पड़ोसी की बेटी की चूत चोदी

पड़ोसी की बेटी की चूत चोदी

दोस्तों में आज पहली बार अपनी Kahani लिख रहा हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी आज से एक साल पुरानी है. उस वक़्त में 19 साल का था और मेरे लंड साईज़ 7 इंच है. जिसे मैंने चोदा वो लड़की 18 साल की थी और उसके बूब्स का साईज़ करीब 24-26-28 था. उसकी कमर बिल्कुल पतली एकदम सेक्सी थी और उन दिनों में हमने अपना घर बदल लिया था और हमारे नये घर के पड़ोस में एक फैमली रहती थी, जिनमें मम्मी, पापा, और उनकी दो बेटियाँ रहती थी और उनकी बड़ी लड़की का नाम कुसुम था.

दोस्तों जैसा उसका नाम वैसी वो खुद भी थी. वो दिखने में बहुत सुंदर, उसकी पतली कमर, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल, एकदम गोरा गदराया हुआ बदन, खिले गुलाब की तरह नाजुक गुलाबी होंठ, वो मुझे अक्सर घूरती रहती थी और में भी उससे कभी कभी बात कर लिया करता था. वैसे वो दिखने में बहुत सेक्सी लगी थी. उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला था और वो हमेशा बिल्कुल फिट कपड़े पहना करती थी जिसकी वजह से उसका जिस्म और भी मस्त लगता था. में भी उसे कोई मौका देखकर उसकी नजरों से छुपकर घूरता रहता था और अब समय धीरे धीरे गुजरता गया और मेरी उससे बातचीत भी अब कुछ ज्यादा होने लगी थी. हम दोनों बहुत देर तक हंसी मजाक किया करते और इधर उधर की बातें करते.

दोस्तों यह बात उस दिन की है जब मेरी और उसकी फैमिली दोनों को मुझे और कुसुम को अकेला छोड़कर दो दिन के लिए बाहर एक शादी में जाना पड़ा, क्योंकि उस समय हमारे कॉलेज में पेपर चल रहे थे, तो हम दोनों अब अपने अपने घर पर पढ़ाई करने के लिए रुक गए थे और उसी शाम को 6 बजे दोनों घर के सभी लोग शादी में चले गए और अब हम दोनों अपने अपने घर पर अपने आने वाले पेपर के लिए पढ़ाई कर रहे थे. तभी कुछ देर बार उसे एक सवाल में कुछ समस्या हुई तो उसने मेरे पास आकर मुझसे मदद माँगी.

फिर मैंने उसे अपने ही घर में बुला लिया और उसे सवाल समझाने लगा, तभी अचानक से उसका दुपट्टा कंधे से थोड़ा सरकते हुए नीचे गिर गया और अब मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई, वो उसके बड़े गले के सूट से आधे आधे बाहर आ रहे थे और बहुत सुंदर दिख रहे थे. में उसकी छाती को अब बहुत देर तक लगातार घूरता रहा, लेकिन तभी उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और में इन सब से बिल्कुल अंजान बनकर इधर उधर देखने लगा. दोस्तों हमें पढ़ाई करते हुए करीब रात के 9 बज गए थे और अब हमें नींद आने लगी. फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि में अब सोने जा रही हूँ और वो अपने घर पर जा ही रही थी कि अचानक पूरे इलाके की लाईट चली गयी और बाहर अंदर एकदम अंधेरा हो गया तो वो एकदम से डरकर मुझसे चिपक गई और में उसकी पीठ पर हाथ सहलाने लगा.

तभी कुसुम ने बहुत डरते हुए मुझसे कहा कि मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है. क्या में आज रात तुम्हारे घर पर ही सो सकती हूँ? तो मैंने भी झट से हाँ कर दिया, क्योंकि में भी तो यही सब चाहता था. मैंने उससे कहा कि तुम जब तक चाहो यहाँ पर सो सकती हो वैसे भी में अकेला सोता हूँ, लेकिन अब हम दोनों एक साथ सो जाएगें तुम बिल्कुल भी मत डरो तुम्हारे पास में हूँ ना और अब हम दोनों ज़मीन पर बिस्तर बिछाकर लेट गए और में उसकी चुदाई के सपने देखने लगा. मुझे नींद नहीं आ रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने मौका देखकर उसके पेट पर अपना एक हाथ रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा

मैंने सोचा कि शायद या तो कुसुम सो गई है या फिर वो भी वही सब मुझसे चाहती है जिसकी में उससे उम्मीद रखता हूँ क्योंकि उसकी दोनों आखें बंद थी और वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और यह बात सोचकर में अब थोड़ी और हिम्मत करके आगे बढ़ने लगा और मैंने अपने हाथ को अब उसके पेट पर घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? दोस्तों में एकदम से डर गया और मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में उसे अब पकड़कर ज़ोर से किस करने लगा.

