चूहे ने दो चूतें चुदवाईं -2
अब तक आपने पढ़ा..
आंटी नंगी खड़ी ये सब देख रही थी.. मैंने अपने हाथों से उसकी टी-शर्ट ऊपर कर उसकी स्कर्ट का बटन खोल दिया और स्कर्ट जमीन पर आ गई।
अब उसकी मोटी गाण्ड पर चिपकी काली पैन्टी नजर आ रही थी..
अभी मैं कुछ करूँ.. उससे पहले अपनी टी-शर्ट भी उतार दी.. अब उसके भरे-भरे खरबूजे जैसे मम्मे काली ब्रा में उछल रहे थे।
मैं आगे बढ़ा.. उसकी काली पैन्टी को पकड़ कर नीचे खींचने लगा.. तो पता चला उसकी पैन्टी चिकनी और गीली हो चुकी है।
मैंने उसे कुर्सी पर बिठाया और उसकी एक टांग हाथ से पकड़ कर ऊपर की। उसकी भरी-पूरी चूत देखकर मेरे तो होश उड़ गए, उसकी गुलाबी चूत काले-काले बालों के बीच से रस टपका रही थी।
मैंने उसे छूने के लिए हाथ बढ़ाया.. तभी आंटी बोली- सालों.. मैं कब से चूत खोले खड़ी हूँ.. और तुम अपने में लग गए.. मुझे कौन देखेगा?
अब आगे..
खुशबू बोली- इनकी बात सही है.. हम उनको कब से अनदेखा कर रहे हैं।
मुझे भी डर था कि कहीं ये राज़ सबके सामने न खोल दे.. इसलिए हमने उसको सोफे पर लिटाया।
उसकी एक टांग नीचे जमीन पर रखी और दूसरी टांग सोफे के ऊपर वाले हिस्से पर रखी.. और जिस तौलिये से उसने अपनी प्यारी सी रसीली चूत छुपा रखी थी, तो वो ले लिया।
अब वह हम दोनों के सामने एकदम नंगी लेटी हुई थी और हसरत भरी निगाहों से मुझे देख रही थी।
खुशबू उसके सर के पास थी और मैं उसकी जाँघों के पास बैठा था।
खुशबू ने भी सिर्फ काली ब्रा पहन रखी थी और उसकी भी चूत में से रस टपक रहा था।
मैंने अभी तक किसी को चोदने की बात तो छोड़ो.. कभी किसी औरत को नंगी भी नहीं देखा था.. यह मेरा पहला अनुभव था।
िकिसको संभालूँ.. मेरी तो समझ में ही नहीं आ रहा था।
फिर आंटी ने खुशबू की गाण्ड पर हाथ रख कर उसे अपने पास खींचा। मैंने भी आंटी की चूत पर हाथ रखा और उसे मसलना शुरू कर दिया।
अब मैं आंटी के मुँह पर अपना मुँह ले गया और अपने जीवन की पहली किस आंटी को दी.. आंटी ने भी अपनी चिकनी और मीठी जीभ से उसका स्वागत किया।
मैं उसकी जीभ चूसता रहा साथ ही उसकी रसीली चूत को अपने हाथ से सहलाता रहा। दूसरी और आंटी एक हाथ से खुशबू की चूत में उंगली घुमाती रही।
वैसे मैं इस काम में नया था इसलिए ज्यादा सब्र नहीं कर पाया और आंटी की दो टाँगों के बीच आ गया।
मेरा लंड तो कब से तैयार खड़ा था.. जैसे ही मैंने चूत पर अपना लंड रगड़ा.. आंटी एकदम चिल्ला उठी।
खुशबू ने मुझे रोका और उसने अलमारी से एक पैकेट निकाला.. उसमें से उसने दो कन्डोम निकाल कर बाहर रखे।
एक कन्डोम के पैकेट को तोड़ कर उसमें से कन्डोम निकाल कर मेरे लंड पर पहनाया.. फिर उसने मेरे लंड को चुम्मी दी और बोला- शुरू हो जा मेरे राजा.. अभी तो ये पहली ही लड़ाई है.. दूसरा मैदान तेरा इंतज़ार कर रहा है।
उसने ऐसा बोल कर अपनी चूत की ओर इशारा किया।
आंटी की चूत कब से पानी टपका रही थी.. मेरे लंड रखते ही आंटी ने जोर का झटका दिया और मेरा पूरा लंड एक झटके में ही अन्दर ले लिया।
इधर खुशबू आंटी के मम्मों का रस पी रही थी और मैं आंटी की चूत के रस को निकाल रहा था।
लगभग 40-50 झटके मारने के बाद आंटी की चूत में मैंने अपना रस खाली कर दिया.. और मैं आंटी पर ही ढेर हो गया.. धीरे-धीरे मेरा लंड छोटा होकर बाहर आ गया।
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मुझे खुशबू ने खड़ा किया और बोला- बच्चू.. अपनी सपनों की रानी की तो चूत मार ली.. लेकिन मेरी चूत को कौन चोदेगा? चल खड़ा हो।
उसने मुझे ऑर्डर दिया तो मैं खड़ा तो हो गया.. लेकिन मेरा लंड अभी खड़ा नहीं हुआ था।
