इक लड़की ऑफिस की बड़ी प्यारी लगती थी-2

इक लड़की ऑफिस की बड़ी प्यारी लगती थी-2

इक लड़की ऑफिस की बड़ी प्यारी लगती थी-1
आपने अब तक की सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि मैं श्रुति के साथ सिनेमा हॉल में था और उसके मम्मों से खेल रहा था. मैंने उसके टॉप को उठाने का प्रयास किया लेकिन इस बार उसने मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया. मैंने फिर से प्रयास किया तो उसने मेरा हाथ वहीं पकड़ लिया और छोड़ा ही नहीं.
अब आगे..

इस पार्ट में शानू की गर्लफ्रेंड का नाम बताना ज़रूरी हो गया.. क्योंकि आगे जो हुआ उसमें उसने मेरी बहुत मदद की. शानू की गर्लफ्रेंड का नाम रिया था, वो मध्यप्रदेश से थी. वो भी दिखने में बहुत मस्त माल थी. वो श्रुति से भी खूबसूरत दिखती थी और खुले विचारों वाली थी.

जब मैंने फिर से प्रयास किया और श्रुति ने मेरा हाथ वहीं पकड़ लिया, छोड़ा ही नहीं तो जैसे ही उसने मेरा हाथ पकड़ा मेरे को समझ में नहीं आया कि अचानक इसे क्या हो गया.
मैं उसकी ओर देखने लगा, तभी उसने मेरे कान के पास आकर कहा- पिक्चर खत्म होने वाली है.. और ये सब यहाँ नहीं.
यह सुन कर मेरे को थोड़ा चैन मिला. मैंने अपने हाथ उसके गाल पर फेरते हुए धीरे से कहा- ठीक है डार्लिंग.

मैंने हल्का सा स्माइल दे दिया, वो भी शर्माते हुए नीचे देखने लगी. उसी समय पिक्चर ख़तम हो गई. हम लोग बाहर निकले वो मेरा हाथ पकड़े हुए थी. मैंने भी उसका हाथ पकड़ा था.
यह मुझको बहुत ही अच्छा लगा, जब उसने मेरा हाथ पकड़ा. अगर आप भी लड़की को पसंद करते हो और जब उसने आपका हाथ पहली बार पकड़ा होगा, तो आपको भी बहुत मस्त लगा होगा, आपको समझ आ गया होगा कि मैंने उस समय कैसा महसूस किया होगा.

शानू मेरे को और उसको देख के थोड़ा सा अचंभित सा हो गया, उसे समझ नहीं आया कि ये क्या हो रहा है. लेकिन उसकी गर्लफ्रेंड रिया समझ गई थी.

अब हम वहाँ से बाहर निकले तो हम लोगों ने निर्णय किया कि खाना भी बाहर ही खाएँगे.
मैंने श्रुति की ओर देखा तो वो बोली- ठीक है.
मैंने कहा- तुम्हें लेट हो जाएगा.
तभी शानू की गर्लफ्रेंड रिया ने कहा- वो मेरे साथ जा सकती है, अगर प्राब्लम ना हो तो!
तभी श्रुति ने भी तपाक से ‘हाँ’ में जवाब दिया. मैं समझ गया कि मेरा मामला सैट हो गया है.

फिर हम सभी खाना खाने चले गए, वहाँ शानू की गर्लफ्रेंड रिया ने हमारी बहुत खिंचाई की. इधर श्रुति ठीक मेरे सामने बैठी थी और पैर से मेरे पैर को मारने लगी. वो अपनी उंगलियों से वो मेरे पैरों पर च्यूंटी काट रही थी. मैं कुछ बोल भी नहीं पा रहा था.

