सुहागरात की असली चुदाई देवर के साथ (Meri Chudai Suhaagraat Kee Asli Chudai Dewar Ke Saath)

सुहागरात की असली चुदाई देवर के साथ (Meri Chudai Suhaagraat Kee Asli Chudai Dewar Ke Saath)

मेरे से मेरी सुहागरात के बाद, करीब 6 महिनों के बाद वो Meri Chudai पूरी तरह से नहीं कर पाते थे। तब मेरे देवर ने मुझे जमकर चोदा और मेरी चुदास को पूरा किया..

हेलो साथियों,

मेरा नाम रुखसाना बेग़म है और मेरी उमर 24 साल है, बहुत सेक्सी तो नहीं, लेकिन हाँ ऐसा फिगर तो दिया है भगवान ने, जो किसी को भी पागल कर सके।

यह एक सच्ची घटना है, जो मैं आपको बताने जा रही हूँ। बात मेरी शादी के बाद की है मेरी शादी को एक साल हो गया है।

मेरे परिवार में मेरे सास ससुर शौहर और उनका छोटा भाई रहता था। मेरे शौहर की उम्र लगभग 25 साल थी और देवर की उम्र 23 की थी।

मैंने शादी से पहले कभी किसी के साथ चुदाई नहीं किया था, हाँ कुछ ब्लू फिल्म्स ज़रूर देखी थी।

उन फिल्म्स को देख कर, यह तो पता था कि लण्ड लेने में मज़ा तो बहुत आता होगा।

खैर, शादी के बाद सुहागरात थी और मैं बड़ी बेसब्री से चुदने का इंतज़ार कर रही थी।

रात को 9 बजे मेरे शौहर कमरे में आए और आकर दरवाजे की कुण्डी लगा दी।

सुहागरात में अपनी चुदाई का बेसब्री से इंतज़ार

मेरे तो खुशी और डर के मारे रोंगटे खड़े हो गए थे, और उन्होंने आकर मुझे बेड से उठाया और गले लगाया।

मेरे चूचे उनकी छाती से रगड़ खाने लगे। उन्होंने धीरे धीरे, मेरे होंठों को चूसना शुरू किया और मेरी चूचियों को दबाने लगे।

मेरा तो बुरा हाल हो रहा था, मैं यह सोच रही थी कि कब मेरे शौहर मेरी चूत का इंतज़ार ख़त्म करेंगे।

उन्होंने मेरी साड़ी और साया भी उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में ही उनके सामने खड़ी थी।

उसके बाद उन्होंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और सिर्फ़ चड्डी में आ गए।

ऊपर से ही उनका उभरा हुआ लण्ड मुझे नज़र आने लगा था, फिर मेरी ब्रा और पैंटी भी उतार कर वो पागलों की तरह मुझे चूसने लगे।

पहले मेरी चूचियों को और मेरी चूचियों के दाने को चूसते हुए, वो मेरे पेट और नाभि को चाटने लगे।

मेरी जाँघों पर भी जीभ फेरने लगे, मैं तो बस पागल हुई जा रही थी।

उन्होंने अपनी जीभ, मेरी चिकनी बिना बाल की चूत पर रख दी, मेरा पूरा शरीर कांप गया।

वो धीरे धीरे अपनी जीभ को अन्दर बाहर करते हुए, मुझे मज़ा देने लगे।

मेरी कुँवारी चूत की पहली बार चुदाई

कुछ ही देर में मैं झड़ गई और उन्होंने सारा पानी पी लिया, इसके बाद उन्होंने अपना चड्डी उतारा।

ब्लू फिल्म्स की तरह बहुत बड़ा तो नहीं, उनका लगभग 5 इंच का लण्ड था।

जिसको उन्होंने मेरी चूत के मुँह पर रखा, और धीरे धीरे अन्दर की तरफ ज़ोर लगाने लगे।

दर्द के मारे मेरा बुरा हाल था, क्योंकि मैं अभी तक किसी से चुदी नही थी।

मैने अपने शौहर से मिन्नतें की, कि मुझे छोड़ दो प्लीज़! पर उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी।

एक ज़ोर का झटका लगाया और उनका लण्ड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया।

मुझे लगा, जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत के अन्दर चला गया हो, मेरी आँखों से पानी बहने लगा।

अब वो धीरे धीरे धक्के लगाने लगे, लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद वो भी झड़ गए।

कुछ दिन यही सब ऐसे ही चलता रहा, और 6 महीने बाद मुझे वो 10 मिनट की चुदाई कम लगने लगी।

एक दो बार अपने शौहर से मैंने शिकायत भी किया।

उन्होंने समझाया कि इतना ही होता है, पर चुदाई करने के बाद भी मेरे शरीर को संतुष्टि नही मिलती थी।

अब धीरे धीरे इसी बात पर हमारे झगड़े भी होने लगे। एक दिन मौसम बड़ा सुहावना था!

