देवर के साथ सेक्स पति के सामने -2
देवर के साथ सेक्स पति के सामने Audio Sex Story-1
इस दूसरे भाग का ऑडियो भी पहले भाग में है.
यार मनोज! क्या होता होगा तुम्हारा इस सर्दी में बिना सेक्स के? ये बोले.
अरे भैया, क्या बताऊँ? बहुत बुरा हाल है! बहुत मन करता है! आप तो बहुत किस्मत वाले हो जो आपको भाभी जैसे सुंदर पत्नी मिली! भाभी के साथ सेक्स करके आपको बहुत मजा आता होगा न?
हाँ यार! बहुत सुंदर है नीता! और इसकी चूचियाँ! बहुत अच्छी हैं, कितनी सख्त हैं आज भी!
भैया, सच में?
हाथ लगा कर देखना है क्या? ये बोले.
अरे ऐसा है तो मजा आ जायेगा! मनोज बोला.
और मनोज का हाथ पकड़ कर इन्होने मेरे वक्ष पर रख दिया.
मैंने कहा- अरे! यह क्या कर रहे हैं आप दोनों?
अरे कुछ नहीं भाभी! थोड़ा सा देख रहा था!
ये भी बोले- बेचारे को हाथ लगा लेने दो! क्या फर्क पड़ता है तुम्हें?
मनोज हाथ लगाने के बहाने दबाने लगा.
जब पति ही अपनी पत्नी को चुदवाना चाहे तो कोई पराया मर्द छोड़ेगा क्या!
ये बोले- मैं बाथरूम होकर आता हूँ! जब तक तुम लोग बातें करो!
मनोज और मैं अकेले कमरे में, मनोज के हाथ में मेरी चूचियाँ! वो आराम से दबा रहा था.
अब वो मेरे पास आ गया और बोला- भाभी, कैसा लग रहा है? मुझे तो बहुत मजा आ रहा है भाभी!
और वो जोर-जोर से दबाने लगा. मनोज मेरे पास आकर मुझसे सट गया और उसका लिंग मुझसे छू गया तो मुझे अहसास हुआ कि वाकई मनोज का तो काफ़ी बड़ा है.
मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने हाथ लगा ही लिया- अरे वाह मनोज! तुम्हारा तो बहुत बड़ा है! मैंने कहा.
हाँ भाभी, भैया का छोटा है, मुझे पता है!
तुमको कैसे पता?
अरे भाभी, तुमको भैया ने नहीं बताया क्या? जब कभी हम दोनों साथ होते थे तो ऐसे ही एक दूसरे का हाथ में लेकर हिला कर मन को शांत करते थे! और आज भी जब भी मौका मिलता है तो हम ऐसा ही करते हैं! मजा आता है!
तो आज भी ऐसा ही करोगे क्या? मैंने कहा.
मनोज बोला- नहीं भाभी, आज नहीं! आज तो तुम्हारे साथ!
और बस उसने मेरे योनि पर हाथ रखा, तब तक मैं गीली हो चुकी थी.
ये भी आ गये- क्या चल रहा है?
मनोज बोला- भाभी का ख्याल रख रहा था भैया!
अच्छा ठीक है! अब तो बस करो! मैं आ गया हूँ, मैं रख लूंगा ख्याल!
मनोज को ऐसे ही चिड़ाने के लिए ये बोले.
नहीं, अब नहीं रुका जाता है! भाभी की खूबसूरती के सामने तो मैं ऐसे ही हो जाऊँगा! और फिर भाभी मना कर दे तो फिर ठीक है!
अरे नहीं-नहीं! मनोज, मैं तो मजाक कर रहा था. चलो थोड़ा उधर सरको, मैं भी आता हूँ! मजा दोगुना हो जायेगा!
और दोनों ने मिल कर मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगे हो गए.
मैंने मनोज का देखा तो नवीन बोले- मैंने कहा था ना कि मनोज का बहुत बड़ा है! देखो मेरे भाई का लिंग आज तुमको मजा देगा!
मैंने कहा- हाँ, वाकई तुम्हारे भाई का बहुत बड़ा है!
और हम खुले सेक्स के लिए तैयार थे.
