इन मर्दों में है कुछ ख़ास

इन मर्दों में है कुछ ख़ास

सभी पाठकों को अंश बजाज का नमस्कार…
दोस्तो मेरे द्वारा लिखी गई कहानियाँ सीधी मेरी जिंदगी से जुड़ी हैं और इन कहानियों के माध्यम से मैं आपसे जुड़ा हूँ। आपसे मिल रहे प्यार और लगाव के कारण मेरा अकेलापन काफी हद तक दूर हुआ है जो रवि के जाने के बाद मुझे अंदर ही अंदर घोलता जा रहा था.. इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए मैं अपनी जिंदगी की हर घटना आपके साथ बांटना चाहता हूँ..

लेकिन आज मैं आपके सामने कोई यौन घटना लेकर नहीं आया हूँ, आज की यह कहानी प्रकृति द्वारा बनाई गई उस खूबसूरत प्रजाति की है जिसे हम पुरुष कहते हैं.. इसकी मैं जितनी भी तारीफ करूँ, हमेशा कम लगती है।
लेकिन जहाँ कहीं भी देखो, आज के दौर में सिर्फ महिलाओं का बोल-बाला है.. फिल्में हों या टीवी के एड.. अखबार हों या मैगज़ीन.. महिलाओं के बदन की नुमाईश के बगैर कोई काम पूरा होता ही नहीं..

लेकिन मैं तो अपनी मर्द जाति का दीवाना हूँ.. ज़रा सोच कर तो देखो कि कितनी हसीन कलाकारी है भगवान की.. सारा दिन काम करते हैं फिर घर संभालते हैं.. मां बाप की देख-रेख.. बीवी की ख्वाहिशें.. बच्चों की खुशियाँ.. सब पूरा करते हुए अपना हर फर्ज निभाते हैं और सबसे बड़ी टेंशन गर्लफ्रेंड.. उसको भी हैंडल करते हैं..

हमेशा कूल रहने वाला अंदाज़.. हर उल्टे सीधे काम के लिए तैयार रहते हैं.. भाई लड़ाई हो तू चिंता ना कर यार ..बता कौन है साला ..मां-बहन एक कर देंगे.. भाई देख क्या माल है.. साले तेरी भाभी है तमीज़ से बात कर..

फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा देखकर आए.. रात के 12 बजे टूर पर निकल लिए..

भाई उसका बाप नहीं मानेगा.. शादी नहीं होने देगा.. उठवा देंगे साले को.. तू चिंता मत कर..

कमरे में एक हफ्ते से झाड़ू नहीं लगा है.. लगा दे..
मैंने वाश बेसिन साफ किया था.. तू लगाएगा..
तभी गांड पर जूता आकर लगता है.. और तकिया झाड़ू समते कई चीजों का आक्रमण दोनों तरफ से होने लगता है।

लड़की साथ में देखते ही.. क्या बात है साले… अकेले अकेले.. मारी या नहीं अभी तक..

हंसकर शर्माते हुए- नहीं यार, ये तो ऐसे ही टाइम पास है..
चल साले नौटंकी ..सब पता है ठरकी.. तूने तो गली की कुतिया भी नहीं छोड़ी.. हमसे नाटक करता है..

कमरे पर सेटिंग आ रही है..
भाई हम भी एक राउंड लेंगे… नहीं तो सबको मूवी दिखाएगा और रात को दारु पिलाएगा..

दारु पार्टी में सारा सामान फर्श पर सजा है.. और सुरुर बढ़ते बढ़ते सबके अंदर किसी महापुरुष की आत्मा आकर बड़े बड़े डॉयलोग मारने लगती है..

फिर शिकवे शिकायतों का दौर शुरु होता है.. और गाली गलौच के साथ या तो सुलझेड़ा होकर गले मिल जाते हैं या फिर एक दूसरे का गला दबाने के लिए भागते हैं..

कभी लड़की की याद में गले से लगकर आँसू बहाते हैं और अगले ही पल – अच्छा हुआ चली गई साली.. बेहया नारी.. तू पैग बना यार.. मां चुदाए दुनियादारी..

भाई पर रौब और.. बहन से लड़ाई.. पापा को मस्का और मां से बेइंतहा प्यार..
बहुत हसीन लगता है ये…

और सबसे ज्यादा दीवाना तो मैं हरियाणा वालों का हूँ.. उनमें जो बात है वो दुनिया के और मर्दों में नज़र ही नहीं आती है…
देखने में ऐसे कि कामदेव भी पानी ना मांगे.. 6 फीट लंबे, पहलवानी शरीर, चौड़ा और उठा हुआ बलवान सीना, भारी भारी भुजाएँ, मदमस्त मस्तानी चाल, मोटी मोटी गद्देदार गांड, भारी गोल जांघें, और जांघों के बीच में लटकता उनका थन… जिसकी लड़कियाँ तो लड़कियाँ.. लड़के भी दीवाने हैं..

इस थन से जो दूध निकलता है उसका स्वाद वही जानता है जिसे उसको पीने का सौभाग्य मिला है..
ठेठ हरियाणवी चुटकुलेदार बोली.. भारी मर्दाना आवाज़..

