मुँह बोले भाई का लण्ड देख मेरी चूत गीली हुई -1

मुँह बोले भाई का लण्ड देख मेरी चूत गीली हुई -1

मेरा नाम रीमा शर्मा है, मैं 27 साल की बेहद खूबसूरत, गोरी औरत हूँ। मेरा कद 5 फीट 4 इंच है.. मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ।
हम लोग मुंबई में वाशी में रहते हैं, मेरे पति मर्चेंट नेवी में हैं, उनके अलावा घर में मेरे सास-ससुर और मेरा 2 साल का बेटा है।

ऊपर वाले की दया से पैसों की कोई कमी नहीं है, वाशी में हमारा आलीशान 3-बेडरूम फ्लैट है।
बस जीवन में एक ही कमी है कि मेरे पति 6-7 महीनों बाद घर आते हैं.. क्योंकि मर्चेंट नेवी की जॉब ही ऐसी होती है।

मेरा मायका दिल्ली में ग्रेटर कैलाश में है। पिछले महीने की एक सुबह मेरे मायके से फोन आया कि मोनू मुंबई आ रहा है मुझसे मिलने के लिए.. मैं बहुत खुश हुई।

दिल्ली में मोनू हमारे पड़ोस में ही रहता है.. मेरी मम्मी और मोनू की मम्मी पक्की सहेलियाँ हैं। मोनू और में दोनों ही अपने घरों में इकलौते हैं.. इस कारण से मेरी और मोनू की बहुत पटती है।
मोनू मुझसे 9 साल छोटा है। मेरी शादी 4 साल पहले हुई थी.. शादी के बाद में उससे कम ही मिल पाती हूँ। अब पहली बार वो मेरी ससुराल में आ रहा था।

मैंने अपने सास-ससुर को बताया.. वो भी बहुत खुश हुए।

मेरे ससुर ने कहा- यह अच्छा हुआ.. मुझे महाबलेश्वर में एक हफ्ते के लिए कुछ काम है.. अकेला बोर हो जाता.. अब तुम्हारी मम्मी (मेरी सास) को भी साथ ले जाता हूँ।

अगले दिन मोनू को दोपहर में आना था, मेरे सास-ससुर सुबह-सुबह महाबलेश्वर के लिए चले गए।
मैं दोपहर में अपनी कार से मोनू को लेने चल दी।

गाड़ी सही टाइम पर आ गई.. मोनू को मैंने 3 साल बाद देखा। मुझे देखते ही मुझसे लिपट गया।
मैंने कहा- मोनू तू कद में तो मुझसे भी उँचा हो गया है.. लेकिन तेरा भोलापन पहले जैसा ही है।

मोनू ने मेरे बेटे को गोद में ले लिया। घंटे भर बाद हम घर पहुँच गए। इस बीच मेरा बेटा मोनू से बहुत घुल-मिल गया।
मोनू फ्रेश होने के लिए चला गया।
मैंने चाय बनाई और दोनों चाय पीते हुए बातें करने लगे, उसके 12वीं के एग्जाम के बारे में पूछा.. उसने कहा- पूरी उम्मीद है कि 95% से ज्यादा नंबर आएंगे।
मैंने कहा- गुड..

रात को 10 बजे डिनर किया और सोने की तैयारी करने लगे, मैंने कहा- मोनू तू मेरे बेडरूम में ही सो.. मेरा बेडरूम काफ़ी बड़ा है।
मोनू बोला- ठीक है रीमा दीदी..

डबलबेड पर एक कोने पर मैं लेट गई.. एक कोने पर मोनू लेट गया और बीच में मेरा बेटा..
मोनू मेरे बेटे के साथ खेलने लगा।
मैंने कहा- मोनू बस कर.. ला इसे मैं सुला देती हूँ।

थोड़ी देर में मेरा बेटा सो गया, हम लोग दिल्ली की बातें करने लगे।

थोड़ी देर में मोनू को नींद आने लगी और बोला- दीदी मैं सो रहा हूँ।
मैंने लाइट बंद कर दी और नाइट लैंप जला दिया।
मोनू सोते हुए बहुत भोला लग रहा था.. घुँघराले बाल.. गोरे-गोरे गाल और पतले-पतले होंठ..

