छोटे भाई की बीवी यानि भाभी की चुदाई-1
दोस्तो, मेरा नाम जय है, मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज नियमित रूप से पढ़ता हूँ। हर रोज की कहानियों को पढ़ते हुए और इससे मुझे अपना अनुभव भी आप लोगों से साझा करने की प्रेरणा मिली है।
मैं अपने बारे में बताऊँ तो मैं एक जॉइंट फैमिली में रहता हूँ। मेरी फैमिली में में मेरी वाईफ जानवी, मेरा एक 5 साल का बेटा रौनक, छोटा भाई मोहन और उसकी वाईफ रोशनी है।
मेरे पापा रिटायर होने के बाद मम्मी के साथ हमारे पैतृक गाँव राजस्थान चले गए हैं।
यह कहानी मेरी ओर मेरे छोटे भाई की पत्नी रोशनी की है। मेरे छोटे भाई मोहन की शादी आज से 7 साल पहले हुई थी। बड़े उल्लास के साथ हम सभी अपने घर में छोटी बहू को लाए थे। उस समय मैंने ऐसा कुछ सोचा नहीं था कि मैं मोहन के लिए पत्नी नहीं, पर अपने लिए एक रखैल ला रहा हूँ।
मोहन की शादी को एक साल होने को आया था, तब तक तो सब सही चल रहा था। पर असली कहानी तब चालू हुई, जब मेरी पत्नी पेट से हुई।
वैसे तो मेरे ससुराल वाले गोद भराई के बाद मेरी पत्नी को मायके ले जाने वाले थे, पर पत्नी का गर्भ एक महीने का था, तब वो सीढ़ियों से फिसल गई और डॉक्टर ने उसे टोटल रेस्ट करने को कहा, तो मेरे सास ससुर ने मेरी पत्नी को जल्दी ही मायके आ जाने को बोला और हालात को समझते हुए मैंने भी अनुमति दे दी।
वैसे भी घर छोटे भाई मोहन की पत्नी रोशनी तो थी ही.. घर संभालने में किसी दिक्कत का कोई सवाल नहीं था।
मोहन की शादी को एक साल हो चुका था। मेरे और मेरे छोटे भाई की पत्नी रोशनी की कहानी तो मेरी पत्नी के मायके जाने के बाद शुरू हुई।
मैं रात को कॉल सेन्टर में काम करता हूँ.. तो मैं रात को बाहर ही रहता हूँ और सुबह जल्दी घर आता हूँ। जल्दी सुबह आने से किसी को परेशानी ना हो, इस लिए घर की एक चाभी मैं अपने पास रखता हूँ।
मोहन एक ट्रेवल कंपनी में काम करता है, वो सुबह जल्दी चला जाता है।
एक रोज में कॉल सेन्टर पहुँचा तो इन्टरनेट का बहुत बड़ा प्रॉब्लम फैला पड़ा था तो बॉस ने सबको छुट्टी दे दी।
मैं आपको बता दूँ कि कॉल सेन्टर के काम इन्टरनेट के बिना नहीं चलते हैं।
रात को जगने की आदत की वजह से मैं घूमते हुए रात को देरी से घर पहुँचा। मोहन और रोशनी को परेशानी ना हो, इस वजह से मैंने बड़े आराम से घर का लॉक खोला और अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा।
तभी बाथरूम की लाईट जली हुई देख कर मैंने सोचा कि ये लोग गलती से लाईट खुली छोड़ कर सो गए हैं, तो मैं बाथरूम की तरफ बढ़ा।
पर बाथरूम में से पानी की आवाज सुन मैं वहीं रुक गया। थोड़ा रुकने के बाद मैंने पास जाकर देखा तो बाथरूम का दरवाजा आधा खुला था। मैंने बड़े संभलते कदमों से बाथरूम के अन्दर देखा, तो थोड़ी देर के लिए भौंचक्का रह गया।
रोशनी रात के एक बजे अपनी चुत में लम्बा वाला बैगन डाल कर जोर-जोर से अन्दर-बाहर कर रही थी। उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने आज से पहले कभी रोशनी के बारे में बुरा नहीं सोचा था, पर इस नजारे को देख कर मैं अपना आपा खो बैठा था। मेरे लंड ने मेरी पैंट में तम्बू बनाना चालू कर दिया था। साथ ही मैंने मन ही मन रोशनी को चोदने का मन भी बना लिया था।
पर उसको शक ना हो, इसलिए जैसे ही वो अपनी चुत को शांत करके खड़ी होने लगी, मैं घर के मेन दरवाजे के पास पहुँच गया और मैंने ऐसी एक्टिंग की.. जैसे अभी आ रहा हूँ।
रोशनी जैसे ही बाथरूम से निकली, मुझे मेन दरवाजे से अन्दर आते देख कर वो थोड़ी घबरा गई और संभलते हुए बोली- बड़े भईया आप आज इतनी जल्दी कैसे आ गए?
