गर्लफ्रेंड की चुदाई की अधूरी दास्तां
मेरे प्रिय मित्रो, आपने मेरी पिछली कहानी
फुफेरी भाभी की हवस और मेरा लंड
पढ़ी और पसंद भी की. धन्यवाद.
अपनी नयी कहानी शुरू करने से पहले आप लोगों को बता दूं कि यह एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ घटित हुई। इसको एक सेक्स स्टोरी की तरह न पढ़ें, इस कहानी से कुछ अच्छा सीखेंगे इसकी उम्मीद करता हूं। यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रैंड की है जो कि गर्लफ्रैंड थी लेकिन अब नहीं है।
हम 3 महीने तक रिलेशन में रहे और इस दौरान हमने 3 बार चुदाई की थी। किन्हीं कारणों से हमारे बीच दूरियां बढ़ गयीं और हम अलग हो गए।
दोस्तो, अब अपने बारे में बता दूं. मेरा नाम पंकज है और मैं सोनीपत (हरियाणा) का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है और मेरी हाइट 6 फीट 2 इंच और शरीर दिखने में अच्छा है। मेरे लंड का साइज शायद 8 या 9 इंच है.
अब कहानी पर आते हैं. हमारी अलग होने वाली बात आग की तरह चारों ओर फैल गयी। ऐसे ही एक साल गुजर गया उसने मुझे हर जगह से ब्लॉक कर रखा था. इस दौरान उसने अपना नंबर भी बदल लिया था तो एक दिन मेरे एक दोस्त का फोन आया और बोला कि भाई मेरी प्रियंका से सेटिंग करवा दे,
प्रियंका मेरी गर्लफ्रैंड थी.
तो मैं बोला- भाई मेरा कोई लिंक नही है उससे. मैं तो खुद ही उसे बहुत मिस कर रहा हूं. तू ही उसका नंबर मुझे लाकर दे दे।
मेरा दोस्त उसके भाई का दोस्त था और प्रियंका के पड़ोस में ही रहता था तो वो बोला- ठीक है अगर तू ही उसे नहीं भूल पाया है तो मैं उसके भाई के फ़ोन से निकाल कर तुझे नंबर दे दूंगा।
यह बात होने के बाद महीने बीत गए. मैं जब भी अपने दोस्त से पूछता तो वो बोलता कि भाई अभी नहीं मिला उसका नम्बर, तो मैं चुप हो जाता।
तीन महीने गुजर जाने के बाद एक दिन मुझे एक कॉल आयी. मैंने जैसे ही फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ कोई लड़की थी.
मैंने पूछा- कौन?
तो वो बोली- प्रियंका।
यह सुनकर मैं दंग रह गया कि इसने कैसे मुझे फ़ोन कर दिया।
वो सीधी ये बोली- पंकज, तेरे साथ रिलेशन बनाकर मैंने लाइफ की सबसे बड़ी गलती की थी और उसकी सजा मैं आज तक भुगत रही हूँ. लोग मुझे तुम्हारे नाम से ब्लैकमेल कर रहे हैं।
मैं कुछ नहीं समझ पाया और मैंने उससे कहा- साफ-साफ बोल कि क्या बात है?
मेरे पूछने पर प्रियंका ने बताया कि मेरा दोस्त उसे कॉल करके ब्लैकमेल कर रहा है और उसे धमकी दे रहा है या तो वो उसके साथ सेक्स करे नहीं तो वो मेरे बारे में उसके भाई और घर वालों को बता देगा. और वो दोस्त और कोई नहीं वही था जिसको मैंने नंबर लाने को कहा था.
फिर उसने बताया कि वह उसके 6 नम्बर ब्लॉक कर चुकी है और वह पिछले 3 महीने से उसको तंग कर रहा है और बोल रहा है कि पंकज ने तेरे बारे में सब कुछ बता दिया है और उसे सेक्स की वीडियो और फ़ोटो दे दिए हैं।
मुझे अब जाकर समझ आया कि मेरा दोस्त मुझे जान-बूझ कर उसका नंबर नहीं दे रहा था जबकि वो लगातार उससे बात कर रहा था।
इतनी बात सुनकर मेरा दिमाग घूम गया और मैंने प्रियंका को बोला- तू बस कुछ बोलना मत.
