असंतृप्त योनि : प्यासी चूत

असंतृप्त योनि : प्यासी चूत

योनि का इन्तजार तो हर लण्ड को रहता है पर मिलती किसी एक लण्ड को ही है। योनि की प्यास ना तो आज तक कोई मिटा पाया है और ना कोई मिटा सकता है। हजारों लण्ड प्रयास कर करके थक गए मगर असफल रहे हालांकि कुछ लण्डों के प्रयास सफल भी रहे मगर वो भी ज्यादा देर तक उनके सामने टिक नहीं सके।

मेरी कहानी भी उनमे से एक है।

मेरा नाम अंकित चौधरी है, यह कहानी उस समय की है जब मेरी उम्र 19 साल की थी। मैं अपनी पढ़ाई करने के लिए देहरादून गया हुआ था। वहाँ पर मेरी मुलाकात एक अंकिता नाम की लड़की से हुई। वो एक सुन्दर लड़की थी और किसी के होश उड़ाने के लिए उसकी एक मुस्कुराहट ही काफी थी, जैसे मेरे होश उड़ गए थे।

जब मैंने उसे देखा था या फिर यूँ कहिये कि पहली बार मैं किसी लड़की पर मर मिटा था, और कुछ होश सम्भालने के बाद मैंने उसे अपना बनाने का फैसला कर लिया।

मेरी काफी कोशिशों के बाद भी वो मुझसे दूर जाती नजर आ रही थी, मेरी भी कोशिशों की अब हद हो चुकी थी और अब मैं उसे हर हालत में हासिल करना चाहता था। फिर क्या था, मैं वो हर मुमकिन कोशिश करने लगा जिससे वो मेरे करीब आ सकती थी।

कहते हैं कि चाहो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता बस उसे पाने की लगन होनी चाहिए।

तब कुछ दिनों बाद उसकी एक ऐसी सच्चाई मेरे सामने आई जिससे मेरे होश उड़ गए। मैंने सुना कि वो एक वेश्या किस्म की लड़की है और वो लगभग हर रात किसी ना किसी का बिस्तर गर्म करती है। मुझे तो मानो सांप सूँघ गया था, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि वो ऐसा भी कुछ कर सकती है।

और फिर कुछ होश सम्भालने के बाद मैंने ठान लिया कि अगर इस बात में सच्चाई है तो मैं भी कम से कम एक बार तो उसके साथ सम्भोग जरूर करूँगा।

फिर क्या था, मैं उस तक पहुँचने का कोई ना कोई जरिया ढूंढने लगा और इस काम में मुझे सफलता तब मिली जब मेरी मुलाकात मेरे साथ के ही एक लड़के से हुई, उसने मुझे बताया कि वो एक रात साथ बिताने के लिए 5,000 रुपये लेती है।

उसकी बात से मुझे इस बात की पुष्टि हो गई थी कि मैंने उसके बारे में जो सुना है वो सब सच है। मैंने भी 5,000 रुपये का इन्तजाम करके और उस लड़के कि मदद से अंकिता के साथ एक रात बिताने का सौदा कर लिया था।

इस सौदे से एक तरफ जहाँ मैं खुश था, वहीं मुझे इस बात का दुख भी था कि मैं उसके साथ इस तरीके से सम्भोग का आनन्द लूँगा।

आखिरकार वो दिन भी आ गया जब मैं उसके साथ पहली बार रूबरू होता!

उस दिन मैंने उससे मिलने की काफी तैयारियाँ की, मैंने अपने लिए भी के-2 कैप्सूल की दो खुराक ली थी जिससे मैं उसके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त तक सम्भोग का आनन्द ले सकूँ पर पता नहीं उसके बारे में सब कुछ जानते हुए भी मैं उसे लुभाने का हर सम्भव प्रयास कर रहा था।

सब तैयारी पूरी होने के बाद मैंने अपने दोस्त से कह कर उसे शाम को 8 बजे बुलाने का प्रोगाम बना लिया। उस दिन पहली बार मेरा दिन नहीं कट रहा था, मानो शाम होने का नाम ही नहीं ले रही थी मगर फिर भी हर दिन की तरह उस दिन भी शाम हो ही गई और उसके साथ वो घड़ी भी आ गई।

अंकिता ने मेरे कमरे के दरवाजे की घण्टी बजाई और मैं जल्दी से दरवाजा खोलने के लिए दौड़ा और दरवाजा खोल दिया।

अब अंकिता मेरे बिल्कुल सामने थी, आज वो बिल्कुल अलग लग रही थी, मेरा मतलब है कि वो आज बहुत सुन्दर लग रही थी, मानो कि वो आज सिर्फ मेरे लिये ही सज धज कर आई हो।

मैं उसे अन्दर लेकर आया और उसे मंत्रमुग्ध होकर देखने लगा जब तक मुझे उसी ने चेताया नहीं।

थोड़ा होश में आने के बाद मैंने उसे देखते हुए पूछा- तुम ठण्डा लेना पसन्द करोगी?
उसने हाँ में अपना सिर हिलाया।

कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद लगभग 10 से 15 मिनट तक हम बातें करते रहे, मैं तो सिर्फ उसे देख रहा था, बातें तो सिर्फ वही कर रही थी।तब अचानक उसने मुझसे सवाल किया- तुम मुझे इतना क्यों घूर रहे हो? क्या कभी कोई लड़की नहीं देखी?