मेरा मन दोपहर से चुदवाने का था। मैं सोच रही थी, कि अगर आज ये ज़ल्दी आ जाए, तो चूस लूँ इनको अच्छी तरह से।

शाम को 7 बजे तक, ये भी आ गए और सबको खाना खिलाते खिलाते, मैं 9 बजे तक खाली हुई।

मैंने जाकर कमरे में देखा, तो मेरे शौहर बेड पर सो रहे थे।

मेरे तो बदन में जैसे आग लग गई, मैने तुरन्त उन्हें उठाया और कहा- आज मुझे चुदना है।

इस पर उन्होंने कहा- नींद आ रही है, आज सो जाते हैं कल चुदाई करेंगे।

मैंने उनके पजामे के ऊपर से उनके लण्ड को रगड़ना शुरू किया तो वो खड़ा हो गया।

अब मैंने उसको मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, 5 मिनट में ही वो झड़ गए।

मेरे शरीर की आग नहीं बुझी तो मैंने उन्हें चोदने को कहा, बहुत मिन्नत करने के बाद भी नहीं माने तो मुझे बहुत गुस्सा आया।

अब मेरी थोड़ी थोड़ी आवाज़ बाहर भी जा रही थी।

जिसको मेरा देवर साथ वाले कमरे में बैठा सुन रहा था (ये उसने मुझे बाद में बताया) खैर वो रात ऐसे ही निकल गई।

2-3 दिन बाद, मेरे शौहर ने मुझे बताया- कि कम्पनी के काम की वजह से, उनको आज रात ही 15 दिनों के लिए बाहर जाना होगा।

मैं तो पहले से ही लण्ड की प्यासी थी और यह सब बात सुनकर, तो मेरा सारा मूड ही खराब हो गया। पर अब मैं कर भी क्या सकती थी।

रात को मेरे शौहर चले गए, और मैं सबको खाना खिलाकर अपने कमरे में आराम करने चली गई।

मैं गुस्से में पागल होकर कमरे के दरवाजे को लगाना भूल गई थी।

ऐसे सोचते सोचते, जाने कब आँख लग गई मुझे पता भी नहीं चला।

करीब आधे रात को मुझे ऐसा एहसास हुआ कि कोई मेरी नाभि को सहला रहा है।

मुझे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था, कि तभी अचानक से मेरी नींद टूट गई। मैंने देखा, कि मेरा देवर मेरी नाभि को सहला रहा था।

मैंने झट से उसको अपने ऊपर खींच लिया। मैं पूरी चुदासी थी, मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गई।

मैंने उसके सारे कपड़ों को अलग कर दिया, अब वो सिर्फ चड्डी में था और मैं उसके पूरे बदन को चूमने लगी।

वो भी पूरे जोश में आकर, मेरी चूचियों को दबाने लगा, मुझे बहुत आनन्द आ रहा था।

मैं उसके चड्डी के ऊपर से उसके हल्ल्बी लौड़े को देखी, उसका लण्ड फुँफकार रहा था।

मैंने जैसे ही, उसके चड्डी को उसके शरीर से अलग किया, वैसे ही उसका 7″ का लण्ड मेरे आँखों के सामने था।

मैं उसके मोटे और लम्बे लण्ड को देखती ही रह गई।

मैं बहुत खुश हुई कि कोई तो है, जो मेरी चूत की भड़कती ज्वाला को शांत करेगा।

मैं उसके लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी, कसम से बड़ा मजा आ रहा था।

मैंने जब उसके लण्ड को हाथों में लिया, तब पूरा लण्ड मेरी मुट्ठी में नहीं आ रहा था।

मैं उसके लण्ड को मुठ मारने लगी, और उसका लौड़ा और भी बड़ा और लम्बा दिखने लगा।

अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था, मैंने आव देखा ना ताव, उसके लौड़े को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी।

उसके मोटे लण्ड को चूसने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसका लण्ड करीब 15 मिनट तक चूसा, पर वो अभी तक झड़ा नहीं था।

मेरी आँखों की चमक और बढ़ गई, और मैं लौड़े को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया।

