कॉलेज गर्ल की चूत की पहली चुदाई टीचर ने की

कॉलेज गर्ल की चूत की पहली चुदाई टीचर ने की

दोस्तो, मैं फेहमिना इक़बाल आप सबके सामने मेरी नई सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ।
मुझे मेरी पिछली कहानियों के लिए बहुत मेल आये, उन सभी का मैं बहुत बहुत आभार मानती हूँ, सभी को दिल से शुक्रिया।
मुझे बहुत से मेल में लोगों ने कहा कि मैं अपनी सबसे पहली चुदाई की कहानी यानि मैंने कैसे अपनी चूत में पहली बार लंड लेकर अपनी चूत का उदघाटन करवाया, इस घटना पर कहानी लिखूँ।

तो दोस्तो, आप सभी की गुज़ारिश सर आँखों पर… आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी सबको बताती हूँ।
लड़के अपने लंड हाथ में ले लें और लड़कियों को पता ही होगा कि उन्हें क्या करना है।

बात आज से तीन साल पुरानी है जब मैं 23 साल की थी, उस वक़्त मैं घर से बाहर रहकर MBA की पढ़ाई कर रही थी, मैं हॉस्टल में रहती थी।

मेरी क्लास में बहुत से हैंडसम लड़के थे, उन्ही में से एक लड़के को मैंने अपना बॉयफ्रेंड बना लिया था। हम दोनों का प्यार दो साल तक चला, इस बीच मैंने उसके साथ बहुत मज़े लिए मगर मैंने उसे कभी भी अपनी चूत तक नहीं पहुँचने दिया, हम बस ऊपर ऊपर से ही मज़े ले लेते थे, मतलब वो मेरे बूब्स चूसता था और मैंने उसका लंड भी हिलाया था।

तो दोस्तो, अब असली कहानी पर आते हैं।

मेरे एक प्रोफेसर थे जिनका नाम रोहित था। वो 30 साल के गबरू जवान थे, उनकी शादी 2 साल पहले हुई थी। मैं और मेरी कुछ सहेलियाँ उनसे एक्स्ट्रा कोचिंग लेने के लिए उनके घर जाया करती थी इसलिए उनकी और मेरी बहुत अच्छी जान पहचान हो चुकी थी।
उनकी बीवी से भी मेरी अच्छी दोस्ती थी, मैं उन्हें दीदी कहती थी और वो भी मुझे छोटी बहन मानती थी।

शुरू में तो सब कुछ ठीक था मगर कुछ दिनों से में देख रही थी कि रोहित की नजर मुझ पर ठीक नहीं थी, वो क्लास में भी मुझे हंस कर देखते रहते थे।
मैंने उस बात को अपना भ्रम समझ कर अनदेखा कर दिया मगर उनकी हरकतें बढ़ती गई।

वो कोचिंग में भी मेरे पास बैठने लगे और बात बात पर मेरी कमर पर हाथ मार देते या कभी मेरी जांघों पर अपना हाथ से सहला देते थे।

एक दिन मैं कोचिंग में अपना काम कर रही थी, मैं मेज पर थोड़ी झुकी हुई थी, मैंने देखा कि रोहित तिरछी निगाह से मेरी शर्ट के अंदर झांक रहे थे और मेरे थोड़े से दिखाई दे रहे बूब्स को निहार रहे थे।
मैंने शर्ट को ठीक किया तो उन्होंने अपनी निगाह हटा ली।

कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा।

एक दिन वो मेरे पीछे आकर हम सबको सवाल समझाने लगे तभी उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दिए। मुझे बहुत अजीब लगा मगर मैंने कुछ नहीं कहा।

थोड़ी देर बाद वो मेरे कंधे को दबाने लगे और अपनी एक उंगली को मेरी गर्दन पर सहलाने लगे।
अब मुझे गुस्सा आने लगा तो मैंने उनका हाथ हटा दिया और उन्हें गुस्से से देखने लगी।

