चूत की आग से तड़पती रोजी

चूत की आग से तड़पती रोजी

हैलो दोस्तो.. आपका मित्र अभिराज.. फिर हाजिर हूँ आपके सामने एक नए मसाले को लेकर.. पहले तो आप सभी का शुक्रगुज़ार हूँ कि आप सभी ने बहुत सारे ईमेल भेजे और लगभग हर एक का मैंने उत्तर भी दिया।
अगर किसी का ईमेल मिस किया हो तो माफी माँगना चाहूँगा। मैं और अधिक कोशिश करूँगा कि सारे के सारे ईमेल का रिप्लाई करूँ।

तो अब मैं कहानी पर आता हूँ।
हुआ यूँ कि मेरे कहानी पढ़ने के बाद एक लड़की का मुझे ईमेल आया और उसने मुझे चैट पर एड किया.. उसका नाम था रोज़ी। वो दिल्ली के रहने वाली थी, उसका नाम मैंने बदल दिया है.. मेरे और रोज़ी की लगभग एक हफ्ते तक रोज बातें होती रहीं। धीरे-धीरे वो सेक्स चैट करने लगी।

मैंने उससे पूछा- कभी तुमने सेक्स किया है?
उसने कहा- हाँ किया है.. मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड था.. जिसके साथ लगभग मैंने 10-15 बार सेक्स किया.. पर तीन महीने पहले उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है और लगभग तीन महीनों से सेक्स नहीं हुआ है।

ऐसे ही सेक्स चैट करते-करते उसने बताया कि उसे सेक्स करना बहुत पसंद है.. लेकिन वो सावधान रहना चाहती है।
मैंने उससे कहा- तुम अपना फोटो भेजो और कोई एक्सपीरियेन्स शेयर करना चाहती हो.. तो बताओ।
लगभग एक हफ्ते बाद उसका ईमेल आया और उसने कहा- वो डेट के लिए तैयार है..

पर अब समस्या जगह की थी कुछ भी तय नहीं हो पा रहा था.. जैसे कि वो दिल्ली की थी और अपनी फैमिली के साथ वहाँ रहती थी। अतः होटल ही एक जगह बचती थी.. जहाँ मैं और वो.. दोनों ही नहीं जाना चाहते थे। होटल में सेक्यूरिटी कम होती है.. इसलिए हम दोनों सही मौके और जगह की तलाश में थे।

शुक्रवार को उसका फोन आया और कहा- कल शाम 5 बजे बाद मेरे घर पर कोई नहीं है.. क्या हम दोनों मिल सकते हैं?
मैंने उससे कहा- ठीक है.. मैं दिल्ली तो आ जाऊँगा.. पर तुम्हें मुझे वहाँ से पिक करना पड़ेगा।
उसने ओके कह दिया।

मैं दूसरे दिन ऑफिस से लगभग 12 बजे निकल गया। ऑफिस से एक बस में बैठा और सीधे दिल्ली पहुँचा। लगभग 5 घंटे में में चंडीगढ़ से दिल्ली पहुँच गया.. जहाँ रोज़ी पहले से ही मेरा इन्तजार कर रही थी। जैसे ही मैं बस स्टैंड पहुँचा.. मैंने उसे कॉल किया.. और वो मुझे आसानी से मिल गई।

एक बार तो मैं उसे देखते ही रह गया.. क्या खूब ढाल रखा था उसने अपने आपको.. कुदरत ने भी उसे बड़े फ़ुर्सत में बनाया होगा। तीखे नैन.. गुलाबी होंठ.. मुस्कुराता चेहरा.. पतली बल खाती हुई कमर.. और उठे हुए पिछवाड़े का तो कहना ही क्या..
बड़ी ही दिलफरेब आइटम थी।

जैसे उसने हाथ आगे बढ़ाया तो एहसास हुआ कि आज तो किसी स्वर्ग की अप्सरा से मिलने का अवसर मिला है।
थोड़ी देर यूँ ही बातों के बाद हम दोनों उसके घर पहुँचे और उसने मुझे फ्रेश होने को कहा। जैसे ही फ्रेश मैं होकर आया.. तो उसने मुझसे पूछा- ठंडा लोगे या गर्म?

मैंने कहा- मैडम ठंडे की इच्छा तो बहुत हो रही है.. और आप जैसे गरमागरम सुन्दर लड़की साथ हो.. तो बस ठंडा करने का ही दिल करता है।
वो मुस्कुरा उठी और कोल्ड ड्रिंक दो गिलास में डालने लगी।

मैंने उससे पूछा- कभी बियर पी है तुमने?
उसने मुस्कुरा कर कहा- उसका भी इंतज़ाम है.. कहो तो बियर ले आऊँ।
मैंने कहा- हाँ यार, बियर से ही शुरूआत करते हैं।

फिर हम दोनों ने एक-एक गिलास बियर पी और फिर मैंने उसके कमर में हाथ डाला.. उसने मेरे कंधों पर हाथ रख लिया।

क्या पर्फेक्ट हाइट थी.. उसकी हाईट लगभग 5.8 इंच थी।
मैंने धीरे से उसके होंठों को चूसना शुरू किया। वॉव.. क्या मज़ा रहा था.. उसके नर्म होंठों को चूस कर.. एक गरमागरम शुरुआत थी.. और सबसे मजेदार बात.. वो पूरा सहयोग दे रही थी, लगता था कि काफ़ी दिनों से बहुत ही तड़प रही थी।

