गन्दी कहानी चचेरी बहन की चुत चुदाई की
मेरा नाम सागर है, मुझे गन्दी कहानियाँ अच्छी लगती हैं. मैं अमदाबाद, गुजरात का रहने वाला हूँ, मैं एक वेल एजुकेटेड बॉय हूँ. मैं एक इंजिनियर हूँ. मेरी उमर 24 साल की है. मेरा बदन एकदम सुडौल है. मेरे लंड का साइज़ काफी अच्छा है जो भी लड़की देखे तो उसके मुंह में पानी आ जाए.
मेरे चाचा चाची और मेरी एक चचेरी बहन सूरत रहते हैं. बचपन से ही मेरी बहन मनीषी हमारे पास अमदाबाद रहने आती रहती है. उसकी उमर अभी 22 साल की है.. वो अभी पढ़ाई कर रही है. वो देखने में बड़ी मस्त लगती है. उसका फिगर 34-30-36 है.
यह दो साल पहले की बात है जब किसी रिश्तेदार के घर शादी में जाने के लिए मेरे चाचा और उसकी पूरी फॅमिली हमारे घर सूरत से अमदाबाद आई थी. तब मेरी उमर 22 साल और मेरी चचेरी बहन मनीषी की उमर 20 साल थी.
वो शादी हमारे घर से 25 किलोमीटर दूर रिश्तेदार के वहाँ थी. उस वक्त मेरे एग्जाम चल रहे थे, इसलिए मैं तो शादी में जाने वाला था ही नहीं!
उस रात करीब सात बजे मेरी पूरी फॅमिली और चाचा चाची और मनीषी शादी में जाने के लिए तैयार हो गये लेकिन अचानक से मनीषी की तबीयत खराब हुई और उसे दवा देकर सुला दिया गया. चाचा और चाची और मम्मी पापा ने मुझे कहा कि अब मनीषी का ख्याल मुझे ही रखना पड़ेगा जब तक वे लोग शादी से वापिस ना आ जाएँ!
यह कह कर वो सब शादी में चले गये और वे अगले दिन दोपहर को ही आने वाले थे.
रात के करीब 10 बजे थे, मनीषी भी मेरे कमरे में सोई हुई थी क्योंकि उसकी तबीयत खराब थी.
मैं तो बुक्स लेकर बैठा पढ़ाई ही कर रहा था कि अचानक खिड़की से ज़्यादा हवा की वजह से मनीषी का ऊपर का टॉप उड़ कर उसके बड़े बूब्स के ऊपर आ गया, उसकी लाल रंग की ब्रा मुझे दिख गई.
उसके बाद मेरा पढ़ाई में ध्यान नहीं रहा और अपनी बहन के बड़े बूब्स देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं अपने लंड को सहलाने लगा. लेकिन सहलाने से मन को सुकून नहीं मिला और मन में शैतानी जन्म लेने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उसके बूब्स के ऊपर का टॉप ज़्यादा ऊपर किया. उसके मोटे मोटे बूब्स लाल ब्रा में मस्त दिख रहे थे. वो अभी सो रही थी और मैंने हिम्मत करके उसके पज़ामे का नाड़ा खोल दिया और उसके बूब्स ब्रा से बाहर कर दिए.
मैं पहली बार किसी लड़की के बूब्स सहला रहा था.
फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ भी डाला. वो अभी भी सो रही थी. अब मैंने उसकी पेंटी और पज़ामा निकाल कर उसे नंगी कर लिया. वो अभी भी सो रही थी… मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत को देखा था.
अब मैं अपने लंड पर तेल लगा कर उसे अपनी बहन की चूत में धीरे से डालने लगा. मैंने सोचा था कि वो जाग जाएगी… लेकिन वो भी शायद सोने का नाटक कर रही थी. अब मैंने मेरा पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया मुझे दर्द का अहसास हुआ मगर बहन की चुदाई के जोश में मैं आगे पीछे करने लगा. उस वक्त वो भी इस तरह से अरेंज हो गई कि मैं आसानी से उसकी चूत में लंड डाल सकूं!
शायद वो पहले से चुदाई हुई थी, कुछ देर बाद मैं झड़ गया. मैं अंदर ही झड़ गया था. मैंने अपना लंड बहन की चूत से निकाला तो देखा कि उस पर थोड़ा खून लगा हुआ था और लंड छिला हुआ आ दिखा रहा था, दर्द का अहसास तो मुझे था ही… तो यह मेरे ही लंड का खून था.
काफी रात हो चुकी थी तो मैं वहीं सो गया.
सुबह को 4 बजे मैं तो सो रहा था लेकिन वो जाग गई और मेरा लंड सहलाने लगी.
तभी मैं अचानक जाग गया. मैंने उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखा तो वो शरमा गई.
मैंने कहा- क्या कर रही हो?
वो बोली- क्या सिर्फ़ तुम ही कर सकते हो? मैं नहीं?
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और मेरा पूरा 7 इंच का लंड मुंह में ले लिया. कुछ देर चूसने के बात उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और वो खुद भी पूरी नंगी हो गई, मेरे लंड के ऊपर बैठ गई.
अब मुझे सही मज़ा आ रहा था… और शायद उसे भी… अब वो चुदवाते हुए झुकती थी तो मुझे चूमती थी, मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही किया और उसके बाद फिर मेरे लंड से उतर कर लंड चूसने लगी.
अब मेरी बारी थी, मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और मैं उसके ऊपर आकर उसके होंठों को चूमने लगा और मेरे लंड को फिर से डाल दिया उसकी चूत में… मेरा लंड मेरी बहन की चूत में खूब मजे से आ जा रहा था.
थोड़ी देर बाद उसे ज्यादा मजा आने लगा और मुझे भी… मेरा पानी उसकी चूत में छूट गया.
मुझे इस बात की चिता थी कि उसे बच्चा ना ठहर जाए लेकिन उसे इस बात की कोई चिंता नहीं लग रही थी. मैंने उसे पूछा तो बोली- सुबह उठ के अनवॉंटेड 72 की गोली ला देना!
तब से लेकर आज तक इन 2 सालों में मैंने उसे कई बार चोदा… कभी मैं सूरत चला जाता तो कभी वो अमदाबाद आ जाती.
उसने मुझे चुदाई के खूब गुर सिखाये हैं.
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