पंजाबन की लाल चूत मारी

पंजाबन की लाल चूत मारी

दोस्तो, मेरा नाम मुकुल जैन है, उम्र 26 साल और कद 5’5 रंग गोरा है।
बात उन दिनों की है जब मैं भिलाई में किराए के मकान में रहता था मेरे सामने वाले घर में एक पंजाबी परिवार रहता था, जिसमें तीन लोग थे, पति, पत्नी और एक उनका छोटा सा बेटा रोहण।
भाभी का नाम रुबिना था, उसकी उम्र करीब 32 साल और उसके पति की करीब 35 साल होगी। शादी के करीब 9 साल हो चुके थे, वो भी किराये से रहते थे।
उनके पति ट्रक ड्राईवर थे, सो अधिकतर बाहर ही रहते थे। भाभी और उसके बच्चे अक्सर अकेले ही रहते।
रुबिना भाभी दिखने में दूध सी गोरी और बहुत सुन्दर थीं। शरीर एकदम कामुक कर देने वाला था। होंठ एकदम लाल और मोटे-मोटे रस से भरे थे। चूचे तो इतने मस्त लगते थे, जैसे अभी भी दूध भरे हो, 34 साइज़ होगा।
मैं तो बस उसके चूचे और गांड को देखकर रोज मुठ मारता और उसको चोदने के सपने देखता।
मैंने सोचा कि क्यों न इस सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश की जाए। मैं उसे रोज घूरने लगा, देख कर मुस्कुरा देता, पर वो कोई जवाब ही न देती और ना ही हँसती।
मैं समझ गया कि बात ऐसे नही बनेगी। पहले बात-चीत शुरू करनी ही होगी, लेकिन कैसे..!
बस यही सोचता रहा। फिर सोचा कि क्यों न पहले बेटे को पटाऊँ और उसके जरिए बात शुरू करूँ।
बस फिर क्या था.. मैं रोज उसके बेटे नवीन, जिसे वो प्यार से रिशु कहती थी, उसे रोज टॉफी दे देता, तो कभी घुमाने ले जाता, तो कभी-कभी स्कूल लाने ले जाने लगा, तो कभी अपने रूम में ले आता।
इस प्रकार धीरे-धीरे उसके घर आने-जाने का सिलसिला शुरू हुआ। बस अब मैं अपनी योजना से कुछ कदम ही दूर था।
मैंने उनसे बात-चीत शुरू की, वो भी साधारण बातचीत ही किया करती।
उसके पति जब भी आते, तो मैंने उनसे मिलना शुरू किया।
पर अब सवाल यह था कि रुबीना भाभी को चोदूँ कैसे? पहल कैसे करूँ?
मैंने सोचा हिम्मत तो करनी ही पड़ेगी।
एक दिन दोपहर में मैं कालेज से जल्दी आ गया और भाभी के घर जा कर बोला- भाभी चीनी ख़त्म हो गई है, चाय पीने की इच्छा हो रही है.. क्या थोड़ी चीनी मिलेगी?
उसने बोला- हाँ.. अन्दर आओ.. बैठो, रुको मैं लाती हूँ।
मैं जाकर सोफे पर बैठ गया। भाभी चीनी लेने रसोई में गईं।
मैंने सोचा इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, आज तो इसे चोदना ही है।
मैं उसके पीछे चल दिया और उसे पीछे से पकड़ कर उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके चूचे दबाने लगा।
वो चिल्लाते हुए घूमी और बोली- यह क्या बदतमीजी है??
और एक जोरदार थप्पड़ मेरे गाल पर जड़ दिया।
मैं डर गया और बोला- सॉरी भाभी मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई.. माफ़ कर दो।
उसने कहा- जाओ यहाँ से.. नहीं तो चिल्ला दूँगी और रिशु के पापा को आने दो.. सब बताती हूँ।
मैं डर गया और बार-बार ‘सॉरी’ बोलने लगा। वो कुछ नरम हुई और मान गईं, बोलीं- आज के बाद मुझसे बात मत करना और यहाँ मत आना। नहीं तो जरुर ही बताऊँगी।
मैं ‘हाँ’ करके चला आया।
कुछ दिनों के लिए अपने घर भोपाल चला गया।
15-20 दिनों के बाद आया, फिर मैं अपने काम में ही लगा रहता, उनको घूरना छोड़ दिया।
एक दिन मैं कॉलेज नहीं गया घर में बैठकर लैपटॉप पर ब्लू-फिल्म देख रहा था।
तभी दरवाजे पर आवाज हुई, मैं गया तो देखा कि रुबीना भाभी खड़ी थीं।
मैं डर गया, डरते हुए पूछा- क्या हुआ भाभी?
उसने कहा- पहले अन्दर तो आने को बोलो..!
मैंने बोला- हाँ.. हाँ.. आइए न..! बताइए क्या हुआ?
उसने बोला- कुछ नहीं.. बस तुमसे मिलने आई थी। बहुत दिनों से तुम दिखे नहीं और बात भी नहीं करते हो क्या हो गया?
मैंने कहा- भाभी मैंने गलती की थी उसी की सजा मिली। आपने ही तो कहा था की बात मत करना, इसलिए…!
उसने कहा- नहीं.. छोडो उस बात को..! मैं गुस्से में थी, इसलिए कह दिया था तुमसे.. बात करने के लिए। तुमसे मिलना चाहती थी, पर तुम मिलते ही नहीं थे और उस दिन के बाद चले भी गए।
मैंने बोला- क्यों भाभी?
