शिल्पा के साथ ट्रेन का बाकी सफ़र-2

शिल्पा के साथ ट्रेन का बाकी सफ़र-2

लेखक : माइक डिसूज़ा

आपने अभी तक पढ़ा कि कैसे ट्रेन के सफ़र में मैंने शिल्पा की चुदाई की शुरुआत की और उसने मुझे अपने अंकल द्वारा अपनी पहली चुदाई का किस्सा सुनाया।

मैं उसको चोदने के बाद फिर सीट पर आ कर बैठ गया। वो भी थोड़ी देर में मेरे बगल में बैठ गई और पूछा- मज़ा आया?

मैंने कहा- हाँ, तुम तो प्रोफेशनल हो !

वो बोली- हाँ अब तो काफी अनुभव हो गया है।

मैंने पूछा- फिर तुम्हारे अंकल ने तुम्हें अगले दिन भी चोदा होगा?

वो बोली- नहीं वो मुझे लंड का चस्का लगाकर अगले दिन ही चले गए और मैं तड़प कर रह गई। रोज़ अपने आप ही अपनी चूत रगड़ कर काम चलाती रही।

मैंने पूछा- फिर दुबारा मौका तुम्हें कब मिला?

वो बोली- बताती हूँ !

उन दिनों गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी तो मैं अकेली घर पर ही रहती थी। मम्मी पापा दोनों सुबह निकल जाते थे।

मैंने घर पर ही इन्टरनेट पर गन्दी वेबसाइट्स देखना शुरू कर दिया। फिर लड़कों के साथ चैट करती थी और उनके साथ इन्टरनेट पर ही सेक्स का मज़ा लेती थी।

पर ऐसे मुझे मज़ा नहीं आ रहा था। फिर एक दिन हमारे घर जो कामवाली आती थी वो अपने लड़के को एक दिन अपने साथ काम में हाथ बंटाने के लिए लेकर आई। वो जब तक खाना बनाती थी उसका लड़का घर का झाडू पोंछा करता था।

मुझे एक शरारत सूझी, वो जब काम करने आया, मैं अपने कमरे में अपने बेड पर अपनी स्कर्ट थोड़ी ऊपर करके उलटी लेट गई, और सोने का नाटक करने लगी।

थोड़ी देर में वो लड़का मेरे कमरे में पौंछा लगाने आया। मैंने धीरे से आँखें खोलकर सामने शीशे में देखा, वो बेड के बगल में खड़ा हुआ मेरी टांगों को देख रहा था। उसने फिर अपने लंड को पजामे के ऊपर से रगड़ना शुरू किया। फिर उसने अपना पजामा और अंडरवियर नीचे किया और लंड बाहर निकाल लिया और मेरी टांगों को देखकर मुठ मारना शुरू किया।

मैं उसको शीशे में देख रही थी और चाह रही थी कि वो लंड मेरी चूत की शोभा बढ़ाये। पर वो आगे उससे ज्यादा हिम्मत नहीं कर पाया।

अगले दिन मैं अपनी पूरी स्कर्ट को उल्टा करके लेट गई। वो मेरे कमरे में आया, फिर अपना लंड निकला और मुठ मारने लगा।

मुझे गुस्सा आ रहा था, एक लड़की अपनी खोल के उसे निमंत्रण दे रही थी और वो मुठ मारने में लगा था।

उस दिन उसने बस इतनी हिम्मत की अपना लंड पीछे से आकर मेरी पैंटी से रगड़ने लगा, थोड़ी देर में वो झड़ गया और मुझे वहीं तड़पता छोड़ कर चला गया।

अगले दिन मैंने पैंटी ही नहीं पहनी और लेट गई। पर उस दिन वो मेरे कमरे में बस झांक कर चला गया।

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कोई ऐसा मर्द भी हो सकता है जो ऐसा मौका छोड़कर चला जाये।

थोड़ी देर में कामवाली दरवाज़ा बंद करके चली गई।

मुझे नींद आ गई। अचानक घर में किसी के घुसने की आवाज़ हुई, मैं जाग गई, मैं समझ गई कि कामवाली का लड़का छोटू ही होगा और अब मुझे तृप्त करने आया है।

मैं अपने बेड पर सीधी हो कर अपनी आँखें बंद करके लेट गई. वो मेरे कमरे में आया और मेरे बेड पर चढ़ गया।

मैंने अपनी आँखें नहीं खोली उसने मेरे बगल में आकर मेरे मम्मों को सहलाना शुरू किया। उसने मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होठों को चूमना शुरू किया।

मैं निहाल हो गई। फिर मेरी स्कर्ट ऊपर उठाकर अपनी ऊँगली से मेरी चूत को छेड़ना शुरू किया, उसने फिर मेरी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।

मैंने अंगड़ाइयाँ लेनी शुरू कर दी और आह अ आह की आवाजें निकालनी शुरू कर दीं। अचानक मैंने महसूस किया कि मेरे मम्मों को भी कोई और दबा रहा था।

मैंने आँख खोली तो देखा कि छोटू अपने दोस्त को अपने साथ लेकर आया है और अब तक उसका दोस्त ही मुझे छेड़ रहा था, अब छोटू ने भी मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए।

लेकिन अब मैं लंड के लिए इतना तड़प रही थी कि मैंने विरोध नहीं किया और दोनों के साथ मज़े लेने का फैसला किया।