मनोज ने कहा- भाभी, आप मुँह में ले लोगी क्या?
मैंने कहा- क्यों नहीं मनोज! तुम्हारा इतना सुंदर लिंग मैं मुँह में ना लूँ? ऐसा हो सकता है क्या?
मैंने मनोज का लौड़ा मुँह में लिया ही था कि इतने में इन्होंने मेरी योनि में अपना लण्ड पिरो दिया.
मुझे दोनों तरफ से मजा रहा था.
मनोज बोला- भैया, अब आप ऊपर आ जायें! मैं थोड़ा देखूँ कि चूत में डालने का क्या मजा होता है! पहली बार चूत में डालूँगा ना!
अरे क्यों नहीं भाई! आओ, तुम्हारे लिए तो यह बहुत प्यासी है! मेरे छोटे से लिंग को यह बहुत मजेदार समझती है. मैं भी इसको बताना चाहता था कि इस दुनिया में अलग-अलग लिंग का मजा क्या होता है!
आओ और इसको मजा दो!
इतना कहना था कि मनोज नीचे आया और एक ही बार में मेरी चूत को फाड़ते हुए अपना लिंग अंदर डालने लगा.
मेरे मुँह से आवाज निकल गई- आह! मैं मर गई! अरे मनोज, धीरे! बहुत दर्द हो रहा है!
ये बोले- तब ही तो मजा आएगा!
थोड़ी देर में मजा आने लगा. मनोज जोर-जोर से करने लगा, मैं झड़ गई पर वो अभी तक अपने वार कर रहा था.
अब इन्होंने कहा- रुको मनोज! कंडोम लगा लो यार!
मनोज ने कंडोम लगाया और फिर शुरू हो गया.
वो भी थोड़ी देर बाद झड़ गया. मैं भी उसके साथ एक बार और झड़ गई.
अब ये आ गये- क्यों जानू? कैसा लगा मेरे भाई के साथ सेक्स?
मैंने कहा- मजा आ गया! पर अब तुम्हारा छोटा पड़ेगा!
मैंने ऐसे ही मजाक में कहा था.
ये बोले- अरे कोई बात नहीं! मनोज आता रहेगा ना तुमको मजा देने के लिए! तुम चिंता मत करो! क्यों मनोज? आओगे या नहीं अपनी भाभी के लिए?
अरे भैया! यह आप क्या कह रहे हैं! आप कहें तो मैं भाभी के अंदर से कभी बाहर ही ना निकालूँ! मुझे आज जन्नत मिल गई है भाभी जैसी औरत पाकर! मैं कभी शादी भी ना करूँ अगर भाभी मेरे साथ सेक्स करें और आप करने दो तो!
अरे क्यों नहीं मनोज! आज से यह हम दोनों की है! तुम जब चाहो, तब कर सकते हो! मेरे तरफ से तुम आज़ाद हो! क्यों नीता? तुम मना करोगी क्या मनोज को?
अरे नहीं! कभी नहीं! मुझे बहुत मजा आया.
और इन्होंने भी झटके देना चालू कर दिए. मुझे तो इनके लिंग का अहसास ही नहीं हो रहा था मनोज का लिंग लेने के बाद.
पर मैं फिर से झड़ने वाली थी और वो भी मेरे साथ ही झड गए!
आज मेरे पति ने मुझे दूसरे लिंग का अहसास कराया.
अब मुझे और लिंग देखने का मन होने लगा, मैंने कहा एक दिन अपने पति से- क्यों, और दूसरे लिंग और तरह के होते हैं?
ये बोले- तुमको और लिंग देखना है क्या?
मैंने कहा- हाँ!
ये बोले- तो ठीक है! मैं तुम्हारे लिए नए लिंग की कोशिश करता हूँ पर फिर मनोज और मेरा क्या होगा?
अरे आपको और मनोज को मैं हमेशा ही खुश करुँगी पर कोई नया लिंग देखने का मन है, अगर आप दिखाना चाहो तो!
वो बोले- जानू क्यों नहीं!
कैसे लगी आपको मेरी सच्ची यौन-कथा! मुझे जरूर लिखें!
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