दिल्ली मेट्रो स्टेशन में मिली नशीली जवानी
हैल्लो! मैं सलमान खान, 27 साल का हूँ. मैं लखनऊ से हूँ लेकिन नोएडा में रहता हूँ। मेरी कहानी
आंख मार कर की चुदाई
और
इस्मत की किस्मत से चुदाई
को पसंद करने के लिए तथा मुझे मेल करने के लिए सभी दोस्तों का बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं आप सभी से माफी चाहता हूँ कि इतने दिन से कोई कहानी नहीं लिख पाया. अब मैं अपनी नई कहानी पर आता हूँ.
यह कहानी कुछ वक्त पहले की ही है. उस दिन मैं दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर था. रात के करीब 11 बजे का समय था. मैं आखिरी मेट्रो का वेट कर रहा था. स्टेशन पर भी एक-दो लोगों के अलावा कोई नहीं रह गया था. ट्रेन आने में कुछ टाइम था. मैंने दूसरे प्लैटफॉर्म पर देखा कि एक लड़की खड़ी है. वो थोड़ी लड़खड़ा रही थी. देखने में काफी खूबसूरत थी. मिनी स्कर्ट, टाइट टॉप और हाइ हील पहने हुए थी. वह ठीक से चल हीं पा रही थी.
मैं उसके पास गया और उससे पूछा कि उसे कोई दिक्कत तो नहीं है.
उसने कहा- नहीं, मैं ठीक हूँ.
मैं उसके बाद वापस जाने लगा.
उसने मुझे आवाज़ दी और बोली- सॉरी, क्या आप मुझे स्टेशन के बाहर तक ड्रॉप कर सकते हैं?
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने उसको सहारा देते हुए अपने कंधे के साथ लगाया और उसको अपने साथ लेकर चलने लगा. उसने अपना नाम सारिका (बदला हुआ) बताया. मैंने उसको अपने बारे में बताया.
उसने अपने बारे में बताया कि वह और उसके कुछ दोस्त पार्टी कर रहे थे और उन्होंने कोल्ड ड्रिंक में मिला कर मुझे नशे की चीज़ पिला दी.
मैंने कहा- आप को फिर वहीं पर रुक जाना चाहिए था न. रात में इस तरह अकेले नहीं आना चाहिए था. रात में इस तरह लड़कियों का अकेले रहना सेफ नहीं होता है.
मैं स्टेशन से उसको बाहर लेकर आ गया. मेरे दिमाग में अभी तक उसके लिए कोई ग़लत ख्याल नहीं आया था. लेकिन मैं बस इतना सोच रहा था कि उसके साथ कुछ ग़लत न हो जाए.
क्योंकि बाहर आकर पता लगा कि रात में ठंड बढ़ चुकी थी और ऑटोवाले भी उसको लालच भरी नज़रों से देख रहे थे.
मैंने उससे पूछा- आपको कहां जाना है.
जब उसने बताया तो पता लगा कि उसका घर वहाँ से बहुत दूर था. वह मुझे थैंक्स बोलकर ऑटो में बैठ गई. लेकिन मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था.
मैंने उससे कहा कि मैं उसको ड्रॉप कर देता हूँ. मगर वो मना करने लगी.
मैंने उसको बताया कि मुझे भी उसी के घर के आगे की तरफ जाना है रास्ते में। वह अपने घर उतर जाएगी और मैं आगे चला जाऊंगा.
उसको मेरी बात समझ में आ गई. हम दोनों उसी ऑटो में साथ में बैठ गए. जब ऑटो चलने लगी तो उसने रास्ते में दो बार उल्टी कर दी. किसी तरह हम उसके घर के बाहर पहुंचे तो मैंने उसे नीचे उतारा.
वो इस हालत में नहीं थी कि तीसरी मंज़िल तक पहुंच जाए.
उसने मुझसे कहा कि मेरे रूम पार्टनर को कॉल करो.
