सरब की चुदाई

सरब की चुदाई

प्रेषक – अमीश

मैं आप लोगों को अपने साथ घटी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ।

मैं लुधियाना से अमीश हूँ, ६ फीट का ख़ूबसूरत, आकर्षक… और ८.३” लम्बे और काफी मोटे लण्ड का मालिक !”

तो दोस्तों, असली बात पर आएँ

मुझे लड़कियों की चूचियों और मोटी गाँड देखने का बड़ा शौक है। एक साल पुरानी बात है जब मैं एयर-हॉस्टेस एकेडमी में डिप्लोमा कर रहा था। आपको तो पता ही है कि लड़कियाँ मिनी-स्कर्ट में आतीं हैं, मेरे बैच में भी बहुत सी सेक्सी लड़कियाँ थीं। उनमें से मुझे एक लड़की जिसका नाम सरब था, बहुत अच्छी लगती थी, वह पहले दिन से ही मेरे साथ बैठती थी।

जब भी वह बैठने के लिए झुकती, उसके मम्मे मेरी आँखों के सामने आ जाता थे। उसके मम्मों का आकार ३६:२८:३२ होगा। जब भी वह मेरी तरफ ऐसे झुकती तो मेरे अन्दर कुछ होने लगता और मेरा लण्ड खड़ा होने लगता। दो महीने ऐसी ही बीत गए, रोज़ उसके बारे में सोच-सोचकर मैं मुट्ठ मारने लग गया कि कब उसके मम्मों के पूरे दर्शन होंगे।

एक दिन जब वह मेरे पास बैठने लगी तो उसका हाथ मेरे लण्ड पर लग गया, उसे जैसे करंट जैसा लगा हो। उस समय क्लास में कोई और नहीं था, वह मुझे घूर कर देखने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो उसने कोई उत्तर नहीं दिया। उसे भी शायद अच्छा लगा, क्योंकि उसने भी कहाँ किसी का लण्ड पकड़ा होगा। मेरे अन्दर तो खुशी की लहर दौड़ गई कि किसी लड़की का हाथ तो लगा मेरे लण्ड पर, नहीं तो बेचारे को मसल-मसल कर इसका रस निकालना पड़ता और पहली बार किसी के हल्का सा हाथ लगाने से मेरी फ्रेंची गीली हुई। उस दिन मैंने कमरे में जाकर २ बार मुट्ठ मारी।

वैसे तो सरब भी मुझसे प्यार करने लग गई थी पर हम दोनों ही एक दूसरे को कहने से डरते थे। पर उस दिन उसका फोन आया, वह कहने लगी कि यार “आई एम रियली वेरी सॉरी,”

मैंने कहा- किस बात की सॉरी यार, दोस्तों में कोई सॉरी नहीं होती ! पर वैसे किस बात की सॉरी माँग रही हो?

उसने कहा कि जब मैं तुम पर गिर गई थी तो तुम्हें बड़ा दर्द हुआ होगा क्योंकि वह तो तुम्हारे शरीर का सबसे नाज़ुक हिस्सा है, तुम चिल्लाए भी थे। मैंने सोचा अब तो लाईन साफ़ है बच्चू, बुला ले डेट पर।

मैंने कहा – “एक बात पर सॉरी मिलेगी, जब तुम मेरे साथ कल कॉफ़ी पीने चलोगी, क्लास शुरू होने से पहले !”

वह मान गई, मैंने सोचा मैं कल उसको “आई लव यू” कह ही दूँगा। उधर भी वही बात चल रही थी। फिर अगले दिन जब सुबह हुई, मैंने उठ कर पहले शेव की और नहाने के लिए गया, नहा-धो कर नाश्ता करके मैं उसके फोन का इन्तज़ार करने लगा। मेरे साथ चार लड़के रहते थे। सबसे देर से मैं ही उठता था, वे सब कहने लगे, भाई आज तू इतनी ज़ल्दी उठकर कहाँ जा रहा है, तेरी क्लास तो ११ बजे होती है। मैंने कहा कि कोई ज़रूरी काम है। फिर उसका फोन आया कि मैं तुम्हारा १० बजे कॉफी कैफ़े डे में इन्तज़ार करूँगी। मैं भी अपनी बाईक पर उसके मिलने के लिए निकल पड़ा, पहले तो मॉल रोड से उसके लिए एक ग़ुलाब लिया फिर एक आई लव यू वाली ग्रीटिंग कार्ड ली।

फिर मैं जब कैफ़े पहुँचा तो वो क्या क़यामत लग रही थी, आसमानी नीले रंग की डॉप और सफ़ेद जीन्स। मैंने उसको जाकर गुलाब दिया, वो भी समझ गई कि आज कुछ होने वाला है जब ग्रीटिंग दिया तो समझ गई कि मैं उससे प्यार करता हूँ। उसने कहा कि तुमने तो मेरे दिल की बात जान ली। मैंने कहा कि दो प्यार करने वाले ही एक दूसरे की बात समझ पाते हैं।

उसने कहा- आई लव यू डार्लिंग !