हल्ल्बी लौड़े से जमकर चुदाई

आख़िरकार, उसके लण्ड को चूसते-चूसते मेरी मुँह थक गई, पर वो साला पूरा मर्द था।

उसका लण्ड पूरा लोहे की तरह पूरा गर्म और कड़ा था। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

अब मैं उसके लौड़े को अपनी चूत पर सहलाने लगी, और धीरे धीरे उसके पूरे लौड़े को मेरी चूत निगल गई।

आह! उम्म्ह्ह! क्या जन्नत था। मुझे हिलने में बहुत मजा आ रहा था।

मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, और उसका पूरा लौड़ा मेरी चूत रस से भीग चुका था।

अब मैं धीरे धीरे तेजी से उसके ऊपर उछलने लगी। उसका मोटा लौड़ा को चूत में लेने का मजा ही अनोखा था।

उसका लौड़ा मेरी चूत में बहुत कसा हुआ, मुझे महसूस हो रहा था।

मैं करीब 15 मिनट तक ऐसे ही उछलती रही और कुछ देर के बाद, मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाली हूँ।

मैंने झट से, अपनी चूत को उसके लौड़े में से निकाल कर, उसके मुँह में अपनी पूरी चूत को घुसेड़ दी।

वो भी मेरी चूत को बड़े मजे से चूसने लगा। मैं तो जैसे सातवें आसमान में थी!

मुझे ऐसा एहसास हो रहा था, कि जैसे आज ही मेरी असली सुहागरात हो। अब मैं थक चुकी थी तो मैं उसके बाँहों में निढाल हो गई।

कुछ देर आराम करने के बाद, हम दोनों उठे और अब वो मेरी चूचियों को चूसने लगा।

मेरी चूचियाँ फिर से जोश में कड़ी हो गई थी। मैं भी फिर से उसके लण्ड को चूसने लगी।

उसे बहुत मजा आ रहा था, वो मस्ती में- आहा! इश्श! उह्ह! करते हुए, मेरी बालों को पकड़कर मेरे सर को अपने लौड़े में दबाए जा रहा था।

मैं भी पूरे मजे लेकर उसका लण्ड चूस रही थी, अब उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी दोनों टाँगों को अपने कंधे पर रखा।

बिल्कुल ब्लू फिल्मों की तरह।

अब वो अपने लौड़े को मेरी छोटी सी चूत में रगड़ने लगा, और मैं तो जैसे पागल सी होने लगी।

मेरे मुँह से हाहा! उफ्फ्फ! हाय! की आवाजें निकलने लगी।

अब वो अपने मोटे लौड़े को मेरी चूत में घुसाने लगा, मुझे बहुत सुकून महसूस हो रहा था।

मैं अपने होंठों को अपने दाँतों से दबा रही थी। देखते देखते! उसने पूरा लौड़ा मेरी चूत में पूरा घुसेड़ दिया।

अब जोर से धक्के लगाने लगा। करीब 15-20 तक उसने मेरी जमकर चुदाई की।

मेरी चूत अब पूरी तरह खुल चुकी थी, अब लण्ड सटासट अन्दर बाहर हो रहा था।

अब उसका शरीर अकड़ने लगा था, शायद अब वो झड़ने वाला था।

उसने अपने धक्कों की रफ्तार एकदम से तेज कर दी, और कुछ ही पल में अपना गर्म और गाढ़ा वीर्य को मेरी प्यासी चूत में छोड़ दिया।

मुझे बहुत आन्नद आया और वो थक कर मेरे ऊपर ही निढाल हो गया, मैं उसके बाल को सहलाने लगी और उसके चेहरे को चूमने लगी।

मुझे आज पूरी तसल्ली मिली थी, मैं बहुत खुश थी।

उस दिन के बाद, आज तक मैं अपने देवर से खूब चुदती हूँ और कभी भी अपने शौहर की कमी महसूस नहीं करती और ना ही उनके जल्दी झड़ जाने की शिकायत करती।

दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची सुहागरात मेरे देवर के साथ! आपको कैसी लगी मेरी कहानी? यह कोई कहानी नहीं है, यह मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी आपबीती है।
आप अपने जवाब मेरी ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं।
[email protected]

मेरे शौहर के जाने के बाद, मैं चुदाई के आग में जल रही थी और कमरे का दरवाजा लगाना भूल गई। यह भूल मेरी जिन्दगी में नई बहार लेकर आई, मेरे देवर के रूप में। मैंने अपने देवर के साथ अपनी चूत की भरपूर चुदाई कर अपनी असली सुहागरात मनाई और Meri Chudai की भड़कती चुदास की ज्वाला को शांत करवाया..

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