गान्डू भाई ने बहन की चूत चुदवा दी -1
दोस्तो.. मैं आरूष दिल्ली से हूँ। मैं आज जो कहानी लिख रहा हूँ उसे झूठ मत समझना, मेरी कहानी बिल्कुल सच्ची है।
हमारा फ्लैट दूसरे माले पर है.. मेरे घर में हम 4 लोग रहते हैं। पापा एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते हैं.. मम्मी जिनका नाम कोमल है.. वो एकदम ही कोमल हैं। आप समझ रहे हो ना.. मैं किस कोमलता की बात कर रहा हूँ।
मेरी बहन जिसका नाम स्वीटी है वो 20 साल की है मुझसे 2 साल छोटी है। उसका फिगर 32-26-34 है। उसका रंग एकदम गोरा है और वो अभी 12 वीं क्लास में है.. उसके बाद मैं हूँ।
पापा काम की वजह से हमेशा बाहर ही होते हैं। मेरी मम्मी भी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं। घर में मैं और मेरी बहन ही होते हैं। मम्मी रात को आती हैं कभी-कभी उनकी नाइट मीटिंग्ज़ भी होती है.. तो दिन में घर पर रहती हैं।
बात जून-जुलाई के महीने की है.. उस टाइम गर्मी इतनी अधिक होती है.. कि बर्दाश्त नहीं होती।
मेरा एक दोस्त है जिसका नाम दीपक है.. वो मेरी गली में ही रहता है। उसकी उम्र 26 साल है.. मैं उसे भैया कह कर बुलाता हूँ.. तो उस दिन घर में कोई नहीं था, मैं और मेरी बहन घर में थे।
तो हुआ कुछ ऐसा कि दीपक भैया ने मुझे फोन किया.. तो मैंने फोन पिक किया।
भैया बोले- मैं तेरे घर के नीचे खड़ा हूँ।
मैंने कहा- भैया 2 मिनट रूको.. अभी आया।
मैं नीचे गया.. भैया कार लेकर खड़े थे.. बोले- चल आरूष.. कहीं घूम कर आते हैं काफ़ी गर्मी है.. चल वॉटर पार्क चलते हैं।
मैं तुरंत तैयार हो गया।
‘ओके भैया.. बस 2 मिनट रूको.. मैं कपड़े पहन कर आता हूँ।’
‘छोड़ ना आरूष.. ऐसे ही चल.. वहाँ कौन से कपड़े पहन कर नहाना है?’
मैं उस समय निक्कर और बनियान में था.. मैं वैसे ही कार में बैठ गया और हम 30 मिनट में नॉयडा के वॉटर पार्क में पहुँच गए। अन्दर जाने के बाद हमने खूब मज़े किए.. फिर उसके बाद हम लोग पानी के अन्दर चले गए.. जो हमारे गले तक आ रहा था।
हमने एक निक्कर पहनी हुई थी.. जो वहीं से मिलती है.. मुझे तैरना नहीं आता है.. तो मैं भैया के साथ-साथ ही था। हम एकदम पानी में चले गए और म्यूज़िक के साथ डान्स करने लगे।
तभी भैया का लंड मेरी गाण्ड से टच हुआ और मुझे मजा आ गया। फिर तो मैं जानबूझ कर भैया की तरफ़ गाण्ड करके डान्स करने लगा।
भैया भी शायद समझ गए और उन्होंने पानी के अन्दर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुझसे बोले- आरूष पानी मे पूरा नीचे तक जा.. मज़े आएँगे।
भैया ने मुझे पकड़ा हुआ था.. मैंने जैसे ही मुँह पानी में डाला भैया ने तभी अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, मुझे कुछ समझ नहीं आया.. 4-5 सेकंड के बाद ही मैंने अपना मुँह पानी से बाहर निकाल लिया और भैया की तरफ़ देखा तो वो हँसने लगे और बोले- क्यों.. मजा नहीं आया क्या?
यह सुनते ही मुझे भी हँसी आ गई और मैंने फिर से एक डुबकी मारी और फिर 4-5 सेकंड तक उनका लंड मुँह में रख कर बाहर निकला।
भैया बोले- वाह मेरे बच्चे.. मज़े आ गए.. चल अब घर चलते हैं।
हम वहाँ से निकल लिए और कार की तरफ़ आ गए। जैसे ही हम कार में बैठे.. भैया ने अपना शॉर्ट्स निकाल दिया और लंड बाहर निकाल लिया।
मैं भी समझ गया.. कि अब मुझे क्या करना है, मैंने हाथ आगे बढ़ा कर लंड पकड़ लिया।
भैया ने कहा- मुँह में ले ना डार्लिंग..
भैया के इतना बोलते ही लंड मैंने मुँह में डाल लिया और चूसने लगा। करीब 5 मिनट लण्ड चूसने के बाद भैया ने मेरे मुँह में ही सारा पानी निकाल दिया और मैं भी सारा पानी मजे से पी गया।
अब भैया ने कहा- मजा आ गया.. भोसड़ी के.. तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि तू इतना अच्छा लंड चूसता है..