किस करते-करते मेरे हाथ उसकी कमर पर जाने लगे.. फिर उसकी ब्रा को खोलने लगा। तभी मुझे एहसास हुआ कि उसके ऊपर टी-शर्ट भी पहन रखी है। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी.. तो उसके मम्मों को देख कर मेरा 7″ का लंड फुंफकार मारने लगा।

मैंने भी देर ना करते हुए उसकी ब्रा को निकाल फेंका और सीधा उसके मम्मों पर अटैक किया और उसके एक चूचे को मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो भी एकदम से ज़ोर-ज़ोर से सीत्कारें लेने लगी और उसके हाथ ढीले पड़ गए। मैंने उसे वहीं सोफे पर लिटाया और उसके घुटने मोड़ कर उसके मम्मों को चूसने लगा।

फिर धीरे-धीरे उसके हाथ भी मेरे लंड पर पहुँच गए और वो ज़ोर-ज़ोर से लौड़े को दबाने लगी।
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मैंने भी झट से अपने लोवर को उतार फेंका.. मेरा लंड तो मेरी जॉकी में ही नहीं समा पा रहा था और लगभग आधा बाहर निकल आया था। मौके का फायदा उठा कर रोज़ी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और धीरे-धीरे अपनी जीभ लण्ड पर घुमाने लगी।
मैं भी बिल्कुल पागल सा होने लगा। आग दोनों तरफ लगी हुई थी और लगता था कि वो काफ़ी दिनों के चुदासी है।

मैंने भी उसके लोवर और पैन्टी को उतार फेंका.. सच में बहुत ही मस्त माल थी रोज़ी.. और उसके चूतड़ तो लाजबाव थे। मन कर रहा था कि पहले गाण्ड मारी जाए.. पर नज़ाकत को देखते हुए मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
कुछ ही पलों में मैं उसके नमकीन से पानी को पीने लगा, वो बहुत ही गरम हो चुकी थी और ज़ोर-ज़ोर से ‘आहें..’ भर रही थी।

मैंने उसकी टाँगों को अपने कंधों पर टिका कर देर ना करते हुए उसकी चूत के मुहाने पर अपने लंड को लगाने लगा.. और धीरे-धीरे चूत की फांक पर सुपारे को रगड़ने लगा। इससे उसकी चुदास और बढ़ गई और वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी- प्लीज़ जल्दी करो.. प्लीज़ जल्दी.. अब वेट नहीं होता.. अगले राउंड में पूरा टाइम ले लेना.. पर अभी तो डाल दो..

मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए एक धीरे से झटके से अपने लण्ड को उसकी चूत में सरका दिया। वो इतनी टाइट भी नहीं थी इसलिए आधा लण्ड आराम से चूत में चला गया। अब मैं लौड़े को आगे-पीछे करने लगा.. तो वो बोली- तुम्हारा बहुत लंबा है.. मेरे एक्स-ब्वॉयफ्रेंड का इतना लंबा नहीं था.. प्लीज़ इससे ज़्यादा अन्दर ना डालो।

फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया, धीरे-धीरे उसे और मुझे दोनों को मज़ा आने लगा, धक्कों के साथ-साथ मैं अपने लंड को अन्दर तक डालने लग़ा और ज़ोर के झटकों के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया।
उसकी ज़ोर से चीख निकली… पर वो अड्जस्ट हो गई।

लगभग तीन मिनट के बाद ही वो झड़ गई और मैं लगा रहा। लगभग 10-12 मिनट तक धक्के लगाने के बाद वो दोबारा अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाली थी।
वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी- फक मी हार्ड… प्लीज़..

मैंने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी। ज़ोर-ज़ोर से धक्कों के बाद एक गरम लावा सा फूट पड़ा और वो फिर से झड़ गई।
मैंने स्पीड को लगातार तेज बनाए रखा और अब मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था।
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अन्दर ही छोड़ दो.. नो प्राब्लम।
बस लगभग 7-8 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया।

उसके चेहरे पर एक मस्त सी मुस्कान थी और संतुष्टि के भाव थे।

थोड़े देर बाद हमने एक-दूसरे को किस किया और बाथरूम में जाकर एक-दूसरे के अंगों को धोया। फिर हमने साथ बैठ कर खाना खाया.. बियर पी और पूरी रात चुदाई की..
और हाँ मैंने इसी रात उसकी गाण्ड भी मारी, वो पहले से ही गाण्ड मरवाने की शौकीन थी।
मैंने उसकी गाण्ड कैसे मारी.. और पूरी रात हमारी चुदाई कैसे चली.. जल्द ही अगले भाग में आप सभी को लिखूँगा।

दोस्तो, मैं यह कहानी जब आगे लिखूंगा.. जब आप लोगों के ईमेल मुझे मिलेंगे। अपने ईमेल भेज कर मेरा उत्साह बढ़ाइएगा.. आप सभी के ईमेल का मुझे इंतज़ार रहेगा।
आपका दोस्त अभिराज
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