विदुषी की विनिमय-लीला-5 कोई मिल गया विदुषी की विनिमय-लीला-5 लेखक : लीलाधर वे हौले-हौले मेरे पैरों को सहला रहे थे। तलवों को, टखनों को, पिंडलियों को… विशेषकर घुटनों के अंदर की संवेदनशील जगह को। धीरे-धीरे … [Continue Reading...]