दिल्ली के चोदू लड़के से गांड चुदवा ली-2

दिल्ली के चोदू लड़के से गांड चुदवा ली-2


हाय फ्रेंड्स, मैं नक्श एक बार फिर से हाजिर हूं अपनी गे सेक्स कहानी
दिल्ली के चोदू लड़के से गांड चुदवा ली-1
का दूसरा भाग लेकर. मेरी हिन्दी गे सेक्स स्टोरी के पहले भाग में मैंने आपको बताया था कैसे मेरी बात दिल्ली के एक लड़के से हुई.

मैं उससे मिलने गया तो गाड़ी में मैंने उसका लंड चूमा और उसने मेरे बूब्स दबाये. वो मुझे अपने एक दोस्त जय के फ्लैट पर ले गया. मौका पाकर हम दोनों एक दूसरे चूमने चाटने लगे. दोनों नंगे हो गये और मैं राहुल का लंड चूसने के लिए आगे बढ़ा कि तभी उसका दोस्त जय आ गया.

अब आगे:

जय अचानक से सामने आ गया और वो भी बिना कपड़ों के.

मैं थोड़ा डर गया और राहुल की तरफ देखने लगा. मगर राहुल मुस्करा रहा था तो मैं समझ गया कि ये इनका पहले से ही प्लान था.

मुझे थोड़ा अजीब लगा मगर मैं फिर मान गया. वैसे भी मुझे जय तो पहले से ही अच्छा लगा था इसलिए मैंने ज्यादा नखरा नाटक नहीं किया.

जब मेरी नजर उसके लंड की ओर गयी तो मैं राहुल के लंड को भी भूल गया. उसका लंड इतना मस्त था कि मैं सारी रात उसके नीचे चुदने के लिये तैयार था. उसके लंड को देख कर तो कोई भी उसको मना नहीं कर सकता था. उसका लौड़ा राहुल से मोटा भी था और बड़ा भी काफी था.

जय आते ही मेरे बूब्स पर टूट पड़ा. वो भी मेरे बूब्स देख कर बोला- वाह राहुल … मजा आ गया आज तो. पहली बार किसी गांडू के ऐसे बूब्स देखे हैं. देख कर ही मजा आ गया.

मैं बता दूं कि मेरे बूब्स लड़कियों के जैसे तो नहीं है मगर जितने नॉर्मल लड़कों के थोड़े उभरे होते हैं उससे थोड़े से ज्यादा हैं. अब उन दोनों ने मुझे बेड पर लिटाया और एक तरफ राहुल और दूसरी तरफ जय आ गया.

पहले उन्होंने मेरे निप्पल्स पर चूमा. फिर हल्के से काटा और चूसने लगे. मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया. अचानक से जय ने बूब्स पीते हुए मेरी गांड पर हाथ फेरा तो ध्यान आया कि मैंने तो अभी पैंट उतारी ही नहीं है.

जय ने राहुल को डांट लगाई- इतने बढ़िया माल की तूने अभी गांड देखी तक नहीं? चूतिया है यार तू भी!
ये कहते हुए जय ने अचानक से मेरी पैंट खोलने की बजाय उसको खींच कर निकालने की कोशिश करने लगा जिससे पैंट का हुक टूट गया और मुझे थोड़ा गुस्सा आया.

जय ने प्यार से मेरी तरफ देखा और मेरे होंठों पर किस किया.
राहुल ने नीचे जाकर आराम से पैंट निकाल दी.

अब राहुल और जय बिल्कुल नंगे थे और मैं सिर्फ अपनी छोटी सी कच्छी में था.

राहुल वापस आया और मेरे बूब्स पीने लगा. उसे मेरे बूब्स कुछ ज्यादा ही पसन्द आ गये थे. मुझे भी ये बात अच्छी लग रही थी कि वो मेरे बूब्स का दीवाना हो रहा है.

मगर जय मेरी गांड देखने के लिए उतावला हो रहा था. उसने जोश में आकर मेरी कच्छी ही फाड़ दी. मैंने उसे रोकना चाहा तो उसने मेरे होंठों को किस करना चालू कर दिया तो मैं कुछ बोल नहीं पाया और मैं भी पूरा नंगा हो गया.

जय बोला- जान … चिंता मत कर, मैं तुझे अपनी पसंद की कच्छी और कपड़े दिलवाऊंगा और तू वही पहनना.
इस पर राहुल ने भी हां में हां मिलाई और मेरे बूब्स को दबाना चालू रखा.