मैंने भी जवाब दिया। मैं कुछ ज्यादा ही रोमांटिक होता जा रहा था कि आज तो मेरे लण्ड को किसी गुफ़ा में जगह मिल ही जाएगी। मैंने उससे कहा कि चलो मेरे कमरे पर चलते हैं, मैं तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता हूँ, तो उसने कहा कि ज़नाब के इरादे तो नेक हैं। खुजली तो उसे भी होने लगी थी क्योंकि उसे भी तो लण्ड मिलने वाला था, तो वह इन्कार नहीं कर पाई, उसने हाँ कर दी।

हम दोनों बाईक पर मेरे कमरे की ओर निकले, वो मेरे पीछे ऐसे बैठी, मानों मेरी पत्नी हो। मैंने २-३ बार ज़ोर की ब्रेक लगाई, उसके मम्मे मेरे साथ टकराए और मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। उसने फिर मेरे लण्ड पर हाथ रख लिया और ज़ोर से दबाने लगी। मेरा लण्ड पैन्ट को फाड़कर बाहर आने को तैयार हो गया।

जैसे ही हम पहुँचे, तो मैंने उससे पहले अन्दर जाने को कहा, फिर बाद में मैं गया और मैंने मुख्य द्वार बन्द किया और उसको मेरे कमरे में बिठाया और पूछा – तुम कुछ लोगी क्या? उसने कहा – जूस चलेगा। मैंने फ्रिज़ में से रियल जूस की बोतल निकाली और हम दोनों जूस पीने लगे, उसके जूस पीते-पीते थोड़ा सा जूस उसके होठों के नीचे आ गया। मैंने मौक़ा न गँवाते हुए जूस की एक बूँद साफ करने के बहाने उसके होठों को भी चूम लिया और उसके होंठ चूसने लगा।

मैंने १० मिनट तक उसको नहीं छोड़ा और उसके मम्मों में हाथ डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। उसने भी मेरी ज़िप खोल ली और लण्ड राजा को बाहर निकाल लिया। मैंने उसकी टॉप उतार दी, उसके बाद उसके जीन्स भी। अब वह सिर्फ ब्रा और पैण्टी में थी, उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए, मैं अब अपनी फ्रेंची में था, मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके बड़े-बड़े मम्मे उछल कर बाहर आए। उसने जब मेरी फ्रेंची उतारी तो देखकर डर गई कि इतना बड़ा लण्ड ! उसने देर ना करते हुए मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और ऐसे चूसने लगी मानों लॉलीपॉप हो।

मैंने उसकी पैण्टी उतारी तो उसकी शेव की हुई चिकनी चूत मेरे सामने आ गई और फिर हम ६९ की स्थिति में आ गए। मैंने जब उसकी चूत को देखा तो वह पानी छोड़ रही थी कि जैसे वह मेरा ही इन्तज़ार कर रही हो। मैं बड़े ही प्यार से उसकी चूत चाटने लगा, मुझे इतना मज़ा आया कि मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे क्या हो रहा था।

मेरा रस निकलने वाला था, और इतने में सरब दो बार झड़ चुकी थी, उसका रस नमकीन सा था, मेरी तो जैसे जन्मों की प्यास मिट गई हो। मैंने ३ बार उसका रस पिया, जैसे ही मेरा रस निकलने वाला था मैंने बाहर निकालना चाहा पर उसने मुँह से निकालने ही नहीं दिया, मेरे लण्ड की पिचकारी उसके गले में जा लगी, गरमा-गरम रस पीकर उसे बहुत मज़ा आया। उसने मेरे लण्ड को चाट-चाटकर साफ कर दिया। मैंने फिर से उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी। वह १ बार फिर झड़ गई, मैंने फिर उसका सारा रस पी लिया।

फिर मैं अपना ८ इंच का लण्ड चूत में डालने लगा तो वह चिल्ला उठी, क्योंकि उसने कहा कि कोई भी लण्ड अपनी चूत में नहीं लिया था। मैंने मुश्किल से ४ इंच ही डाला था कि उसकी चूत खून से भर गई, और वह रोने लगी।

मैंने उसे चुप करवाया और उसे हौसला दिया, और फिर एक ही झटके में सारा लण्ड डाल दिया और मेरे बिस्तर का गद्दा खून से भर गया, वह ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैं २ मिनट के लिए रूका, ,वह भी शान्त हो गई थी, अब उसे भी मज़ा आने लगा था, वह भी अपनी गाँड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी थी। फिर मेरा रस निकलने लगा तो मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया। सरब ने वक्त बर्बाद न करते हुए मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और मेरे सारा रस पी गई। फिर मैंने उसकी दो बार और चुदाई की फिर हम १ घण्टे ऐसे ही लेटे रहे, उसके बाद उठे फिर वॉशरूम में गए, दोनों साथ में ही नहाए। फिर उसको १ बार और चोदा शैम्पू लगा के, नहा के हम फिर खाना खाने के लिए होटल में गए, उसके बाद मैंने उसे उसके घर पर छोड़ दिया। उसके बाद मैंने उसकी दो बार चुदाई और की।

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