मेरी गर्लफ्रेंड को पसंद है रफ सेक्स

मेरी गर्लफ्रेंड को पसंद है रफ सेक्स

यह हिंदी पोर्न स्टोरी तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के तीसरे साल में था. पहले मैं अपने बारे में बता दूं, मेरी हाइट 5’6″ है और मेरे लंड का साइज़ का 6 इंच का है. मुझे स्कूल टाइम से ही चुदाई करने का बहुत मन करता था. मैं उसी वक्त से मुठ मारने लगा था. कभी क्लास की लड़कियों का सोच कर कभी क्लास की टीचर्स का सोच कर लंड हिलाता रहता था, पर कभी सेक्स करने का या किसी को सेक्स के लिए पटाने की हिम्मत नहीं हो सकी.

खैर ये तो रही पुरानी बातें, पर ये बात आज की है अब मैं 21 साल का हो गया हूँ और अब अपने लंड की आग को संभालना मेरे लिए और भी मुश्किल हो गया है. इसीलिए मैं हमेशा लड़कियों को सेक्स की नज़र से देखता हूँ और ऊपर वाले से दुआ करता था कि बस एक गर्लफ्रेंड बनवा दे, ताकि पूरी रात उसकी बुर और गांड चोद सकूं.

आख़िर मालिक ने मेरी सुन ली और मेरे मोहल्ले की ही एक लड़की मुझसे पट गई. वो देखने में बहुत खूबसूरत थी बस उसके चूचे ही बहुत छोटे थे. उसका साइज़ 30-26-32 का था.

पहले तो कहानी प्यार और मोहब्बत से शुरू हुई और धीरे धीरे 4-5 हफ्तों में चूमा चाटी का सिलसिला शुरू हो गया.

हम अक्सर सुनसान जगह में मिलते और खूब चूमा चाटी करते थे. पर आख़िर कब तक करते ये सब… मुझे अपने लंड को संभालना बहुत मुश्किल हो गया था.

फिर मैंने एक प्लान बनाया कि कैसे उसकी बुर फाड़ दूँ, क्योंकि मुझे पता था कि वो अभी तक कुँवारी है. जब भी मैं उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर को सहलाता था और उंगली घुसेड़ने की कोशिश करता था, वो कसमसा कर रह जाती थी. इससे मुझे लगता था कि ये अभी अनछुई कली है.

एक दिन मैंने उसे अपने घर बुलाया. हम एक ही सोसाइटी में रहते थे तो ये हमारे लिए ज़्यादा मुश्किल नहीं था. दुर्गा पूजा के टाइम मैंने उसे रूम पर आने को मना लिया क्योंकि उस हर कोई मस्ती में खोया रहता है और कोई रोक टोक और समय की पाबंदगी नहीं होती है.

वो ठीक 1 बजे वो मेरे रूम पर आ गई. उसके आते ही मैंने उसे अपने बांहों में पकड़ लिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हम करीब 15 मिनट तक चूमा चाटी ही करते रहे और मेरा लंड और उसकी चुत.. कामरस छोड़ते रहे.

फिर मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसे पीछे से पकड़ कर उसकी चुचियां दबाने लगा. इसी अवस्था में मैं अपने लंड को उसकी गांड में रगड़ने लगा. ये सब हम कपड़े पहने हुए ही कर रहे थे.

कुछ समय बाद जब उसकी सिसकारियां तेज़ होने लगीं, तब मैं अपना हाथ उसकी लैगीज में घुसा कर उसके पेंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को रगड़ने लगा. उसकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी.

मुझे थोड़ा अजीब लगा, पर उस समय मुझे चुदाई के अलावा कुछ और दिखाई ही नहीं दे रहा था. आज मैं उसे अच्छे से गर्म कर देना चाहता था क्योंकि मैंने ये पढ़ा था कि अगर पहली बार चुदाई कर रहे हैं तो पार्ट्नर को अच्छे से गर्म कर देना चाहिए ताकि सेक्स का मजा सजा में ना बदल जाए.

दस मिनट उसकी छूट रगड़ने के बाद मैं उसके टॉप में हाथ डाल कर उसकी मक्खन जैसी नर्म चुचियों को दबाने लगा. वैसे मैं उसकी चुचियां पहले भी दबा चुका हूँ पर आज जो मजा उसकी चुचियां दे रही थीं, वो मजा इससे पहले कभी नहीं मिला था.