राहुल बोला- वैसे भी हमारे सामने तो तुझे नंगा ही रहना है.

मैंने मन में सोचा कि अभी तो राहुल कह रहा था तुम मेरी जान हो और मेरे ऊपर सिर्फ उसी का हक़ है और अब कितनी आसानी से जय को बुला लिया. थोड़ा बुरा भी लगा मगर मजा भी आ रहा था.

मैंने कहा- ठीक है, मैं सब करूँगा, बस अब मेरे अंदर उठे इस तूफ़ान को शांत करो.
राहुल मेरे मुँह के पास आया और अपना लंड मेरे मुंह पर फेरने लगा. मैंने दिल लगा कर उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और खूब तबियत से चूसा.

अब तक जय मेरे बूब्स को मसल कर पीता हुआ अब मेरी गांड की ओर बढ़ चुका था. वो मेरी गांड में उंगली करने लगा. फिर मैंने उन दोनों को रोका और कहा- जय तुम ऊपर आ जाओ और राहुल मेरी गांड की तरफ आ जायेगा.

वो दोनों मेरी तरफ देखने लगे तो मैंने जय से कहा- पहले राहुल को कर लेने दो फिर तुम्हें भी आसानी होगी मेरी गांड में अपना लंड डालने में क्योंकि तुम्हारा लंड राहुल से ज्यादा है साइज में, ये शुरू में आसानी से नहीं जायेगा.

मेरी बात पर वो दोनों हंसने लगे. फिर जय मेरे मुंह की ओर आया और मेरे मुंह पर लंड को पटकने लगा. मैं मुंह खोल कर उसके लंड को अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था. वो अपने लंड को मेरे मुंह पर यहां वहां मार रहा था.

फिर उसने मेरे मुंह में लंड दे दिया और मेरा मुंह गले तक भर गया क्योंकि उसका लंड काफी बड़ा था. मुझे दिक्कत हो रही थी फिर भी मैं उसके लंड को चूसने लगा. मैंने पूरे दिल से उसके लंड को चूसा.

कभी अपनी जीभ फेरता उसके टोपे पर तो कभी उसे अंदर तक भर लेता. जय के मुँह से सिसकारियां निकलने लगी थीं. आह आह आह … चूस मेरी जान … ओह्ह … पूरा चूस. मजा आ रहा है. ऐसा बोलते हुए जय अपना लंड चुसवाने लगा.

उधर राहुल तो मेरी गांड देखकर जैसे पागल ही हो गया था. मुझे घोड़ी बनाकर वो जय से बोला- इसके मुँह में डाल साली रांड के. आवाज़ नहीं आनी चाहिए बाहर.
मैंने उसे रोकना चाहा पर जय ने मेरे मुँह में अंदर तक लंड डाल कर फंसा दिया.

राहुल ने मेरी गांड पर थोड़ा तेल लगाया और मेरी गांड पर अपना लंड घिसने लगा. राहुल बोला- साली रंडी, बातों से लग रहा था कि तू बहुत चोदा हुआ माल है पर तेरी गांड तो बड़ी टाइट दिख रही है.

उसने कई चांटे मारे मेरी गांड पर और यह सब कहते हुए राहुल ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा तो वो थोड़ा सा फिसल गया.
राहुल बोला- आह्ह यार … मस्त माल मिल गया. इसे चोद कर तो मजा आ जायेगा.

इधर मेरी हालत ख़राब हो रही थी उनकी बात सुनकर और लगा कि आज तो नक्श बुरा फंस गया. राहुल ने फिर थोड़ा तेल अपने लंड पर फिर से लगाया और दोबारा मेरी गांड पर भी लगाया. फिर अपना लंड मेरी गांड पर रखा और एक जोर का झटका मारा.

इस बार के झटके में उसका आधा ही लंड गया था कि मेरे आंसू निकल गए. लगा कि जैसे मेरी गांड ही फट गयी. मगर राहुल रुका नहीं और लंड बाहर खींच कर उसने दोबारा एक जोर का झटका मारा तो पूरा लंड अंदर तक घुसा दिया.

मैं रोना चाहता था, चीखना चाहता था मगर जय का लंड अभी भी मेरे मुँह में था तो मेरी चीख अंदर ही दब गयी.
राहुल ऐसे ही लंड डालकर रुका और कहने लगा- मेरी जान दिल तो कर रहा है कि तुझे अपनी रांड बनाकर रखूं पर तेरे जैसा माल सभी को मिलना चाहिए.

