चूत चुदवाने की प्यासी भाई की प्रेयसी

चूत चुदवाने की प्यासी भाई की प्रेयसी

मेरा नाम अमित है.. मेरा कद 5 फ़ीट 6 इंच और मेरा लण्ड साढ़े 5 इंच का लम्बा है।

जब मैं बारहवीं में था.. तब से मुझे जासूसी करने की बड़ी आदत थी और यह आदत आज भी है.. मेरा दिमाग उस समय बहुत तेज चलने लगता है.. जब कोई लड़की मेरे घर आती है।

मेरा बड़ा भाई मुझसे 4 साल बड़ा है.. एक दिन मेरे भाई की गर्लफ्रेंड मेरे घर आई.. तो भाई ने मुझे कुछ रुपए दे कर ऐसा सामान लाने को बोला.. जो किसी की दुकान में नहीं मिल सका।
करीब 2 घण्टे बाद मैं घर वापस आया तो मैंने देखा कि भाई और फ्रेंड अभी वही बैठे हैं.. जहाँ मैं उन्हें छोड़ कर गया था।
शायद उन्होंने मेरे द्वारा गेट खोलने की आवाज सुन ली थी।

मुझे कुछ शक सा हुआ तो मैंने सबसे पहले डस्टबिन देखा.. मेरा शक सही निकला.. वहाँ एक इस्तेमाल किया हुआ कण्डोम पड़ा हुआ था।
मैंने कुछ नहीं कहा जबकि मैं समझ चुका था कि भाई ने आज इसकी चूत बजाई है।

फिर एक दिन जब वो दूसरी बार मेरे घर आई.. तो मुझे समझ में आ गया कि फिर आज फिर वही सब होने वाला है। इस बार भाई ने मुझसे कुछ नहीं कहा और वहीं बैठे हुए बात करते रहे।

थोड़ी देर बाद मुझे माँ ने आवाज दे कर रसोई में बुलाया.. जब मैं वापस आया तो वे दोनों लोग कमरे में नहीं थे।
मैंने दिमाग लगाया तो मुझे याद आया कि शायद वो दूसरे कमरे में हो सकते हैं।

मैं वहाँ बिना शोर मचाए दबे पाँव पहुँचा तो मैंने देखा कि कमरे का दरवाजा तो बंद है.. फिर मैंने खिड़की से झाँक कर देखा तो मेरा भाई अन्दर बिल्कुल नंगा खड़ा था और उसकी फ्रेन्ड नीचे बैठ कर उसका लण्ड अपने मुँह से अन्दर-बाहर कर रही थी।
मेरा भाई अपनी आँखें बंद किए हुए उसका सर पकड़ कर अपने लण्ड को पूरा अन्दर तक डाल रहा था।
ये देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और 61-62 करने लगा।

अचानक मेरा हाथ खिड़की पर पड़ा और वो खुल गई.. भाई तो मुझे वहाँ देखते ही भाग गया और उसकी फ्रेण्ड जब बाहर आई.. तो मैंने कहा- मैंने सब देख लिया है और अब मैं माँ को सब कुछ बताऊँगा।

वो बहुत डर गई और बोली- प्लीज माँ को मत बताना।

मैंने कहा- आप को भी मेरे साथ भी वही करना होगा.. जो आप मेरे भाई के साथ कर रही थीं।

तो वो बोली- क्या करना होगा?

‘आपको मेरा लण्ड भी चूसना होगा..’

वो फंस चुकी थी।
फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला.. तो वो उसे अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगी।
मैंने अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और सहलाने लगा।
मैंने उसकी चूची जोर से मसल दी.. तो वो बोली- धीरे दबाओ न.. इतनी कस कर क्यों मसल रहे हो?

में’ बोला- डार्लिंग हाथ से तो मैं भी अपने लण्ड को हिला लेता हूँ.. पर तुम्हें मेरा सामान मुँह में लेना होगा।

तब थोड़ा मुँह बनाते हुए उसने मेरा लण्ड भी अपने मुँह में ले लिया। उसकी जीभ जब मेरे लण्ड को छू रही थी और मुँह की गर्मी मेरे लण्ड को जला रही थी।

सच में मुझे शायद ही कभी पहले इतना अच्छा लगा होगा.. जो मजा लण्ड चुसाने में है.. वो मजा आपको कभी भी मुठ मार कर नहीं मिल सकता।
वो मेरा खड़ा लण्ड चूस रही थी और मैं उसके पूरे बदन पर हाथ फेर रहा था। मेरा हाथ धीरे-धीरे उसकी कमर के नीचे जाने लगा और उसके बदन में एक कंपकंपी सी होने लगी।

मैंने उसकी चूत पर पहले ऊपर से हाथ फेरा और फिर अन्दर डाल कर चूत पर हाथ रखा.. तो मेरा सारा हाथ गीला हो गया। उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो मेरे भाई से चुदने ही आई थी।

मैंने उसके पजामे का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया.. तो उसने मुझे एक थप्पड़ मार दिया।

मैंने उसको जोर से पकड़ कर वहीं गिरा दिया..

वो बोली- मैं चिल्लाऊँगी।

तो मैंने बोला- ठीक है तू चिल्ला.. मैं भाई वाली बात माँ से बोल दूँगा।

तब जाकर वो मेरी बात सुन कर मान गई और बोली- ठीक है..

