चूत चुदाने ही तो गई थी यार से

चूत चुदाने ही तो गई थी यार से

दोस्तो, मेरा नाम सोनिया है, मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ, बहुत सुन्दर और रंग की गोरी हूँ, मुझे देख कर लड़के सपने में ना जाने क्या क्या करते हैं। मेरा कद 5 फीट 6 इंच है, सुडौल और कसी हुई छाती 34 नंबर की ब्रा पहनती हूँ। मेरा जिस्म का हर एक अंग भगवान ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाया है।

मैं अन्तर्वासना की नई पाठिका हूँ, मैंने आज तक सिर्फ़ चार लड़कों से चुदाई करवाई है। मैं आज मेरी पहली चुदाई के बारे में बताने वाली हूँ!

जब मैं 18 साल की हुई थी तो मैंने अपने जन्मदिन की पार्टी एक दिन पहले रखी थी, हमारे घर के पास के ही एक होटल में! हम 4 दोस्त मैं रमन ऋतु और विकी! ऋतु और विकी का चक्कर तो बहुत दिन से चल रहा था, अब मैं भी बालिग हो गई थी तो मेरी चूत में भी खुजली होने लगी थी, मैं भी अब किसी लड़के के साथ प्यार करना चाहती थी और चुदाई करवाना चाहती थी।

पार्टी में हम चारों जाकर बैठ गये एक अलग से कॅबिन में और खाना ऑर्डर किया। वेटर के जाने के बाद ऋतु और विकी चूमाचाटी करने लगे और रमन मेरी तरफ देखने लगा।
वो मेरे पास ही एक ही सोफे पर बैठा था। उसने धीरे से मेरा हाथ छू लिया, मुझे झटका सा लगा लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं कहा तो उसने मेरे हाथ की ऊँगलियों में अपनी ऊँगलियाँ भी डाल ली।

मुझे तब भी बुरा नहीं लगा तो उसका हौंसला और ज़्यादा बढ़ने लगा। मैं उसकी तरफ देखने लगी तो उसने शरमा कर निगाहें नीचे कर ली पर मेरा हाथ नहीं छोड़ा। मैं धीरे से उसकी तरफ सरक ली और दूसरा हाथ उसके हाथ के ऊपर रख कर उसका हौंसला और बढ़ा दिया।

उसने देखते ही मेरी जांघ पर हाथ रख दिया, ऋतु और विकी अपने में व्यस्त थे, मैंने उसका हाथ अपनी जांघ से तुरंत हटा दिया। फिर खाना आ गया और हमने खाना खाया। जाते जाते रमन ने मुझसे कहा कि वो मुझे रात को 12 बजे कॉल करेगा और मैं उसकी कॉल पिक कर लूँ!

मैंने हामी भरी और अपनी स्कूटी लेकर वहाँ से निकल गई। रमन के हाथ पकड़ने ने मेरे अंदर एक अजब सा एहसास पैदा कर दिया था, मैं उसे चूमना चाहती थी पर वहाँ से निकल आई। मुझे उसका हाथ अब भी मेरे हाथ में ही महसूस हो रहा था।

रात को 12 बजे उसका कॉल आया, मैंने बजते ही पिक कर लिया और हेलो बोला। तो उसने तो मेरा सपना ही पूरा कर दिया, फोन उठाते ही उसने मुझे ‘आई लव यू!’ बोला!मैंने भी बिना कुछ देर किए उसे ‘आई लव यू टू!’ बोल दिया। फिर उसने मेरा जन्मदिन विश किया और हमने अगले दिन मिलने का वादा कर लिया।

अगले दिन उसके घर पर कोई नहीं था तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया और मैं दौड़ी दौड़ी चली भी गई। जाते ही मैंने डोरबेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला और बोला- वेलकम जान!

वो बहुत ही सुंदर लग रहा था, गोरा बदन लाल होंठ थे, उसे देख कर मैं तो बस उसे चूमने के लिए बावली हो गई पर मैंने चुम्बन नहीं किया और अंदर जाकर खड़ी हो गई। उसने दरवाजा बंद किया और मुड़ते ही मुझे गले से लगा लिया। उसके गले से लगने के बाद मुझे एहसास हुआ कि आज तक मैं अधूरी सी थी।

मैं आँख बंद करके उसके गले लगी हुई थी तो उसने ‘आई लव यू!’ बोला और चुम्बन करने लगा। मैंने पहले तो उसको मना कर दिया तो उसने बोला- आज तो तुम जवान हो गई हो! आज तो मत रोको!

तो मैंने भी उसका साथ दिया। वो बहुत तेज तेज मेरे होंठ चूस रहा था और मैं बस आँख बंद करके पूरा मज़ा ले रही थी।

यह चुम्बन मेरे जीवन का पहला अनुभव था जिसमें मुझे बहुत मज़ा आया। फिर उसका हाथ मेरी चूचियों की तरफ बढ़ने लगा। मेरी कसी हुई चूचियों को उसने सहलाना शुरू कर दिया, मेरी तो साँस ही फूल गई और मैं बुरे तरह से काँपने लगी। मुझे मज़ा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था।

उसने मेरा टॉप उतार दिया और मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा, मैं शायद उसमें डूब चुकी थी, उसने मेरी छाती को चूमा और फिर चूचियों को ब्रा के उपर से चूमना शुरू किया और दाँत भी गाड़ने लगा। मैंने उसका सिर पकड़ा हुआ था।

फिर उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरे चूचे ब्रा से आज़ाद कर दिए, अब मेरे चूचे हवा में थे और वो बारी बारी से उन्हें चूस रहा था और मैं मज़ा ले रही थी।

फिर वो मुझे गोद में उठा कर बिस्तर पर ले गया और मेरे ऊपर आकर मेरे होंठ चूसने लगा। उसने अपनी टी शर्ट निकाल दी और मैं भी उसको अपने से चिपका कर खूब चूस रही थी।

वो एकदम से खड़ा हुआ और अपना लोअर उतार दिया। उसका लण्ड अंडरवीयर में से बाहर निकालने को बेचैन था तो मैंने उसको कहा- ये सब मैं नहीं कर सकती!

