आंटी की गंध मेरे लंड को खड़ा कर देती है

आंटी की गंध मेरे लंड को खड़ा कर देती है

मेरा नाम अरुण है और मैं जौनपुर का रहने वाला हूँ। मित्रों, मुझे आंटी चोदने में बहुत मज़ा आता है और मेरा लण्ड ७.२ इंच का है। आज, मैं आपको अपनी सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने घर के बगल वाली आंटी को  खूब चोदा | वो आंटी मजे की खुबसूरत थीं, जब वो पास से गुजरती थीं, तो उनका गंध मेरे लंड को खड़ा कर देती थी ।

उनका नाम निशा है… मैं आपको बता दूँ, मैं भाभी के लिए दीवाना हूँ | मैं उन्हें अपनी बनाना चाहता था। इसलिए अक्सर मैं उनके घर जाता था और वो मुझसे छोटे मोटे काम करवाती थीं, जैसे कुछ सामान लाना। यह निशा आंटी के प्रति मेरी दीवानगी ही थी कि मैं उनके आस पास ही रहता था। अब जरा में आंटी के बारे में बता दूँ, वो गोरी, लम्बी तीखी मुस्कान वाली, ३१ साल की हैं। उनके मम्मे ३४ के तो होंगे ही और गाण्ड ३६ की और क्या कमर थी उनकी उफ़!! लगभग २८ की… उस पर लाल साडी उन पर क्या कमाल की जचती थी, और गले में छोटा सा मंगलसूत्र हो तो, बात ही अलग थी!! !!!

 

देखकर लगता था कि बस गले को चूम लूँ… वो हमेशा साडी ब्लाउज से काफी नीचे पहनती थीं, उनका वो थोडा सा निकला हुआ पेट और उसमे एक छोटी सी नाभि, मुझे पागल बना देती थी!!

तो बात गर्मियों की है, जब मैं आंटी के घर पर कहानी पढ़ रहा था, अचानक मुझे आवाज आई उई, माँ!!

मैं अन्दर गया तो निशा आंटी फिसलकर नीचे गिर गईं थीं। मैंने उन्हें उठाया, उनका बदन बहुत ही नरम था, ऐसा लग रहा था कि उन्हें ऐसे ही पकडे रहूँ, फिर उन्हें सहारा दे के पलंग तक लाया। उनके पैरो में मोच आ गई थी, मैंने उनसे पूछा कि मैं मालिश कर दूँ, क्या?

वो – हाँ…

मैंने मालिश करने के लिये जैसे ही उनकी साडी को ऊपर उठाया, मैं बिलकुल मदहोश हो गया, उनके दूध जैसे गोरे पैर में एक भी बाल नहीं था।

लेकिन मैं चुपचाप मालिश करता रहा। मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था!!

मैं वहाँ से मालिश के बाद तुरंत ही चला गया, शायद उन्हें भी अजीब लगा।

तब से मेरे अन्दर उन्हें चोदने की तमन्ना बहुत ही ज्यादा बड गई थी।

अगले दिन जब मैं निशा आंटी के पास गया तो बातें करते हुए मैंने अंकल के बारे में पूछा।

तो उन्होंने बताया कि उनके पति काम में बहुत बिजी रहते है, इसलिए कई बार तो वो रात में घर भी नहीं आते, तो मैंने पूछ दिया कि तो आप क्या करती हो, रात भर?

वो मुस्कुरा कर बात टाल गईं। मेरा मन हमेशा ही निशा आंटी को चोदने को करता था। आखिर मेरी ये इच्छा भी पूरी हो गई।

एक दिन जब मैं निशा आंटी के घर बैठा था, वो काम कर रही थीं और मैं उनके मम्मे देख रहा था।

उन्होंने मुझे ऐसा करते देख लिया और झट से पूछ लिया – क्या देख रहे हो?

मैंने कहा – कुछ नहीं…

पर वो मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं – मुझे सब पता है कि तुम यहाँ क्यों आते हो?

मैंने कहा – क्यों?

तो उन्होंने कहा – मेरे लिए!!