फिर उसी दिन कोचिंग के बाद जब हम जा रहे थे तो उन्होंने मुझे रोक और बोले- फेहमिना रुको, मुझे तुमसे इस विषय के बारे में कुछ बात करनी है।
तो मैं ना चाहते हुए भी रुक गई।
अब उनके घर में हम दोनों अकेले थे क्यूंकि उनकी बीवी मायके गई हुई थी।

वो मेरे पास आये और बोले- फ़ेहमिना, तुम इस विषय में थोड़ी कमजोर हो, तुम्हें और मेहनत करनी पड़ेगी। अगर तुमने मेहनत नहीं करी तो तुम फेल हो जाओगी।

तब वो मेरे पास आये और मेरी जांघे मसलने लगे मैंने गुस्से में उनका हाथ हटा दिया और वहाँ से जाने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और बोले- मैं तुम्हें पास कर दूंगा, बस थोड़ा मजा लो और लेने दो।
मैं उन्हें धक्का देकर वहाँ से चली गई और हॉस्टल आ गई।

अगले दिन कॉलेज मैं जब रोहित की क्लास आई तो वो क्लास में बात बात मुझे डांटने लगे।
ये सब कोचिंग में भी होने लगा, यह रोज का हो गया था, वो किसी न किसी बात पर मुझे डांट देते या क्लास से बाहर निकाल देते, मतलब वो जानबूझ कर सबके सामने मेरी बेज़्ज़ती करने लगे।

मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा चढ़ा हुआ था, मगर मैं चुप रही।

फिर एक क्लास के छोटे से एग्जाम में मैंने उनके विषय में बहुत मेहनत करी मगर रोहित ने मुझे फिर भी फेल कर दिया।
अब मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था।
एक बार तो मन किया कि सब कुछ छोड़कर भाग जाऊँ मगर मैंने अपने गुस्से पर कण्ट्रोल किया और उनसे बात करने का फैसला किया।

अगले दिन जब मैं कोचिंग गई तो उस दिन भी रोहित ने मेरी बहुत बेज़्ज़ती की। मगर मैं सब चुपचाप सहने लगी।

कोचिंग खत्म होने के बाद जब सब चले गए तो मैंने सीधे रोहित से पूछा- आप क्या चाहते हो? क्यूँ सबके सामने मेरी बेज़्ज़ती करते रहते हो?
तो वो बोला- तुम्हें पता है कि मुझे क्या चाहिए और अगर तुमने मना किया तो मैं फाइनल एग्जाम में तुम्हें फेल कर दूंगा।

अब मैं सच में डर गई, मैं उनके सामने ना चाहते हुए भी रो पड़ी।

तो वो मेरे पास आये और मेरे दोनों कंधो को पकड़कर मुझे बिठाया और बोले- इसमें रोने की क्या बात है, तुम जवान हो चुकी हो और तुम्हारा भी मन करता होगा ये सब करने का।

मैंने उससे कहा- आप मेरे पीछे क्यूँ पड़े हो, आपकी शादी हो चुकी है, इतनी खूबसूरत बीवी है आपकी… फिर आप मेरे साथ ये सब क्यूँ करना चाहते हो?
वो बोले- मेरी बीवी सेक्स में मेरा बिल्कुल साथ नहीं देती, मैं हमेशा प्यासा रह जाता हूँ।

फिर मैंने कहा- प्लीज, आप मुझे छोड़ दो, मुझे शादी से पहले ये सब नहीं करना है।

तो वो मुझे फिर से समझाने लगे और फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रखकर दबा दिया मेरी हल्की सी आःह्ह्ह आइइइइइ चीख निकल गई।

मैं उन्हें मना करती रही मगर वो तो मेरी एक सुनने को तैयार नहीं थे, वो मुझे गोद में उठाकर अपने कमरे में ले गए, वहाँ मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।

मैंने उस वक़्त नीली शर्ट और काली जीन्स पहनी हुई थी और अंदर नीली ब्रा पैंटी भी पहनी थी क्यूंकि उस वक़्त मैं ब्रा पैंटी पहनती थी।
उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए, अब वो बस अंडरवियर में थे।
मैंने शर्म से अपना चेहरा हटा लिया।

