चूत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात

चूत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम गोविन्दा है, इंदौर शहर के पास रहने वाला 22 साल का स्लिम लॉन्ग कॉलेज बॉय हूँ। मैं कई सालों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ।

मैंने पहली बार सेक्स कॉलेज के फर्स्ट सेमेस्टर के दौरान एक आंटी के साथ किया था, मगर आज मैं आपको मेरे पहले गे सेक्स का किस्सा सुनाने जा रहा हूँ।

2014 में मैंने इंदौर के एक इंजीनियर कॉलेज में एडमिशन लिया और पहले सेमेस्टर के दौरान एक आंटी से सेक्स करने के बाद से सेक्स का भूत चढ़ गया।

मैंने फेसबुक पर अकाउंट बनाया और सेक्स करने के लिए लड़की ढूंढने लगा, मगर कोई लड़की नहीं जुगाड़ पाया।
इस दौरान फेसबुक पर इंदौर का एक लड़का सागर मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया।

एक दिन उसने मुझसे मिलने की रिक्वेस्ट की और अपने रूम पर रविवार को दोपहर एक बजे लंच के लिए बुलाया।

मैं अपनी मौसी के यहाँ रहता था, उन्हें एक्स्ट्रा कोचिंग का बोलकर रविवार को मैं उसके कमरे पर पहुँच गया।
उसके रूम में लैपटॉप पर ब्लू फिल्म चल रही थी और पूरा रूम परफ्यूम से महक रहा था।

उसके रूम में बिस्तर जमीन पर बिछा हुआ था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि लंच पर बुलाया या डेट पर?

उसने मुझे बिस्तर पर बैठा कर दरवाजा बंद कर दिया, पानी लाकर देने के बाद मुझसे चिपक कर बैठा और सामान्य बातचीत करने लगा।

थोड़ा सा हिचकिचाने के बाद बोला- आज तेरे साथ सुहागरात बनाना चाहता हूँ।
मैं चौंक गया मगर उसने पैंट के ऊपर से मेरे लंड को मसलना शुरू किया जिससे मुझे मस्ती चढ़ने लगी।

मैंने आंटी के बाद से सेक्स नही किया था सो वासना मुझमें भी बहुत थी।
दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और पैंट के ऊपर से ही एक दूसरे के लंड को मसलने लगे।

धीरे धीरे हम दोनों ने चूमते चूमते एक दूसरे के कपड़े उतारे।
कपड़े उतरने के बाद बॉडी किसिंग शुरू की गई।

वो मेरे नीचे लेट गया और मैंने उसके निप्पल चूसे।

मैं निप्पल के अलावा उसके सीने और गर्दन पर किस करता या काटता। वो हल्की हल्की सिसकारियाँ लेता तो मुझे भी मजा आता।
मैंने उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसके लंड को किस किया और काटा।

अब हम पलट गये और मेरे निप्पल उसने चूसे। वो बॉडी किसिंग करते हुए मेरे लंड को चूसने के लिए नीचे गया और चड्डी के ऊपर जीभ फेरते हुए कुछ सेकंड बाद चड्डी को सरकाकर मेरे लंड पर पप्पी दी।
वो मेरे लंड को हाथ फेरता और किस करता तो मेरी बॉडी में करंट फैलने लग जाता।

कुछ देर बाद उसने बिस्तर के नीचे से चॉकलेट निकाली और रैपर फाड़कर बहुत सारा चॉकलेट मेरे लंड पर रगड़ दिया।
मेरे चॉकलेटी लंड को सागर को चाटने लगा और चाटने के बाद लंड को पूरा मुंह में भरकर लॉलीपोप जैसा चूसता गया।

मुझे सबसे ज्यादा मजा अब आया और मैं अपनी चरमसीमा पर पहुँच गया।
वो बोला कि उसे नीचे कर उसके ऊपर आ जाऊँ और वीर्य उसके मुंह में ही झाड़ दूँ।

