आपने बुलाया और हम चले आये-1

आपने बुलाया और हम चले आये-1

सभी लड़कियों, भाभियों, को रोहित का प्रेम भरा नमस्कार!

मेरा नाम रोहित है, आयु 24 वर्ष और शरीर से, कर्म से, इस प्रकृति में नारियों को, सम्भोग में संतुष्ट करने के लिए ही पैदा हुआ हूँ। मेरे लण्ड का नाप 8 इंच है। जिन लड़कियों, आंटियों, भाभियों को मैंने अभी तक चोदा है, वे ही मेरे लण्ड की महिमा समझ सकती हैं।
मैं जिगोलो हूँ और नागपुर और पुणे में रहता हूँ। पहले मैं स्टडी के लिए पुणे गया था, हालांकि अभी भी वहीं पढ़ता हूँ। मैंने जिगोलो का काम शुरू किया था, पर पुणे में होते हुए भी मेरे लिए नागपुर से बहुत कॉल आते थे इसलिये मैंने सोचा कि नागपुर में कस्टमर की कमी नहीं है तो क्यों न अपने नागपुर जाकर ही यह काम किया जाए, इसलिये मैं वापस आ गया।

काम अच्छा चल रहा है, कभी पुणे से मुझे कॉल आते हैं तो वहाँ चला जाता हूँ और अक्सर कई बार मेरे साथ बहुत सी ऐसी रोमांचक और सैक्सी घटनायें होती हैं जिन्हें मैं किसी से नहीं बता सकता, पर अन्तर्वासना के माध्यम से अब मैं आपको बता सकता हूँ।

चलो, अब एक और सत्य घटना सुनिए।

इस बार मुझे पुणे से 29 साल की एक अविवाहिता लड़की का कॉल आया, उन्होंने बताया कि वे प्राइवेट जॉब करतीं हैं और मेरी सेवायें लेना चाहती हैं।
मैंने आने के लिए हाँ कहा।

उन्होंने मुझे डेट बताई कि ‘इस दिन शाम को 8 बजे के बाद आप मुझे मोबाइल पर कॉल करना, मैं बता दूँगी कि किधर आना है।’
उन्होंने अपने घर का पता नहीं बताया।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं उनके द्वारा बताये हुए दिन पर निश्चित समय पर पहुँच गया। फ्रेश होकर साढ़े आठ पर मैंने उनको कॉल किया तो उन्होंने मुझे एक शादी गार्डन का पता बोला ‘यहाँ चले आओ शादी है। गार्डन के बाहर पहुँच कर मुझे कॉल करना।’

मैं ऑटो से उस पते पर पहुँचा, मुझे वह गार्डन मिल गया। मैंने बाहर से ही उन्हें फोन लगाया और अपना हुलिया बताया।

उन्होंने मुझे बाहर ही रुकने को बोला। कुछ देर बाद एक बेहद खूबसूरत 28-30 साल की लड़की साड़ी पहने हुए, बालों में फूल लगाए हुए, एकदम सज़ी-धजी गेट से बाहर आई।

वो आपने कान पर मोबाइल लगा कर किसी को खोज रही थी। तभी मेरे मोबाइल की घंटी बज़ी। अब तक वो मेरे पास पहुँच चुकी थी। मेरे मोबाइल की घंटी उसे भी सुनाई दे गई होगी। मैं अपनी जेब से मोबाइल निकाल ही नहीं पाया कि घंटी बंद हो गई।

मैं भी उन्हें ही देख रहा था। उन्होंने मेरे पास में खड़े होकर मुझसे बोला- आप आ गये?

मैंने बोला- आपने बुलाया और हम चले आये।
वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी।

वो मेरे पास आईं और मुझसे पूछा- आप रोहित?
मैंने कहा- जी, मैं ही रोहित हूँ।
हम दोनों ने हाथ मिलाये।

उन्होंने बताया- यह मेरी बड़ी दीदी की शादी है। बस कुछ देर में प्रोग्राम ख़त्म हो जाएगा। तुम आओ मेरे साथ, खाना खा लो।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं खाना खाने लगा। पर वो स्टेज से लगातार मुझे देख रही थी, मैं भी उन्हें देख रहा था। वो लगभग 28 साल की सुंदर लड़की थी। उनका जिस्म बिल्कुल प्रियंका चोपड़ा की तरह बहुत ही सेक्सी लग रहा था।