फिर वो मेरे ऊपर आये और मुझे चूमने लगे, मैं उनका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी मगर वो लगातार मुझे किस किये जा रहे थे और एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहे थे।

फिर उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और मेरी शर्ट उतारने की कोशिश की, मैंने एक हाथ से अपनी शर्ट पकड़ ली मगर उन्होंने खींच कर शर्ट उतार दी।
वो मेरी जीन्स का बटन खोलकर मेरी जीन्स भी उतारने लगे, मेरी बहुत कोशिश के बाद भी उन्होंने मेरी जीन्स मेरे जिस्म से अलग कर दी।
अब मैं उनके सामने नीली ब्रा पैंटी में थी।

वो थोड़ी देर तक मेरे जिस्म को ऐसे ही घूरते रहे, फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और अपने हाथ मेरी कमर पर ले जाकर मेरी ब्रा खोलने लगे।
उन्हें रोकने की मेरी बहुत कोशिशों के बाद भी उन्होंने मेरी ब्रा मेरे जिस्म से अलग कर दी, मैंने अपने हाथ से अपने बूब्स छुपाने का नाकाम प्रयास किया।
फिर वो मेरे पास आये और मेरे दोनों हाथों को मेरे बूब्स से अलग किया और मेरे निप्पल को मुंह में ले लिया। उस वक़्त मैं लगातार उसे छोड़ने को कह रही थी मगर वो मेरी बात नहीं सुन रहे थे।

अब वो खड़े खड़े ही मेरे बूब्स चूसने लगे और अपने दोनों हाथ से पैंटी के ऊपर मेरी गांड दबाने लगा और बीच बीच में मेरी गांड पर थप्पड़ भी लगा देता।

फिर उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरे होंठ चूसते हुए धीरे धीरे नीचे जाने लगे, मेरे बूब्स चूसे फिर मेरे पेट को चाटने लगे फिर मेरी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा।

अब मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी थोड़ी गर्म होने लगी।

फिर वे मेरी पैंटी उतारने लगे, तभी… मुझे पता नहीं क्या हुआ मैंने उसे पीछे धक्का दिया और अपनी पैंटी ठीक की और वही पड़ी अपनी ब्रा पहनी।

वो बोले- क्या हुआ?मैंने कहा- ये सब गलत है, मैं ये नहीं कर सकती।

अब तक मैंने ब्रा पहन ली थी तो वो गुस्से में बोला- जा साली निकल जा यहाँ से… अब तुझे फेल होने से कोई नहीं बचा सकता, मैं तेरी दो साल की मेहनत ख़राब कर दूंगा।

मैं मायूस सी वहीं बिस्तर पर बैठ गई तो वो बोले- अगर तुझे पास होना है तो मुझ से चुद ले।
मैंने उन्हें बहुत समझाया मगर वो नहीं माने और बार बार मुझे वही धमकी देने लगे।

अंत में मैं हार गई और वापस बिस्तर पर जाकर लेट गई। वो खुश हो गए और मेरी ब्रा पैंटी उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया फिर अपना भी अंडरवियर निकाल कर नंगे हो गए।

उनका लंड देखकर मेरी गांड फट गई, उनका लंड लगभग 8 इंच लंबा था।
अब वो मेरी झान्टों से भरी हुई चूत चाटने लगे।

रोहित पहला मर्द था जो मेरी चूत तक पहुँच गया था वरना अब तक मेरी बॉयफ्रेंड ने कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाई थी।
रोहित के चूत चाटने से मेरी चूत में एक अलग ही तरीके के खुजली होने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर वो अपना लंड लेकर मेरे मुंह के पास आए तो मैंने उसे लंड चूसने को मना कर दिया। मुझे बहुत देर मनाने के बाद भी मैं नहीं मानी तो अंत में हार कर वो मेरी चूत फिर से चाटने लगे।