मैंने उससे नम्बर लिया और उसकी रूम मेट को फोन किया. उसके रूम मेट की कॉल आई और वो उसको साथ में पकड़ कर किसी तरह उसके फ्लैट पर पहुंच गई. मैं भी उसके साथ ही था.
मैंने उसको वॉमिटिंग रोकने के लिए गोली लाकर दी. उसको दरवाज़े पर छोड़कर मैं अपने घर चला आया.
फिर सुबह देखा तो मेरे फोन में उसका मैसेज आया हुआ था. वह मुझे धन्यवाद कह रही थी कि अगर मैं नहीं होता तो रात में उसके साथ कुछ भी ग़लत हो सकता था. उसके साथ कई दिन तक मैसेज पर बात होती रही. फिर धीरे-धीरे हमारी कॉल पर भी बात होने लगी. हम सारी रात बातें करते रहते थे. उसे मेरा हेल्पिंग नेचर बहुत पसंद था.
एक दिन बातों ही बातों में उसने मुझे ‘आई लव यू …’ भी बोल दिया. फिर उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया. हम एक दो बार नॉर्मली मिले. फिर धीरे-धीरे हमारी किसिंग भी शुरू हो गई.
और एक दिन उसने मुझे अपने रूम पर बुला लिया. मैंने जाकर उसके रूम की बेल बजाई. उसने दरवाज़ा खोला. मैं उसको देखकर हैरान रह गया.
उसने ट्रान्सपेरेंट (आर-पार दिखाई देने वाली पारभासी) नाइटी पहनी हुई थी. मैं जैसे ही अंदर गया उसने मुझे गले से लगा लिया और फिर दरवाज़ा बंद कर लिया. वह मुझे अचानक ही बेतहाशा चूमने लगी. उसने मुझे अपनी बांहों में लेकर हग करते हुए चूमना ज़ारी रखा.
उसकी चूचियां मेरी छाती पर दब गईं, फिर मैंने भी सारिका को बांहों में लेते हुए पकड़ कर उसके चिकने गाल पर किस कर दिया. सारिका ने हल्की सी स्माइल दी और मेरे होठों पर किस कर लिया. वह मेरे होठों पर अपने होंठ रख कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. मैं भी उसके होठों को चूसने लगा. साथ ही ऊपर से उसके मम्मों को भी दबाने लगा. उसको मज़ा आने लगा और मुझे तो बहुत मज़ा आ ही रहा था.
बस यूं ही किस करते-करते हम दोनों एक-दूसरे को कस कर दबाते और टाइट हग भी करते रहे. करीब 5 मिनट के बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिए तो मेरी आँखों के सामने उसका नंगा बदन था, उसके फिगर को देख कर मेरा लंड बहुत ही ज्यादा टाइट हो गया. बड़ी गज़ब की माल लग रही थीं.
फिर उसने एक-एक करके मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. पहले उसने मेरी शर्ट का बटन खोला. फिर मेरी छाती को चूमा. फिर उसने मेरी शर्ट के बाकी बटन भी खोल दिए.
अब मेरी छाती पर केवल बनियान रह गया था. नीचे पैंट में मेरा लौड़ा तना हुआ था जो अलग से ही तंबू बनाकर खड़ा हुआ था. उसने एक बार मेरे तने हुए लौड़े को पैंट के ऊपर से ही सहला दिया तो मेरे लंड ने एक जोर का झटका देकर अपना तनाव और ज्यादा बढ़ा लिया. मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर वो तीन-चार बार मेरे लंड को ऐसे ही सहला देती तो मैं वहीं पर झड़ जाता.
उसका मखमली नंगा बदन देखकर मैं सब कुछ भूल गया था. फिर उसने मेरा बनियान भी निकाल दिया. मेरी चौड़ी छाती उसके सामने नंगी हो गई. वह मेरी छाती पर किस करने लगी. कभी मेरी गर्दन पर किस करती और कभी मेरी छाती के निप्पलों को किस करती. मुझे ऐसा लग रहा था कि उसे मर्दों की छाती से कुछ ज्यादा ही प्यार था.