उसने कहा- नहीं, बस ऐसे ही दोस्ती करनी थी।
मैंने सोचा ‘यह हो क्या रहा है’ और समझते देर ना लगी कि शायद इसकी बुर में खुजली हो रही है। अब मौका मिला है, जाने मत दे।
मैंने दरवाजा बंद किया और बोला- हाँ भाभी बिलकुल.. ठीक..
कुछ देर तक हम बात-चीत करते रहे उसने बीच में पूछा- तुम लैपटॉप पर क्या क्या करते हो? मुझे भी सिखाओ..!
मैंने बोला- कुछ नहीं बस अपने काम के अलावा मूवी देखता हूँ।
उसने कहा- कोई नई पिक्चर है क्या? मैंने बोला- हाँ… धूम-2 है।
उसने बोला- दिखाओ न..!
मैंने लैपटॉप चालू किया और हम दोनों देखने लगे, पर उसके मन में तो आज कुछ और ही था।
वो बार-बार मुझे देखती और फिर लैपटॉप को।
कुछ देर बाद बोली- और कोई मूवी नहीं है?
मैंने बोला- नई पिक्चर में तो बस अभी यही है।
उसने बोला- नहीं ऐसी नहीं कुछ अलग..!
मैंने पूछा- और कैसी अलग भाभी?
उसने आँख मटका कर कहा- कुछ विदेशी पिक्चर..!
मैं समझ गया, पर उसे और खुलवाने के लिए बोला- भाभी हौलीवुड मूवी..!
बोली- नहीं रे.. वो जिसमें कुछ-कुछ होता है..!
मैं समझ गया कि वो इससे ज्यादा नहीं खुलेगी।
बोला- भाभी ब्लू-फिल्म…!
वो शर्मा कर बोली- हाँ..!
मैंने बोला- है न.. आप देखती हो क्या..?
बोली- हाँ.. कई बार रिशु के पापा दिखाते हैं।
मैंने बोला- मेरे साथ देखोगी?
उसने सर हिला दिया।
मैंने तुरंत एक ब्लू-फिल्म लगा दी।
अभी लड़का, लड़की की चूत चाट रहा था।
भाभी थोड़ी देर में ही गरम हो गईं, उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
मैंने तुरंत उसे बाँहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगा। वो गरम हो गई थी।
मैंने लैपटॉप को किनारे किया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके मोटे-मोटे रसभरे होंठों को अपने होंठ के अन्दर भर कर चूसने लगा। उसके चूचे दबाने लगा।
धीरे-धीरे उसके पजामे का नाड़ा खोलने लगा और उसे खींच कर अलग कर दिया।
अब वो मेरे सामने सिर्फ कुरता और पैन्टी में थी।
मैंने झट से अपने सारे कपड़े उतार फेंके और सिर्फ अंडरवियर में रह गया। उसके ऊपर चढ़ कर उसके गालों को चूमने लगा, उसे चाटने लगा।
उसके कुरते को खोलकर उसके ब्रा के ऊपर से ही बड़े-बड़े खरबूजों को चूसने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रही थी, अपने हाथों से उसने अपनी ब्रा उतार फेंकी और दूध को पकड़कर बोली- ले अच्छे से पी ना…!
मैंने उसके अंगूरों को चूसना शुरू किया, उसके मम्मों को चाटने लगा।
अब मेरा लंड जो 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है, खड़ा हो चुका था। मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अपनी चड्डी भी उतार फेंकी, हम दोनों अब बिलकुल नंगे थे। उसके बुर में बड़े-बड़े बाल थे।
उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली- कितना मोटा है..!
और हाथों से दबाने लगी।
मैंने बोला- क्या बस दबाओगी ही..!
उसने झट से अपना मुँह खोला और मेरे 7 इंच लम्बे लंड को चूसने लगी। मैं अपने मोटे लंड से उसकी गर्दन को पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा। लैपटॉप अभी भी चालू ही था।
उसने लैपटॉप को देखते हुए कहा- आप भी ऐसे करो न..!
लैपटॉप में एक लौंडा लड़की की बुर को चाट रहा था। मैंने उसके टाँगों को खोला और मोड़ कर उसकी बुर को दोनों हाथों से खोलकर चाटने लगा। उसकी चूत पहले से गीली थी, बुर का पानी मुँह में आने लगा।
उसने कहा- उसे पियो..!
मैंने उसे चाट कर पिया और उसकी बुर में जीभ डालकर उसे चोदने लगा। थोड़ी देर में वो झड़ गई।
अब मैंने अपना मोटा लौड़ा उसकी झांटों में रगड़कर उसकी बुर को सहलाने लगा।
उसकी बुर के दाने को अपने लंड के सुपारे से सहलाते हुए अन्दर पेला।
बुर तो पहले से गीली थी थोड़ी सी मशक्कत के बाद पूरे का पूरा लंड बुर में चला गया।
क्या गरम थी रुबीना भाभी की बुर..!
मैं उसे उसकी कमर से पकड़ कर चोदने लगा।
वो कसमसाने लगी, उसके मुँह से ‘अह उह अह्ह्ह्ह ह्ह्ह.. सीस सी अह्ह्ह अह्ह्ह..’ जैसी आवाजें आने लगीं।
मैंने अपनी गति तेज की और उसके ऊपर चढ़ कर जोर जोर से उसकी बुर को चोदने लगा।
पूरे कमरे में ‘छप.. छप’ की आवाज गूंजने लगी। करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी गरम बुर में ही छोड़ दिया।
दोस्तो, मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी आपको, जरूर बतायें।
अगली बार रुबीना भाभी ने गांड कैसे मरवाई, यह बताऊँगा।
तब तक के लिए आपके मेल का इन्तजार रहेगा।
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