मैंने उसकी चुचियां दबाते दबाते उसके टॉप को और उसकी ब्रा को दोनों ही उतार दिया और अब वो ऊपर से पूरी तरह नंगी हो चुकी थी.

पहले तो उसने अपने मम्मों को अपने हाथ से छुपा लिया, पर फिर मुझसे नज़रें मिलते ही उसने अपने हाथ मेरे कंधों पर रख दिए और अपने मम्मों को खुद मेरे मुँह में सटा दिया. मैं उसकी चुचियां चूसने लगा.

उसकी चुची मैं पहली बार चूस रहा था इसलिए मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं 15 मिनट तक उसकी दोनों चुचियों को चूसता ही रहा.

फिर उसने खुद ही बोला कि सिर्फ मुझे नंगा करोगे, अपना कुछ नहीं दिखाओगे?

उसके इतना कहते ही मैंने भी अपनी टी-शर्ट खोल दी और उसकी लैगीज को उसके पैरों से निकाल दिया. अब मैं खुद घुटने के बल बैठ कर उसकी बुर को सूंघने लगा.

क्या गज़ब की खुशबू आ रही थी. मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और अपना मुँह उसकी बुर में सटा कर पेंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को चूसने लगा. चूसने क्या लगा.. यूं मानिए कि उसकी बुर को खाने लगा. उसने भी मस्ती में अपनी बुर मेरे मुँह से लगा रखी थी और गांड उचका कर बुर का मजा ले रही थी.

फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी और अब वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी. उसका जिस्म बहुत ही गोरा था, पर उसकी बुर थोड़ी सांवली थी.

जब मैंने उसकी बुर की फांकों को खोला तो अन्दर एकदम गुलाबी गुलाबी रंगत देखकर मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और अपनी पूरी जीभ उसकी बुर में घुसा दी.

मेरे बुर चूसने पर उसके मुँह से बहुत ही मादक आवाज़ निकल रही थी, वो अपने मम्मों को दबा रही ही और साथ में मेरे सर को अपनी बुर में ऐसे घुसाए जा रही थी, मानो आज वो मेरा पूरा सर अपनी बुर में घुसा लेना चाहती हो.

अभी 5 मिनट ही हुए होंगे कि उसकी बुर से सफेद सफेद सा पानी निकालने लगा, मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था, मैं तो वो रस पूरा चाट गया.

इसके बाद वो थोड़ी सी रिलॅक्स हुई और उसने मुझे बहुत प्यार से मुझे देखा. एक लंबा सा चुंबन मुझे दिया.. और अपनी पेंटी से मेरे होंठ साफ कर दिए.

मुझे उसकी ये अदा बहुत भा गई और मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लोवर के ऊपर से ही रख दिया. वो एकदम सहम गई. मेरा लंड लंबाई में 6 इंच का ही है, मगर मेरे लंड की मोटाई बहुत ज़्यादा है.. ख़ासकर मेरे लंड का टोपा बहुत मोटा है मशरूम जैसा.

उसने मेरा लंड पहले भी पकड़ा था पर हमेशा चड्डी के ऊपर से, आज पहली बार इस तरह से छुआ था. आज मैं सिर्फ लोवर में था, मैंने अन्दर जांघिया नहीं पहना था.

कुछ देर लोवर के ऊपर से लंड को छूने के बाद मैंने अपन लोवर भी नीचे उतार दिया और अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे.

उसने मुझे लेटाया और मेरे ऊपर आ गई. फिर उसने अपना काम करना शुरू किया पहले उसने मेरे सीने पर किस किया फिर पेट पर और फिर मेरे लंड की जड़ के पास किस करने लगी. फिर अचानक वो एक बार मेरे होंठ के पास आई और मेरे होंठों पर किस करके उसने सीधे मेरे लंड को पकड़ कर सुपारा अपने मुँह में भर लिया.

मुझे तो ऐसा लगा जैसे मैं किसी जन्नत में पहुँच गया होऊं. अभी उसने सिर्फ सुपारा ही मुँह में लिया था और मेरा ये हाल था. मुझे लगा कि अगर इसने पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया तो मेरा तो मूत ही निकल जाएगा. पर ऐसा हुआ नहीं, उसको लंड का सुपारा ही मुँह में अच्छे से नहीं लिया जा रहा था तो बेचारी पूरा लंड कहाँ से ले पाती.

