चार फ़ौजियों ने मेरी गांड की चुदाई की ट्रेन में
दोस्तो! आपने मेरी कहानी पढ़ी
चलती ट्रेन में दो फौजियों ने मेरी गांड की चुदाई की
अब उससे आगे की कहानी:
मैं सूरज की बांहो में ही सो गया था, 2.30 घंटे बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा आमिर और सूरज दारू पी रहे थे। मैं उठ कर बैठ गया, आमिर ने अपना ग्लास मेरी तरफ बढ़ाया तो मैंने मना कर दिया।
तब सूरज ने मुझे जबरदस्ती अपना पैग मुझे पिला दिया और एक पेग आमिर ने भी पिला दिया। मुझे बहुत गंदा स्वाद लगा।
मैंने पहली बार पी थी तो मेरा सर चकरा रहा था, मुझे नशा छाने लगा, वो भी नशे में भर गए थे। वो अब खड़े हो गए और अपने कपड़े उतारने लगे।
उन्होंने मुझे नंगा कर दिया, वो भी पूरे नंगे हो गए!
मैं नशे में था!
मैं घुटनों के बल बैठ गया, वो दोनों मेरे सामने आ गए, उनके लंड एकदम टाइट खड़े थे, मैं अब एक एक करके उनके लंड चूसने लगा और हाथों से मुठ मारने लगा।
उनके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी, वो अब मुझे गाली दे रहे थे और धक्के दे दे कर मेरा मुंह चोद रहे थे।
हम नशे में इतने धुत्त थे कि हमें पता ही नहीं चला कि नासिक स्टेशन आ गया था। हम तो अपनी धुन में ही मगन थे।
तभी हमारे सामने दो आदमी आ गए, वो काफी समय से हमें देख रहे थे। मैं उन्हें देख कर चौंक गया और खड़ा हुआ और जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगा।
पर आमिर और सूरज उन लोगों को देख कर मुसकुरा रहे थे! वो दोनों लोग भी मुझे देख कर हंसने लगे!
मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि उसमें से एक आदमी मेरे पास आया और मेरे हाथ से कपड़े लेकर फेंक दिए और मेरी गांड दबाने लगा, कहा- क्या माल है रे ये! आज तो नहीं छोड़ूँगा मैं इसे!
मैं उससे दूर हो गया।
आमिर मेरे पास आया और कहा- डर मत, ये हमारे दोस्त हैं! और ये भी अब तेरा मजा लेने वाले हैं!
मैंने कहा- मैं इतने लोगों के साथ नहीं कर सकता हूँ! तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
आमिर ने कहा- तू पहले ही मना कर देता इसलिए नहीं कहा था! अब कर ले इनके साथ भी!
वो दोनों भी फौजी थे और बहुत हैंडसम थे! मैं नशे में था, मुझ पर सेक्स सवार था तो मैंने हां कर दी!
फिर एक दूसरे को हमने अपना परिचय दिया, जो मेरे पास आया था उसका नाम राज था और दूसरे का नाम संजय था, उसे उसके दोस्त सनी कहते थे!
फिर सनी मेरे पास आया और मेरी गांड का जायज़ा लेने लगा। उसने कहा- तू सच में बड़ा मस्त है! आज तो तुझे हम खुश कर देंगे, बस तू अब देखता जा, हम क्या क्या करते हैं। तू जिंदगी भर याद रखेगा!
राज ने अपने बैग में से दारू की बोतल निकाली और वो चारों दारू पीने लगे, मुझे भी जबरन पीनी पड़ी!
अब मैं अपने होश खो चुका था!
वो चारों भी अब नशे से लोटपोट थे, आमिर और सूरज तो पहले से ही नंगे थे, मैं सिर्फ चड्डी में था। अब सनी और राज ने भी अपने कपड़े उतार दिए, उनका बालों से भरा शरीर देख कर मैं पागल हो रहा था।
वो चारों खड़े हो गए, राज ने कहा- चलो अब इसे अपना मूत पिलाते हैं!
सूरज ने कहा- आइडिया बुरा नहीं है, चलो फिर शुरू हो जाओ!
सूरज ने मुझे मुंह खोलने को कहा, मैंने मुंह खोला तो सूरज ने मेरे मुंह में मूतना चालू किया।
मैं नशे में था, मुझे कुछ भी सुध नहीं थी, मैं उसका मूत पीता जा रहा था!