यूँ तो पूरा हरियाणा जाटों से भरा है लेकिन जो सोनीपत और रोहतक के बीच की बेल्ट है उसमें कुछ खास बात है.. यहाँ के देहाती हसीन मर्द सिर्फ यहीं पाए जाते हैं.. रंग गोरा, लाल लाल होंठ, ज्यादातर की सेक्सी छाती पर घने बाल और भारी भरकम उठा हुआ चौड़ा सीना, मोटे मोटे चूतड़, चौड़ी टांगें करके चलने वाली चाल.. और देसी अंदाज़..

इन देसी मर्दों को देखकर दिल से एक ही आह निकलती है.. हाय क्या चीज़ है यार… कसम से.. मर्द जात भी क्या चीज़ बनाई है भगवान ने.. इनके लंबे और मोटे लौड़े से निकलती दूध की धार अपने मुंह में छुड़वाना और उसका स्वाद लेते हुए अंदर पीना.. दुनिया का सबसे कामुक अहसास है!

इनका तग़ड़ा शरीर और जोशीला अंदाज़ इनको और भी सेक्सी बनाता है.. कुछ तो चलते फिरते सेक्स बम्ब होते हैं जिनको बस चिंगारी भर की जरूरत होती है.. और जब फटते हैं तो सब कुछ फाड़ कर रख देते हैं!
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

रवि भी बिल्कुल ऐसा ही था.. उसके जैसा ना तो मुझे आज तक कोई मिला है और ना ही मिलने की उम्मीद है.. वो एक अकेला शख्स था जिसने मेरी दिल की भावना की कद्र की… इसलिए उसे दिल से चाहता था मैं.. वो तो नहीं रहा.. और उसके जैसा शायद कोई मिलेगा नहीं…

क्योंकि उसकी तरह के लड़के सिर्फ लड़कियों में ही रुचि रखते हैं.. किसी लड़के की भावना का अहसास हो पाना जाटों के बस में नहीं हैं उनके लिए गे(समलैंगिक) होना मतलब हिजड़ा या गंडवा.. भावनाओं के लिए वहाँ कोई जगह नहीं होती… क्योंकि वो हम जैसे लड़कों को सिर्फ गंडवों की छवि में ही देखते हैं..

अगर सेक्स तक बात पहुँच भी गई तो लंड और गांड से ऊपर नहीं जा पाती।
इसका एक कारण यह भी है कुछ गे (समलैंगिक) ऐसे होते हैं जिनको हर वक्त सिर्फ सेक्स ही चाहिए होता है जैसे लड़कियों में कुछ रंडियाँ होती हैं लेकिन उन कुछ चुनिंदा लोगों की वजह से पूरा गे समाज बदनाम हो गया है।
इसलिए जाट तो हम जैसों को दुत्कारते हैं..

हो सकता है मैं गलत भी हूँ लेकिन जितने लोगों से मैं मिला हूँ अभी तक मेरा अनुभव यही रहा है ..इस्तेमाल करो और फेंक दो..
हालांकि जितना मैं जाटों को जानता हूँ उनके जैसा दोस्त भी नसीब वालों को ही मिलता है वो या तो इतनी आसानी से दोस्ती करते
नहीं.. और जब करते हैं तो जान की परवाह भी नहीं करते..
दोस्तों पर जान छिड़कना तो कोई उनसे सीखे..

मैंने खुद भी अपनी जिंदगी में ऐसे वाकये देखे हैं जब एक जाट ने दोस्त के लिए वो सब किया है जो हम किसी अपने के लिए करने के बारे में भी 100 बार सोचेंगे..
उनका दिल जितना बड़ा होता है उतना शायद किसी और का नहीं होता होगा..
खातिरदारी में दिल-जी-जान सब कुछ लगा देंगे और गुस्से में आग से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे।

लेकिन उनकी तारीफ मैं दिन रात भी करूँ तो कम पड़ जाएंगे..
लेकिन बात जब समलैंगिकता की आती है तो उनके दिमाग में बस एक ही शब्द आता है ‘गंडवा…’

दुआ करता रहता हू्ँ कि काश… वो मेरे जैसे लड़कों की भावना को भी अपने दिल में जगह दे पाते.. क्योंकि रवि की कमी मेरी जिंदगी में हमेशा बनी रहेगी और उस जैसा शायद ही कोई और मिले…

हमारे समाज का ज्यादातर हिस्सा ऐसा ही सोचता है ..समलैंगिक यानि गांड मारना और मरवाना बुरी बात है!
लेकिन दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि जैसे आप लोग लड़की की हर चीज को देखकर उसे पसंद करते हो.. समलैंगिक भी हर किसी एैरे-गैरे लड़के को देखकर लार नहीं टपकाते.. वो भी लड़के की हर बात देखते हैं.. उसका बोलना, चलना, उसके कपड़े, उसका स्टाइल, उसका अंदाज़, उसका शरीर, उसका दिल, उसका स्वभाव..
यानि जब उनकी पसंद का कोई लड़का वो देखते हैं तो वो भी यही कहते हैं कि काश.. इससे एक बार बात हो जाए तो लाइफ बन जाए…

इसलिए दोस्तो, अगली बार जब भी आपको कोई लड़का नज़र भर कर देख रहा हो तो उसे गंडवा ना समझ कर यह सोचना कि आप में जरुर कुछ न कुछ ऐसी खास बात है जो किसी और में उसको नज़र नहीं आ रही… क्योंकि प्यार एक ऐसा अहसास है जो किसी के दिल में किसी के लिए भी पैदा हो सकता है..

जल्द ही लौटूंगा अगली कहानी के साथ..
आपका अंश बजाज..
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