मैंने अपने बेटे को साइड में किया और मोनू की बगल में लेट कर उंगलियों से बालों में कंघी करने लगी। शायद वो गहरी नींद में था.. इसलिए हिला भी नहीं।

मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था.. मैंने उसके गालों पर किस लिया.. फिर होंठ चूम लिए।
मैंने देखा कि उसकी छाती पर छोटे-छोटे बाल उग आए हैं। मैं अपनी उंगलियाँ छाती पर फिराने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने हाथ हटा लिए।
मोनू बोल पड़ा- प्लीज़ दीदी ऐसे ही करती रहो अच्छा लग रहा है।
मैंने हँसते हुए कहा- बदमाश.. मैं तो समझी कि तू सो रहा है।
मोनू बोला- सो ही रहा था.. पर आपके किस ने जगा दिया।

मैं फिर उसकी छाती पर उंगलियाँ चलाने लगी और गालों पर किस करने लगी। अचानक मेरी नज़र उसके बरमूडे पर पड़ी.. बरमूडा काफ़ी ज्यादा उठा हुआ था। मैं अपना हाथ छाती से हटा कर बरमूडे की तरफ़ ले जाने लगी.. मोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैंने कहा- मुझे देखने दे तेरा बरमूडा इतना ज्यादा क्यों उठा हुआ है।
मोनू का चेहरा शर्म से लाल हो गया और बोला- सॉरी दीदी..
मैंने कहा- सॉरी किस लिए?
वो बोला- आप मुझे चूम रही थी ना.. इसलिए ऐसा हो गया.. आई एम वेरी सॉरी..
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. पर मुझे देख तो लेने दे..

मोनू नहीं माना।

मैंने कहा- तुझे पता है.. जब तू छोटा था तब मेरे सामने नंगा भी हो जाता था।
‘हाँ दीदी.. पर मैं तब बच्चा था..’ मोनू बोला।
मैंने कहा- मेरे लिए तो तू अब भी बच्चा ही है.. अच्छा अब मेरा हाथ छोड़ मुझे देखने दे।

मोनू ने मेरा हाथ छोड़ दिया, मैं धीरे-धीरे अपना हाथ बरमूडे में ले गई।
मुझे ज़ोरदार करेंट लगा.. मुझे लगा मोनू सचमुच अब बच्चा नहीं रहा।
मैंने एक झटके से उसका बरमूडा नीचे सरका दिया ‘ऊऊहह.. म्म्म्मय्यई.. गॉड..’
मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं..

मोनू बोला- क्या हुआ रीमा दीदी?
मैंने कहा- तू तो सचमुच अब बच्चा नहीं रहा.. तू तो बहुत बड़ा हो गया है।
मोनू का लंड करीब 7 इंच लंबा और मेरी कलाई जितना मोटा था, इसके सामने मेरे पति तो बच्चे हैं। उनसे करीब 3 इंच ज्यादा लम्बा और मोटा तो निश्चित रूप से दोगुणा था।
मैंने हाथ में लेने की कोशिश की.. मेरे हाथ की उंगलियाँ और अंगूठा मिल नहीं पाए।

मैं अन्दर तक सिहर उठी।
मैंने कहा- मोनू तेरी नूनी तो पहले 2 इंच की थी.. मैं तो सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि तू इतना बड़ा हो जाएगा।
मोनू बोला- आप भी तो पहले से बहुत बदल गई हैं।
मैंने कहा- कैसे?
तो वो बोला- आपकी छाती कितनी बड़ी हो गई हैं और बैक भी कितनी बड़ी हो गई है।

मैं उसकी बातों से गरम होने लगी।
मैं अपना मुँह उसके कान के पास ले गई और बुदबुदाई- मोनू तूने कभी किसी लड़की को चोदा है?
मेरे मुँह से ‘चोदा’ शब्द सुन कर मोनू बुरी तरह शर्मा गया.. वो कुछ नहीं बोला।
मैंने फिर पूछा.. तो वो बोला- नहीं दीदी..