फिर भी उसने 2-3 इंच लंड अपने मुँह में भर लिया था और पूरा उसे चूस रही थी मानो जैसे कोई अमृत से भरा गन्ना हो. मेरे सारे दोस्त कहते थे कि मुँह में लंड जाते ही 2 मिनट में मुठ निकल जाता है. पर मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. वो मेरे लंड 10 मिनट तक चूसती रही. मेरा लंड सिर्फ फूलता गया, पर मुठ नहीं निकला.

फिर 10 मिनट के बाद मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और उसके कान में कहा- अब हम दोनों एक होने वाले हैं, थोड़ा सा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना.
तो उसने हां में सर हिला दिया.

उसके बाद मैं फिर से उसकी जाँघों के बीच में गया और उसकी बुर को चाटने लगा और काटने लगा. उसकी बुर के दाने को मसलने लगा और जीभ से उसकी बुर चोदने लगा.
एक मिनट के बाद उसने कहा- बस करो और अब डाल भी दो..

मैं तो बस यही सुनना चाहता था और मैं समझ भी गया कि अब ये पूरी तरह से गर्म हो चुकी है. ये आज आई भी इसीलिए थी कि मैं चुदाई करना चाहता था. मुझे पता था कि मेरा लंड अन्दर जाने में उसे बहुत दर्द होगा क्योंकि मेरे लंड का आगे का हिस्सा थोड़ा ज़्यादा मोटा है.

खैर मैंने ढेर सारा थूक उसकी बुर पर लगाया और उसके मम्मों के ऊपर लंड लाकर कहा- मेरे लंड को अपने थूक से भर दो.
उसने भी वैसे किया वो मेरा लंड चूसने लगी और ढेर सारा थूक मेरे लंड पर लगा दिया.

फिर मैं वापस उसके पैरों के बीच में आ गया. अपने हाथ से उसकी बुर के छेद को खोला और अपने लंड को उसके छेद पर सैट कर दिया.

मैं एक बार में ही अपना सुपारा डालना चाहता था और ये जानता था कि इससे इसे बहुत दर्द होगा. इसलिए मैं पहले से रेडी रहना चाहता था ताकि उसकी चीख न निकले. मैंने अपने लंड को उसकी बुर पर सैट करने के बाद उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को खोल कर अपनी और उसकी जीभ को लॉक कर लिया ताकि उसकी चीख ना निकले.

फिर मैंने अपने लंड को उसकी बुर पर थोड़ा सा रगड़ा और साँस खींच कर एक बार में ही अपना सुपारा उसकी बुर में फंसा दिया. वो बुरी तरह से तड़पने लगी और मुझे पीछे धकलने लगी और उसने मेरे होंठ भी काट लिए, पर ना ही मैंने उसके होंठ चूसना छोड़ा और ना ही अपनी पकड़ ढीली की, क्योंकि मुझे पता था कि अभी सिर्फ सुपारा ही अन्दर गया है.

मैंने 10 सेकेंड रुक कर एक और धक्का दिया मुझे तो ऐसा लगा मानो मेरी जान निकल जाएगी. लंड के रास्ते इतना ज़्यादा मजा मुझे कभी नहीं आया था इतना उस समय दूसरे धक्के में आया क्योंकि पहले धक्के में मुझे भी बहुत दर्द हुआ था. उसकी आँख एकदम लाल हो गई और वो बहुत गिड़गिड़ाते हुए आँखों से मुझे अलग होने के लिए कहने लगी. पर मैं कहाँ मानने वाला था और मैं एक और धक्का लगा दिया.

इस बार मेरा पूरा लंड बुर में गायब हो गया. इस धक्के के बाद उसने मुझे गाल पर बहुत ज़ोर से थप्पड़ मारा, मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने ना आओ देखा ना ताव.. और फिर से अपना लंड निकाल कर एक बार में ही उसकी बुर में पूरा अन्दर पेल दिया.

वो कराह कर रह गई. पर मुझे उसे ये दर्द देकर बहुत अच्छा लगा. उसके बाद मैं बिना रुके धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा. दो मिनट बाद मैंने देखा कि अब उसकी पकड़ मेरी पीठ पर ढीली हो रही है, इससे मैं समझ गया कि अब उसे दर्द नहीं हो रहा है.

मैंने अपना लंड उसकी बुर से निकाला तो देखा कि उसकी बुर से थोड़ा सा खून निकला था, जो मेरे लंड पर भी लग गया था. मैंने एक रुमाल से उसकी बुर साफ की और फिर दोबारा से उसकी बुर को चूसने लगा. मैं इस तरह उसकी बुर में जीभ डाल रहा था. मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा था.

