आंटी की तन्हाई चूत चोदन से मिटाई
मेरे दोस्तो, मेरा नाम विजय है. मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ. मैं अब तक अनमैरिड हूँ. मैं गुडगांव में रहता हूं.
यह कहानी अभी कुछ दिनों पहले की है. एक बार में मोटोरोला के सर्विस सेंटर गया था. मैं एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा और वहां से मैं सर्विस सेंटर पर चला गया. मैंने अपना फोन सबमिट किया और मैं इंतजार कर रहा था. कुछ देर इंतजार करने के बाद मेरे पास में वेटिंग लाइन में एक 40 वर्ष की महिला आ कर बैठ गई. वह भी फोन को सबमिट कर उसको वापस पाने का इंतजार कर रही थी.
उसी बीच एक कर्मचारी हमारे पास आया और वो मेरे पास आकर बोला- आपका फोन 3 घंटे बाद मिल जाएगा.
उसकी बात सुनकर वो महिला भी उससे पूछने लगी- और मेरा फोन कितनी देर में मिलेगा?
उस कर्मचारी ने उस महिला के फोन के लिए देखा और कहा आपका फोन भी तीन घंटे में ही मिल पाएगा.
मैं तो उस कर्मचारी की बात सुन कर शांत बैठ गया, पर वह महिला बोली कि मैं 3 घंटे तक क्या करूंगी?
वो आदमी उससे कुछ नहीं बोला और वापस चला गया. पर वो औरत भुनभुनाने लगी.
इसी बीच मैंने अपना दूसरा फोन जेब से निकाला और आसपास के बीयर बार की लोकेशन देखने लगा. तो उस महिला ने मेरे फोन में ये देख लिया.
वो मुझसे बोली- क्या तुम आस-पास के किसी बीयर बार का बता सकते हो?
मैंने तो सर्च किया ही था. उधर से कुछ ही दूरी पर एक बियर बार था. मैंने उसको उस बार की लोकेशन बताई.
उसके बाद उसने कहा- तुम बार की लोकेशन ही सर्च कर रहे थे न? तुम्हें भी बीयर बार जाना है क्या?
मैंने कहा- हां इधर बैठ कर क्या करूंगा. मुझे भी वहीं जाना था, इधर 3 घंटे तक बैठने से अच्छा है कि उधर बैठ कर संडे एन्जॉय करूं.
तो वह हंस कर बोली- हां यही मेरा विचार है. चलो तुम मेरी कार में चलो. हम दोनों ही चलते हैं.
मेरे काफी मना करने के बाद भी वह नहीं मानी और मुझे जबरन हाथ पकड़ कर अपने साथ ले गई.
हम दोनों वहां पहुंचे, तब तक वो मुझसे काफी बात कर चुकी थी. बार के अन्दर पहुंच कर उस आंटी ने एक वेटर को बुलाया और खुद के लिए बियर आर्डर की. आंटी ने मुझसे पूछा, तो मैंने भी बियर का आर्डर दे दिया.
ये बियर के ब्रांड काफी तेज अल्कोहल वाले थे. बियर पीते पीते वो अपने बारे में बताने लगी. उसने बताया कि उसके हस्बैंड दुबई में बिजनेसमैन है और वह गुडगांव में फ्लैट लेकर अकेली रहती है.
मैं उसकी हरकतों को देखता हुआ बियर के नशे का मजा ले रहा था. वो एक बड़े गहरे गले का टॉप पहने हुए थी जिसमें से उसकी दूध घाटी मेरे लंड को खड़ा किए जा रही थी. वो भी मेरी निगाहों को अपने मम्मों पर पाकर खुद झुक झुक कर अपनी फिल्म दिखा रही थी.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा, तो मैंने बताया- मैं गुडगांव में रूम लेकर रहता हूँ और जॉब करता हूँ.
उसके साथ बातें करते करते 3 घंटे कब बीत गए, पता ही नहीं चला. हम दोनों ने दो दो बियर हलक के नीचे उतार ली थीं. बियर का नशा हम दोनों को मस्त कर रहा था. खैर वो भी पियक्कड़ थी इसलिए उसके लिए बियर पीकर कार चलाना कोई नई बात नहीं थी. हम दोनों कार से वापस सर्विस सेन्टर गए, वहां जा कर अपना अपना मोबाइल लिया.
फिर मैंने आंटी से कहा- ओके अब मैं चलता हूँ.
मैं जाने लगा, तो आंटी ने मुझे रोका और बोली- कल वैसे भी संडे है, तुम्हें ऑफिस तो जाना नहीं है, तो आज डिनर के लिए मेरे साथ चलो. फिर तुम डिनर करके चले जाना.
