चूत एक पहेली -52 – Antarvasna

चूत एक पहेली -52 – Antarvasna

अब तक आपने पढ़ा..

पुनीत- पायल मानता हूँ तुम बड़ी हो गई हो.. तुम्हारे जिस्म की जरूरतें हैं मगर मैं ही क्यों.?
पायल- भाई आप तो जानते ही हो.. मेरा कोई ब्वॉयफ्रेण्ड नहीं है और इतनी जल्दी कोई बनेगा भी नहीं.. वैसे भी हम आपस में एक-दूसरे को समझ सकते हैं.. मैं किसी और पर भरोसा नहीं कर सकती। प्लीज़ आप मान जाओ ना..
इतना कहकर पायल एकदम से पुनीत के सीने पर आ गई। उसके मम्मे अब पुनीत के सीने में धँस रहे थे.. उसकी गर्म साँसें पुनीत की साँसों से मिल रही थी।

अब आगे..

अब पुनीत इस सेक्स की हूर के प्रकोप से कहाँ तक अपने आपको बचा सकता था।

वैसे तो वो पक्का चोदूमल था.. मगर वो कहावत है ना.. डायन भी एक घर छोड़ती है। अब यह चुदासी हो रही पायल तो उसकी अपनी सग़ी बहन थी.. वो कैसे अपनी बहन चोद सकता था, मगर होनी को कौन टाल सकता है और वो तब जब पायल जैसी सेक्स बम्ब खुद चलकर कहे कि आओ अपनी बहन चोद दो… मुझे फोड़ दो.. एकदम नामुमकिन सी बात है।

पुनीत का जिस्म भी अब गर्म होने लगा था, पायल की साँसों की महक उसको अच्छी लग रही थी, उसका मन तो बहुत किया कि अभी उसके होंठों का पूरा रस पी जाए.. मगर थोड़ा सी हिचक अब भी उसके मन में थी।
पायल- भाई.. अब क्या सोच रहे हो.. एक लड़की आपके इतने करीब है.. आपका मन नहीं करता.. उसको कुछ करने का.. किस करने का?
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पायल अब पूरी तरह से पुनीत के ऊपर चढ़ गई थी। उसकी नंगी चूत बरमूडे में तने पुनीत के लंड से टच हो रही थी। जिसका अहसास पुनीत को भी हो रहा था।
अब पुनीत की सहन करने बर्दाश्त दम तोड़ गई थी.. उसने पायल की पीठ पर हाथ रखे और सहलाने लगा.. उसके थिरकते होंठों पर धीरे से अपने होंठ लगा दिए।

पायल तो जैसे बरसों की प्यासी थी। उसने फ़ौरन उसके होंठों को मुँह में लिया और चूसने लगी। अब पुनीत भी कहाँ पीछे रहने वाला था.. वो भी शुरू हो गया अब दोनों की चूमाचाटी शुरू हो गई।
लगभग 5 मिनट तक दोनों एक-दूसरे के होंठों का रस पीते रहे।
अब कमरे का माहौल गर्म हो गया था।

पुनीत ने पायल को अपने ऊपर से नीचे उतारा और खुद उसके ऊपर आ गया। अब उसका लौड़ा बरमूडा में तना हुआ था और पायल की चूत से सटा हुआ था।

पुनीत- ओह्ह.. पायल.. ये तूने क्या कर दिया.. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा.. अब मैं तुम्हें खा जाऊँगा।
पायल- तो रोका किसने है.. मेरे भाई.. खा जाओ आज अपनी बहन को.. आह.. बना लो मुझे आपकी महबूबा..

पुनीत- ऐसे नहीं पायल.. रूको मुझे लाइट ऑन करने दो.. तुम्हारे जिस्म को कपड़ों में देख कर ही मैं सोचता रहता था कि मेरी बहन इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है.. आज अपने हाथों से तेरे एक-एक कपड़े को उतार कर.. मैं तेरे जिस्म का दीदार करना चाहता हूँ.. तेरे जिस्म को अपने होंठों से चूमना चाहता हूँ।

पायल- ओह्ह.. भाई.. ऐसी बातें ना करो.. मुझे शर्म आ रही है.. पहले ऐसे ही प्यार कर लो.. बाद में देख लेना मेरे जिस्म को.. जितना चाहो चूम लेना..
पुनीत- नहीं पायल.. तुम अभी कच्ची कली हो.. मैं इसी रूप में तुमको देखना चाहता हूँ.. उसके बाद तुम्हें इतना प्यार करूँगा कि तुम एक खिला हुआ गुलाब बन जाओगी।
पायल- ठीक है भाई.. जैसा आप चाहते हो.. वैसा ही होगा.. जला दो लाइट.. कर लो अपना अरमान पूरा..

पुनीत ने एक पल की भी देर नहीं की और लाइट चालू कर दी और पायल को उस सेक्सी नाइटी में देख कर उसकी वासना और भड़क गई।

पुनीत- ओह्ह.. पायल तुम सच में सेक्स की देवी हो.. इस ड्रेस में तुम क़ातिल हसीना लग रही हो।
पायल- भाई यह रूप किस काम का जो आपको तड़पा रहा है.. आ जाओ.. मिटा लो अपनी प्यास.. मेरे इस जलते हुए जिस्म से..

