दीदी की चुदाई में दीदी की गांड मारी-1
मेरा नाम आदित्य (बदला हुआ नाम) है, मैं बिहार का रहने वाला हूँ, पर मैं बिहार में नहीं रहता.. दिल्ली में रहता हूँ। मेरा परिवार भी दिल्ली में ही है।
यह कहानी मेरी और मेरी बड़ी दीदी की चुदाई की कहानी है। मेरी दीदी रश्मि (बदला हुआ नाम) की उम्र 21 साल है और वो दिखने में बहुत गोरी है.. उसका बदन भरा हुआ है। उसकी चुची काफी बड़ी हैं व उसकी गांड भी काफी निकली हुई है, जिसे देखकर किसी का भी मन उसे मसलने का करने लगे।
पहले तो मैंने कभी भी उसके बारे में कुछ गलत जैसे दीदी की चुदाई का नहीं सोचा था। पर ये कहानी शुरू हुई कुछ महीने पहले, जब मैंने अपनी दीदी रश्मि को एक लड़के के साथ देखा। उस वक्त मैंने सोचा कि शायद वो उसका दोस्त होगा तो मैं उस बात को भूल गया।
फिर एक दिन मैं पोर्न देख रहा था कि उसी वक्त मेरी दीदी नहा कर बाहर निकली थी कि मेरी नजर उस पर पड़ गई। वो अभी बाथरूम से निकली ही थी, वो अपने ऊपर तौलिया लपेटे हुए थी.. जिसमें उसकी चुची काफी तनी हुई लग रहे थे।
मैंने अपनी नजर हटा लीं.. क्योंकि वो मेरी बड़ी दीदी थी।
फिर कुछ दिन बाद मैं रात को पोर्न देख रहा था कि उसी वक्त मैंने दीदी को नाइटी पहने देखा। उस वक्त उसे देखते ही मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा था.. और टाइट हो गया। मुझसे रहा न गया तो मैं बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मार कर आया और सो गया।
अब मैं जब भी पोर्न देखता या मुठ मारता.. तो दीदी की गांड और उसकी चुची ही दिमाग में आ जाती। फिर भी वो मेरी दीदी थी.. इसलिए मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
मैं यह बता दूँ कि उससे मेरी खूब पटती है.. इसलिए मैं कभी-कभी उससे मजाक भी कर लेता था। पर आजकल जब भी मैं उससे बात करता हूँ, तो मेरी पहली नजर उसकी तनी हुई चूचियों पर ही चली जाती है। इस बात पर शायद उसने भी ध्यान नहीं दिया।
कुछ दिनों बाद जब वो नहा रही थी। उसी वक्त मैं पोर्न देख कर निकला ही था कि बाथरूम से किसी की नहाने की आवाज सुनाई दी। चूँकि मेरा कमरा बाथरूम के काफी पास है.. इसलिए बाथरूम की आवाज स्पष्ट सुनाई देती है। मैं आवाज सुन कर समझ गया कि दीदी ही नहा रही होगी।
आप तो जानते ही हैं कि पोर्न देखने के बाद लंड की हालत क्या होती है।
अब मैं ये सोच रहा था कि वो कब बाथरूम से बाहर निकले और मैं उसका गदराया हुआ शरीर देख कर दीदी की चुदाई का सोच कर जल्दी से मुठ मार लूँ।
पर वो निकल ही नहीं रही थी.. तो मैंने आवाज लगा कर उससे बोला- दीदी और कितना नहाओगी?
तो उसने बोला- बस पांच मिनट और!