उसका साथ मुझे भी अच्छा लग रहा था. तीन घंटों में हम दोनों काफी हद तक एक दूसरे से खुल चुके थे. वो भी मुझे एन्जॉय के मूड में दिखी. मैंने भी सोचा कि चलो इस समय फ्री तो हूँ ही. देखता हूँ कि आंटी क्या और किस हद तक मजा दे सकती है.
मैं उसके साथ जाने को रेडी हो गया. उसने नीचे आकर अपनी कार स्टार्ट की. मैं उसके साथ बैठ गया.
रास्ते से उसने एक शराब की दुकान पर गाड़ी रोकी और मुझे दो हजार का नोट देकर वाइन की बोतल ले आने के लिए कहा. मैंने पैसे के लिए मना किया और मैं उसकी पसंद की वाइन ले आया. पास ही सिगरेट की दुकान से मैंने गोल्डफ्लेक सिगरेट का पैकेट ले लिया.
वापस कार में आकर बैठा, तो आंटी ने कार स्टार्ट की और कुछ ही देर में हम दोनों उनके फ्लैट पे पहुंच गए.
आंटी का फ्लैट काफी सुंदर था. फ्लैट के इंटीरियर पर काफी ध्यान दिया गया था, ये काफी कीमती था. वो आंटी काफी पैसे वाली लग रही थी.
हम दोनों अन्दर आ गए थे. मैंने उससे वाशरूम का पूछा, तो वो मुझे लेके गयी. मैं वाशरूम में जाके हल्का होके बाहर निकला तो देखा कि आंटी ने नाइटी पहनी हुई थी. आंटी बोली कि बड़ी जल्दी आ गए. मैं तुम्हारे लिए ये ट्राउजर और टीशर्ट लेकर आई थी. वापस जाकर बाथ ले लो, फिर तसल्ली से डिनर का मजा लेते हैं.
मुझे भी कुछ यूं ही लग रहा था कि नहा लिया जाए. मैं कपड़े लेकर वापस बाथरूम में घुस गया और कुछ ही मिनट में शावर लेकर नहा कर बाहर आ गया.
अब मैं आंटी की ड्रेस पर ध्यान दिया तो उसकी नाईटी तो एकदम ट्रांसपैरेंट थी. नाईटी के अन्दर उसने इरोटिक ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.
मुझे देख कर वो सोफे पर बैठ कर सेंटर टेबल पर वाइन के पैग बनाने लगी. मैंने सिगरेट जलाई तो उसने एक खुद के लिए भी जलाने के लिए कहा. मैंने उसके आगे सिगरेट की डिब्बी बढ़ा दी. लेकिन उसने मेरे हाथ की सिगरेट ले ली और मुझे दूसरी सिगरेट जलाने की कह दी.
मैंने दूसरी सिगरेट जला ली और उसके साथ वाइन पीने बैठ गया.
हमने काफी बातें की और दो दो पैग वाइन पी. फिर वाइन खत्म होने के बाद उसने डाइनिंग टेबल पर आ कर पहले से आर्डर से मंगाया हुआ खाना सर्व किया.
खाना खाने के बाद मैंने एक सिगरेट जलाई और उससे जाने का कहा.
उसने मेरी जांघ पर हाथ मारते हुए कहा- इतनी भी क्या जल्दी है यार.. बैठ कर बात करते हैं न.
हम दोनों उसके बैडरूम में गए. वहां जा कर वो मुझसे बात करने लगी.
आंटी ने सिगरेट का कश लेते हुए बताया कि उसके हंसबेंड 2 साल में एक बार घर आते हैं, वो भी सिर्फ 7 दिन के लिए आते हैं.
वो ये सब बताते हुए थोड़ी सेंटीमेंटल हो गयी थी. वो मुझसे चिपक सी रही थी. मैं उसे सांत्वना दे रहा था. उसके आंसू आने लगे थे.
मैंने आंटी के आंसू पौंछे और कहा- आप टेंशन नहीं लो, जब भी अकेलापन लगे, तो मुझे याद कर लिया करो.
तो उसने मेरी इस बात पर मुझे हग कर लिया और कहा- क्या तुम मेरी एक जरूरत पूरी कर सकते हो?
मेरा तो लंड खड़ा ही हो गया था और मुझे आंटी को चोदने की पड़ रही थी. इस वक्त वो मुझे एक माल सी लग रही थी लेकिन मैं अब भी संयम रखे हुए था कि शुरुआत आंटी की तरफ से होगी, तब ही इसके साथ सेक्स की सोचूंगा. मैंने आंटी से पूछा- कैसी इच्छा?