देखते ही देखते सब ने मेरे मुंह पर मूत की बारिश कर दी! मैं जितना मेरे मुंह में आ रहा था पीते जा रहा था! उनके मूत का स्वाद
दारू जैसा था। उन सभी ने मुझे मूत से नहला दिया था।
अब वो एक एक करके मेरे मुंह में अपना लंड डाल रहे थे, मैं भी एक करके उनका लंड चूस रहा था और हाथ से हिला रहा था।
15 मिनट तक वो बारी बारी अपना लंड चुसाते रहे।
फिर उनका लंड हद से बाहर होने लगा तो वो रूक गए। राज ने अब अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और मुझे लिटा दिया। सनी ने अपना लंड मेरे मुंह के पास कर दिया, आमिर और सूरज मेरे दाए व बाएँ हाथ पर आ गए।
राज ने मेरे छेद पर अपना लंड रखा और एक जोरदार झटका दिया, इसका लंड काफी मोटा था, अभी सिर्फ उसका टोपी ही गई थी, उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं चीख़ता, उससे पहले ही सनी ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया।
मैंने दर्द के मारे आमिर और सूरज के लौड़े पकड़ लिए!
अब राज ने दोबारा एक जोरदार झटका दिया कि पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया। राज ने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी। सनी मेरे मुंह में अपना लंड डाल कर मेरे मुंह की चुदाई कर रहा था और मैं आमिर और सूरज के लंड की मुठ मार रहा था।
पूरे कमरे में उन चारों की सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी।
15 मिनट बाद राज ने मेरी गांड छोड़ी और मेरे मुंह पर आ गया! अब सनी ने जल्दी से कंडोम पहना और मेरी गांड में अपना गर्म लंड डाल दिया और चुदाई चालू कर दी!
सूरज ने अपना लंड मेरे मुंह के पास किया, मैं एक एक करके राज और सूरज का लंड चूसने लगा और आमिर के लंड की मुठ मारने
लगा।
उधर सनी मेरी गांड का भोसड़ा बना रहा था, कुछ मिनट बाद वो हट गया। फिर काफ़ी मिनट तक आमिर और सूरज ने मेरी गांड मारी!
फिर मुझे सभी ने नीचे बैठा दिया और सभी मुठ मारने लगे! पूरा रूम उनकी आवाज़ से भरा था।
5 मिनट बाद राज ने मेरा मुंह खोल कर अपना वीर्य मेरे मुंह में भर दिया। फिर सनी और सूरज ने भी अपना माल मेरे मुंह में डाल दिया।
आमिर ने अपना वीर्य मेरे मुंह और सीने पे निकाल दिया, मैं सारा माल पी गया!
मैं जब बाथरूम जाने के लिये उठा तो मैं उठ नहीं पाया, मुझे कमर में बहुत दर्द हो रहा था!
तब राज ने मुझे गोद में उठाया और बाथरूम ले गया! मैंने अपने आप को साफ किया और लड़खड़ाते हुए वापस आया, लेट गया और पता नहीं कब मेरी नींद लग गई!
जब मैं उठा तो जलगांव आने वाला था, मैंने अपने कपड़े पहने और पानी पिया। अब मुझे अच्छा लग रहा था!
आमिर और सूरज सो रहे थे, सनी और राज कपड़े पहन रहे थे!
राज ने मुझसे पूछा- तू कहाँ रहता है?
मैंने बताया- मैं बुरहानपुर से हूँ!
तो राज खुश हो गया और बोला- तू तो हमारे पास का ही है, हम भुसावल से हैं! तू चल हमारे साथ हमारे रूम पे, वहाँ मजा करेंगे!
मैंने कहा- मेरे घर वाले मेरा इन्तजार कर रहे होंगे!
तो सनी ने कहा- उन्हें कह दे कि तू अपने दोस्त के घर रूका है, फिर हम तुझे अपनी कार से छोड़ देंगे!
मुझे वो दोनों बहुत पसंद आये थे तो मैंने हाँ कर दी!
भुसावल आने वाला था, भोर के 4 बज रहे थे, आमिर और सूरज भी अब उठ गए थे, उन्होंने मेरा नंबर लिया और मुझे प्यार करने लगे।
भुसावल आ गया, मैंने जाते जाते कहा- मुझे बहुत मजा आया आप लोगों के साथ!
तो आमिर और सूरज मुस्कुरा दिए और कहा- साले हमें तो तुझसे ज्यादा मजा आया! कभी आ इटारसी!
मैंने उन्हें अलविदा कहा और राज और सनी के साथ उनके रूम पर आ गया।
आगे की कहानी बाद में लिखूँगा। मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताना!
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