लण्ड की प्यासी-2

लण्ड की प्यासी-2

प्रेषक : सुनील कश्यप

मैं कुछ देर तक उसके होंठों को चूमता रहा और चूचियों को दबाता रहा और वह बस ऊम्म्म…. उफ्फ…उम्म की आवाजें निकालती रही। फिर मैंने उसके टॉप को और उसकी जींस को उसके बदन से अलग किया। उसने काली ब्रा-पैंटी पहन रखी थी जो उसके गोरे बदन पर एकदम कमाल लग रही थी। उसने अब मुझे बेड पर लिटा दिया, मेरे ऊपर आ गई और मेरे कपड़े निकलने लगी।

मैंने पैंट और शर्ट पहनी हुई थी। उसने मेरे शर्ट को निकाला और मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए एक चुम्बन किया। उसके ऐसा करते ही मेरे बदन में मानो कर्रेंट दौड़ गया हो, मेरी पूरी काया हिल गई। फिर उसने मेरे पेट पर चुम्बन किया जिससे मेरा तन लेफ्ट-राईट होने लगा।फिर उसने मेरे शर्ट को पूरी तरह जुदा कर दिया मेरे जिस्म से और मेरी पैंट को खोलने लगी। पहले तो उसने बेल्ट खोली, फिर पैंट का हुक खोला और फिर चैन को खोलते हुए मेरे पैंट को निकाल फेंका, अब मैं अन्डरवीयर में था और वह ब्रा-पैंटी में।

मेरे कपड़े निकलने के बाद रोशनी एक बार फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। वह अपना एक हाथ मेरे पेट और छाती पर घुमा रही थी। उसके ऐसा करने से मुझे एक अजीब गुदगुदी और मजा आ रहा था। वह एक अनुभवी की तरह सब कुछ कर रही थी। फिर मेरे होंठों को चूमते हुए उसने अपना हाथ मेरे अन्डवीयर में डाल दिया और मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी।

उसके हाथों का एहसास पाते ही मेरा लण्ड फनफना कर खड़ा हो गया और मेरे मुँह से उफ्फ्फ्फ़….. की आवाज निकल गई।

अब उसके होंठ मेरे होंठ से सटे पड़े थे और उसके हाथ मेरे लण्ड को सहला रहे थे जिससे मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और उसकी चूत की प्यास बुझाने के लिए एकदम तड़प रहा था। अब वह मेरे होंठों को चूमती हुई नीचे सरकने लगी, मेरी छाती को चूमा और फिर कुछ देर मेरे पेट को चूमा और फिर मेरे अन्डवीयर से मेरे लण्ड को निकाल कर देखने लगी। मेरा 7 इंच का लण्ड देखकर उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उसने मेरा लण्ड को थोड़ा सहलाया थोड़ा ऊपर नीचे किया और फिर मेरे लण्ड के सुपारे को धीरे धीरे अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। वह बहुत ही धीरे धीरे मेरे सुपारे को चाट रही थी और मैं एकदम से आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो रहा था, मेरे मुँह से बस उफ्फ्फ उफ आह्ह की आवाज निकल रही थी। वह एक बहुत अच्छी लण्ड-चुसू थी, कुछ देर मेरे सुपारे को चाटने के बाद उसने मेरा पूरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मैं तो एकदम स्वर्ग में पहुँच गया था मुझे तो इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊँ ! अब वह मेरे लण्ड को अपने हाथों में लेकर हिला हिला कर चूस रही थी मानो उसको बहुत दिनों के बाद लोलीपोप मिला हो !

हाय बहुत मजा आ रहा था ! मेरा लण्ड तो झटके मार रहा था, मेरे लण्ड में तो तूफ़ान मचा हुआ था और उसकी जीभ मेरे लण्ड को और उत्तेजित कर रही थी।मुझे तो उस वक़्त परम सुख का आनन्द हो रहा था मेरे मुँह से बस यही शब्द निकल रहे थे- रोशनी, आज तुमने मुझे खुश कर दिया है, तुम बहुत अच्छे से मेरे लण्ड को चूस रही हो, मेरे सुपारे को धीरे धीरे प्यार से चाटो मेरी जान ! उफ्फ्फ… बहुत मजा दे रही हो तुम ! मेरे लण्ड को अच्छी तरह चाट डालो उम्म्म…

करीब दस मिनट तक वह मेरे लण्ड को चाटती रही और मैं उसके बालों को सहलाता रहा था। फिर मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने रोशनी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !

लेकिन वह इतनी मस्त थी मेरा लण्ड चूसने में कि उसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था, वह मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी और मैं एकदम चरम सीमा पर पहुँच गया था, मैंने जोर से कहा- रोशनी, मैं झड़ने वाला हूँ !

तो उसने कहा- झड़ जाओ जान ! मुझे तुम्हारा पूरा रस पीना है !