तभी रिया ने हमें देख लिया और उसने शानू को इशारा किया. उसने इशारों में ही कुछ कहा.
फिर शानू ने खाना खाने के बाद कहा- राहुल, चल हैंडवॉश करके आते हैं.
मैं उसके साथ वॉशरूम में चला गया. उसने मुझसे पूछा- अभी कहाँ जाएगा?
मैंने कहा- और कहाँ.. रूम जाऊँगा यार!
फिर उसने कहा- चल हमारे साथ चल.

उसने पहले भी मुझे ऑफिस में बताया था कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को वीकेंड पे अपने रूम में लाता रहता है.
तो मैंने कहा- कोई प्राब्लम तो नहीं होगी ना..?
उसने कहा- मेरा फ्लैट है, किसी को कोई प्राब्लम नहीं है.. और रिया और श्रुति भी साथ में जा रही हैं.
मेरे को तो कुछ समझ ही नहीं आया, मैंने पूछा- सच में?
वो बोला- हाँ.. तो क्या मैं यहाँ तेरे को मज़ाक करने के लिए लाया हूँ.
फिर मैंने कहा- श्रुति नहीं मानेगी.
उसने कहा- तू उसकी मत सोच.. रिया उसको अब तक बता भी चुकी होगी.

हम जब वापस टेबल पर गए तो श्रुति के चेहरे पे एक अलग सी ही ख़ुशी थी. मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं आज उसे आज चोदने वाला हूँ, बहुत प्यार करने वाला हूँ. मेरा लंड तो वहीं खड़ा हो गया था.
फिर मैंने बिल दिया और शानू के रूम चले गए.

शानू का रूम दो बेडरूम का था. मेरा तो दिल बहुत खुश हो गया. रूम में पहुँचते ही शानू की सेक्सी गर्लफ्रेंड ने शानू को किस किया.
तभी श्रुति ने कहा- मेरे पास कपड़े नहीं हैं.
तो रिया ने मज़ाक में कहा- आज तुम्हें कपड़े की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
श्रुति शर्मा उठी.
फिर रिया हंसी और उसने कहा- मेरी कुछ ड्रेस हमेशा यहीं रहती हैं. उस रूम में हैं, जो चाहिए निकाल लो.

इतना बोल कर शानू और रिया एक रूम में चले गए और जाते वक्त रिया ने कहा- प्लीज़ डू नॉट डिस्टर्ब अस. अब हमें परेशान मत करना.. बाइ.

उसने हल्की से स्माइल दी और ज़ोर से दरवाजा लगा दिया. हम दोनों दूसरे रूम में आ गए और वहां जाते ही श्रुति से रहा नहीं गया. जैसे वो इसी समय का इंतज़ार कर रही थी. उसने मुझे किस किया, मेरा लंड तो पहले ही खड़ा हुआ था. शायद श्रुति उनके सामने शर्मा रही थी. उसने मुझे ‘आई लव यू..’ कहा.
मैंने भी श्रुति को अपनी बांहों में कस के जकड़ लिया और ‘आई लव यू..’ कह के उसे किस करने लगा.

अब मैंने उसे अपनी बांहों में उठा लिया और उसके होंठों को किस करना चालू कर दिया. वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी.

मैंने उसे नीचे खड़ा किया, वो पहले दरवाजे की तरफ गई और लॉक लगा दिया. इसके बाद मैंने अपनी शर्ट उतारी. मेरा एथलेटिक, कसा हुआ शरीर देख कर उसके चेहरे में मुस्कान थी, मानो उसको उसके पसंद की चीज़ मिल गई हो. उसने बड़ी अदा से अपने बाल घुमा कर अपने चेहरे पर ले लिए. अब तो जैसे वो चुदाई के लिए तैयार थी.

