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मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-6 लेखक : प्रेम गुरु मैं अब अपने कपड़े पहन लेना चाहती थी। जैसे ही मैंने अपनी लुंगी और शर्ट उठाने का …
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-5 लेखक : प्रेम गुरु “हाँ एक अनोखा आनंद जो शायद तुमने आज से पहले ना तो कभी सुना होगा और ना …
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-4 लेखक : प्रेम गुरु आह … इस चरमोत्कर्ष तो मैंने आज तक कभी अनुभव ही नहीं किया था। शमा कहती थी …
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-3 लेखक : प्रेम गुरु श्याम जिस प्रकार की बातें कर रहा है मैं इतना तो अनुमान लगा ही सकती हूँ कि …
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-2 लेखक : प्रेम गुरु आज मनीष ने जल्दी घर आने का वादा किया था। कल मेरा जन्म दिन है ना। आज …
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-1 लेखक : प्रेम गुरु मेरी यह कहानी मेरी एक महिला ई-मित्र मधु अग्रवाल (सोनू) को समर्पित है —- प्रेम गुरू देखो …