मैं- अरे कुछ नहीं.. आज ऑफिस में काम नहीं था, सो बॉस ने छुट्टी दे दी, तुम अब तक सोई नहीं हो?
रोशनी- बड़े भईया, बस सोने ही जा रही हूँ।
इतना कह कर वो वहाँ से अपने बेडरूम में चली गई। मैं भी अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गया.. पर मुझे नींद कहाँ आने वाली थी। आँखें बन्द करते ही नजर के सामने रोशनी की चिकनी और साफ चुत नजर आ जाती थी और मन में उसको पाने का ख्याल आ जाता, पर दूसरे ही पल दिल कहता था कि ये गलत है।
मुझे यही सब सोचते-सोचते कब नींद आ गई.. पता ही नहीं चला। सुबह में रोशनी की आवाज से उठा, वो मेरे लिए चाय लिए मेरे सामने खड़ी थी।
रोशनी- बड़े भईया आपके लिए चाय लाई हूँ.. आप चाय के साथ कुछ लोगे?
मैंने ‘ना’ में सर हिला दिया और वो पलट कर चली गई।
मेरी नजर उसकी मटकती हुई गांड पर टिक गई।
आज के बाद मेरा रोशनी को देखने का नजरिया ही बदल सा गया था। मैं पूरे दिन अपने आपको दोषी मानता रहा था, जैसे मैंने कोई पाप किया हो।
बाद में मैंने सोचा कि अगर चुदने की पहल रोशनी करेगी.. तो कोई बात नहीं, फिर मैं इसको नहीं छोडूंगा, लेकिन मुझे इसको शीशे में उतारने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
उसी दिन से मैंने उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के प्रयत्न चालू कर दिए जैसे कि उसको जिस तरह की बातें पसन्द हों.. उससे वो बातें करना, उसकी पसन्द के खाने की फरमाइश करना, उसकी पसन्द की मूवी देखना।
ये सब करने से उसको मेरा साथ पसन्द आने लगा, पर अभी तक वो मेरे बारे में कुछ उल्टा नहीं सोचती थी और मैंने भी जल्दबाजी करना सही नहीं समझा। अगर बाजी उल्टी पड़ जाती.. तो इज्जत का डर था।
इसलिए 15 से 20 दिन मैंने ऐसे ही जाने दिए। अब दूसरा दांव खेलने का सही मौका तलाशने लगा।
जल्द ही ये मौका भी आ गया.. एक रविवार शाम के खाने पर मोहन ने मुझे और रोशनी को खुश होते हुए बताया कि उसे कंपनी की तरफ से एक ग्रुप को ले कर 20 दिनों के यूरोप टूर पर जाना है।
यह मौका खुद व खुद सामने से मेरी तरफ आ गया था, अब अगला दांव खेलने की बारी थी।
कुछ दिनों बाद वो दिन आ गया.. जब मोहन टूर के लिए निकल गया.. उसी दोपहर को मैंने अपना दूसरा दांव खेल दिया। घर में मैं और रोशनी अकेले थे.. मौका देख मैंने बाथरूम के दरवाजे के नीचे की तरफ एक छोटा होल बना दिया था।
आप सोच रहे होंगे यह क्या चूतियापंथी हुई, पर इसका मतलब आप को बाद में पता चल जाएगा।
दोपहर का एक बजा होगा, रोशनी मेरे कमरे में आई- भईया, आपका खाना लगा दूँ?
मैंने कहा- नहीं मेरा सर दर्द हो रहा है.. मैं एकाध घंटा आराम करना चाहता हूँ, तुम मुझे एक घंटे बाद उठा देना.. तब खा लूँगा।
रोशनी- ठीक है भईया!