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने बोला- तू उसकी फ़िकर मत कर.. मैं उसे खड़ा भी करूँगी और बड़ा भी कर दूँगी।
ऐसा बोल कर उसने कन्डोम निकाल लिया और मेरे मुरझाए हुए लंड को चूसने लगी।
आंटी सोफे पर बैठी और मेरे मुँह से मुँह मिलाकर अपनी वासना का इकरार करने लगी।
मैं दोनों तरफ से मजे लेने लगा और कुछ ही देर में मेरा लंड भी मज़े के लिए उठ खड़ा हुआ।
खुशबू अब बेसब्र हो चुकी थी.. उसकी चूत कब से प्यासी थी, उसने झट से दूसरा कन्डोम निकाला और मेरे लंड को पहना दिया और अपनी दोनों टाँगें खोल सोफे पर बैठ गई।
उसने अपनी टाँगें ऊपर कर लीं ताकि मैं उसकी चूत के दीदार कर सकूँ।
आंटी की चूत से इसकी चूत काफी अलग थी.. उसके ऊपर बहुत कम बाल थे और इतनी फूली हुई चूत थी कि मानो दो टाँगों के बीच जैसे ‘वड़ापाव’ रखा हो।
आंटी ने उसके मम्मों को दबाने शुरू कर दिए और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी।
मैंने जैसे आंटी के साथ किया था.. वैसे ही इसकी चूत पर अपना लंड रखा.. लेकिन लंड का सुपारा भी अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने इस बार आंटी की तरफ देखा.. उन्होंने बोला- यश जी.. ये चूत सिर्फ 20 साल की है और गाजर.. मूली.. ककड़ी के अलावा इसके अन्दर कुछ भी नहीं गया है.. इसमें तो आपको मेहनत करनी पड़ेगी।
उस पर खुशबू बोली- हाँ मेरी जान.. जरा संभाल कर चोदना.. एकदम पेटीपैक फुद्दी है.. आंटी की फुद्दी की तरह नहीं है कि जो 9 इंच का लंड को भी एक ही निवाले में निगल जाए।
यह सुनकर मैं समझ गया कि खुशबू की चूत ने अभी तक लंड नहीं नापा है।
मैंने उसकी चूत में दो उंगलियाँ डालीं.. वो कराहने लगी।
उसकी चूत में से निकलते रस को मैंने अपने कन्डोम चढ़े लंड पर लगाया और फिर चूत के ऊपर लौड़ा रख कर धीरे से धक्का दिया।
मेरा सुपारा चूत की फांकों से अन्दर पहुँच गया और बाकी के लंड के लिए जगह बनाने लगा।
इधर लौड़े के सुपारे ने चूत में हाजिरी लगाईं ही थी कि खुशबू जल-बिन-मछली की तरह तड़पने लगी थी।
उसको काबू में रखने आंटी लगातार उसे चूम रही थी और उसके मम्मों को दबा रही थी।
आहिस्ता-आहिस्ता मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और फिर मैं उसे झटके देने लगा।
अब खुशबू भी धीरे-धीरे सामान्य हो कर मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी।
मेरा लंड थोड़ी देर पहले ही झड़ा था.. तो अबकी लम्बी पारी खेलने को तैयार था। उस तरफ खुशबू की 19 साल प्यासी चूत.. पानी पर पानी छोड़ रही थी।
करीब 15 मिनट के बाद में भी झड़ गया और चूत में ही घुसे लंड के साथ खुशबू के ऊपर ढेर हो गया।
खुशबू मुझे चाटने लगी और ख़ुशी के मारे चुम्मियाँ बरसाने लगी।
फिर हम तीनों ने कपड़े पहने और आशिकाना बातचीत शुरू हो गई।
उसके बाद हमने कई बार साथ में चुदाई की और अलग-अलग भी चूत चुदाई हुई।
आज भी मैं कहीं गदराया बदन पाता या उसके बारे में सुनता हूँ.. तो मुझे खुशबू की याद आ जाती है। आंटी की अब शादी हो चुकी है.. लेकिन वो जब भी मिलती है.. अपनी चूत मरवाए बिना नहीं जाती।
खुशबू की शादी कनाडा में हुई है और वो चैट और ईमेल के जरिए मेरे संपर्क में है।
मैंने भी उसके बाद करीबन 20-22 चूतों को चखा है और आज भी मुझे थोड़ी मोटी लड़कियाँ या औरतें ज्यादा पसंद हैं।
अभी मैंने शादी नहीं की है.. किसी मस्त चूत की तलाश में हूँ।
यह थी मेरी पहली चुदाई.. जो एक चूहे की वजह से संभव हुई.. इसलिए मैं उस चूहे का खरे दिल से और खड़े लंड से आभारी हूँ। अपने प्रतिभाव जरुर भेजिएगा.. और कृपया अन्तर्वासना के सम्पर्क में बने रहें।
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