पुनीत- नहीं पायल.. तुम अगर मेरी गर्ल फ्रेण्ड होती.. तो शायद अब तक मैं तुम्हें जन्नत की सैर करा देता.. मगर तुम मेरी सग़ी बहन हो और दुनिया में शायद ही किसी भाई को तुम जैसी सेक्सी बहन को ऐसे देखने का मौका मिलता होगा। पहले मैं तुम्हारे इस यौवन को जी भर के देख तो लूँ.. सच में जब से तुमने मेरे सामने उस दुकानदार को अपना साइज़ बताया था.. तब से मेरी नज़र बार-बार तुम्हारे इन रसीले मम्मों पर ही अटक जाती है। आज इन्हें खुली आँखों से देखना चाहता हूँ।

पायल- ओह्ह..ससस्स भाई.. देर किस बात की है.. आ जाओ ना.. पी जाओ इनका सारा रस आह..
पुनीत ने पायल का हाथ पकड़ कर उसको बेड से नीचे उतार लिया और उसे इधर-उधर चलने को कहा।
पायल गाण्ड को मटकाती हुई कमरे में चलने लगी.. जैसे कोई मॉडल हो।

पुनीत- उफ़फ्फ़.. ये क़ातिल अदाएं कहीं मेरी जान ना ले लें.. तेरी ये ठुमकती गाण्ड तो बहुत ही लचीली है.. कैसे ठुमक रही है.. जैसे मेरे लौड़े को बुला रही है कि आ जाओ.. घुस जाओ.. उफ़.. पायल आज तुम्हारा ये रूप देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा है.. आ जाओ मेरी बाँहों में समा जाओ..

पायल शर्माती हुई पुनीत से लिपट गई और पुनीत उसकी गर्दन को चूमने लगा उसके कान को हल्के से दाँतों से काटने लगा।
पायल- उफ़फ्फ़.. कककक.. भाई प्लीज़ मत तड़पाओ ना.. आह.. ये प्यार बाद में कर लेना.. पहले अपनी बहन की प्यास तो बुझा दो।

पुनीत उससे अलग हुआ और उसने पायल की नाइटी निकाल कर एक तरफ़ फेंक दी और उसका नंगा जिस्म देख कर वो पागल सा हो गया। पायल के निप्पल उत्तेजना से एकदम कड़क हो गए थे उसकी चूत रिसने लगी थी।

पायल- उफ़फ्फ़ भाई.. मुझे तो आपने नंगा कर दिया.. आप अपना बरमूडा कब निकालोगे.. आह.. मुझे आपका लंड देखना है.. इसस्स.. आह.. प्लीज़..

पुनीत को थोड़ी हैरानी हो रही थी कि पायल कितनी आसानी से लंड का नाम ले रही थी.. जैसे बहुत पक्की चुदक्कड़ हो। उसको एक बार तो शक भी हुआ कि कहीं पायल पहले किसी से चुदवाई हुई तो नहीं.. जो इतनी बिंदास बोल रही है। मगर उसको क्या पता ये सब गोली का कमाल है।

पुनीत- अरे तुमने अन्दर कुछ भी नहीं पहना.. ये क्या सितम कर दिया.. मैं तुम्हारे एक-एक कपड़े को अपने हाथों से निकालना चाहता था।
पायल- वो सब फिर कभी कर लेना.. प्लीज़ अब बातें बन्द करो.. मुझे मत तड़पाओ.. मेरे सब्र का बाँध टूट रहा है भाई..

इतना कहकर पायल नीचे बैठ गई और एक झटके से पुनीत का बरमूडा खींच कर निकाल दिया, पुनीत का 7″ का लौड़ा झटके से आज़ाद हो गया.. जो पायल के मुँह के एकदम करीब था।

पायल- ओह्ह.. वाउ भाई मेरी कब से तमन्ना थी.. आपके लौड़े को देखने की.. इसे टच करके ही मुझे कितना मज़ा आया था.. आज चूसके तो पता नहीं कितना मज़ा आएगा।

पायल की बात पुनीत की समझ के बाहर थी कि उसने इसे कब टच किया था.. मगर ये वक़्त सवाल जबाव का नहीं.. मज़े लेने का था।
पुनीत- चूस ले मेरी बहना जान.. अब तुम्हारे सामने खड़ा है.. मज़े लेकर चूस और देख कैसा है तेरे भाई का लौड़ा और उसका रस..

पायल ने जल्दी से सुपारे को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी.. जैसे पता नहीं वो लंड के रस को पीने के लिए कितने सालों से प्यासी हो।
पुनीत- उफ़फ्फ़ आह.. मज़ा आ गया आह.. ऐसे ही चूस आह..

पायल पागलों की तरह अपने भाई के लौड़े को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, हाथ से उसकी गोटियों को सहलाने लगी।
पुनीत- आह..इसस्स.. बस कर जान.. पानी निकाल कर दम लेगी क्या.. आह.. आह..।

पायल ने लौड़ा मुँह से निकाला और सेक्सी स्माइल देते हुए कहा- आह.. भाई.. मैं जानती हूँ आप बहुत गर्म हो गए हो.. आपका लंड किसी भी पल पानी फेंक देगा.. ऐसे में मेरी प्यास अधूरी रह जाएगी। इसलिए पहले इसे मेरे मुँह में ठंडा करूँगी उसके बाद दोबारा तैयार करके अपनी आग बुझाऊँगी।

पुनीत- आह.. ऐसी बात है.. तो चूस आह.. मेरी जान.. मज़ा आ रहा है.. चूस ले.. ज़ोर से.. आह.. पूरा ले आह्ह..
पायल फुल स्पीड से लौड़े को मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी।
अब पुनीत के लौड़े की नसें फूलने लगी थीं.. वो झड़ने के करीब था.. तो उसने पायल के सर को कसके पकड़ लिया और स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।

पायल का दम घुटने लगा.. उसकी आँखें लाल हो गईं.. आँखों में आँसू आ गए। तभी पुनीत के लौड़े से पिचकारी उसके मुँह में गिरी.. उसने पुनीत को ज़ोर से धक्का दिया और लौड़ा मुँह से निकल गया, मगर तब तक पुनीत का रस पूरा उसके मुँह में आ गया था।

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कहानी जारी है।
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