उदास ट्यूशन स्टूडेंट का मन बहलाया
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.. मैं काफी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक रहा हूँ।
मैं नॉएडा में रहता हूँ और इंजीनियरिंग कर चुका हूँ। मेरी उम्र 24 साल है और लम्बाई 5 फुट 7 इंच है। मेरा लण्ड 7 इंच का है।
मैं अपनी यह पहली कहानी लिख रहा हूँ.. इंजीनियरिंग के बाद आगे एम बी ए की तैयारी की सोची तो सोचा कि क्यों न कुछ खर्चे पानी जुगाड़ भी हो जाए.. तो घर से भी ज्यादा रूपए नहीं मँगाने पड़ेंगे और खर्च भी चल जाएगा।
मैंने टयूशन के लिए एक एड तैयार किया और मोहल्ले पड़ोस में सारी जगह लगा दिए.. जिससे कि ज्यादा दूर की भी टयूशन न मिले.. पास में ही काम हो जाए।
लगभग एक हफ्ते बाद एक कॉल आई- आपका एड देखा था.. होम टयूशन के लिए.. तो उसके लिए बात करनी है।
मैंने कहा- हाँ जी.. बोलिए?
तो उन्होंने सारी बात कही और घर का एड्रेस दिया और कहा कि शाम को मिलने आ जाना..
मैं उनके घर गया.. वहाँ उनसे बात की तो 2500 रूपए में उनके दोनों बच्चों को पढ़ाने के लिए रेडी हो गया।
एक लड़की जो 12वीं में थी और उसका छोटा भाई जो कि सातवीं में था।
जो लड़की मुझसे पढ़ने वाली थी.. उसका नाम सौम्या (बदला हुआ नाम) है.. वो बहुत ही क्यूट थी.. बहुत प्यारी.. उसे देख कर दिल खुश हो गया। मेरे मन में अजीब से ख्याल आने लगे.. उसे देख कर मुठ मारने का दिल करता था।
मैं उसे पढ़ाने लगा था.. वो पढ़ने में तो ठीक थी.. लेकिन उसका मन थोड़ा कम लगता था। वो शायद एक साल ड्रॉप आउट भी थी.. तो थोड़ा पढ़ाई में कम ध्यान देती थी।
मैं उसे पढ़ाता.. लेकिन वो कहीं और खोई रहती।
फिर मैंने एक दिन उससे पूछा- आखिर क्या प्रॉब्लम है.. क्यों पढ़ने में मन नहीं लगता तुम्हारा?
तो बस बिंदास बोली- मेरा एक बॉयफ्रेंड था.. उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है.. तो मैं परेशान हूँ..
मैंने कहा- ओह्ह.. ये बात है..
मैंने उसे समझाया.. तो उसे ठीक लगा फिर वो भी थोड़ा और ओपन हुई और मुझसे खुल कर बात करने लगी।
दोस्तो, क्या बताऊँ.. उसका फिगर इतना कमाल का था.. कि कुछ मत पूछो.. जवान लड़की का फिगर.. आप समझ सकते हैं मस्त-मस्त चूचे… बेहतरीन उठी हुई गाण्ड.. टोटल फाडू माल.. उसे देखकर कई बार चुदाई करने का मन करता.. लेकिन करूँ तो कैसे..
फिर एक दिन मौका मिल ही गया.. उस दिन उसको मुझसे अकेले टयूशन पढ़नी पड़ी.. क्योंकि उसका भाई मम्मी के साथ कहीं गया हुआ था।
उस दिन मैंने उससे बहुत बात सारी बातें की.. एक तरह से उस दिन पढ़ाई हुई ही नहीं.. उस दिन मैंने उसका हाथ पकड़ा.. तो मेरा तो खड़ा हो गया।
वो इतनी हॉट थी और वो भी थोड़ी कांप सी गई.. तो उसने कहा- मेरे क्लास मेट गन्दी-गन्दी मूवीज देखती हैं और मालूम उनके साथ उनके बॉयफ्रेंड क्या करते हैं?
‘क्या करते हैं?’
उसने मुझे सारी बातें बताईं.. तो मैंने उससे पूछा- ये सब देखने का तुम्हारा मन नहीं करता क्या?
तो शरमाने लगी.. फिर मैंने मौका देखते ही कह दिया- मैं तुम्हें पसंद करता हूँ..
मैं उसके जबाव का इन्तजार करने लगा।
वो बोली- सोच कर कल बताऊँगी..
अब मुझे कल का इंतजार था.. ये रात बड़ी मुश्किल से कटी दोस्तो!
