किरायेदार अन्नू आन्टी की चूत चुदाई
हैलो फ्रेंड्स, मैं आशा करता हूँ आप सब ठीक होंगे.. मेरा नाम नवदीप है और मैं पंजाब से हूँ। मेरी हाइट 5’4″ है.. और मेरे लंड का नाप 7.5 इंच है.. मैं रंग का गोरा और हैण्डसम हूँ.. मेरी बॉडी स्लिम है।
यह मेरी सच्ची कहानी है कि कैसे मैंने अपनी किराए पर रहने वाली आंटी की चूत मारी और किस-किस स्टाइल में मारी।
मैं आप सभी को उन आंटी के बारे में बता दूँ कि उनका नाम अन्नू था, आंटी की हाइट 4’ 8” या 4’9” इंच होगी.. उनका रंग ना तो काला.. ना ही गोरा है बल्कि यूँ कह लीजिये कि खुलता हुआ साफ रंग है।
पहले तो आंटी के मम्मे छोटे थे और गाण्ड भी ज्यादा उठी हुई नहीं थी.. अन्दर को घुसी थी.. वो काफी स्लिम थीं।
आंटी हमारे घर में अपने पति और दो बच्चों के साथ किराए पर रहती थीं।
मुझे आंटी में बिल्कुल भी इंटेरेस्ट नहीं था फिर एक मेरा एक दोस्त मेरे घर आया और उसने आंटी को देखा और मेरे से बोला- यह यहाँ कब आए?
मैंने बोला- एक साल हो गया है।
बोला- यह पहले जहाँ रहती थी.. वहाँ पर इसको एक दुकानदार चोदता था और ये उससे सामान फ्री में ले जाती थी।
मैं- क्या बात कर रहा यार तू?
दोस्त- सच यार तू भी ट्राई मार के देख.. क्या पता ये साली रंडी तेरे से पट जाए.. फिर मजे करना।
इमैं- ओके पूरी तरह से ट्राई करता हूँ।
उस दिन से मैं उसे बदली निगाहों से देखने लग गया और वो भी मुझे देखने लगी।
फिर एक दिन जब मैं घर में था और उसके बच्चे स्कूल गए हुए थे, मैं उनके कमरे में गया।
उस समय ठण्डी का मौसम था। मैं उनके पास जा कर बैठ गया ओर फिर हिम्मत करके मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया और अपना हाथ धीरे-धीरे चूत की ओर लाने लगा.. तभी उसने मेरी तरफ देखते हुए मेरा हाथ रोक लिया।
आंटी- कहाँ हाथ लगा रहा है?
मैं- कहीं भी तो नहीं..
आंटी- तुझे इतने दिनों देख रही हूँ बहुत देखने लगा है.. क्या मेरे से तुझे प्यार तो नहीं हो गया?
मैं- हाहहाहा आंटी..
आंटी- कितनी गर्ल-फ्रेण्ड हैं तेरी?
मैं- एक भी नहीं है यार..
आंटी- फोन पर तो सारा दिन लगा रहता है तू?
मैं- अरे आंटी.. क्या केवल गर्ल-फ्रेण्ड से ही बात करते हैं.. और भी तो बहुत होते है.. जैसे कि गेम्स और इंटरनेट यूज करना..
आंटी- ओके बाबा..
मैंने फिर से हाथ फेरना शुरू किया अब आंटी हाथ नहीं रोक रही थीं। मैंने भी बेख़ौफ़ होकर एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और जोर से दबाने लगा।
वो मजे से मादक सीत्कार कर रही थीं- अहह उमुंम्म्म..
जैसा कि मैंने लिखा था कि उसके मम्मे तब छोटे-छोटे से थे। मुझे उसके इन छोटे संतरों को मसलने में बहुत मजा आ रहा था।
फिर मैंने अपना जॉकी का कच्छा निकाल दिया और अंडरवियर में आ गया।
वो मना करने लगी- अभी नहीं.. कोई आ जाएगा.. अभी नहीं करो..