मैंने उसकी पैंटी नीचे सरकाई और उसको दीवाल की तरफ घोड़ी जैसा झुका कर खड़ा कर दिया। अब मुझे उसकी गुलाबी फूली हुई चूत सामने दिख रही थी.. मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर रख कर जोर लगाया तो लण्ड का सुपारा उसकी कसी हुई चूत के बाहर फिसल गया।

दो-तीन बार की कोशिश के बाद उसने कहा- रहने दे.. ये तुमसे नहीं होगा।

मैंने अपना लण्ड वापस बाहर निकाला और उस पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसकी चूत पर रख कर पूरी ताकत से अन्दर की ओर धक्का दिया.. लण्ड चूत को फाड़ते हुए अन्दर घुस गया।
मेरे तेज धक्के से उसकी जोरदार चीख निकल गई।

उसकी चीख सुनकर नीचे से माँ की आवाज़ आई- क्या हुआ बेटी?

तो उसने कहा- कुछ नहीं.. एक काक्रोच मेरे पैर के नीचे आ गया था.. मेरे मन में सिर्फ़ एक ही सवाल आ रहा था कि जब ये चुदने आई है.. तो इतना नाटक क्यों कर रही है।

खैर..इतने कम समय में दीवाल के सहारे ही चूत चोदी जा सकती है और जब लण्ड अन्दर चला गया.. तो फिर मैंने उसको अपने हाथों में उठा लिया.. वो इस तरह लटकी हुई थी कि अगर मैं अपने हाथ छोड़ दूँ.. तो वो सिर्फ़ मेरे लण्ड के सहारे ही ज़मीन से ऊपर लटकी हुई हवा में झूल रही थी।

फिर जब उसकी चूत में मेरे लौड़े ने खुजली मिटाना शुरू की तो उसने भी मेरा साथ देना चालू कर दिया।

थोड़ी देर के बाद वो एकदम से अकड़ गई और मैंने भी उसकी गर्मी पाकर अपनी चोटें तेज कर दी थीं.. कुछ ही पलों में हम दोनों झड़ गए। वो मुझसे चुद कर पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी.. उसने मुझे अच्छा सा चुम्बन किया.. मानो वो मेरी सबसे अच्छी फ्रेंड हो।

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फिर कुछ दिनों बाद एक बार वो और आई.. उस दिन मेरा भाई किसी काम से बाहर गया हुआ था.. तो मैंने कहा- आप कंप्यूटर में गाने सुनिए.. मैं आपके लिए चाय लाता हूँ।
मेरा मन था कि आज भी मैं उसके साथ चुदाई करूँ.. पर आज घर में और भी लोग थे।

उसे ज़्यादा कंप्यूटर चलाना नहीं आता था.. तो मैं उसके बगल में बैठ गया और उसे बताने लगा कि कैसे माउस इस्तेमाल करते हैं।

फिर मैंने एक रोमांटिक गाना लगा दिया और धीरे से अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखकर सहलाने लगा।
जब उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया.. तो मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल कर उसकी चूचियां ब्रा से बाहर निकाल लीं और मुँह से चूसने लगा.. वो गाना देखती रही।
फिर उसका हाथ भी मेरे लण्ड पर आ गया और उसने मेरे पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी।

तीसरा गाना बजने ही वाला था कि मुझे लगा कि कोई कमरे में आ रहा है। हम लोग सही से बैठ गए। माँ कमरे में चाय ले आई थीं।

मैंने जल्दी से गाना बदल दिया.. माँ उससे उसके घर के हाल-चाल पूछने लगीं। थोड़ी देर बाद वो अपने घर चली गई।

इस घटना के बाद उसे मेरा लवड़ा भी अपनी चूत की एक खुराक के रूप में मिल गया था।
उसके बाद तो मैं जब भी उससे मिलता तो उसे खूब चोदता और जब समय कम होता तो उसकी चूची दबा लेता और उसकी चूत में उंगली डाल कर हिलाता.. जब मैं उसकी चूत में उंगली डालता.. तो वो अपनी चूत को कस कर दबा लेती।

उसकी चूत में उंगली करते वक्त कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता था कि मैंने अपनी उंगली बिना दांत वाली औरत के मुँह में डाल दी है और वो मेरी उंगलियाँ चूस रही हो।

इन सब चीजों का आनन्द तभी पता चलता है.. जब आप किसी के साथ ये सब करें।

एक साल बाद उसने मेरे घर आना छोड़ दिया.. तब से ही मैं इस इन्तजार में हूँ कि कोई अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए मेरा लौड़ा लेना चाहती हो तो मेरे लण्ड को भी चूत का रस मिल सके।

पता नहीं क्यों.. लड़कियाँ चुदाना तो चाहती हैं पर नखरे भी दिखाती हैं। जब उनकी चूचियाँ सहलाओ तो उन्हें बहुत मज़ा आता है.. पर चुदाई के पूरे समय कुछ भी करने से रोकती भी रहेंगी कि मत करो प्लीज़.. मत करो..
अरे अगर मज़ा आता है.. तो उसका मजा लूटो.. लड़का अगर लड़की के मम्मे दबाए तो उन्हें दबवाना तो अच्छा लगता है.. पर चाहेंगी ये.. कि कोई और देख ना पाए।

खैर.. ऊपर वाले ने इस चूत नाम की बला को बनाया ही ऐसा है।
आप सभी के ईमेल की प्रतीक्षा में हूँ।

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