नई पड़ोसन लड़की का प्रथम बुर चोदन

नई पड़ोसन लड़की का प्रथम बुर चोदन

हैलो… आप सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा प्रणाम. मेरा नाम रोहन है.. मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित हर बुर चोदन की कहानी को पढ़ता हूँ. इन कहानियों से प्रेरित होकर आज मैं बुर की चुदाई की अपनी रियल कहानी आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ. पहले मैं आपको अपना परिचय दे देता हूँ.

मेरा नाम रोहन है और मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ. मैं बी.कॉम. फाइनल का स्टूडेंट हूँ. मेरी उम्र 22 साल की है. मेरा रंग गोरा और हाईट 5 फुट 8 इंच है.

यह दो महीने पहले की बात है, जब कॉलेज की छुट्टियाँ थीं, तब मेरे घर के पास एक फैमिली ने मकान खरीदा था. उस फैमिली में एक अंकल-आंटी और उनके दो बच्चे रहने आए थे. उनके दो बच्चों में लड़की बड़ी थी, उसका नाम अंकिता था और उसकी उम्र 19 साल थी. उसके बाद बेटा बेटा राहुल था.

मैंने जब अंकिता को देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गए. क्या बताऊं दोस्तो, क्या माल था.. उसका फिगर 30-28-32 का तो होगा ही. उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मैं उसको रोज देखने के बहाने ढूँढने लगा. जब भी वो बाहर निकलती, मैं उसे देखने लगता.
बाद में यह बात अंकिता ने भी नोटिस कर ली.

अब रोज रात को मैं उसे याद करके मुठ मारता और अब मैं उसे किसी भी हाल में चोदना चाहता था. इस बीच मेरी फैमिली की उनके साथ जान-पहचान भी बढ़ गई.

एक दिन की बात है, अंकल-आंटी को कहीं बाहर जाना था तो आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि हम लोग बाहर जा रहे हैं, हमारे लौटने तक आप बच्चों का ध्यान रखना.

मैं कुछ ऐसा ही बहाना ढूँढ रहा था कि कब उससे बात करने का मौका मिले.

फिर मम्मी अपने काम में बिज़ी हो गईं और उन्होंने मुझसे बोला- तू अंकिता के घर चला जा, वो उधर अकेली है.

यह सुनते ही मेरा तो लंड खड़ा ही हो गया. मैं अंकिता के घर गया और घंटी बजाई. अंकिता ने गेट खोला, उसे देखते ही मेरे तो होश उड़ गए. वो वाइट टी-शर्ट और पजामे में थी, क्या मस्त माल लग रही थी.

उसने मुस्कुरा कर बोला- अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर आकर सोफे पर बैठ गया, वो मेरे पास आई और बोली- चाय पियोगे या पानी लोगे?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

फिर वो भी मेरे पास बैठ गई और हम टीवी देखने लगे. उसका भाई अपने दोस्त के साथ कहीं बाहर गया हुआ था. हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे. उसने बातों-बातों में मुझसे पूछ लिया कि तुम मुझे देखते क्यों रहते हो?
यह सुनते ही मेरे तो तोते उड़ गए.. लेकिन मैंने हिम्मत करके बोल दिया- मैं तुम्हें पसंद करता हूँ.
उसने कहा- पसंद करते हो, तो घूरते क्यों हो.. ये बात मुझे बोल भी सकते हो.
मैंने कुछ नहीं कहा.

फिर उसने धीरे से कहा- मैं भी तुम्हें पसंद करने लगी हूँ.

उसके मुँह से ये सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैंने उसके हाथ को अपने हाथों में ले लिया और किस करने लगा. मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया.
वो सिहर कर बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस प्यार कर रहा हूँ.

उसने मेरी आँखों में बड़े प्यार से देखा तो मैंने आगे बढ़ कर उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा.
दोस्तो, क्या बताऊं कितना मस्त लग रहा था, मानो रसीले संतरे की फांकें चूस रहा हूँ.
वो बोली- भाई आने वाला है, वो आ गया तो मर जाएंगे.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.
वो बोली- चलो, अन्दर बेडरूम में चलते हैं.