मुझे भैया के मुँह से ‘भोसड़ी के’ सुन कर बहुत अच्छा लगा.. और मैं हँसने लगा।
फिर हम वहाँ से निकल गए और घर पहुँचने ही वाले थे कि भैया ने बीच में कार रोक दी और बोले- यार एक बार और चूस दे।
मैंने स्माइल दी और भैया के लंड के ऊपर मुँह लगाकर चूसने लगा.. भैया का लंड दुबारा खड़ा हो गया और इस बार भैया बोले- इसे अपनी गाण्ड में ले ले ना.. प्लीज़..
मैंने कहा- यहाँ कैसे भैया?
तो भैया ने कहा- मुझे कुछ नहीं पता भोसड़ी के.. मुझे तो बस तेरी गाण्ड मारनी है..
मुझे उनके मुँह से खुद के लिए गालियाँ सुन कर बहुत मजा आया और मैं खिड़की की तरफ़ मुँह करके बैठ गया।
भैया ने अपना लंड मेरी गाण्ड में लगाया और पूरा लंड मेरी गाण्ड में उतरता चला गया क्योंकि मैं पहले भी बहुत लंड ले चुका हूँ।
भैया ने कहा- साले भोसड़ी के.. पहले कितनी बार गाण्ड मराई है.. सच बता?
मैंने कहा- भैया याद नहीं..
‘अच्छा भोसड़ी के.. तुझे याद नहीं.. तू तो पूरा गान्डू निकला.. मैं इतने दिन से ऐसे ही लंड के लिए तड़फा रहा था.. तूने बताया क्यों नहीं मादरचोद.. कि तू गांडू है, गान्ड में लंड लेता है।’
इतना सुनते ही मैंने फिर से स्माइल दे दी।
इस बार भैया ने मुझे 10 मिनट चोदा और अपने लंड का सारा पानी मेरी गाण्ड में डाल दिया।
फिर हम लोग मोहल्ले में पहुँचे और भैया मुझे घर छोड़ कर अपने घर चले गए।
मैंने घर में जाते ही मेरी बहन ने कहा- घूम आया?
मैंने कहा- हाँ..
मैं बाथरूम में चला गया और अपनी गाण्ड से भैया के लंड का पानी निकाला, फिर नहाया और सो गया।
फिर रात को मम्मी ड्यूटी से आ गईं और हम सब ने खाना-पीना किया।
तभी मोबाइल पर दीपक भैया की कॉल आई और जैसे ही मैंने ‘हैलो’ बोला.. वहाँ से आवाज़ आई- कैसा है मेरा गांडू?
मैंने कहा- ठीक हूँ भैया।
भैया ने कहा- आ जा.. मेरे घर पर कोई नहीं है।
मैंने मम्मी को बताया- भैया के घर जा रहा हूँ।
उन्होंने ‘हाँ’ कहा और मैं जल्दी से निकल गया।
जैसे ही मैंने उनके घर की बेल बजाई.. भैया ने गेट खोला।
मैंने देखा कि भैया एकदम नंगे हैं और लंड खड़ा हुआ है।
मैंने अन्दर जाते ही दरवाजा बंद किया और भैया का लंड पकड़ लिया।
भैया ने कहा- रुक भोसड़ी के.. पहले तुझे नंगा कर लूँ।
फिर मैंने फटाफट अपने कपड़े उतारे और जैसे ही अपनी कच्छी उतारने के लिए झुका.. वैसे ही दीपक भैया ने अपना लंड मेरी गाण्ड में उतार दिया।
सूखा लंड होने के वजह से थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन मजा बहुत आया।
फिर मैं वैसे ही झुका रहा.. भैया मुझे चोदते रहे और मैं चुदता रहा।
भैया चोदते टाइम सिसिया रहे थे- गान्डू.. अहह.. भोसड़ी के.. पहले कहाँ था.. तू.. आह्ह..
वे बोलते रहे और मैं मज़े लेता रहा।
फिर यह हमारा रोज का काम हो गया था, मुझे अपनी गाण्ड और भैया को अपना लंड की आग बुझानी थी।
एक दिन भैया के घर रिश्तेदार आ गए तो उस दिन भैया मुझे बोले- गाण्ड मारने का मन हो रहा है.. पर आज जगह नहीं है.. कहाँ चलें..
मैंने कहा- भैया 10 मिनट के लिए मेरे कमरे में चलते हैं। मैं पहले जा कर आपको फोन करूँगा.. तो आप भी आ जाना..
उस वक्त मेरी बहन का सोने का टाइम था.. मैंने घर में गया तो मेरी बहन सो रही थी।
मैंने जल्दी से भैया को कॉल की.. और भैया को बुला लिया।
भैया सीधे मेरे कमरे में आए.. मैंने जल्दी से अपनी निक्कर उतारी और झट से उनका लंड अपनी गाण्ड में ले लिया। दस मिनट चुदने के बाद भैया से मैंने कहा- आप चलो.. मैं आता हूँ।
भैया जैसे ही गेट से बाहर निकले.. वैसे ही भैया की नज़र मेरी बहन पर पड़ी। वो पेट के बल सो रही थी। भैया 2 मिनट रुक कर देखने लगे और फिर भैया चले गए।
दोस्तो.. आगे की कहानी अभी बाकी है पहले आप बताओ.. आपको यह कहानी कैसी लग रही है।
मुझे ईमेल कीजिएगा।
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