पर मैंने उसकी एक ना सुनी.. क्योंकि मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था, मैंने उनका हाथ अपने 7.5 इंच लंड पर रख दिया और वो भी मचल उठी.. मस्ती से दबाने लग गई।
बोली- वाउ.. काफी लम्बा है रे तेरा लंड…
तो मैंने कहा- अब तो आपका ही है.. अब इसके साथ जो मर्जी करो..
आंटी हँसने लगी.. और लंड को कच्छे से बाहर निकाल पर देखने लगी।
फिर मैंने आंटी की सलवार निकाल दी और देखा आंटी ने अन्दर कच्छी भी नहीं डाली थी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. एकदम फ्रेश और क्लीन की हुई लग रही थी।
अब पता चला कि उस दिन आंटी नहाते समय बाथरूम में इतना टाइम क्यों ले रही थी।
मैं तो उसकी चूत देख कर पागल हो गया। मैंने चुम्बन करके.. चूत में अपनी जीभ डाल दी।
उनके मुँह से ‘अहह..’ की एक तेज आवाज़ निकल गई।
मैं उनकी मस्त चूत को चाटे जा रहा था और वो ‘आह.. आह..’ करे जा रही थी।
केवल 5 मिनट के बाद ही उसने मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया और वो एकदम अकड़ सी गई और अगले ही पल वो फ्री सी हो गई। वो झड़ चुकी थी उसका नमकीन रस मेरी जीभ में लगने लगा था।
फिर मैंने उनसे कहा- मेरे लंड को मुँह में लो।
पहले वो मेरे लौड़े को सूंघने लगी.. फिर लंड पर एक चुम्बन किया और मुँह में ले लिया। मैं तो पागल ही हो गया था.. यार वो बिल्कुल रण्डियों की तरह से लौड़ा चूस रही थी।
आंटी अन्नू रानी.. 5 मिनट तक लवड़ा चूसती रहीं.. फिर मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को बोला और वो कुतिया बन गई। वो इतनी सेक्सी लग रही थी और साली पोज़ भी ऐसे दे रही थी कि जैसे उसकी चूत खुद बोल रही हो कि आ जा अपना लंड मुझमें डाल दो।
बस मैंने अपना लंड चूत के छेद पर सैट किया और एक तगड़ा शॉट मारा.. मेरा हाफ लंड सरसराता हुआ घुसता चला गया.. चूत भी गीली थी.. सो आराम से चला गया था।
उसकी चूत टाइट भी थी जिसके कारण एकदम से लण्ड घुसा तो उनकी चीख निकल गई- अहह.. उईईईई.. माँ.. मर गई.. साले आराम से कर यार..
फिर मैंने एक और शॉट मारा और अबकी बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
उसकी फिर से चीख निकल गई… अहह.. उम्म्म्मम.. उम..मह..
मैं अब आराम से शॉट मार रहा था और वो मेरे 7.5 इंच लंड के मजे ले रही थी। दस मिनट शॉट मारने के बाद मैंने पोज़ चेंज किया। अब मैं नीचे लेट गया और उसको ऊपर आने को बोला।
वो चुदासी चाची झट से मेरे लौड़े पर ऊपर आ गई और लंड को चूत के छेद सैट करके धीरे-धीरे नीचे आने लगी।
जैसे-जैसे वो नीचे जा रही थी.. वैसे-वैसे मेरा लंड उनकी चूत में धंसता जा रहा था.. और मजा आ रहा था।
पूरा लौड़ा खाने के बाद वो मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी और अब वो मस्ती से चुदाई के मजे ले रही थी।
कुछ ही धक्कों के बाद वो फिर से फ्री हो गई और मेरे ऊपर गिर गई।
फिर मैंने उनको अपने नीचे किया और उनके ऊपर आ गया। अब मैंने दनादन शॉट मारने शुरू किए। मैं पूरी रफ़्तार से शॉट मार रहा था। वो चीख रही थी.. 7.5 इंच का लंड ले रही थी..
फिर 5 मिनट बाद मैंने उनकी चूत में सारा माल डाल दिया और उनके ऊपर गिर गया।
बस उस दिन के बाद से तो मेरी रोज ही चुदाई की जुगाड़ फिट हो गई थी।
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