मैं उसे गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया. अब मैं भी उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा. मेरा 7.5 इंच का लंड बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह हो गया था.

यह मेरी पहली चुदाई नहीं थी, इससे पहले मैंने एक भाभी को चोदा था.

उसके बाद मैं अंकिता के मम्मों को दबाने लगा और वो भी मादक सिसकारियाँ भरने लगी ‘आह.. आह ईईई.. उउउहह.’
वो बोली- ये मेरा फर्स्ट टाइम है आराम से करना.
मैंने कहा- मेरी रानी, टेंशन मत लो.

फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे. वो एकदम दूध की तरह सफेद थी. उसकी बुर पर भी एक बाल भी नहीं था, उसने झांटों को साफ कर रखा था.

मैं उसे चिपक गया और उसके मम्मों को मुँह में ले कर चूसने लगा और उसकी बुर पे हाथ फेरने लगा. वो बिल्कुल गर्म हो गई थी.
मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो कहने लगी- मुझे गंदा लगता है.
फिर मैंने भी ज़्यादा जोर नहीं दिया. वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. उसकी बुर बिल्कुल गीली हो गई थी और उससे अब बिल्कुल नहीं रहा जा रहा था.

वो कहने लगी- अब जल्दी से कुछ करो.. नहीं रहा जा रहा है.

मैंने भी उसे सीधा लेटा दिया और उसके पैर चौड़े कर दिए. फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी बुर पर लंड रख दिया. उसकी आँखों में देखते हुए मैंने धीरे से झटका लगाया. अभी मेरा सुपारा ही अन्दर गया था कि उसकी चीख निकल गई. वो रोने लगी- बहुत दर्द हो रहा है मुझे छोड़ दो..

लंड का सिर्फ़ आगे का भाग ही बुर के अन्दर गया था और उसकी बुर से खून भी निकलने लगा था. उसकी सील टूट गई थी.
वो कहने लगी- प्लीज़ मुझ छोड़ दो.. मुझे नहीं करना.
मैंने कहा- बाबू कुछ नहीं होगा.. थोड़ा वेट करो दर्द अभी कम हो जाएगा.

मैंने भी कुछ नहीं किया और उसके मम्मों को मसलने लगा. बस 5 मिनट बाद उसका दर्द कम हो गया.

उससे कहा मैंने- मैं अब करूं?
उसने कहा- धीरे से करना.

मैंने धीरे से एक झटका और लगाया, इस बार आधा लंड अन्दर चला गया और वो दुबारा चिल्लाने लगी. मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर एक झटका और लगा दिया इस बार पूरा लंड अन्दर हो गया था. उसके आँसू निकल आए, फिर मैं उसे धीरे-धीरे चोदने लगा. कुछ ही पलों में उसे भी मज़ा आने लगा. अब वो मेरा साथ देने लगी. मैं अपने बड़े लंड से उसे जल्दी-जल्दी चोदने लगा.

बस 2 मिनट बाद उसका पानी निकल गया.. लेकिन मेरा नहीं निकला तो मैंने उससे कहा- मेरा अभी तक नहीं निकला है.
उसने कहा- ठीक है, तुम भी निकाल लो.

फिर मैं उसे जल्दी-जल्दी चोदने लगा. कुछ मिनट बाद मेरा पानी निकल गया और मैंने सारा पानी उसके बुर में ही डाल दिया. उस दिन हमने दो बार चुदाई की.. उसके बाद हमने कपड़े पहन लिए और बेडशीट को भी चेंज कर दिया. इसके बाद हम दोनों हॉल में आकर टीवी देखने लगे. करीब 15 मिनट बाद उसका भाई आ गया, उसके बाद मैं अपने घर पर आ गया.

अब जब भी मौका मिलता है.. हम एक-दूसरे में खो जाते हैं. आप सभी को कुंवारी बुर चोदन की कहानी कैसे लगी.. प्लीज़ मुझे जरूर बताना, मुझे आपकी मेल का इंतज़ार रहेगा.
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