मैंने अपने दोस्त को फ़ोन लगाया और कॉन्फ्रेंस कॉल पर प्रियंका को रखा।
जैसे ही मेरे दोस्त ने फ़ोन उठाया तो मैंने उसे गन्दी गाली दी और पूछा- मैंने तुझे कौन से फ़ोटो ओर वीडियो दिए हैं जिनके नाम पर तू प्रियंका को ब्लैकमेल कर रहा है?
तो उसने जबाब दिया- भाई ऐसी कोई बात नहीं है, मैंने किसी को ऐसा कुछ नहीं बोला।
यह सुन कर मैंने उसे साफ-साफ शब्दों में समझा दिया- अब तक जो हुआ सो हुआ, अगर आज के बाद मेरा नाम लेकर तूने उसे फ़ोन किया तो अपनी हालत का ज़िम्मेदार तू खुद होगा.
यह सुन कर उसने फ़ोन काट दिया.
तभी पीछे प्रियंका कॉल पर थी, यह सुन कर वो रोने लगी और बोली- यार सॉरी … मैंने तुझे गलत समझा. मुझे लगा था कि शायद तू मुझसे बदला लेने के लिए अपने दोस्तों को सब कुछ बता रहा है.
उसके बाद हमने 2 घण्टे लगातार बात की।
मैंने प्रियंका को बोला- यार मिल ले!
तो वो बोली- मैं नहीं मिल सकती. मेरे एग्जाम चल रहे हैं. उसके बाद देखते हैं.
फिर बोली- यार, वैसे तुझे मिलकर करना क्या है क्योंकि सेक्स तो मैं तेरे साथ करने से रही. क्योंकि तू बहुत ही घटिया किस्म का आदमी है. पिछली बार सेक्स के बाद मेरी क्या हालत हुई थी मुझे ही पता है।
मैं बोला- यार, एक बार करेंगे अबकी बार वो आखरी बार होगा.
वो नहीं मानी और थोड़ी देर बाद फ़ोन काट दिया उसने।
अगले दिन मैंने फिर से कॉल किया और मिलने के बारे में पूछा तो वो मना करने लगी. मिन्नत करने के बाद वो बोली- किसी रेस्टोरेंट में मिलते हैं।
इस बात पर मैंने मना कर दिया. मैंने उससे कहा- मुझे तो सिर्फ होटल में मिलना है. मैं तेरे साथ सेक्स नही करूँगा.
वो बोली- अगर सेक्स नहीं करना तो होटल क्यों? रेस्टोरेंट क्यों नहीं?
मैंने कहा- मैं थोड़ा अकेलापन चाहता हूँ. रेस्टोरेंट में तेरे साथ सारी बात नहीं हो पायेगी.
वो बोली- ठीक है … लेकिन मेरे साथ मेरी सहेली भी होगी.
मैंने झट से मना कर दिया. मैंने कहा कि नहीं, साथ में कोई नहीं होगा. अकेले आना है.
मेरी इस बात पर प्रियंका ने फिर मेरा फ़ोन काट दिया.
उसी रात को मेरे उसी दोस्त का फ़ोन आया और वो बोला- भाई, मैंने तेरी गर्लफ्रैंड को होटल में दारू पीते हुए देखा.
जबकि मुझे पता था कि वो दारू नहीं पीती थी.
मैंने अपने दोस्त को बोला- अगर ये बात झूठ हुई तो तेरी खैर नहीं होगी.
वो बोला- भाई गोली मार देना अगर झूठ हो तो मेरी बात। मैंने अपनी आंखों से उसको दारू पीते हुए देखा है.
मेरा दोस्त बोला- होटल वाला मेरा दोस्त है. अगर तू चाहता हो तो मैं सीसीटीवी की वीडियो निकलवा सकता हूँ.
