रखा था, फिर मैंने धीरे धीरे चोदना शुरु किया, दोनों टाँगों को पकड़ा और अपनी स्पीड तेज़ की। माँ सातवें आसमान में थी और पूरे जोश में भी ! और लगातार सिसकियाँ भर रही थी। मेरी गति तेज़ होती जा रही थी और माँ की सिसकियाँ भी ! अब माँ ने मुझे अपनी बाहों में कस कर जकड़ लिया पर मेरी चोदने के रफ्तार बढ़ती ही गई और कुछ ही समय में मैं झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया। उस दिन मैंने माँ को दो बार चोदा और रोज़ दिन में और रात में जब भी मन करे तब चोदता।

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माँ का यौबन का प्यास