कॉलेज की मैडम की मालिश और चुदाई-2
इस कहानी का प्रथम भाग : कॉलेज की मैडम की मालिश और चुदाई-1
उसकी चूत बुरी तरह से पनिया रही थी और मैं अपने हाथों से चूत की फाँकों को पूरा खोलते हुए अपनी जीभ अंदर तक डालते हुए चूसने लगा। इससे उसकी उत्तेजना बहुत ज़्यादा बढ़ गई और 1 मिनट के अंदर ही वो झर झर करते हुए झड़ी।
मैं उसका चूतरस पीने लगा और थोड़ा अपनी ऊँगली पर लगा कर उसे भी चटाने लगा, फिर थोड़ा अपने मुंह में लेकर उसके ऊपर लेटते हुए उसे चूमते हुए उसे भी पिलाया जिससे वो और जोश में आकर मेरे होंठ चूसने लगी।
हम पागलों की तरह किस किये जा रहे थे और मैं कपड़ों के ऊपर से ही उसके बोबे दबा रहा था।
फिर मैंने झट से उसकी कुर्ती और ब्रा उतारी और उसके मुलायम चूचियों को पीने लगा।
उसने भी मेरी शर्ट उतार दी।
मैं उसके निप्पल अपनी ऊँगली और अंगूठे के बीच लेकर उन्हें उमेठने लगा, कभी उन्हें मसकता, कभी काटता तो कभी चूसने लगता। जिससे उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी, वो मस्ती में सीत्कार करते हुए मेरे बालों में हाथ फेर रही थी।
5-7 मिनट उसके मम्मों से खेलने के बाद मैं फ़िर उसके होंठ चूमने लगा और ऊँगली से उसकी चूत चोदने लगा।
वो अपने हाथ से मेरे लण्ड को सहला रही थी तो मैंने अपनी पैंट और चड्डी भी निकाल दी और उसे चूमते हुए ही उसकी चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगा।
इससे वो और गर्मा गई और उसकी चूत से पानी चूने लगा।
मैंने वो रस और अपना थूक अपने लण्ड पे लगाया और धीरे धीरे लण्ड को उसकी चूत में घुसाने लगा।
उसकी गर्म साँसें मेरी साँसों में मिल रही थी, मुलायम बोबे मेरी छाती से चिपके थे और उसकी मादक सीत्कारें मुझे और भी मदहोश किये जा रही थी।
उसने मुझे कस कर पकड़ रखा था और जैसे जैसे लण्ड अंदर जा रहा था उसकी आहें तेज़ होने लगी।
फिर मैंने एक झटके में पूरा लण्ड अंदर पेल दिया और उसकी चीख निकल गई।
मैं उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए उससे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
कुछ देर में वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी और अपने मम्मे मेरी छाती पे घिसते हुए झमाझम चुदने लगी।
इस तरह 5-7 मिनट की चुम्मे भरी चुदाई के बाद मैंने उसे ऊपर ले लिया और उसे हल्का से उठा के उसके मम्मे चूसने लगा और वो उछल उछल कर चुदने लगी, उसके मुंह से ‘आह आह उहह उहहह…’ जैसी मादक आवाज़ निकल रही थी और मैं बड़े प्यार से उसके मम्मे चूसे जा रहा था और उसके निप्पल पे काट रहा था।
इस सब में उसकी उत्तेजना इतनी बढ़ गई कि वो उम्महह स्स्स्स आआह्ह्हह करते हुए बुरी तरह झड़ने लगी, वो मुझे कस के जकड़ते हुए मुझसे चिपक गई और पूरे एक मिनट तक झड़ती रही और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मेरे लण्ड पे पटकती रही।
फिर मेरी छाती से लग कर कुछ देर हांफती रही।
फिर अपना मुंह मेरे होंठों के करीब लाकर अपनी गर्म साँसें मेरी साँसों में मिला के बोली- मज़ा आ गया रे विक्की! आखिर तूने मुझे चोद ही दिया ना!