मैं बोला- ठीक है, मैं बता दूंगा अगर इसकी जरूरत हुई तो।
उसके फोन काटने के बाद मैंने प्रियंका को फ़ोन किया और उससे दारू वाली बात पूछी. अब सेक्स का भूत मेरे सिर से उतर गया था और दिमाग में सिर्फ दारू घूम रही थी.
मैंने प्रियंका से कहा- अब तो तुझे मिलना ही पड़ेगा और मेरे साथ दारू पीनी पड़ेगी.
तो वो बोली- मैं मानती हूं कि मैंने दारू पी थी. मैं दोस्तों के साथ थी और मेरा मन था कि मैं एक बार पी कर देखूं कि कैसी होती है. बस मैंने उस दिन पहली बार ही पी थी. लेकिन अब मैं दोबारा नहीं पीने वाली।
फिर वो कहने लगी- तू भी तो पीता है, मैंने तो तुझे कभी नहीं टोका.
फिर मैंने उसको तीन-चार गाली दी और उससे कहा- अब तो तुझे मिलना ही पड़ेगा.
वो मुझे कसम देने लगी- वादा कर कि तू मेरे साथ सेक्स नहीं करेगा. अगर तू ये वादा मेरे साथ कर सकता है तो ही मैं तुझसे मिलने के लिए आऊंगी.
मैंने उससे कहा- मैं सेक्स को लेकर वादा तो नहीं कर सकता लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि मेरी पैंट की चेन नहीं खुलेगी.
मेरी इस बात पर वो मान गयी. ये सब बातें होने के बाद हमने मिलने का समय तय कर लिया.
उस दिन मैं बाइक लेकर गांव से सोनीपत पहुंचा और सुबह 9 बजे मैंने ठेके से एक हाफ ले लिया और बताई जगह पर पहुंच गया और उसका इंतजार करने लगा. तब तक मैंने एटीएम से पैसे निकाल लिए.
फिर पांच मिनट के बाद वो आ गयी. उसे बाइक पर बैठा कर होटल की तरफ चला गया और होटल में पहुंच कर मैंने किराया और अपनी आईडी जमा कर दी और उन्होंने प्रियंका को के-वन फॉर्म भरने को दिया. मैंने प्रियंका से कहा- तू फार्म भर, मैं अभी आया.
मैंने बाहर जाकर कुछ नमकीन के पैकेट व एक सोडा और एक पानी की बोतल ली. जब तक मैं वापस आया तब तक वह अपना काम कर चुकी थी और होटल वाले ने हमें रूम की चाबी दे दी। हम दोनों रूम में चले गए.
अंदर जाते ही मैंने गेट को बंद कर लिया तो प्रियंका ने अपना स्कार्फ खोल दिया और बोली- बोलो क्या बात करनी है?
मैं बोला- बात करके क्या करेंगे यार … कुछ और करते हैं.
वो बोली- मुझे कुछ नहीं करना. मैं जानती थी कि तू मुझे यहां पर क्यूं बुला रहा है इसलिए मैंने तुझसे पहले ही कसम ले ली थी. याद है या भूल गया?
मुझे भी उसके कहने पर अपनी दी हुई कसम याद आ गई. मैंने अपनी पैंट के नीचे बोतल छुपा रखी थी, वो निकाल कर बेड पर रख दी तो बोतल देख कर वो गुस्से से लाल हो गयी और कहने लगी- किससे पूछ कर ये लेकर आया है तू?
मैंने बोला- सेक्स की माँ की चूत। मुझे तो ये देखना था कि तू दारू कैसे पीती है.
वो बोली- मैं दारू नहीं पीने वाली।
मैंने उससे कहा- ठीक है तू पांच मिनट रुक.
कहकर मैंने बोतल खोल दी और दो पैग बना लिये. मैंने उसके सामने गिलास रखते हुए कहा- एक उठा ले चुपचाप.