इतना कह कर वो किचन की ओर जाने लगी, मैंने तुरंत उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके मम्मे दबाने लगा। मेरा लण्ड आंटी की गाण्ड पर टच होने लगा और मैं उनके गले पर किस करने लगा और उन्हें आई लव यू, आंटी… कह कर चूमने लगा!!
वो बोलीं कि वो भी मुझसे बहुत प्यार करती हैं और मुझसे चुदवाना चाहती हैं।

उन्होंने बताया कि उनका पति दो हफ्ते में एकाद बार ही चोदता है और वो प्यासी ही रह जाती हैं।

आंटी भी मुझे पकड़ कर किस कर रही थीं, हमने एक दूसरे को पूरा नंगा कर दिया!!

अब मेरी जन्नत मेरे सामने थी, मैं उनके गले को चूम कर नीचे मम्मे पर आया, उनके मम्मे नरम और दूध जैसे सफ़ेद थे। मैं उनके चुचक मुँह में ले कर उन्हें चूस रहा था, फिर उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा और फिर उनकी चूत को चाटने लगा। उनकी चूत में बहुत सारे बाल थे, वो सी सी कर कहने लगीं – अब मत तडपाओ और अपना लण्ड मेरी चूत में डालो, लेकिन मेरा मन भरा नहीं था!!

मैंने उन्हें उल्टा लिटा कर फिर उनके गले से उन्हें चाटना शुरू किया और फिर कमर से गाण्ड तक चाटा…

उनकी गाण्ड के छेद में पहले अपनी उंगली, फिर अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा।

वो एक बार झड़ गईं पर मेरा लण्ड तो पागल ही हुआ जा रहा था!!

आंटी बोलीं – आज तुमने जो मज़ा दिया है, वो तो आज तक नसीब नहीं हुआ था…

मैंने कहा – असली मजा तो अभी बाकी है और अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया, १० मिनट तक उन्हें चोदता रहा फिर लण्ड निकाल कर उनकी कमर पर झड़ गया।

फिर हम एक दूसरे से लिपट कर सो गये…

लगभग आधे घंटे बाद आंटी उठ कर दोनों के लिए दूध लाई, दूध पीकर मैंने उन्हें फिर से पकड़ लिया और बचे दूध को उनके मम्मे और गाण्ड पर डाल कर चाटने लगा, वो भी मेरे लण्ड को सहलाने लगीं…
अब लण्ड फिर से तैयार हो गया था!!

अब मैं उनकी गाण्ड मैं लण्ड डालने लगा, वो कुछ भी नहीं बोली और बड़े प्यार से देखने लगीं, इधर मैं पूरी मेहनत से आंटी की गाण्ड में अपना लण्ड डाल रहा था।

शायद आंटी की गाण्ड में पहली बार था, उन्हें थोडा दर्द हुआ पर अब दोनों आनंद की परम सीमा पर थे…

लगभग २० मिनट बाद मैं आंटी की गाण्ड में ही झड गया और उनके ऊपर ही लेट गया, फिर आंटी के गले को चूम कर उठा।

अब तो मैं रोज ही आंटी को किस करता हूँ और उनके मम्मे दबाता हूँ और ३-४ दिन में हम जम कर चुदाई करते है।

अब तक तो लगभग हर आसन में आंटी की चूत और गाण्ड मार चुका हूँ और आंटी भी मेरी लण्ड की दीवानी हो चुकी हैं…

जब तक मेरे लंड का पानी अपनी चूत में ना ले लेती है तब तक उन्हें अब नीद भी नहीं आती पर मेरा मन अब उबने लगा है दोस्तों क्या करू कैसे छोडू कुछ नहीं समझ में आ रहा है कृपया करके मुझे कुछ सलाह दीजिये |hindi x story,devar bhabhi ki kahani,xxx stories hindi,hindi story sex,sexstoryinhindi,सेक्स स्टोरीज,new sex story in hindi,gay sex story,desisexstory,hindi sexy stori,sex story bhabhi,hindi.sex.story,हिंदी सेक्स कहानी,nonveg kahani,non veg story hindi,jija sali sex story,sex hot story,indian sexy story
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