उसने कहा- क्या तुम मेरी शरीर की जरूरत पूरी कर सकते हो?
पहले तो मैं चुप रहा. फिर मैं कुछ बोलता, उससे पहले ही उन्होंने मेरे लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए और मुझे स्मूच करने लगी. थोड़ी देर में मैं भी उसका साथ देने लगा.
इसी बीच उसने मेरी जीन्स में हाथ डाल दिया और लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया. मैं टांगें खोल कर उसको लंड सहलाने देने लगा. उसने मेरी शर्ट खोल दी और मेरे चौड़े मर्दाना सीने पे किस करने लगी.
इसके बाद में उसने अपनी नाइटी हटा दी और वो सिर्फ ब्रा पैंटी में आ गई. उसने मुझे हाथ से पकड़ा और उठने का इशारा किया. मैं यंत्रवत उसके साथ उठ गया. उसने मुझे बेड पे लेटा दिया.
वो नीचे से मेरी टांगों की तरफ आई और उसने मेरी जीन्स का बटन खोल कर जीन्स ओर अंडरवियरएक साथ नीचे कर दी. मैं पूरा नंगा हो गया था. मेरे खड़े लंड को देख कर वो एकदम से मचल गई और मेरी टांगों की तरफ से बेड पर आकर मेरे लंड को आंटी ने अपने मुँह में भर लिया. आंटी लंड चूसने लगी.
मुझे जन्नत का मजा आने लगा.
कुछ मिनट लंड चुसाई करने के बाद उसने अपनी ब्रा पैंटी भी उतार दी और मेरे सीने के दोनों तरफ अपनी दोनों टांगें डाल कर अपना एक निप्पल मेरे मुँह में डाल दिया. मैं आंटी के निप्पल को चूसने लगा और दूसरे चूचे को अपने हाथों से दबाने लगा. वो अब तक मेरे ऊपर लेट गई थी, जिससे मेरा लंड उसकी चूत से लग गया था.
काफी देर तक आंटी के बूब्स से मज़े लेने के बाद मुझे अपने लंड पर उसकी चूत से पानी रिसता सा महसूस हुआ. मैंने उसको लंड से थपकी दी, तो आंटी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत में फिट करके लंड के ऊपर बैठ गई.
मेरा लंड मोटा था. शुरू में मेरा आधा लंड ही आंटी की चुत में जा सका था. वो दर्द की वजह से कहराने लगी थी, पर कुछ देर में मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया. वो कुछ देर लंड को अन्दर लेकर बैठी रही अपनी चूत से मेरे लंड की दोस्ती करवाती रही. फिर आंटी मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगी.
उसके बाद मैंने आंटी को अपने नीचे लिया और लंड उनकी चूत में डाल कर उसको दबादब चोदने लगा.
इसी बीच वो एकदम से अकड़ कर झड़ गयी थी, पर मैं अब तक नहीं झड़ पाया था. मैंने लंड बाहर निकाला और आंटी ने मेर लंड को चूस कर खुद को दुबारा तैयार किया.
अब आंटी डॉगी स्टाइल में आ गयी. मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया और काफी देर चोदने के बाद खुद को चरम पर आता हुआ महसूस किया तो मैंने आंटी से कहा- मेरा निकलने वाला है.
आंटी ने कहा- अपना रस मेरे बूब्स पर निकाल दो.
वो लेट गयी और मैं उसके ऊपर आ गया. वो मेरे लंड को अपनी मुठ्ठी में लेकर हिलाने लगी. थोड़ी देर लंड हिलाने के बाद मेरा सारा माल उसके मम्मों पे आ गया. उसने खुद को साफ किया और मेरे लंड को साफ किया.
इसके बाद एक दौर वाइन का फिर से चला और हम दोनों फिर से अभिसार के लिए गरम हो गए. उस रात हमने 3 बार चुदाई की, फिर सुबह हमने साथ में बाथ लिया. जाते समय आंटी ने मुझे 5000 रुपये दिए.
मैंने मना किया तो आंटी ने कहा- मैं तुमको कोई गिफ्ट देना चाहती थी, लेकिन इस वक्त सम्भव नहीं है, प्लीज़ तुम बुरा मत मानना, अपने लिए कुछ भी मेरी तरफ से ले लेना.
मैंने उसकी बात मान ली और उससे अलग होकर ओने घर चला गया.
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मुझे आपके अमूल्य फीडबैक का इंतज़ार रहेगा.
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