इतना कह कर वो रसोई में चली गई। मैं अभी अपना दूसरा दांव खेलने को तैयार था, मैंने अलमारी में से लुंगी निकाली और पहन कर सोने का नाटक करने लगा। मैंने लुंगी को इस कदर सैट किया कि वो घुटनों की ऊपर हो गई, जिससे मेरा हथियार साफ दिखाई दे। मैंने अंडरवियर भी निकाल दिया था।
मैं अपने हथियार का साईज तो नहीं बताऊँगा.. पर अगर अपने देश में लंड की साईज ओर मोटापे का कम्प्टीशन हो, तो मैं गोल्डमेडल ला सकता हूँ।
उसके बाद मैंने अपने मोबाईल का वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन करके चाजिंग में लगा दिया, इसमें मेमोरी कार्ड अधिक क्षमता का लगा था.. जो लगातार दो घंटे की वीडियो बना सकता था।
इससे मैंने ये सोचा था कि जब रोशनी कमरे में आकर जाए, तो उसकी हरकत को मैं बाद में देख सकूँ।
एक घंटे बाद पाँव के पायल छनकने की आवाज मुझे अपने कमरे की तरफ आती सुनाई दी। पायल की आवाज कमरे की अन्दर आकर रुक गई, मैं भी सोने की एक्टिंग बखूबी कर रहा था।
थोड़ी देर बाद पायल की आवाज कमरे से जाने लगी, मैं अब भी वैसे ही पड़ा रहा।
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थोड़ी देर बाद बाथरूम के दरवाजे की खुलने की आवाज आई और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ, मैं फट से खड़ा होकर बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया। मैंने बाथरूम के दरवाजे में नीचे जो होल बनाया था, उसमें से अन्दर का नजारा देखने लगा। रोशनी अपनी चुत में उंगली डाल कर जोर-जोर से हिला रही थी और दूसरे हाथ से अपने बड़े मम्मों को मसल रही थी। वो ये सब करते हुए मेरा नाम लेकर ‘आहें..’ भर रही थी।
अब तो रास्ता एकदम साफ था.. पर पक्का करने के लिए मैंने जो मोबाईल वीडीयो ऑन करके चार्जिंग में रखा था उसमें एक बार देखने की सोची, जिससे पता चले कि मेरे लंड को देख कर रोशनी के भाव क्या थे।
मैंने मोबाईल में देखा और जो देखा.. उसको देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए। रोशनी मेरे कमरे में आई और जैसे ही उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी, वो थोड़ी देर तो वहीं खड़ी रही, बाद में वो थोड़ी देर मेरे मुँह को ताकती रही कि मैं सो रहा हूँ।
यह कन्फर्म होते ही वो आहिस्ता से मेरे बिस्तर के पास आई.. और वो अपना मुँह थोड़ा नीचे झुकाकर मेरे लंड के पास ले गई और एक लंबी सांस लेकर उल्टे कदम बाथरूम की तरफ चली गई।
अब तो कोई गुंजाइश ही नहीं थी कि रोशनी मुझमें इंटरेस्टेड है।
तभी मुझे बाथरूम से नल से पानी बहने की आवाज आई.. तो मुझे पता चल गया कि अभी रोशनी बाहर आएगी। मैं तुरंत जैसे था, वैसे ही सोने की एक्टिंग करने लगा।
रोशनी बाथरूम से बाहर आई और उसके पायल की आवाज मेरे कमरे की तरफ बढ़ने लगी और मेरे कमरे में आकर वो पायल की आवाज रुक गई।
रोशनी ने मुझे आवाज दी- भईया, खाना लगा दूँ?
पर मैंने कोई उत्तर नहीं दिया और कमरे में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया। बाद में पायल की वो आवाज मेरे बिस्तर की तरफ बढ़ने लगी।
मैंने अब तक बहुत कंन्ट्रोल रखा था कि मेरा लंड खड़ा ना हो जाए.. पर थोड़ी देर बाद मेरे लंड पर थोड़ी गर्म हवा का एहसास हुआ.. जिससे मुझे पता चल गया था कि रोशनी मेरे लंड के पास बैठ कर उसकी खुशबू ले रही है।
अब बारी थी मेरे मास्टरस्ट्रोक की, मैं अचानक से उठ गया और ये देख कर रोशनी एकदम से घबरा सी गई।
मैंने भी थोड़ा नाटक करते हुए गुस्से से उससे पूछा- क्या कर रही थी तुम?
रोशनी को जवाब नहीं सूझ रहा था।
मैंने फिर पूछा- रोशनी मैं तुमसे पूछ रहा हूँ.. क्या कर रही थीं तुम?
दोस्तो, इस सेक्सी कहानी का अगला भाग कल आपके सामने होगा.. आप अपने ईमेल मुझे भेजिएगा।
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भाभी की चुदाई की कहानी जारी है।
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