अगले दिन मैंने पूछा.. तो उसका जबाव ‘हाँ’ था.. तो फिर क्या.. मेरी तो बल्ले- बल्ले हो गई।
मैं उसे देखता.. बीच-बीच में उसे छेड़ने लगता।
फिर एक दिन की बात थी मेरा तो कब से उसे चोदने का मूड था, आखिर मेरे इंतजार की घड़ियाँ समाप्त हो ही गईं।
उसकी मम्मी को किसी रिलेटिव के यहाँ पूजा में जाना था.. तो उन्होंने कहा- टयूशन मत आना आज..
मैंने कहा- ठीक है भाभी जी।
लेकिन थोड़ी देर बाद फिर फ़ोन आया तो भाभी बोलीं- तुम पढ़ाने आ जाना.. सौम्या अकेली रहेगी.. उसे ही पढ़ा देना..
अब मैं सीधा लड़का हूँ.. तो शक की तो कोई बात ही नहीं थी।
मैंने कहा- जी ठीक है..
लगभग दोपहर के 3 बजे मैं टयूशन पढ़ाने पहुँचा.. मैंने बेल बजाई.. तो वो निकल कर आई।
आज तो कुछ अलग ही दिख रही थी.. उसके चेहरे पर अलग सी मुस्कान थी।
मैं अन्दर गया.. उसने मुझसे पूछी- टी या कॉफ़ी?
मैंने कहा- आज तुम्हारी मर्जी.. कुछ भी पिला दो।
वो कॉफी लेकर आई.. मेरे पास सट कर बैठी.. हम दोनों ने कॉफी पी।
फिर मैंने कहा- अब पढ़ें?
तो उसने कहा- क्या यार.. डेली पढ़ाते रहते हो… आज रहने दो..
मैंने कहा- ठीक है.. वो मेरे एकदम करीब बैठ कर बात कर रही थी.. मेरा तो लौड़ा सातवें असामान में था।
मैंने आव देखा न ताव.. उसे जोर से हग कर लिया।
पहले तो वो थोड़ा हिचकी.. फिर मेरा साथ देने लगी।
मैंने उसे चुम्बन करना शुरू किया.. उसके मस्त गुलाबी से होंठों पर.. दोस्तो, क्या होंठ थे।
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धीरे-धीरे मैंने अपने हाथ उसके चूचों पर सटा दिए.. ओह्ह.. क्या मस्त-मस्त गोल-गोल चूचे थे.. इतने टाइट थे कि मसलने में अलग ही मजा आ रहा था।
फिर मैंने उसकी चूत की तरफ हाथ बढ़ाया.. तो मैंने हाथ लगाते ही देखा कि उसकी सिसकारी सी निकल गई- सीसी.. स्स्स स्स्स्स सीस..
वो गरम ‘आहें’ भरने लगी।
फिर मैंने उसके कुरते को उतारा.. सलवार को उतारा.. अब केवल ब्रा और पैन्टी में थी।
मैंने वो भी उतार दी.. अब वो पूरी नंगी संगमरमर की मूर्ति तरह लग रही थी।
मैंने उसके चूचे चूसना शुरू किए। फिर मैंने उसकी चूत की वो चटाई की.. कि बस कुछ देर के बाद ही बोली- राज अब सब्र नहीं होता.. प्लीज डाल दो..
आपको बता दूँ पाठकों कि उसकी चूत एकदम वर्जिन थी.. हालांकि उसका बॉयफ्रेंड था.. लेकिन उसके साथ उसका कुछ हुआ नहीं था।
उसकी चूत इतनी टाइट थी कि क्या बताऊँ.. मेरी फट रही थी पहली बार मैं किसी चूत की सील तोड़ने जा रहा था।
मैंने उसकी चूत पर हल्का सा तेल लगाया और कोशिश की।
मेरा हथियार थोड़ा सा अन्दर गया.. उसके बाद दोस्तों मैंने सौम्या का ध्यान चूमा-चाटी में लगाया और उसे अपनी बाँहों में लेकर एक धीरे से झटका लगा दिया।
उसके मुँह से ‘आह्ह्ह.. आअह्ह.. ऊऊह्ह्ह ऊईईई ईम्म्मा.. उउफ्फ..’ की सिसकारियां निकलने लगीं।
मैंने बड़े प्यार से लौड़े को उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद उसे भी चुदाई का मजा आने लगा..
अब मैंने स्पीड तेज कर दी.. वो अकड़ सी गई और झड़ गई उसकी गरमी पाकर कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया।
दोस्तो.. य़कीन मानिए.. मैंने चुदाई कभी नहीं की थी.. यह मेरी पहली ही चुदाई थी।
उसके बाद हम दोनों ने एक घंटे में दो बार चोदन किया।
इसके बाद तो हमें जब भी ऐसा मौका मिला.. हम दोनों ने भरपूर सेक्स किया।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी प्लीज जरूर बताइएगा। ये मेरी सच्ची कहानी है.. अगर आपको मेरी स्टोरी पसंद आई हो.. तो मुझे मेल कीजिएगा।
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