ये बोल कर वो हंसने लगा. मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो राहुल ने फिर से झटके मारने चालू कर दिए. राहुल बहुत खुश दिख रहा था. उसे तो जैसे कोई अनमोल चीज़ मिल गयी हो. राहुल ने मेरी गांड मारनी चालू रखी और मेरी गांड में जोरों के झटके मारता रहा. ऐसा लग रहा था जैसे अंदर कोई रॉड चोट मार रही हो. तब तक जय ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया था और आराम से मेरी चुदाई होते देख रहा था.

राहुल ने पोजीशन बदली और मुझे सीधा लिटा दिया. मेरी दोनों टांगें ऊपर कंधों पर रखीं और फिर से अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया. इस पोजीशन में लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था. मुझे और राहुल दोनों को मजा आने लगा. राहुल ने इसी पोजीशन में मुझे काफी देर तक चोदा और फिर पोजीशन बदलने लगा. वो खुश था और अलग अलग पोजीशन में मुझे चोदना चाहता था.

उसने मुझे फिर साइड में लेटाया और एक टांग ऊपर उठा कर फिर से लंड अंदर डाल दिया.

मुझे अब दर्द होने लगा तो उसने जय को इशारा किया कि मेरे हाथ पकड़ ले और मेरे बूब्स को मसले, उन्हें चूसे, चाटे, मरोड़े और जूस निकाल दे.

जय ने वैसा ही किया. वो मेरे बूब्स पर टूट पड़ा. उनको चूसने लगा. मसलने लगा. कचोटने लगा. मरोड़ने लगा.
इन सबसे मुझे भी थोड़ा अच्छा लगा तो मैं भी चुदने के मजे लेने लगा और राहुल अब आराम से मेरी गांड मारने लगा.

उसे जब लगा कि वो झड़ने वाला है तो वो रुक गया. मुझे भी लगा कि ठीक है थोड़ी देर के लिए तो कम से कम आराम मिला.

मैंने सोचा अभी तो जय भी बाकी है. राहुल के लंड से चुदने में ही मेरी हालत ख़राब हो गयी थी. मैंने मना भी किया मगर जय नहीं माना. अब राहुल ऊपर आ गया मेरे मुँह की तरफ और जय मेरी गांड पर हक़ ज़माने लगा.

उसने पहले तो पांच छह जोरदार चांटे मेरी गांड पर मारे. फिर कहने लगा- राहुल मैं तेरा अहसान कभी नहीं भूलूंगा. क्या माल से मिलवाया है यार तूने. अब ऊपर का मोर्चा सम्भालो. मैं अब इसकी गांड को नहीं छोड़ने वाला.
राहुल बोला- चिंता ना कर तू. जैसे मन करे वैसे चोद इसे. इसके मुंह से आवाज नहीं आने दूंगा मैं.

राहुल नीचे बेड पर लेट गया और मुझे अपने ऊपर ले लिया. मेरे होंठों को अपने होंठों में लिया और जय को इशारा किया. जय ने थोड़ा तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और एक ही झटके में मेरी गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया.

मुझे फिर से बहुत दर्द हुआ क्योंकि जय का लंड राहुल के लंड से भी बड़ा था. मैंने चीखना चाहा पर मेरी चीख राहुल के मुँह में ही दब गयी.
मैं तो रोने ही लगा था. मेरी आँखों से आंसू निकलने शुरू हो गए थे.

मगर मेरी हालत पर जय को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और उसने अपना लंड बाहर निकाला और एक झटके से अंदर गांड में डाल दिया. जय बार बार मेरी गांड पर चांटे भी मार रहा था जिससे मुझे दर्द कुछ ज्यादा ही होने लगा था.

राहुल को मेरी कमजोरी पता लग गयी थी तो उसने थोड़ा नीचे होकर फिर से मेरे निप्पल्स पर अटैक कर दिया. वो कभी निप्पल्स को चूमता तो कभी पूरा बूब्स अपने मुँह में भर लेता. फिर ऐसे चूसता कि जैसे दूध निकाल रहा हो. एक हाथ से वो दूसरे निप्पल और बूब्स पर अटैक करता. अब वो थोड़ा काटने लगा था और बीच बीच में चुटकी भी काट रहा था.