फिर उन्होंने मुझे पेट के बल लिटा दिये और मेरी गांड को फैलाकर गांड कर छेद चाटने लगा।
मुझे बहुत अजीब सा लगा मगर मैं कुछ नहीं बोली।

फिर उन्होंने मुझसे पूछा- कितनों से चुदी है तू अब तक?
मैंने ना में गर्दन हिला कर जवाब दिया तो बोला- वाह मेरी जान, आज जवान लड़की की सील तोड़ने में मज़ा आ जायेगा।

उन्होंने बिस्तर के नीचे से कंडोम निकाला और अपने लंड पर पहन लिया, फिर मेरी चूत पर लंड रख कर लंड को चूत पर घिसने लगे। अब मुझे भी मस्ती चढ़ चुकी थी मगर मैं ये रोहित को नहीं दिखाना चाहती थी।

फिर उन्होंने हल्के से अपना लंड मेरी चूत में अन्दर धकेला तो मेरी हल्की सी ‘आईईईई माँ आआह्ह ह्हह’ चीख़ निकल गई, मैंने कहा- रोहित यह तुम क्या कर रहे हो? मुझे दर्द हो रहा है।

‘मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में डालने की कोशिश कर रहा हूँ। अभी तुम्हारी चूत कुँवारी है, एकदम सँकरी है इसलिए पहली बार थोड़ा दर्द होगा। पर अन्दर डालने के बाद बहुत मज़ा आएगा।’ रोहित ने मुझे समझाया।

वह धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डालने लगे। क़रीब 4 इंच तक अन्दर जाने के बाद मेरी हालत ख़राब हो गई और मैं दर्द के मारे ‘आआअह ह्हह आआईईई… माँ मार डाला… आआअ बाहर निकाल इसे आआईईई…’ चिल्ला रही थी।

रोहित से मेरा दर्द देखा नहीं गया तो वो मेरे होंठों को चूसने लगे और साथ ही मेरी चूचियों को हल्के हल्के मसलने लगे।

थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा, फिर रोहित ने देखा कि मेरा दर्द अब कम हो गया है तो उन्होंने अपना लंड थोड़ा पीछे खींचा और धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगे।

थोड़ी देर ऐसा करते रहने के बाद मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैं ‘आआहहह ऊऊऊऊ ऊहह्हमम्म’ करने लगी।
मगर मैंने उसे ऐसे दिखाया कि मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है और ये सब मैं मजबूरी में कर रही हूँ।

रोहित ने पूछा- कैसा लग रहा है जान?
मैंने उसे बनावटी गुस्से में कहा- मुझे दर्द हो रहा है।
वो बोले- मेरा लंड तुम्हारी चूत में अभी आधा ही घुसा है, इसलिए दर्द हो रहा है। जब मैं पूरा लंड तुम्हारी चूत में धकेल दूँगा तब काफ़ी मज़ा आएगा।

फ़िर वो बोले- अगर मैं तुरन्त जल्दबाज़ी में पूरा घुसा दूँगा, तो दर्द से तुम्हारी जान निकल जाएगी।
रोहित ने मुझे और ज़ोर से मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और पूरी ताक़त से अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे।
मैं ज़ोरों से चिल्लाई- आआहहहह रोहिततत, मररीईईई… मेरी जान निकल जाएगी…

रोहित का 8 इंच लम्बा और 2 इंच चौड़ा लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ मेरी चूत के गरमागरम सिरे से जा टकराया और मेरी कुँवारी चूत परपरा कर फट गई, मेरी कुँवारी चूत से लबलबा कर खून निकलने लगा।

खून देख कर मैं रोने लगी, तो रोहित ने समझाया- जानू, पहली बार जब चूत में लंड जाता है तो हल्का सा खून निकलता ही है। अब तुम्हें दर्द नहीं होगा और बहुत ही मज़ा आएगा।