कुछ देर बाद वो तेजी से लंड को चूसने और दांतों से काटने लगा जिससे मैं अपना कण्ट्रोल खोया और अपना माल उसके मुंह में झाड़ दिया।
सागर सारा वीर्य पी गया और उसने पूरे लंड को चूस और चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मेरी बारी थी मगर वो इतना गरम हो गया कि उसके लंड को हाथ में लेकर सहलाने के बाद ही झड़ गया।
हम दोनों एक बार झड़ चुके और थक गये थे।

सागर ने उसके लंड और बिस्तर को साफ़ किया और मैंने भी अपने हाथ कपड़े से पौंछ लिए।
दोनों बिस्तर पर चिपक कर लेटे और लैपटॉप में ब्लू फिल्म देखने लगे, एक दूसरे को चूमना और चाटना शुरू रखा ताकि फिर से तैयार हो जाये।

20 मिनट के बाद दोनों के लंड फुफकारने लगे।
अब दोनों 69 की पोजीशन में आकर लंड से खेलने लगे।
दस मिनट तक लंड को चूसना, चूमना, सहलाना करने दौरान सागर ने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाकर कंडोम के ऊपर से ही लंड को चूसना शुरू किया।

थोड़ी देर से मुझे गांड मारने का इशारा किया।
मैंने उसे पीठ के बल लेटाकर उसकी दोनों टांगो को चौड़ा किया और गांड पर हाथ फेरा, थोड़ा सा थूक गांड पर लगाकर गांड को दबाया और मसला।

मौका देखकर लंड के टोप को गांड के मुंह पर लगाकर हल्का हल्का धक्का देने लगा।
कुछ धक्कों के बाद लंड का टोप गांड के अन्दर चला गया और सागर बहुत जोर से चिल्ला दिया।

उसकी आवाज सुनकर मेरी गांड फट गई और मैंने लंड वापस निकाल दिया।
सागर ने मुझे बोला- तू बस गांड मार… दर्द होगा तभी तो मजा आएगा।

मैंने दोबारा धक्के मार कर लंड के टोप को अन्दर कर दिया और उसकी चीख़ की परवाह ना करके पूरा लंड गांड में डाल दिया।
गांड में लंड जाने के बाद सागर लड़कियों की तरह ‘उई माँ… उई माँ…’ करने लगा, शायद उसे ज्यादा दर्द हो रहा था।

मगर मैंने गांड में लंड चलाना शुरू किया, धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा।
पहली बार जब आंटी की चूत मारी थी तब इतना टाइट नहीं लगा था मगर अबकी बार मुझे बहुत मुश्किल हो रही थी।
मैं गांड मारने के साथ साथ उसके निप्पल भी खींच रहा था जिससे उसे बहुत मजा आ रहा था और उसके लंड को भी सहलाने की कोशिश किये जा रहा था।

लगभग 10 मिनट के बाद मेरे लंड ने माल छोड़ दिया।
मैंने झटके लगा लगा कर धक्के मारे मगर अब लंड की ताकत खत्म हो गई थी।
मैंने लंड सागर की गांड से निकाला और कंडोम उतार कर रख दिया।

सागर भी अब थक चूका था और दर्द के मारे तड़प रहा था।
मैंने उसके लंड को हाथ से हिला हिला कर झडवा दिया ताकि उसका लंड भी शांत हो जाये।

अब हम दोनों बुरी तरीके से थक चुके थे, सागर ने बोला- तुम नहा लो, फ़िर हम दोनों खाना खाने होटल चलते है और तुम्हारी गांड फिर कभी मार लेंगे क्यूंकि मुझमें अब ताकत नहीं बची।

वो मुझे होटल ले गया और लंच के दौरान बोला कि वो तीन बार पहले भी गांड मरवा चुका है जिसके वो पैसे देता है इसलिए उसने मुझे भी 500 रुपये गिफ्ट दिए।

तो दोस्तो अब तक तो मैंने कई बार कईयों के साथ सेक्स कर लिया है, जिसके किस्से शेयर करूँगा।

यह मेरी पहली सत्य गे सेक्स स्टोरी है, आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बतायें और मेरे पहले सेक्स की गाथा यानि अगली स्टोरी पूनम आंटी की भोसी का इंतजार करें।
सबको मेरे लंड का नमस्कार।
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