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. तो मैंने सोचा कि देखूँ तो सही.. ये बाथरूम में इतनी देर से कर क्या रही है।
जब मैंने की-होल से अन्दर देखा तो बस देखता ही रह गया। उसकी क्या मस्त गोरी-गोरी और निकली हुई गांड थी और चुची.. तो पूछो मत, बिल्कुल गोल और बड़ी-बड़ी.. अह.. उसे देखते ही मेरा लंड और तन्ना गया। अब मेरे दिमाग में शैतान घूमने लगा… उस दिन से जब भी दीदी को अकेला देखता.. तो मैं उसे नहीं, उसकी चुची को देखता और उसकी गांड को छूने की कोशिश करता रहता।
एक रात को वो नाइटी पहने छत पर खड़ी थी.. तो मैंने में धीरे-धीरे उसकी गांड को बातों के दरमियान छूता रहा, पर उसने इस सबकी ओर इतना ध्यान नहीं दिया।
मैं उसकी गांड के स्पर्श से गनगना गया था और बस उसे चोदने की सोचने लगा कि इसे कैसे चोदूं।
एक दिन वो छत पर रेलिंग के सहारे झुकी हुई थी और किसी से बात कर रही थी। तब मैं भी वहीं पे था, उसकी गांड देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया। शायद उसने नाइटी के अन्दर कुछ नहीं पहना था.. इसलिए उसकी बड़ी गांड की दरार साफ दिख रही थी।
अब मैं और बेचैन हो गया और उसे चोदने की मेरी प्यास और बढ़ने लगी। मैं ये सोच रहा था कि जल्द से जल्द कैसे दीदी की चुदाई कर दूं। सारे-सारे दिन मेरे दिमाग में अब बस यही ख्याल चलता रहता था.. मैं अब उसको ही सोच कर मुठ मारता था। जब भी मैं उसकी चुची या गांड देखता मेरा लंड खड़ा हो जाता.. फिर मुठ मारना पड़ता था।
अब मैं उसकी बातें सुनता था कि वो किससे बात करती है। उसका पीछा भी करने लगा कि वो किससे मिलती है।
कुछ दिनों बाद मुझे सब मालूम हो गया कि उसका एक बॉयफ्रेंड था और वो उससे रोज मिलती थी। उसी के साथ वो रात को जब सब सो जाते तो छत पे जाकर बात भी करती थी।
इतना सब कुछ करने और जानने के बाद भी मुझे अब तक दीदी की चुदाई का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। फिर भी मैं ताक में रहने लगा और एक दिन मुझे रास्ता मिल ही गया।
मैं कभी-कभी उसके मोबाइल में गेम खेलता था, क्योंकि उसका मोबाइल मेरे मोबाइल से अच्छा था।
मैं एक दिन गेम खेलने के बाद उसके मोबाइल में छेड़छाड़ करने लगा और मैंने देखा कि उसके मोबाइल में उसकी और उसके बॉयफ्रेंड के साथ कुछ फोटो थीं, सो मैंने जल्दी से वो फोटो अपने मोबाइल में ब्लूटूथ के जरिए ले लीं।
अब बस मैं ये सोच रहा था कि शुरूआत कैसे और कब करें। फिर मैंने सोचा जब इतने दिन तक इंतजार किया तो थोड़ा और सही।
अब मैं सही मौके का इन्तजार करने लगा और वो मौका मुझे जल्दी ही मिल गया।
जब वो रात को छत पर बात करती थी.. तब मैंने सोचा कि इसी वक्त ही कुछ करना होगा।
फिर दूसरे दिन मैं रात होने का इंतजार करने लगा। इसके पहले शाम को मार्किट जाकर मैंने कुछ कन्डोम खरीद लिए। मैंने सोचा कि अपनी ओर से सब तैयारी कर ली जाए। यही सोच कर मैंने कुछ कंडोम और कुछ आई-पिल ले लीं।
मैं रात का इंतजार करने लगा और अब बहुत जल्दी हो वो घड़ी भी आ गई, जिसका मैं बहुत दिनों से इंतजार कर रहा था। इस वक्त मुझे डर भी लग रहा था कि पता नहीं क्या होगा.. क्या नहीं, पर मैंने हिम्मत करके सोचा कि आज करके ही देखते हैं.. चाहे जो हो, देखा जाएगा।
इन्तजार करते-करते रात भी हो गई, हम लोगों ने खाना भी खा लिया। सब लोग कुछ देर टीवी देखने के बाद सोने चले गए। मैं भी अपने रूम में चला गया और दीदी भी चली गई। कुछ समय बाद पहले मैं निकल कर छत पर गया, तो देखा की उधर कोई नहीं है.. तो मेरा मन उदास हो गया।
तभी पीछे से दीदी की आवाज आई और वो मुझसे बोली- तू अभी तक सोया नहीं?
मैं उसकी आवाज सुन कर खुश हो गया और बोला- नहीं यार नींद नहीं आ रही है।
उसने भी बोला- हाँ यार मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
इस बीच मैं उसे कम और उसकी चुची को कुछ ज्यादा घूरने लगा, पर आज उसने मुझे अपनी चुची देखते हुए देख कर भी अनदेखा कर दिया और वो मोबाइल निकाल कर अपने बॉयफ्रेंड से बात करने लगी।
मैं भी उसके पास ही बैठा था। मैं कभी उसकी गांड को देखता.. कभी उसकी चुची की तरफ घूरने लगता।
पर आज पता नहीं क्यों.. उसने थोड़ी ही देर बात की और फोन रख दिया। तब मैंने सोचा कि मौका अच्छा है, अपना जाल बिछाना चाहिए.. क्योंकि मेरा लंड उसकी बड़ी गांड की गहराई को नापने के लिए बेचैन था।
फिर मैं धीरे से दीदी के पास को सरक गया और उससे बात करने लगा। बातें करते-करते मैं उसे कम उसकी चुची की नोक को ज्यादा देख रहा था।
वो मुझे देखती और अपनी नजरें हटा लेती।
मैंने बातों ही बातों में उससे पूछा- तुम रोज रात को किससे बात करती हो और वो भी किसी को बिना बताए?