तो उसने कहा- ये सब करने के लिए ही तो तुझे बुलाया है।

उसने मेरी पैंट निकाल दी। मैंने उसे रोकने की नाकाम सी कोशिश की पर उसने झटके देकर मेरी पैंट निकाल दी। अब मैं सिर्फ़ काली पैंटी में थी और वो सिर्फ़ अंडरवियर में था।

उसने मेरी पेंटी के ऊपर से ही ही मेरी चूत को चाटना शुरू किया। मैं भी बहुत कामुक हो गई थी। उसने मेरी पेंटी भी उतार दी और अपना अंडर वियर भी! उसका बड़ा सा मोटा लण्ड मेरे सामने लहरा रहा था, उसने मेरा सिर पकड़ा और लण्ड को चूसने के लिए बोला तो मैं डर गई और चूसने के लिए मना किया और अपना मुँह बंद रखा।

फिर उसके काफ़ी मिन्नत करने के बाद मैंने उसके लण्ड को चूमा और फिर मुंह में लेकर कुल्फ़ी की तरह से चूसने लग गई। वो भी मेरा सिर पकड़ कर बहुत ज़ोर से धक्के मार रहा था, मेरे मुँह में दर्द होने लगा था तो मैंने उसे बस करने को कहा और वो मान भी गया।

मेरी चूत में बहुत खुजली होने लगी तो मैंने उसे मेरी चूत चाटने को बोला तो झट से मेरी टाँगों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा। मुझे गुदगुदी होने लगी और मज़ा भी आ रहा था। वो मेरे छेद में अपनी जीभ को आगे-पीछे कर रहा था।

मैंने उसके सिर को पकड़ कर उससे हटने को कहा तो उसने अपना लण्ड फिर से मुँह में डाल दिया। मैं फिर से चूसने लगी। फिर उसने मेरी टाँगें फैलाई और अपना लण्ड मेरे चूत के छेद पर रखा और धक्का मारा। मुझे बहुत दर्द हुआ।

जब उसका कड़क लण्ड मेरी चूत को फाड़ कर अंदर गया था, मेरी आखें निकल आई थी, मैंने पूरा ज़ोर लगाकर उसे हटा दिया और उसको एक थप्पड़ मारा।

उसने मुझे कुछ नहीं कहा और आराम से मेरी चूत को सहलाने लगा। उसमें से खून निकल रहा था और मैं दर्द में कराह रही थी तो उसने मुझे चुप कराया और चूमने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी।

उसने फिर से मेरी चूत की तरफ़ इशारा किया, वो भी अब दर्द से शांत हो चुकी थी, मैं भी चुदना चाहती थी तो मैंने उसको बोला- आराम आराम से करना!

तो उसने बड़े ही प्यार से अपना लण्ड छेद पर लगाया और आराम से धक्का दिया, तोड़ा दर्द हुआ पर मैंने सहन कर लिया। फिर उसने थोड़ा सा थूक टपकाया और आगे पीछे करने लगा।

मुझे पहली बार जन्नत का एहसास हो रहा था तो मैंने उसे थोड़ा और अन्दर डालने को कहा। उसने हल्का सा झटका और मारा और आहिस्ता आहिस्ता उसने अपना 7 इंच का लण्ड मेरी चूत में पूरा घुसा दिया और जबरदस्त झटके मारने लगा।
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी, मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था, बीच बीच में वो मुझे किस भी कर रहा था।

फिर उसके मुख से आहें निकलने लगी और वो मेरे अंदर ही झड़ गया और मैं बिल्कुल उसके साथ ही झड़ गई। वो हार कर मेरे ऊपर पड़ गया। मैंने उसको ज़ोर से बाहों में भर लिया।

उसने पूछा- मज़ा आया?

तो मैंने उसे किस कर लिया और ज़ोर से किस करने लग गई। उसने अपना लण्ड अभी तक निकाला नहीं था। फिर उसने अपना लण्ड निकाला जो अब सिकुड़ गया था और मेरी बगल में आकर लेट गया। फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गई और उसे चूमने लगी।

और जल्दी से बेड से नीचे उतर कर बाथरूम में चली गई। उसके बाद वो भी बाथरूम में आ गया। हम दोनों साथ साथ नहाए और चाय पी। फिर मैं अपने घर चली गई। मैं बहुत ज़्यादा खुश थी अपनी पहली चुदाई करवा के!

इसके बाद मैंने अपने मामा के लड़के से कैसे चुदाई करवाई, अगली कहानी में लिखूँगी।

यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे ज़रूर बताएँ।
आपकी सोनिया
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