जब मुझे गुदगुदी होने लगी तो वह समझ गई और वापस हट गई. फिर उसने मेरी पैंट की तरफ हाथ बढ़ा दिए. उसने मेरी पैंट का हुक खोल दिया और मेरे अंडरवियर की पट्टी वाली जगह पर एक हल्का सा किस कर दिया.
मेरा लौड़ा तो जैसे पागल कर दिया था उसने. मैं मन ही मन सोच रहा था कि ये लड़की तो पागल कर देगी आज मुझे. मैं उसकी हरकतों का मज़ा लेने में लगा हुआ था.
फिर उसने मेरी पैंट को नीचे खींच दिया. मेरे अंडरवियर में मेरा लंड तना हुआ था और वो उसको देख रही थी. जब उसने देखा तो मेरे लंड ने उसको उछल कर एक सलामी दे दी. फिर सारिका ने मेरे होठों को किस करना शुरू कर दिया. उसके नंगे बदन के साथ मेरा नंगा बदन टच हो रहा था. जो मेरे अंदर एक अलग ही मस्ती भर रहा था. मैं उसकी लार को पीने लगा था.
फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया और मैंने चूमते हुए उसको बेड पर लेटा लिया.
मैं उसको बिस्तर पर लेटा कर किस करने लगा. उसके पूरे शरीर पर किस करता जा रहा था और उसकी कामुक सिसकारियां धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… येस … येस…’
और मैं उसके होंठों को चूस रहा था.
लड़कियों को जब स्मूच करो तो स्मूच करते हुए उसकी जीभ को अपनी जीभ से गोल-गोल टच करने में बड़ा मज़ा आता है, मैं तो ऐसा ही कर रहा था.
वो भी उत्तेजना में बिल्कुल मस्त हो गई और मेरे गाल पर ओर गले पर बेतहाशा चूमना लगी. वह एक हाथ से मेरे लिंग को दबाने लगी, उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया. उसको किस करते हुए उसके निप्पलों को लिप्स से दबाते हुए दूसरे वाले चूचे को हाथों से हल्का-हल्का दबाने लगा.
धीरे-धीरे अपने हाथ से उसकी चूत के ऊपरी भाग पर अपनी उंगली को घुमाने लगा. लड़कियाँ इस जगह पर अक्सर बहुत उत्तेजना फील करती हैं. खासकर जब इसको हल्के हाथ से रगड़ो.
सारिका बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी, कहने लगी- प्लीज़ … चोदो मुझे.
वह मेरे लिंग को पकड़ कर कस-कस कर दबाने लगी.
फिर मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसकी चूत को देखकर मेरा हाल बुरा हो गया … बिल्कुल साफ़ वाइट कलर की और उस पर पिंक कलर का क्लिट देख कर दिमाग़ खराब हो गया, उसने मेरे लिंग को देखा और बोली- वाह… इससे तो मज़ा आ जाएगा.
वह मेरे लिंग को पकड़ कर चूसने लगी और हल्का-हल्का काटने लगी. उसने मेरे लिंग को चूस-चूस कर लाल कर दिया.
अब मैंने अपने होठों को उसकी चूत पर रख दिया और उसकी क्लिट को अपनी ज़बान से रगड़ने लगा. वह पागल सी हो गई. मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी. वह ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. उसकी चूत के पानी से मेरे होंठ बिल्कुल भीग गए थे. मुझे नमकीन स्वाद आने लगा था.
करीब 5 मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने सीधा होकर अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत वाले भाग को अपने लिंग की टोपी से रगड़ने लगा. सारिका की कामुक सिसकारियां और बढ़ गईं और वो अपने पैरों को फैला कर अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी. उसने कहा- प्लीज़ अंदर डाल दो… अब बर्दाश्त नही हो रहा है…
लड़की को गर्म करके सेक्स करने में जो मज़ा है वो सीधे लिंग को चूत मे डाल कर करने में नहीं है, फिर मैंने सारिका के पैरों को ओर फैलाया व उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया. तकिया लगाने से अंदर बाहर करने में दिक्कत नहीं आती है क्योंकि इससे यह होता है कि आपकी बॉडी का भार आपके पार्ट्नर पर नहीं जाता है.जिससे सेक्स का मज़ा और ज़्यादा आता है, फिर मैंने उसकी भीगी चूत पर अपना लिंग रखा और धीरे-धीरे अंदर करने लगा.