छोटू ने इस बीच मेरी शर्ट ऊपर उठा दी और मेरे मम्मों को मेरी ब्रा के ऊपर से चूमने लगा। उसका दोस्त मेरी चूत के साथ खेल रहा था।

मैंने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और छोटू ब्रा को ऊपर उठाकर मेरे चूचियां चूसने लगा।

नीचे उसके दोस्त दोस्त ने मेरी टांगों को मोड़ कर फैला दिया और मेरी चूत चाटने लगा। मैं पागल हो चली थी।

इसी के लिए तो इतने दिन से तड़प रही थी. मेरी चूत और मेरे मम्मे चूसे जा रहे थे और मैं पागल हो रही थी।

फिर अचानक उन दोनों ने मुझे छोड़ दिया और उठकर दरवाज़े की तरफ चल दिए। मुझे कुछ समझ नहीं आया, मैं घबरा गई कि आज भी क्या मैं प्यासी रह जाउंगी।

मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?

वो बोले- आज नहीं, फिर करेंगे !

मैं बोली- प्लीज़, ऐसे छोड़ के मत जाओ !

उन्होंने कहा- ठीक है, पर तुम्हें वही करना होगा जो हम कहेंगे !

मैंने कहा- ठीक है !

छोटू का दोस्त बोला- यहाँ नहीं करेंगे, ड्राइंगरूम में आओ।

वह जाकर सोफे पर बैठ गया और बोला- अब अपने कपड़े उतारो।

मैंने पहले अपनी टीशर्ट और ब्रा उतारी फिर अपनी स्कर्ट उतार कर उनके सामने नंगी खड़ी हो गई।

वो बोला- अब कुतिया बनकर यहाँ आओ और मेरा लंड निकाल कर चूसो !

मैं अपने हाथों पैरों पर कुतिया की तरह चलकर उसके पास पहुंची, फिर मैंने उसकी पैंट की जिप खोलकर उसका लंड बाहर निकाला और मैंने उसको अपने मुंह में लिया। मैं पहली बार किसी का लंड चूस रही थी इसलिए मुझे बड़ी मुश्किल हो रही थी।

वो बोला- साली, अच्छे से चूस ! मज़ा नहीं आ रहा !

और मेरा सर नीचे दबाकर जोर जोर से मेरे मुँह को चोदने लगा।

शुरू में मुझे मुश्किल हुई पर बाद में सब आसान हो गया। वो मेरे मुंह में झड़ गया और उसने अपना सारा जूस मुझसे चुसवाया।

वो बोला- अब छोटू का भी लंड चूस !

मैं कुतिया बन कर छोटू के पास गई और उसका लंड निकाल कर चूसने लगी।

उसका दोस्त मेरे पीछे से आकर मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा। थोड़ी देर में उसका फिर खड़ा हो गया।

इधर छोटू के लंड का भी पानी निकल गया, उसे भी मैं पूरा पी गई।

उसके दोस्त ने अब कहा- चल अब तेरी इच्छा भी पूरी कर देते हैं ! चल कारपेट पर लेट जा !

मैं नीचे लेट गई और टाँगें मोड़ कर फैला दी।

वो बोला- तू साली बहुत बड़ी रंडी बनेगी !

उसने नीचे आकर लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।

मैं इतनी देर से इसी पल का इंतज़ार कर रही थी। फिर उसने मुझे चोदना शुरू किया। मैं पागल होती जा रही थी। बगल में छोटू आकर लेट गया और मेरे मम्मे चूसने लगा। अब छोटू का लंड भी फिर खड़ा हो गया।

जैसे ही मेरी पहली चुदाई ख़त्म हुई उसका दोस्त बोला- चल अब तू इस रांड को चोद !

छोटू ने भी मुझे दबाकर चोदा। पर उसके बाद भी मेरा मन नहीं भरा।

वो जब जाने लगे तो मैंने पूछा- कम से कम मुझे अपना नाम तो बताते जाओ !

वो बोला- मैं सुनील हूँ ! और लगता है तेरी प्यास बुझी नहीं ! तुझे पूरे मोहल्ले से चुदवाना पड़ेगा !

इस तरह उसकी दूसरी चुदाई का किस्सा ख़त्म हुआ और मेरा लंड उसको दूसरी बार चोदने के लिया तैयार था।

पर उससे पहले मैंने पूछा- तुमने अपना नाम नहीं बताया?

वो बोली- शिल्पा !

मैंने कहा- शिल्पा, क्या तुम फिर चुदने को तैयार हो?

वो बोली- मैं तो हमेशा ही चुदने के लिया तैयार रहती हूँ।

मैंने कहा- ठीक है, अब मैं नीचे लेटता हूँ, तुम मुझे ऊपर से चोदो !

मैं नीचे लेट गया उसने दोनों घुटने मेरी दोनों तरफ़ रखकर मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और उसको अपनी चूत में घुसा लिया।

अब वो ऊपर से धक्के मारने लगी, उसके मम्मे मेरे ऊपर झूल रहे थे। मैंने उनको अपने हाथ से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया।

उसको भी आनंद आ रहा था, उसके धक्के धीरे धीरे तेज होने लगे और वो थोड़ी देर में झड़ गई। साथ में मैं भी झड़ गया।

उसके बाद उसने मुझे अपने बाकी के किस्से बताये जो मैं आपको अगली बार बताऊंगा।

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