मैं खाना खा चुका था और एक कुर्सी पर बैठ कर कॉफी पीने लगा।तभी मैंने देखा कि दूल्हा-दुल्हन और सब लोग स्टेज से उतर कर खाना खाने के लिए जा रहे हैं।

वो मेरे पास कॉफी लेकर आई और मुझसे पूछने लगी- तुमको कोई परेशानी तो नहीं हुई है?
मैंने कहा- नहीं।
उन्होंने बताया- यह मुझसे बड़ी दीदी की शादी है।

मैंने कहा- हाँ, इंतज़ाम देखने से ही पता चलता है और यह शादी के मतलब की बहुत बढ़िया जगह भी है।

उसने बताया- ये जो दो आजू-बाजू में कमरे हैं, उनमें से एक में लड़की और एक में लड़के के लिए अलग कमरे दिए गये हैं। अब स्टेज प्रोग्राम ख़त्म होने के बाद फेरे आदि का कार्यक्रम है, जहाँ यह प्रोग्राम होना है, उधर ही मेरा कमरा है, यहाँ बहुत से लड़के लड़कियाँ हैं। किसी को कोई शक नहीं होगा कि आप किस की तरफ से यहाँ आए हुए है। मेरा मतलब है, लड़के वालों की तरफ से या लड़की वालों की तरफ से।

मैं ध्यान से उसकी बातें सुन रहा था। वो यह सब मुझसे बोल तो रही थी, पर बोलते बोलते उसकी साँसें फूल रहीं थीं। मैं उसकी स्थिति समझ रहा था।

उसने मुझे बताया- मैं मांगलिक हूँ, इस वजह से अभी तक मेरी शादी कहीं तय नहीं हो पाई है। मेरे साथ की सब लड़कियों की शादी हो चुकी है और उनके बच्चे भी हैं। इस उमर में सेक्स को लेकर मेरा क्या हाल हो रहा होगा, तुम समझ सकते हो। इसलिए मैंने तुमसे कॉन्टेक्ट किया है, पर रोहित, यह हमारी पहली और आखिरी मुलाकात होगी।

मैं उसकी सब बातें सुनने के बाद बोला- अगर कभी आप मार्केट जाती हैं और अगर आपकी जूस पीने की इच्छा होती है, तो आप शॉप पर जाकर जूस पीती हैं, पैसे देतीं हैं, और घर आ जाती हैं, है न! वहाँ का गिलास थोड़ी ना घर लेकर आती हो। वैसे ही आपने मेरी सर्विस खरीदी है, मुझे नहीं। आप से आज के बाद मेरा कोई मतलब नहीं रहेगा, आप निश्चिन्त रहें।

वो मुस्कुराने लगी। हम 30 मिनट तक बातें करते रहे। इस बीच दूल्हा-दुल्हन उस कमरे की तरफ जाने लगे जहाँ मंडप बना हुआ था। और उधर ही प्रिया का रूम भी था।

वो बोली- उठो और साथ में चलो।

हम भी दूल्हा-दुल्हन की भीड़ के साथ शामिल हो गये। प्रिया का कमरा अन्दर से बहुत ही अच्छा फाइव स्टार होटल की तरह का रूम था। बड़ा बेड था और टीवी, फोन रखे हुए थे। कमरा महक भी रहा था। उसने एसी ऑन कर दिया।

बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था, मैंने झाँक कर देखा तो बहुत बड़ा और सुंदर बाथरूम था। उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

मैं बेड पर बैठ गया, दीवार से पीठ टिका कर लेट गया। मैंने टीवी ऑन किया और देखने लगा। प्रिया बेड के पास खड़ी हुई थी। मुझे देखे जा रही थी। साँस लेने के कारण उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाया। कुछ देर बाद, उसने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने उसे बिस्तर पर खींच लिया। वो बड़ी अदा से मेरे सीने पर गिर पड़ी।

हम आधे लेट हुए थे, उसका सर मेरे सीने पर था। एक हाथ से मैं उसे थामे हुए था और एक हाथ से मैंने उसके गालों को छुआ। उसने आँख बंद कर ली। वो दुल्हन की तरह सजी हुई थी, साड़ी, गहने आदि पहने हुए थी और परफ्यूम की मदहोश कर देने वाली महक से मैं दीवाना हो गया। मैंने उसके माथे पर एक चुम्बन किया।