तो वो बोली- मैं अपने बॉयफ्रेंड से बात करती हूँ।
शायद वो भी मुझसे खुलना चाह रही थी।
इस बीच मैं उसकी मोटी गांड को छुए जा रहा था। मैंने सोचा कि ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए.. और अब खेल स्टार्ट कर देना चाहिए।
मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ रख दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उससे बात करने लगा।
दीदी की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसने मेरा हाथ अपनी गांड से हटा दिया.. पर मैंने फिर उसकी गांड पर हाथ रखा और अबकी बार तो मैं उसकी गांड मसलने लगा।
उसने बोला- ये क्या कर रहा है तू?
मैंने बोला- दीदी तुम बहुत सुन्दर हो।
तो वो बोली- वो तो मैं हूँ ही.. पर ये तुम क्या कर रहे हो?
मैंने बोला- तुम्हारी गांड को छू रहा हूँ और क्या?
उसने बोला- तू रुक.. अभी मैं जाकर माँ को बोलती हूँ कि तू मेरे साथ क्या कर रहा है।
मैंने अपना जाल फेंका और बोला- हाँ हाँ जाओ जाओ.. बोल दो और ये भी सुन लो कि मैं भी मम्मी को तुम्हारे और तुम्हारे बॉयफ्रेंड की बात बता दूंगा कि तुम्हारा एक बॉयफ्रेंड भी है.. जिसके साथ तुम कहीं जाती भी हो।
वो बोली- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.. जा बोल दे।
यह कहते ही वो जाने लगी तो मैं डर गया। फिर मैंने अपना लास्ट और जबरदस्त वाला जाल फेंका।
मैंने उससे बोला- जाने से पहले एक चीज को देख कर समझ लो.. तब जाके माँ को बता देना जो तुम बताने जा रही हो।
तो वो बोली- क्या है.. जल्दी दिखा!
और ये कह कर दीदी मेरे पास आ गई। मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसकी फोटो दिखाई जो कि उसके बॉयफ्रेंड और उसकी जॉइंट फोटो थी और फोटो भी कुछ ऐसी थी.. कि मेरी दीदी अपने बॉयफ्रेंड की गोद में बैठी थी।
उसने ये देख कर पहले तो कुछ नहीं कहा और मेरी तरफ देखने लगी।
तब मैंने सोचा कि अब देर नहीं करना चाहिए और मैंने उसकी गांड पर हाथ रख कर मसलने लगा।
वो बोली- तू मेरा छोटा भाई है.. ये सब पाप है.. मत कर!
मैंने कुछ नहीं कहा और एक हाथ से गांड और एक हाथ बढ़ा कर दीदी की चुची को मसलने लगा। वो मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी.. तो मैंने उसे जोर से पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया।
मैंने कहा- बस एक बार मैं तुम्हारी गांड और बुर में अपना लंड डाल के चोदना चाहता हूँ।
मैं उससे ये सब बोल भी रहा था और उसकी चुची भी मसल रहा था।
मेरी ये बात सुनते ही उसने एकदम से मुझे अलग किया और बोली- तू मुझे परेशान कर रहा है?
मैंने बोला- देख जो तुझे अपनी ही घर में मिल जाएगा, वो तू दूसरों से क्यों ले रही है?
उसने कहा- नहीं तू मेरा भाई है और वो भी दो साल छोटा है।
मैंने कहा- तो क्या हो गया.. मेरा लंड भी तो देखो.. ये तो बड़ा है न..!
इतना बोलते ही मैं अपना लंड जोकि एकदम तन्नाया हुआ था.. निकाल कर उसे दिखा दिया।
वो लंड देखते हुए बोली- अब मैं जा रही हूँ माँ से बोलने कि तू मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था।
मैंने बोला- हाँ जाओ.. और बोल दो।
मेरे इतना बोलते ही वो चली गई और मेरी गांड फट गई। मैं सोचने लगा कि अब आज तो मैं पक्का पिटूँगा.. अच्छे से पिटूँगा और मेरा इज्जत का कबाड़ा हो जाएगा।
दोस्तो, इसके आगे की घटना अगले भाग में आपके सामने होगी। मैं यह अपनी दीदी की चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ। आपके मेल का इन्तजार करूँगा।
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दीदी की चुदाई में दीदी की गांड मारी-2
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