थोड़ी देर बाद जैसे जैसे मेरा दर्द कम हुआ तो रोहित ने अपना लंड मेरी चूत में आगे पीछे करना शुरु कर दिया। मेरी चूत बहुत संकरी थी इसलिए उसका लंड बहुत मुश्किल से आगे-पीछे हो रहा था, मैं उसके हर शॉट पर हल्के हल्के चिल्ला रही थी।

रोहित ने धीरे धीरे अपनी गति बढ़ाई और फिर ख़ूब ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई शुरु कर दी।
‘आआहहह उउऊ ऊहहह ओओओ…’ मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका पूरा साथ देने लगी और पूरा कमरा मेरी कुँवारी जवानी की ध्वनियों से गुंजायमान हो उठा।

मैं चिल्लाने लगी- रोहित, और ज़ोर से… आआहहह…
रोहित पूरी शक्ति और गति से मेरी चुदाई करने लगा।
रोहित पूरी मेहनत कर रहा था, उसके चेहरे पर आए पसीने यह साफ साफ बता रहे थे।

उन्होंने पूछा- फेहमिना कैसा लग रहा है?
मैंने कुछ नहीं कहा बस अपनी निगाह हटा ली।

फिर वो बोले- फेहमिना मैं कब से तुम्हें पाना चाहता था। आज मैं जी भरकर तुम्हें चोदूँगा… आआआहहह…

रोहित का लंड पूरी गति के साथ मेरी चूत को फाड़ कर अन्दर बाहर हो रहा था और मैं भी जी खोल कर उसका साथ दे रही थी क्यूंकि अब मुझे भी मज़ा आ रहा था।
रोहित मेरी चूचियों को मुँह में भर कर उन्हें भी चूस रहे थे और मुझे ख़ूब ज़ोर-ज़ोर से चोद रहे थे।
पूरा कमरा फच्च-फच्च की आवाज़ से गूँज रहा था।

इतना मज़ा मुझे अपनी ज़िन्दगी के किसी भी खेल में नहीं आया था। मैंने सोचा कि अब इसने मुझे चोद तो दिया ही है, अब मैं इसका फायदा उठाऊँगी।

फिर करीब आधे घंटे तक रोहित मेरी असीम चुदाई करता रहा, पहले उन्होंने मुझे आगे से चोदा, फिर अपनी गोद में बिठा कर… और अन्त में आगे से चोदते हुए उन्होंने अपना वीर्य मेरी कुँवारी चूत में उड़ेल दिया।
उसका कंडोम उसके वीर्य से भर गया था।

हम दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे, तौलिए से हमने अपने अपने अंग पोंछे और फिर एक-दूसरे की बाँहों में सिमट गए।
थोड़ी देर बाद उठ कर मैं जाने लगी तो उन्होंने मेरे हाथ पकड़कर अपने पास खींच लिया, रोहित ने अपने लंड फिर से मेरे हाथ में दे दिया और मैं उसका लंड धीरे-धीरे सहलाने लगी।

थोड़ी ही देर में वह तमतमा कर फनफनाने लगा था, अब उन्होंने उस पर एक डॉटेड कण्डोम लगाया और फिर से मेरे ऊपर आकर मेरी चूत में घुसेड़ दिया।

इस बार थोड़ी कम तकलीफ़ के साथ उसका लंड अन्दर चला गया, वे फिर से मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे।
इस बार तो मुझे और भी अधिक मज़ा आ रहा था- आआआहहह उउऊऊऊऊ…

रोहित ने काफ़ी देर तक ज़ोरदार तरीके से मेरी चूत की चुदाई की।
अन्त में हम तैयार होने लगे।

मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था तो रोहित ने मुझे उठा लिया और बाथरूम में ले गया। हम दोनों ने स्नान किया और फिर तैयार हो गए।
रोहित ने मुझे हॉस्टल तक छोड़ दिया।

इसके बाद एग्जाम आने तक रोहित ने मुझे तीन बार और चोदा।
फाइनल एग्जाम में मुझे उनके विषय में सबसे ज्यादा मार्क्स मिले।
धन्यवाद।

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