मेरा भी यह पहली ही बार था लेकिन मैं रोमांटिक पिक्चर बहुत देखता था तो मैंने कुछ-कुछ तो वहीं से ही सीखा था. मैंने उसे अपने हाथों में फिर से उठा लिया. अब तो जैसे हम दोनों का बोलना बंद ही हो गया था, बस सब आँखों से ही बात हो रही थी.
मैंने उसका टॉप निकाल दिया और फिर से उसके होंठों को चूमने लगा. वो और भी ज़्यादा वाइल्ड और सेक्सी हो गई. वो भी बराबर साथ देने लगी. मैंने उसके होंठों को अपने दाँत से दबाया, वो सिहर उठी. उसकी ‘अहह..’ की हल्की सी आवाज़ ने माहौल और भी सेक्सी बना दिया. मेरा तो जैसे जोश और बढ़ गया था. पिछले दिन का क्रिकेट, पिक्चर और भी सब थकान मिट चुकी थी.

मैंने उसकी ब्रा को खींचते हुए निकाल दिया. जल्दी-जल्दी में उसकी ब्रा का हुक टूट गया. मैंने उसकी ब्रा को दूर फेंका और उसे बिस्तर में लिटा दिया. मैंने बहुत ही फुर्ती से उसकी जीन्स निकाली. जींस बहुत ही टाइट थी.
जींस को निकालने के बाद मेरे और उसकी चूत के बीच में केवल एक पैंटी ही रह गई थी. मैंने अब उसकी जाँघों पर हाथ चलाया.
हय.. क्या नाज़ुक मलाई से पैर थे.. उसे गुदगुदी हो रही थी.

मैं फिर से उसे किस करने लगा और मैंने उसके मम्मों को दबाना चालू किया. इस बार तो मैं उसके मम्मों को देख भी पा रहा था. क्या मस्त कड़े, गोल-गोल चूचे थे. मैं उन पर पागलों की तरह टूट पड़ा और उन्हें बहुत जोरों से चूसने लगा. श्रुति ने मेरे बाल पकड़ लिए.. मैं उसके निप्पलों को काटने लगा. वो मेरे बालों को ज़ोर से खींचते हुए ‘आहा आहह..’ की आवाज़ निकाल रही थी.

उसने नीचे की ओर इशारा किया, मैं समझ गया और मैंने उसे खड़े होने को कहा.

उसने मेरी पैन्ट के साथ अंडरवियर भी खींचते हुए निकाल दिया और मेरे लंड को हाथ में ले लिया.

मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा.. मैंने कभी नापा तो नहीं था. लेकिन आप तो जानते ही हैं कि सेक्स करने में लंड का साइज़ उतना ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं होता है, इंपॉर्टेंट होता है आप कैसे चूत को चोद रहे हो. आपको लड़की की पसंद का ख्याल रखना होता है और इस सब में मैं बहुत माहिर हूँ.

उसने कुछ देर तक मेरे खड़े लंड को ऊपर-नीचे किया. मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया. मैंने उसको रोका और उसकी पैंटी को उतार दिया. उसकी चूत शेव की हुई थी, हल्के बाल थे. उसकी चूत तो इतनी टाइट लग रही थी कि देख कर कोई भी बता देगा कि इससे पहले वो चुदी ही नहीं थी.

बाद में उसने बताया कि वो ग़लती से पहले ही उंगली से अपनी सील तोड़ चुकी थी.

मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, वो बहुत ही गर्म और गीली थी. अब हम 69 की पोजीशन में आ गए. हालांकि उसने मेरा लंड मुँह में तो नहीं लिया, मैंने भी उस पर ज़ोर नहीं डाला, लेकिन वो हाथ से ही तेज़ी से लंड को ऊपर-नीचे करने लगी.

मैं उसकी चूत में उंगली, तो कभी अपनी जीभ डाल रहा था. थोड़ी देर बाद उसने अपना माल छोड़ दिया और जल्दी ही मेरा रस भी निकल गया.
इसके बाद तो ऐसा लग रहा था, जैसे हम दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं. हम दोनों फिर से किस करने लगे. इस बार तो दोनों एक-दूसरे के जीभ को टच कर रहे थे. मैं उसके होंठों को और वो मेरे होंठों को चूस रही थी. इतने में मेरा लंड फिर से तैयार हो गया.