आज, मैं भी सुहागरात मनाने के मूड में था। प्रिया अपने जीवन के तीसरे दशक के आखिरी सालों में अविवाहित लड़की थी इसलिये मैं यह अच्छी तरह से जानता था कि उसे क्या चाहिए? मेरा मतलब है कि एक ‘नाइस & फुल सॅटिस्फाइड सेक्स विद लव’ और वो मैं ही दे सकता हूँ। मैंने उसकी बंद आँखों को चूमा और एक हाथ उसके बालों में फिराने लगा।

वो किसी नयी दुल्हन की तरह शरमा रही थी। उसका एक हाथ मुझे अपने घेरे में लिए हुए था। फिर मैं उसके ऊपर कुछ झुका और मैंने अपने होंठ, उसके होंठों से लगा दिए। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

वह सिहर गई और ज़ोर से मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। मैं उसके होंठ चूस रहा था, वो भी मेरे होंठ चूस रही थी। कुछ पल हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे, तभी उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों गाल पकड़े और ज़ोर ज़ोर से अपना सिर घुमा घुमा कर मेरे होंठ चूसने लगी। उसकी इस दीवानगी से मेरे होंठ चूमने से एक बार तो मैं भी छटपटाने लगा था।

वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि भूखी शेरनी सी हो गई थी। इस समय उसके बड़े बड़े उरोज मेरे सीने पर दब रहे थे। मैंने भी अपना एक हाथ उसके सिर के पीछे कर, उसे पकड़ कर पूरे ज़ोर से उसके होंठ चूसने लगा। करीब 20 मिनट तक हम दोनों बस चूमाचाटी ही करते रहे। यह यौनपूर्व क्रीड़ा का पहला भाग था।

कुछ देर बाद हम अलग हुए, दोनों ही बुरी तरह हाँफ रहे थे। हम दोनों बिस्तर पर अलग अलग लेटे हुए थे। कुछ देर बाद जब हम सामान्य हुए तो मैं उसकी तरफ पलटा, वो आँख बंद किए हुए लेटी थी, मैंने उसे गर्दन पर चूमते हुए, उसके वक्ष को चूमने लगा साड़ी का पल्लू, उसके सीने पर से, अलग करते ही मैं हैरान रह गया।

क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे यार! मैं तो मचल उठा था। मैंने अपने दोनों हाथ उसके उन स्तनों पर रख दिये और सहलाने लगा। उसकी साँसें तेज़ चलने लगीं और वो मेरी तरफ देखने लगी। मैंने उसके स्तनों को सहलाते हुए अपना मुँह उसके ब्लॉउज में घुसेड़ दिया।

वो मचल उठी और मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपने उरोजों में छुपा लिया। मैं अपने होंठ उसके मस्त दूध के निप्पलों पर फेरे जा रहा था। फिर मैंने एक हाथ से उसके ब्लॉउज के हुक खोल दिए, वो गुलाबी रंग की ब्रा पहने हुए थी।

क्या सेक्सी ब्रा थी! देख कर मज़ा आ गया। मैं कुछ देर ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाता रहा और अपने होंठ उसके मम्मों पर फिराता रहा। फिर मैं बूब्स से नीचे होते हुए, उसके पेट और नाभि पर आया उसकी नाभि में जीभ घुसा कर खूब चूसा। उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी।

फिर मैं एक झटके से बिल्कुल नीचे उसके पैरों के पास पहुँच गया। उसके पैर चूमते हुए उसकी साड़ी ऊपर करते हुए, उसकी नरम जाँघों तक आ गया। क्या खूबसूरत मखमली जांघें थीं। मैं दोनों जाँघों पर अपने होंठ से उसको मदहोश कर रहा था। वो अपना सिर जोर जोर से आजू-बाजू घुमा रही थी, अपने होंठ, दाँतों से चबा रही थी।

मैंने अपने दोनों हाथ उसकी दोनों जाँघों पर से सरकाते हुए, उसकी पैन्टी को पकड़ा और नीचे खींच दिया।

कहानी जारी रहेगी।
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