इस पर मैंने जवाब दिया- देखी तो हैं पर तुम जैसी हसीं पहली बार देख रहा हूँ!

इस पर वो थोड़ा शरमाई और अपनी नजरें झुका ली। तभी मैं उसके चेहरे को निहारते हुए उसे चूमने लगा। उस वक्त मेरा लिंग मेरी जीन्स फाड़कर बाहर आने को तैयार था लेकिन मैं अभी और कुछ देर उसके चेहरे को ही चूमना चाहता था। फिर उसके होंठों को चूमते चूमते मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु कर दिये।

लगभग 30 मिनट तक मैं उसके पूरे जिस्म को चूमता रहा, मैं अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की के साथ हम बिस्तर हो रहा था और मैं बता नहीं सकता कि उस समय मुझे कितना आनन्द आ रहा था।

मेरे इस तरह चूमने से वो भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, उसने मेरी जिप खोलकर मेरा लिंग निकाला, लिंग को देखकर वो थोड़ा घबराई और बोली- बाप रे, तुम्हारा लिंग तो बहुत बड़ा है! मैंने कभी अब से पहले कभी इतना बड़ा लिंग नहीं देखा! मगर क्या यह मुझे शान्त कर पायेगा? चलो देखते हैं कि कितना दम है इसमें!

यह कहकर वो उसे बड़े मजे के साथ चूसने लगी।

लगभग 10 मिनट तक चूसने के बाद मैं उससे बोला- क्या हम अब सम्भोग शुरु कर सकते हैं?
इस पर वो थोड़ा मुस्कुराई और बोली- अब मेरी योनि को कौन चूसेगा?

उसकी बात सुनकर मैंने भी उसकी योनि पर अपनी जीभ रख दी और जीभ से योनि को सहलाने लगा। शुरु में मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर बाद में मुझे भी मजा आने लगा।

15 मिनट तक उसकी योनि चूसने के बाद वो भी अब चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी, फिर वो झड़ गई और मेरे ऊपर गिर कर मुझसे जोरों से लिपट गई। ऐसे ही लगभग 10 मिनट तक रहने के बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी दोनों टांगें खोलकर अपना 9 इन्च लम्बा लिंग उसकी योनि पर रखकर सहलाने लगा। मैं ऐसे ही अपने लिंग से लगभग 10 मिनट सहलाता रहा जिससे अंकिता पागल सी होकर बड़बड़ाने लगी- प्लीज, मुझे अब और तड़पाना बन्द कर दो और अपने लिंग से मेरी योनि को फाड़ डालो! आज इसे शान्त कर दो और मेरी प्यास बुझा दो।

उसे देखने से लग रहा था कि अब लिंग योनि में प्रवेश कराने का सही वक्त है, और मैंने बिना कोई समय बिताये अपना लिंग उसकी योनि में डाल दिया और सम्भोग करना शुरु कर दिया।

मैं अब अपनी पूरी ताकत से उसकी योनि को चोद रहा था, अंकिता जब चरम सीमा पर पहुँचने लगी तो बड़बड़ाने लगी- मेरी जान, चोद डालो मुझे! मेरी चूत को फाड़ डालो! मेरे ऊपर कोई तरस मत खाओ! आज इसकी प्यास शान्त कर दो मेरे राजा! तुम्हारे अन्दर पता नहीं कैसा जादू है! और जोर से चोदो मेरे राजा! मैं तो अब झड़ने वाली हूँ।यह सुनकर मेरे अन्दर भी एक स्फूर्ति आ गई और मैंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और धक्के लगाने लगा। लगभग 20 से 25 धक्कों के बाद वो शान्त हो गई मगर खुराक खाने की वजह से अभी मुझे और वक्त लगना था। इसी वजह से उस रात मैंने अंकिता को 4 बार झाड़ा, वो अब बहुत बुरी तरीके से थक चुकी थी, तब उसने मुझसे कहा- आज तक कोई मर्द मेरी प्यास नहीं मिटा सका था, मगर तुमने मुझे शान्त करके अपने आपको एक सच्चा मर्द साबित किया है! आज से और अभी से मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ।

उसने अपने पर्स से 5,000 रूपये निकाले और मुझे दे दिये, उसने कहा- मैं अब कभी भी तुमसे रुपये नहीं लूँगी।

यह कहकर वो मुझसे लिपट गई, मैं भी ये सब सुनकर बहुत खुश हुआ।

उसके बाद उसने कभी मुझसे रुपये नहीं लिये बल्कि वो तब रोज मेरे कमरे पर आने लगी थी, हम रोज रात सम्भोग करते, मैं तो रात को जागता था और दिन में सोता था।

मगर मुझे सदमा तब लगा जब उसने लगभग 2 साल बाद अचानक मेरे पास आना बन्द कर दिया। मैंने सोचा जो लड़की मेरे बगैर एक रात भी नहीं बिता सकती थी वो अब किस वजह से इतने दिनों से मुझसे दूर रह रही है और यही वजह ढूंढने के लिए मैंने उसकी तलाश शुरु की। तब मेरे सामने एक ऐसी सच्चाई आई जो ज्यादातर वेश्याओं का काम रहता है।

एक और बड़ी सच्चाई मेरे सामने थी कि इस दुनिया का कोई भी लण्ड चूत को हमेशा के लिए शान्त नहीं कर सकता।
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