मैं तो अब दो मर्दों के बीच में बुरी तरह से फंसा हुआ था. एक मेरे बूब्स और होंठों को लील रहा था और दूसरा मेरी गांड को फाड़ने में लगा हुआ था. राहुल के द्वारा मेरे बूब्स चूसे जाने से मुझे थोड़ी देर में राहत होने लगी और अब जय के लंड से चुदने में भी पूरा मजा आने लगा.

अब मैं भी दोनों का साथ देने लगा. जय बड़ी जोर से मेरी गांड मार रहा था और मैं भी कुछ नहीं कह रहा था. राहुल अब साइड हो गया तो जय ने भी पोजीशन बदलने की सोची. वो मुझे उठा कर बाहर ले गया और मुझे रंडी की तरह एक सोफे पर पटक दिया.

सोफे पर पटक कर उसने मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और फिर से अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया. अब दर्द और मजा दोनों ही थे मगर मजा बाज़ी मार गया और मैंने कोई विरोध नहीं किया. जय ये देखकर और खुश हो गया और अपनी स्पीड बढ़ाने लगा. वो बिल्कुल ट्रेन की तरह मेरी गांड में लंड को पेल रहा था और रुकने का नाम नहीं ले रहा था.

मुझे भी मजा आ रहा था तो मैं भी इन्जॉय करने लगा. अब कभी राहुल मेरी गांड मारता तो जय मेरे मुँह में लंड डालने लगा. कभी जय मेरी गांड में लंड पेल देता तो फिर राहुल मेरे मुँह में लंड डाल कर रखता.

ऐसे ही काफी देर तक चला और फिर दोनों झड़ने को हुए तो बोले- कहां निकालें? मेरा मन उनके माल को गांड में लेने का किया तो मैंने इशारे से गांड में झड़ने को कहा.

पहले राहुल आया और झटके मारने लगा और ऐसे ही झटके मारते मारते मेरी गांड में ही झड़ गया. झड़ने के बाद भी वो तब तक झटके मारता रहा जब तक कि उसका लंड छोटा होकर खुद ही बाहर नहीं आ गया.

अब जय की बारी थी. उसने लंड मेरी गांड पर रखा और जोर के झटके मारने शुरू कर दिए. दस बारह झटकों के बाद जय भी मेरी गांड में झड़ गया. मेरी गांड में ही उसका लंड भी छोटा होकर बाहर आ गया.

राहुल और जय दोनों ही खुश लग रहे थे और मुस्करा रहे थे.

फिर हम तीनों उठे और नहा धोकर फ्रेश हुए.

मेरी पैंट का हुक टूट चुका था और मैं उसे नहीं पहन सकता था. जय ने मुझे अपनी लोअर दे दी.

फिर जय मुझे मॉल में ले गया और वहां से मुझे कुछ कपड़ों की शॉपिंग करवाई. मुझे भी काफी अच्छा लगा इन दोनों से मिलकर.

जय ने फिर दोबारा से मिलने का वादा लेकर अलविदा किया और चला गया. फिर राहुल ने मुझे गाड़ी में बैठाया और हम घर के लिए निकल लिए. मैंने राहुल से जय के बारे में पूछा तो वो कुछ नहीं बोला और मुस्करा दिया.

मैं भी समझ गया कि जय भी ये काम करता है और उसको भी लड़कों की गांड मारने का शौक है. मैं जान गया था मगर मैंने कुछ बोला नहीं.

राहुल ने फिर कहा- मेरी जान … आज पहली बार इतना मजा आया है. मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकता.

उसके बाद जय ने मुझे मेरे रूम तक पहुंचाया और फिर शुक्रिया कहा. मुझे भी राहुल और जय दोनों से ही मिल कर बहुत अच्छा लगा. राहुल और जय से जैसे लड़के बहुत कम मिलते हैं जो इतना मजा देते हैं.

मगर एक बात मैं भी कहना चाहता हूं कि गांड मरवाना सच में बहुत मुश्किल काम है. गांड कितनी बार भी मरवा लो लेकिन गांड मरवाने में हर बार बहुत दर्द होता है. मुझे इसका कुछ भी इलाज समझ में नहीं आ रहा है. अगर आप लोगों के पास गांड चुदाई के दौरान होने वाले दर्द का कुछ इलाज हो तो मुझे जरूर बताना.

मुझे आप लोगों के मैसेज का इंतजार रहेगा. मुझे नीचे दी गई ईमेल पर अपने सुझाव और विचार भेजें. आप कहानी पर कमेंट्स में भी अपनी राय दे सकते हैं.
आपका अपना नक्श
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