यह कह कर वो मेरे होंठ चूमने लगी।
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मैंने झट से उसे अपने नीचे लिया और और अपने होंठ छुड़ा कर कहा- चुदाई अभी बाकी है मेरी जान!
और फिर हमारे बीच ज़ोरदार चुम्बन शुरू हुआ जिसके साथ साथ धक्का पेल चुदाई भी चल रही थी। उसकी गर्म आहें यह बता रही थी कि वो दोबारा कितनी गर्म हो चुकी है।
उसके गले पे, कभी चेहरे पे तो कभी होंठों पे चूमते हुए उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था।
वो भी कई महीनों के बाद चुद रही थी जिस वजह से उसे शुरू में थोड़ा दर्द ज़रूर हुआ था पर अब सारे दर्द भुला के मस्ती में चुद रही थी।
करीब 10 मिनट की इस धक्कापेल चुदाई के बाद मैं झड़ने लगा, मेरा फव्वारा छूटते ही उसकी चूत से भी झरना बह निकला और हम साथ साथ झड़ने का आनन्द लेने लगे।
फिर मैं निढाल होकर साइड में लेट गया।
2-4 मिनट यूँ ही पड़े रहने के बाद वो अपना चेहरा मेरे चेहरे के पास लाकर बोली- तूने तो मुझे अपना दीवाना बना लिया है रे… इतनी प्यारी चुदाई कहाँ से सीखी?
तो मैंने कहा- यह तो आपके हुस्न का ही जादू है मेरी जान, मेरा बस चले तो दिन रात आपसे यूँ ही इश्क़ लड़ाता रहूँ।
और यह कहते हुए मैं उसकी चूत भी मसल रहा था।
उसने एक बहुत ही मादक सीत्कार भरी और मैंने एक हाथ से उसका गाल पकड़ते हुए उसके रसीले होंठों को फिर से अपने होंठों में जकड़ लिया।
अबकी बार मैं उसे एक नए अंदाज़ में चोदना चाहता था, मैं उसे बैडरूम में ले गया और वहाँ बेड पर दीवार के सहारे बैठ गया और उसे अपनी गोद में बिठाते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया।
अब वो मुझसे चिपक कर बैठी थी और उछल उछल कर चुद रही थी, उसके मम्मे मेरी छाती से घिस रहे थे और हम बहुत ही प्यार भरा चुम्बन करते हुए बड़े प्यार से चुदाई की मस्ती में डूबे जा रहे थे।
कभी मैं उसकी गर्दन चूमता और कभी उसे कस के गले लगते हुए उसके मम्मे अपनी छाती से दबाते हुए ज़ोरदार झटके मारता, जिससे उसकी सीत्कारों की आवाज़ भी बढ़ जाती।
फिर उसे पीछे की ओर झुकाते हुए उसका दूध पीने लगता और वो खुद ज़ोर ज़ोर से उछल के चुदने लगती।
इस तरह से चुदाई काफ़ी देर चली जिसमें वो 2 बार झड़ चुकी थी।
फिर जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने झट से उसे लिटाते हुए ज़ोरदार धक्कों की बारिश कर दी।
इस धक्का पेल में वो भी चरम पर पहुँच गई और बहुत ही सेक्सी आवाज़ें निकालते हुए मेरे साथ ही झड़ गई।
फिर हम कुछ देर यूँ ही पड़े रहे और एक दूसरे की तारीफ़ करते रहे।
रात के 9 चुके थे और मैं उनसे विदा लेकर वहाँ से निकल आया।
उस दिन के बाद मैंने उसे कई बार चोदा, कभी उसके फ्लैट पर तो कभी मेरे!
पर अब उसकी शादी हो गई है और वो इंदौर छोड़ के जा चुकी है और मैं दोबारा तन्हा हो गया हूँ।
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