यह बोलकर वह फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी। अब मैं कण्ट्रोल से बाहर था और वह मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी। फिर कुछ देर बाद मेरे लण्ड में वीर्य भर गया और मैंने एक जोर की पिचकारी उसके मुँह में मार दी, जिससे वह थोड़ा पीछे हटी तो थोड़ा पानी उसके मुँह में और थोड़ा बाहर गिर गया लेकिन जीतना उसके मुँह में था उसने वह सारा अन्दर गटक लिया।

पिचकारी मारने के बाद मेरा लण्ड थोड़ी देर के लिए सो गया तो वह फिर से मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी, उसे हिलाने लगी और मेरे सुपारे को चाटने लगी।

फिर 5 मिनट बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया अब उसने मेरे लण्ड के पानी को पूरी तरह साफ़ कर दिया था और उसकी लण्ड चुसाई की वजह से मेरा लण्ड एकदम चिकना हो गया था।

अब मैं उठ कर बैठ गया, उसको बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को चूमने लगा। फिर मैंने उसकी ब्रा को उसकी चूचियों से अलग किया जिससे उसकी चूचियाँ बाहर आ गई ! हाय ! क्या चूचियाँ थी उसकी ! एकदम गोल ! ना ज्यादा बड़ी ना छोटी ! एकदम सख्त ! उसकी गोल चूचियाँ एकदम फूली हुई थी और निप्पल एकदम नुकीले हो चुके थे।

मैंने उसकी चूचियों पर अपना चेहरा रख दिया और निप्पल चूसने लगा और एक हाथ से उसके एक स्तन को मसलने लगा। मेरे ऐसा करने से वह उफ… उम्म.. उम…उफ्फ..आह्ह्ह… उफ्फ…. की आवाजें निकालने लगी और अपने पैरों को एक दूसरे से रगड़ने लगी। अब मैं उसके निप्पल को चूस रहा था और उसके चूचियों को मसल रहा था और वह मेरे बालों को सहला रही थी। यह सिलसिला करीब 5 मिनट चला फिर उसके पेट को चूमते हुए उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूम लिया।

वह जोर से आह्ह्ह… करके चिल्ला उठी। अब मैंने उसको उलटा लेटा दिया और उसके पीठ को धीरे धीरे चाटने और चूमने लगा। फिर उसके कूल्हों की तरह बढ़ा। हाय रे ! उसके चूतड़ कितनी गोल थी उसके चूचों की तरह।

फिर मैंने उसकी पैंटी को थोड़ा सरकाया और उसके कूल्हे पर किस किया और वह एकदम से अपने गांड हिलाने लगी जैसे उसको कोई करेंट दे रहा हो। मैं उसकी गांड को चूमता हुआ उसकी जांघों को चूमने लगा।उसे बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी और हम दोनों की आह्ह्ह… उफ्फ… उफ्फ्फ.. उम्… की आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था।

मैं उसकी जांघों को चूमता हुआ उसकी एडियों तक पहुँच गया और उसके पैरों की उंगली को अपने मुँह में लकर चूसने लगा। वह तो पागल सी हो गई और जोर से उम्म… अआहह… जैसी सिसकारियाँ भरने लगी। अब मैंने अपने खड़े लण्ड को उसकी जांघों के बीच रख दिया और उसके ऊपर लेट गया, उसके कूल्हे फ़ूले हुए थे जिससे मेरा लण्ड थोड़ा छुप सा गया उसकी गांड में। अब मैंने अपने लण्ड को उसकी गांड के बीच रगड़ना शुरू किया और उसकी पीठ पर हल्का हल्का सा किस करता रहा और वह तो मानो एकदम बहकती जा रही थी। थोड़ी देर बाद फिर से मैंने उसको सीधा लिटा दिया, अब मैं थोड़ा ऊपर गया और उसकी नाभि में अपने जीभ को धंसाना शुरु किया। उसे बहुत मजा आ रहा था। मैं अपने एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर रखके चूत को रगड़ने लगा। वह तो एकदम पागल हो गई और अपनी गांड उठा उठा कर ऊपर-नीचे करने लगी।

फिर मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी को भी उससे अलग कर दिया और उसके पैरों को थोड़ा फैलाया।

हाय क्या चूत थी यारो ! एकदम क्लीन शेव्ड पूरी गुलाबी और गीली !

उसकी चूत कसी हुई थी जिसे देखकर अच्छों अच्छों की लार टपक जाए और मेरे साथ भी वैसा ही हुआ। उसकी चूत को देखकर मेरे लण्ड से और मेरे मुँह से लार टपकने लगी।

फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा और फैलाया और अपना चेहरा जांघों के बीच डाल दिया और उसके गीली योनि को चाटने लगा। मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मजा आ रहा था और मुझे उसकी चूत की गंध और स्वाद से बहुत ज्यादा सेक्स चढ़ रहा था। मैंने उसकी चूत को अब चाटना शुरू किया और एक हाथ से उसकी भगनासा को रगड़ना शुरू किया, वह अपनी कमर को हवा में उछालने लगी, मानो एकदम से कण्ट्रोल खो दिया हो उसने !

अब मैं उसकी योनि में अपनी जीभ को नुकीला करके डाल रहा था और वह जोर जोर से बोल रही थी- आह्ह…उम्म्म… उम… आह्ह… उफ्फ.. उम्म… सुनील बस करो, अब कण्ट्रोल नहीं होता प्लीज ! अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो ! मुझे मत तड़पाओ इस तरह !मैं उसे और थोड़ा गर्म करना चाहता था तो मैंने अपना काम जारी रखा। अब वह बड़बड़ा रही थी- आय लव यू सुनील ! आज मुझे चूत चटवाने का असली मजा मिला है, तुम बहुत अच्छे से मेरी चूत को चूस रहे हो उम्म्म… उम्म…उफ्फ…उम्म…

मुझे महसूस हुआ कि वह अब झड़ने वाली है। अब वह बोलने लगी- सुनील, मैं झड़ रही हूँ, हे भगवान् ! आह.. आआ… उम्म….ह्ह… सुनील मैं झड़ने वाली हूँ। और यह कहते हुए वह कुछ देर के लिए मछली की तरह तड़पने लगी।

कहानी जारी रहेगी।

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