उसे बहुत तेज़ दर्द हुआ तो मैंने उसके क्लिट को धीरे-धीरे दबाना शुरू किया तो उसको थोड़ा आराम मिला. फिर धीरे-धीरे आधा लिंग अंदर किया और उसके निप्पल को चूसने लगा. धीरे-धीरे उसके गले पर किस करने लगा. जब उसे दर्द कम महसूस हुआ तो वो अपनी चूत को आगे करने लगी और अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ाने लगी.
मैंने पूरा लिंग अंदर कर दिया और उसके होठों को चूसने लगा. फिर मैंने अपने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया, तो उसको मज़ा आने लगा और वो अपनी कमर हिला कर साथ देने लगीं. ‘आअहह.. आआअह्ह्ह.. उउउइइ..’ की आवाजें निकालती जा रही थीं और पूरे कमरे में ‘फक्क फच्च्च्क..’ की आवाजें गूंज रही थीं. अब मैं भी तेज़-तेज़ धक्का मार रहा था. उसकी गुलाबी कोमल चूत को अपने लंड चोदने में इतना मज़ा आ रहा था जिसे मैं यहां पर बता नहीं सकता.
मैं उसकी चूत को तेज़-तेज़ धक्कों के साथ चोदने में लगा हुआ था. वह भी आंखें बंद करके मेरे लंड से चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया और उसकी पीठ पर झुक उसके चूचों को हाथों में दबाते हुए पीछे से लंड को चूत में घुसा दिया.
उसने पीछे से मेरे कूल्हों को पकड़ लिया और अपनी चूत में खुद ही मेरे लंड को अंदर की तरफ धकेलने लगी. इतनी गर्म चुदाई मैंने आज तक नहीं की थी. वह तो जैसे लंड लेने के लिए बरसों की प्यासी लग रही थी.
वह मेरे लंड से चुदकर इतना आनंद ले रही थी कि उसने मुझे बुरी तरह अपने से चिपका लिया. उसकी चूत में लंड डाले हुए मैं भी अंधा-धुन धक्के मारे जा रहा था. फिर सारिका ने मुझे बेड पर लेटने के लिए कहा. मैं नीचे लेट गया और वह आकर मेरे लंड पर बैठ गई. फिर वह खुद ही मेरे लंड पर बैठकर चुदने लगी. वह साथ ही अपने दोनों हाथों से अपने चूचों को भी दबा रही थी.
मैं उसके कूल्हों को पकड़ कर अपने लंड पर नीचे धकेल रहा था. मेरा लंड गचा-गच उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था. मेरी आंखों के सामने उसके हिलते हुए चूचे थे जो मेरी मस्ती को और ज्यादा बढ़ा रहे थे.
करीब दस मिनट तक की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मैं जोश में था और मैंने जोश में उसकी चूत में ही लंड को झाड़ दिया. वो मेरे झड़ने से पहले ही पस्त हो चुकी थी.
सारिका ने मुझे कस कर हग कर लिया और कहने लगी- तुमने जो मुझे खुशी दी है … मैं इसे कभी भूल नहीं पाऊँगी.
हम दोनों एक-दूसरे से लिपट कर लेट गए. उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया.
फिर मैं अक्सर उसके घर जाने लगा. यह सिलसिला अभी भी जारी है. हाल फिलहाल उसके साथ सेक्स हो ही जाता है.
यह थी मेरी स्टोरी, आपको मेरी रीयल स्टोरी कैसी लगी, आप मुझे ईमेल कर सकते हैं, मेरी ईमेल आईडी है- [email protected]
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