इस बार मैं सीधे उसकी चूत पर आ गया. मैंने अपना लंड उसकी चूत में टिका दिया. मेरा लंड बहुत ही टाइट था. पहले मैं ऊपर से ही चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा. वो हल्के-हल्के से ‘आह आअहह..’ की आवाज़ निकाल रही थी.

तभी मैंने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, मेरा लंड का मोटा सुपारा ही घुसा था कि वो हल्की सी आवाज में चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ और उसने मेरे हाथ को ज़ोर से पकड़ लिया. मैंने कोई जल्दबाज़ी नहीं की और लंड को वैसे ही रहने दिया. मैंने नीचे झुक कर उसे किस किया. थोड़ी देर बाद वो सामान्य हुई तो मैंने लंड को थोड़ा और अन्दर डाला. वो लंड को सहन नहीं कर पा रही थी.

फिर मैंने एक झटके में अपना लंड डाल दिया. इस बार उससे रहा नहीं गया और वो ज़ोर से चिल्ला दी. मैंने जल्दी से उसका मुँह हाथ से दबाया. फिर हाथ हटा कर मैंने अपने होंठ लगा दिए. फिर धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करना चालू किया.
कुछ देर की पीड़ा के बाद उसको भी मज़ा आने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

दस मिनट बाद मैं श्रुति की चूत में ही झड़ गया. मैंने 5-6 पिचकारियां श्रुति की चूत में भर दीं. श्रुति की चूत भर गई.. और वो भी बहुत खुश लग रही थी.
मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा, मैं पूरी तरह थक चुका था.

हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और उस रात एक-दूसरे की बाँहों में लेटे रहे. मैंने उसे दवाई लेने को कह दिया.

सुबह हुई, सुबह में हम देरी से उठे.. रात की थकान मिट चुकी थी. मैंने उठते ही उसे किस किया और उसको उठाया और बस पैन्ट पहन ली.

जब मैंने रूम का दरवाजा खोला तो देखा शानू और रिया तो पहले ही उठ चुके थे. मैं वापस रूम में आ गया और वहाँ एक टी-शर्ट रखी थी, वो पहन कर आ गया.
रिया ने ‘गुड मॉर्निंग’ कहा.. मैंने भी उसे ‘गुड मॉर्निंग’ कहा. मैं मुँह धोकर आया और फिर रिया ने कॉफी बनाई.

मैं कॉफ़ी श्रुति के लिए भी ले जा रहा था. श्रुति मुँह धोकर रूम के दरवाजे पे ही खड़ी थी.
तभी रिया ने मज़ाक में कहा- रात में कुछ चिल्लाने की आवाज़ आई थी, कुछ हुआ था क्या?
और फिर वो हंस दी. तो श्रुति जो रूम के दरवाजे पर खड़ी थी, स्माइल के साथ शरमाते हुए अन्दर चली गई.

शानू ने कहा- रिया उसे तंग मत करो यार.
फिर हम सबने बैठ कर कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाया तो डिसाइड हुआ कि कुल्लू-मनाली या फिर मैसूर जाएँगे.
रिया भी खुश थी. अब उसको भी एक दोस्त श्रुति मिल चुकी थी. वो दोनों एक रूम में गए और फिर बातें करने लगे. रिया ने तो उसको वो दवाई उसी समय ही दे दी थी, ये बात बाद में मेरे को श्रुति ने बताई कि रिया उस रूम में हमेशा दवाई रखे रहती है ताकि कभी भी उसे उपयोग कर ले ताकि बच्चा ना हो.

हम चारों टूर पर गए.. आपको वो टूर वाली सेक्स स्टोरी बाद में लिखूंगा. इसके बाद ऑफिस में भी मैंने और श्रुति ने बहुत मज़े किए.. वो सब भी फिर कभी टाइम निकाल कर लिखूंगा.
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