मैंने कहा- अच्छा कभी ब्लू-फिल्म देखी है?
मोनू शरमाते हुए बोला- हाँ रीमा दीदी..

मैं धीरे-धीरे उसका लंड सहलाने लगी, फिर उसका मुँह चूम लिया और बिल्कुल धीरे से पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोला- बहुत अच्छा..
मैंने उसके कान में बुदबुदाते हुए पूछा- अपनी रीमा दीदी को चोदेगा?

मोनू का चेहरा एकदम लाल हो गया.. एकदम चुप।
मैंने फिर पूछा.. इस बार वो बोला- मुझे कुछ नहीं आता..
मैंने कहा- कोई बात नहीं..

मैंने उसकी टी-शर्ट और बरमूडा निकाल कर बिल्कुल नंगा कर दिया।
उसे बहुत शर्म आ रही थी.. उसका लंड एकदम सख़्त था।
मैंने अपनी मैक्सी उतार दी.. रात के टाइम में ब्रा नहीं पहनती हूँ।

मोनू मेरी 36 इंच की चूचियों को हैरानी से देखने लगा, वो मेरा गोरा शरीर देख कर बोला- दीदी आपका बदन तो बहुत सुन्दर है।
मेरी चूचियों की तरफ इशारा करके बोला- आपकी ये तो बहुत बड़ी-बड़ी हैं।
मैंने कहा- छू कर देख..

वो अपना हाथ बड़ा कर चूचियों पर ले गया और बोला- रीमा दीदी, ये तो बहुत सख़्त हैं।
मोनू मेरी चूचियाँ सहलाने लगा.. मेरे अन्दर आग लगने लगी और मेरी पैन्टी भीग गई, लगभग 6 महीनों से मैंने आनन्द नहीं लिया था।

मोनू ने अचानक मेरी एक चूची मुँह में ले ली, मैंने उसका सर पकड़ कर अपने साथ भींच लिया, मोनू बिल्कुल बच्चे की तरह चूसने लगा.. मेरी चूत कामातुर हो कर पानी छोड़ने लगी तो पैन्टी बुरी तरह भीगने लगी।

तभी मोनू का हाथ मेरी पैन्टी पर लग गया.. वो बोला- रीमा दीदी आपकी पैन्टी तो भीगी पड़ी है.. आपका पेशाब निकल गया लगता है..।
मैं बोली- उतार कर देख ले..
मोनू की शर्म अब कम हो गई थी।

मैंने अपने बड़े-बड़े 38 इंच के चूतड़ ऊपर उठा दिए.. उसने झट से मेरी पैन्टी उतार दी।
मोनू बोला- रीमा दीदी आपकी पैन्टी तो बहुत बड़ी है।
मैंने कहा- मेरे चूतड़ देखे नहीं तूने.. कितने बड़े हैं.. मेरी पैन्टी सूंघ के बता कैसी खुशबू है?

मोनू ने सूंघ कर कहा- दीदी इसमें तो बहुत अच्छी खुशबू आ रही है।
मैंने कहा- तेरा लंड देख कर मेरी चूत में से पानी निकल आया.. यह उसी की खुशबू है।

मोनू मेरे गोरे-गोरे बड़े और चौड़े चूतड़ों को सहलाने लगा और बोला- ये तो कमाल के हैं.. आप तो बिल्कुल हिरोइनों के जैसी हैं।
मैंने अपनी टाँगें चौड़ी कर दीं।

अब खेल शुरू हो चुका था और मेरा मन उससे चुदने को आतुर हो उठा था।
कहानी जारी है।
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