फिर उसने मुझसे कहा कि यह सब बहुत ग़लत है, प्लीज अब इसे बंद करो, मैंने उससे कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती? तो उसने कुछ देर रुककर कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर उसके मुहं से बस इतना सुनते ही में उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. में उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद वो भी जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. किस करते हुए मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर से दबाने लगा. वो अजीब सी आवाजें निकालने लगी सईईईईई ऊईईईईईईइ अहह्ह्ह्हह्हह और अब वो मोन करने लगी.

फिर मैंने जल्दी से उसका सूट उतार दिया और उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा. वाह दोस्तों मुझे उसके बूब्स को मुहं में लेने पर बहुत अच्छा अहसास हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े, गोल, एकदम मुलायम रुई की तरह थे और अब उसके बूब्स का वो हल्के भूरे रंग का निप्पल मेरे मुहं में आ गया था. वाह! क्या मस्त स्वाद था उसके बूब्स का? फिर में करीब एक घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा और उसकी गर्दन, गले, गाल पर किस करता रहा.

वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी फिर में उसके बूब्स को छोड़कर धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी सलवार और पेंटी को उतारकर फेंक दिया और हम 69 पोज़िशन में आ गए और फिर मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा और में खुद उसकी चूत को चाटने लगा. दोस्तों उसकी चूत एकदम चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. में उसकी चूत को करीब तीस मिनट तक लगातार चूसता, चाटता रहा और वो भी पागलों की तरह मेरा लंड चूसती रही. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर में उठा और उसे सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना लंड उसकी कुँवारी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकली आआहह आईईईई और वो एकदम से छटपटाने लगी.

उसने मुझे पीछे घकेलने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो कुछ देर बाद नाकाम होकर शांत हो गई और मैंने भी थोड़ी देर रुककर उसका दर्द कम होने का इंतजार किया और कुछ देर बाद जैसे ही मैंने दूसरा ज़ोर का धक्का मारा और उसकी चूत की सील टूट गयी और उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी प्लीज मुझे छोड़ दो आईईईईईइ अपना लंड बाहर निकालो अह्ह्ह्हह्ह प्लीज बाहर करो इसे उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी और वो मेरी पीठ पर नाख़ून गढाने लगी, जिससे में और भी जोश में आ गया और मैंने बिना रुके अपने 7 इंच के लंड को उसकी चूत में लगातार धक्के देकर डालने लगा और ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने लगा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो बस आवाज़ें निकाल रही थी आअहह आईईईईई मर गई उह्ह्ह माँ प्लीज अब तो छोड़ दो मुझे, थोड़ा धीरे करो मेरी, चूत फट जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद उसका दर्द और सिसकियाँ अब मज़े में बदल गई.

अब तक जो लड़की मुझसे छोड़ देने की बात कह रही थी, अब वही लड़की मुझसे अपनी जमकर चुदाई करने का आग्रह कर रही थी. वो कह रही थी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. में आज अभी से सिर्फ तुम्हारी हूँ चोदो मुझे और दम लगाकर चोदो. फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो आज इसका, चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो और करीब 15 मिनट बाद अचानक उसका शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वो चिल्लाने लगी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से और अंदर डाल दो पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर घुसा दो, लेकिन फिर वो बिल्कुल ढीली पड़ गई तो में समझ गया कि वो अब झड़ चुकी है. उसके पांच मिनट बाद वो एक बार फिर से जोश में आ गई और मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए.

फिर करीब तीस मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में तेज धक्कों के साथ भर दिया और वो भी एक बार फिर से झड़ गई और में थककर उसके ऊपर गिर गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. में दस मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और फिर लाईट आ गई.

दोस्तों मैंने उस रात उसे दो बार चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी और उसके मुहं को अपने वीर्य का स्वाद भी कई बार चखाया और सुबह हम दोनों ने उठकर नहाने के बाद नाश्ता किया और फिर हमने दूसरे दिन और रात करीब आठ बार चुदाई के मज़े लिए. वो पूरे जोश से अपनी चुदाई में मेरा साथ दे रही थी और मैंने इन दो दिनों में उसकी कुंवारी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया था और फिर उसके बाद तीसरे दिन हमारी फैमिली वापस आ गई, लेकिन उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो में उसकी जमकर चुदाई कर देता. मैंने उसको एक बार हमारी छत पर भी ले जाकर चोदा और बहुत मज़े किए

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