वो बोली- नहीं, मैं नहीं पीने वाली।
मैं अपनी शर्ट उतारने लगा. मैंने उससे कहा- देखता हूँ तू कैसे नहीं पीती है.
मैंने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिये थे.
फिर वो कहने लगी- रूक जा पंकू. मुझे थोड़ा टाइम तो दे।
मैंने कहा- आराम से सोच ले कि क्या करना है.
वो कुछ मिनट तक ऐसे ही खड़ी रही तो मैंने अपनी शर्ट उतार दी. जब मैंने बेल्ट को हाथ लगाया तो वो कहने लगी कि रुक जा … मैं पी रही हूं.
कहकर उसने एक पैग उठा लिया.
उसने जल्दी से वो पैग पी लिया लेकिन उसको खांसी उठने लगी. पैग शायद ज्यादा हैवी था.
पैग पीते ही उसने शरमाना बंद कर दिया और वो हंस कर बातें करने लगी. मैंने फिर उसके लिए एक पैग और बना दिया.
अब मैंने अपने हाथ उसकी चूचियों पर रख दिये. उसने मेरे हाथ पकड़ लिए और मुझे घूरने लगी तो मैं बोला- चल ठीक है. लेकिन बस मैं देख तो सकता हूं न एक बार?
ये कह कर मैंने उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिये और शर्ट खोल कर निकाल दी तो अंदर उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी.
जैसे ही मैंने ब्रा पर हाथ रखा तो उसने फिर से टोक दिया. मैं फिर से पीछे हाथ ले गया और एक मिनट बाद बोला कि यार देखूंगा बस! इससे ज्यादा कुछ नहीं करूंगा.
अब उसे नशा होने लगा था तो मैंने फिर से उसके चूचों पर हाथ रख दिया तो वो मुझे घूरने लगी और बोली- तुझे क्या लगता है कि मैं तेरी इन हरकतों से खुद सेक्स करने को बोलूंगी? भूल जा… ऐसा कुछ नहीं होने वाला।
मैं बोला- कोई बात नहीं कम से कम कोशिश तो करूं मैं एक बार।
वो बोली- कर ले, जो करना है कर ले।
फिर वो अचानक से कहने लगी- मुझे नींद आ रही है.
मैं बोला- कम से कम मेरे ऊपर ही सो जा…
तो वो लेट गयी।
वो मेरे ऊपर लेट कर सोने लगी तो मैंने उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये और उसकी कमर पर हाथ फिराने लगा लेकिन उसका कोई रिएक्शन नहीं आया. मुझे यकीन हो गया कि ये नहीं करने वाली कुछ।
फिर बीस मिनट के बाद जब वो उठी तो कहने लगी- मुझे कपड़े पहनने हैं.
मैंने उसके कपड़े उठा लिये और बोला- मैं नहीं दूंगा तेरे कपड़़े।
वो बोली- मैं तेरे साथ कुछ नहीं करने वाली और तू भी कुछ नहीं करेगा क्योंकि तूने कसम दी है मुझे.
मैंने मन ही मन कहा कि उसी कसम की तो ऐसी तैसी हो रही है जो मैं तेरे साथ जबरदस्ती नहीं कर रहा हूं.
अब मैंने उसके पेट पर हाथ रख दिया और धीरे-धीरे हाथ उसकी पैंट के बटन पर ले गया और उसका बटन खोल दिया. वो मना करने लगी तो भी मैंने पैंट निकाल दी.
मेरी इस हरकत पर वो कहने लगी कि देख पंकू, तूने कहा था कि तू मेरे साथ कुछ भी नहीं करेगा.
मैंने कहा- हां मुझे याद है. मैंने कहा था कि मैं अपनी पैंट की चेन नहीं खोलूंगा. लेकिन तेरी पैंट को तो खोल सकता हूं.
यह बात सुन कर वो उसका दिमाग घूम गया. उसे कुछ नहीं सूझा और वो ऐसे ही खड़ी रही. मैंने उसकी पैंट निकाल दी तो वो मेरे सामने केवल पैंटी में ही रह गई थी. मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया.