ये सब मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर कर रहा था.. कुछ देर बाद ही उसने फिर से मेरा सर पकड़ा और मेरे सर को अपने बुर में दबाने लगी.

मैं समझ गया कि अब ये रेडी हो चुकी और मुझसे गुस्सा नहीं है. मैं वापस से उसके ऊपर आया और अपने लंड को वापस से एक झटके में ही पूरा अन्दरपेल दिया. इससे उसे फिर से बहुत दर्द हुआ और उसने मुझे फिर से एक थप्पड़ मारा. इस बार के थप्पड़ उसके नाख़ून से ज़्यादा लगा और मेरा होंठ छिल गया. मुझे बहुत गुस्सा और मैंने उसके दोनों पैरों को उठा कर पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर उसे चोदने लगा.

ऐसा मैंने 15-20 बार किया और फिर उसने मुझे बोला कि वो झड़ने वाली है. मैं समझ गया कि वो क्या चाहती थी. मैं वापस उसकी बुर को चूसने लगा और मैंने इतनी ज़ोर से चूसा कि इस बार उसकी मुठ का सफेद पानी नहीं.. बल्कि पतला पानी बहकर बहने लगा. मैं पूरा का पूरा उसे पी गया, मुझे एक अजीब सी मदहोशी आने लगी और मेरा लंड और तन गया.

उसने फिर मुझे अपने ऊपर बुलाया और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपने बुर में घुसवा लिया और फिर मुझे थप्पड़ मारने लगी. मैं समझ गया कि इसे रफ सेक्स ज्यादा पसंद है. मैं फिर उसकी बुर में ताबड़तोड़ लंड डालने लगा. इस बार मैं दस मिनट तक रुक रुक कर उसे चोदता रहा. मैंने एक बार भी अपने लंड को उसकी बुर से बाहर नहीं निकाला. मुझे लगा कि अब कुछ धक्कों में मेरे लंड का रस भी निकल जाएगा.

मैंने पूछा कि तुम्हारा कितना बाकी है?
उसने बोला कि मैं तो दोबारा भी झड़ चुकी हूँ, तुम इतने दमदार तरीके से चोद रहे थे कि मैंने तुम्हें बीच में नहीं रोका.

ये सुन कर मेरे अन्दर बहुत जोश आ गया और मैं फिर से उसकी बुर में अपना लंड पूरे स्पीड में पेलने लगा.
करीब 15 धक्कों के बाद मैंने बोला- अन्दर डाल दूं?
उसने मना कर दिया, तो मैं बोला कि अगर अन्दर नहीं डलवाओगी तो फिर मुँह में लेना पड़ेगा.

वो मान गई, मैं तुरंत उसकी चुचियों के ऊपर बैठ गया और अपना लंड उसके मुँह डाल कर उसके मुँह को चोदने लगा. वो भी अन्दर मेरे लंड पर पर जीभ नचा रही थी और फिर 5-10 झटकों में मैंने सारा का सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया. वो तब तक मेरा लंड चूसती रही जब तक कि मेरे लंड से मुठ का एक एक बूंद भी ना निकल गया. वो सारा सारा का वीर्य पी गई.

हम दोनों पसीने से पूरे तरह नहा चुके थे. उसने मुझे अपनी बगल में लेटने का इशारा किया और फिर मेरी छाती पर अपना सर रख कर मेरे लंड को सहलाने लगी, मुझसे बोली कि मैं पूरी लाइफ तुम्हें ऐसे ही मजा देना चाहती हूँ.. तुम प्लीज़ मुझे कभी छोड़ कर मत जाना.

उसकी ये बात मेरा दिल छू गई और मैं इसीलिए मैं आज भी उसे उसी दिन की तरह चोदता हूँ. आज मैं 25 का हो गया हूँ और शायद ही ऐसी कोई रात होती होगी, जब मैं उसकी चुदाई नहीं करता होऊंगा, ऐसा इसलिए क्योंकि अभी 6 महीने पहले ही हमारी शादी हो गई है और अब हम और भी ज़्यादा गंदे तरीकों से चुदाई का मजा लेते हैं. सुहागरात में उसने मुझे अपनी गांड तोहफे में दी, पर उस रात की चुदाई फिर कभी बताऊंगा. तब तक के लिए आप लोगों से विदा चाहता हूँ.

मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा कि मेरी हिंदी पोर्न स्टोरी कैसी लगी.
आपका पृथ्वी.
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