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.
मैंने दूसरा हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत में उंगली डाल दी. चूत में उंगली जाते ही उसने मेरा पहला हाथ छोड़ दिया. मैंने अपने पहले हाथ को उसकी चूचियों पर रख दिया और दूसरे हाथ की उंगली से उसकी चूत में सहलाने लगा.
अब वह पूरी तरह कमजोर हो चुकी थी. लेकिन मैं अपने वादे पर कायम था कि मैं अपनी पैंट नहीं खोलूंगा इसलिए मेरा लंड तन कर खड़ा होते हुए भी मैंने अपनी पैंट नहीं खोली.
उसकी चूची को मैंने मुंह में ले लिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो नागिन की तरह लहराने लगी- आह्ह … मत कर यार … प्लीज …
मैंने उसकी चूत में उंगली करना जारी रखा और पांच मिनट में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैंने अपनी भीगी हुई उंगली उसको दिखाई तो वो देख कर हंसने लगी.
मैंने कहा- तू तो कह रही थी कि मेरी हरकतों से तेरे ऊपर कोई असर नहीं होगा. तो फिर अब तू ऐसे क्यों मचल रही थी?
वो बोली- जब तू मुझे गर्म करेगा तो फिर गर्म तो होना ही पड़ेगा ना.
इस तरह से खेलते हुए हमारे पास केवल तीस मिनट ही रह गये थे. वो कहने लगी कि पंकू तूने बोला था कि ये मुलाकात हमारी आखिरी मुलाकात होगी. इसलिए प्लीज आज के बाद मुझे कॉन्टेक्ट करने की कोशिश मत करना. मैं अब तेरे चक्करों में नहीं पड़ने वाली.
मैंने उसको अपने पास बैठा लिया. उसके सामने ही अपने फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट खोल ली. वो मेरे हर स्टेप को ध्यान से देख रही थी. मैंने उसका नम्बर सिलेक्ट किया और उसके सामने ही डिलीट के ऑप्शन को सिलेक्ट कर लिया. लेकिन उस ऑप्शन को दबाने से पहले मेरे हाथ कांप रहे थे. मैंने डिलीट पर क्लिक किया और फिर कन्फर्म का ऑप्शन आ गया. मैंने कन्फर्म पर क्लिक कर दिया और उसके सामने ही उसका नम्बर डिलीट कर दिया.
यह देख कर वो मेरे गले से लग कर रोने लगी. मैंने उससे कहा- तू यही तो चाहती थी न. आज के बाद तुझे कभी मेरा नाम भी सुनाई नहीं देगा. मैं सोनीपत शहर छोड़ कर ही चला जाऊंगा.
वो जोर-जोर से रोने लगी तो मैंने कहा- यार तू मेरे साथ भी नहीं रहना चाहती और मेरे से दूर भी नहीं रहना चाहती. मैं इस बात का क्या मतलब समझूं?
वो बोली- यार जब लोगों को ये पता चला कि तू मेरे साथ नहीं है तो मेरा ये हाल कर दिया उन्होंने. अब जब उनको ये पता लगेगा कि तू इस शहर में ही नहीं है तो फिर मेरे साथ क्या हो सकता है? तू कभी मुझसे दूर जाने की सोचना भी मत.
मैंने उसको गले से लगा लिया और उससे एक आखिरी वादा किया. मैंने कहा कि जब भी तुझे मेरी जरूरत पड़े तो बस एक फोन कर देना मेरे पास.
फिर हम दोनों कुछ मिनट तक साथ में बैठ कर एक दूसरे से चिपक कर रोते रहे. उसके बाद उसने कपड़े पहने और फिर हम बाहर आ गये. मैंने अपनी आई-डी वापस ले ली और उसको उसके घर छोड़ कर वापस अपने गांव में आ गया.
यही थी मेरी अधूरी कहानी. आपको कहानी अजीब लगी हो लेकिन मेरे साथ ऐसा ही हुआ था.
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