दोस्ती प्यार और चुदाई
अन्तर्वासना के सभी लोगों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम महेन है. मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच की है, रंग गोरा है. मैं दिखने में आकर्षक हूँ. मैंने कई बार ये महसूस किया है कि मुझे एक बार कोई लड़की या भाभी देख भर ले, फिर वो वापस देखे बिना नहीं रह पाती.
मैं अपने लिटल मास्टर के बारे में बता देता हूं. साला इतना शैतान है कि किसी भी लड़की या भाभी की चूत या गांड में घुस जाए, तो उनको पूरा ठंडा करके ही बाहर निकलता है.
ये हिंदी एडल्ट स्टोरी आज से चार साल पहले की है. मेरे घर में मुझसे बड़े भाइयों की शादी होने के बाद मेरे घर वाले मेरे लिए लड़की देखने लगे थे. मेरे लिए काफी लड़कियों के रिश्ते आए और बात होती रही.
अंत में मेरे लिए जिस लड़की का रिश्ता आया, उसका नाम सोना (नाम बदला हुआ) था. मेरी उसकी बात चलने लगी और कुंडली वगैरह का काम हुआ. उसी बीच मेरे दादा का देहांत हो गया था, तो उस लड़की से मेरे रिश्ते की बात आगे नहीं बढ़ी.
फिर एक दिन मैं अपने काम से कहीं गया हुआ था. तभी फेसबुक पर कोई अनजान लड़की का मैसेज आया. मैं उस टाइम बिजी था, तो मैंने ध्यान नहीं दिया.
जब रात को मैं फ्री हुआ, तब मैंने वो मैसेज देखे. उन मैसेज में कोई लड़की मुझे इतनी बुरी तरीके से डांटते हुए लिख रही थी, जैसे मैंने उसे परेशान कर रखा हो.
उसी समय उसका फिर से मैसेज आया. उसने बोला- सॉरी, गलती से ये मैसेज आपको आ गए, मैं किसी और को भेज रही थी.
उस लड़की सोना ने उन मैसेज के लिए मुझसे कई बार माफी मांगी.
उसकी सॉरी खत्म हुई तो मैंने उससे बात करना चाही. ऐसे करके हमारे बीच बातचीत शुरू हो गई.
मैंने उसकी प्रोफाइल चैक की, तो वो मेरे ही शहर की निकली. हालांकि उस पर उसकी फोटो नहीं लगी थी.
उससे मैंने कहा- मैं आपको ऐसे माफ नहीं करूंगा … आपको मुझे कॉफ़ी पिलानी होगी, फिर मैं देखूंगा कि मैं आपको माफ करूं या न करूं.
पहले तो उसने काफी मना किया, फिर मान गई. हमने टाइम फिक्स किया. अगले दो दिन बाद हमें मिलना था, तो मुझे उससे मिलने की बड़ी बेचैनी होने लगी. न जाने मुझे बार बार उससे मिलने की जल्दी हो रही थी. आखिर बड़ी बेसब्री के बाद वो दिन भी आ गया.
मैं बताई हुई जगह पर टाइम पर पहुंच गया. वो थोड़ा देर से आई.
फिर जब वो आई, तब उसने अपने चेहरे पर दुपट्टा बाँधा हुआ था. उसने आने के अपना दुपट्टा खोला, तो मैं उसे देखता रह गया. एक परी सी सुंदर और बड़ी बड़ी आंखों वाली थोड़ी डरी और सहमी सी वो मेरे नजदीक आई. उसने मुझे हैलो बोला. मैं उसे देखता ही रहा … मानो मुझे कुछ होश ही न रहा हो.
दोस्तो, आपको सोना के बारे में बता दूं. उसकी हाइट 5 फुट 6 इंच की थी. रंग एकदम गोरा, कटीला 32-28-34 का फिगर. वो दिखने में कोई हिरोइन लग रही थी. हम दोनों ने बातें करना शुरू कर दीं.
उसने बताया कि कैसे वो मैसेज मुझे सेंड हो गए थे.
मैं उसको देख कर कुछ सोचने लगा. वो मुझे यूं गुमसुम देख कर मुस्कुरा कर बोली- क्या सोच रहे हो?
मैंने कहा- यार मुझे लगता है, मैंने तुमको कहीं देखा है.
वो हंस दी.
फिर मुझे याद आया कि ये तो वही लड़की है, जिसकी फोटो मुझे शादी के लिए आई थी.
मैंने उससे बात की, तो ये पक्का हो गया कि ये सोना वही लड़की थी, जिसका रिश्ता मेरे लिए आया था, पर दादा के देहांत के टाइम के बाद आगे बात नहीं हुई थी.
मैं उसे पहचान गया. मगर मैंने उससे अभी रिश्ते को लेकर उससे कोई बात नहीं की.
हम दोनों ने काफी देर तक बातें करते रहे. उसने अपने बारे में बताया. मैंने उसे बताया कि मैं वही लड़का हूँ, जिसके लिए आपकी शादी की बात हुई थी.
मेरी इस बात से वो थोड़ा हैरान हुई, फिर वो सकुचाती हुई बोली- मुझे नहीं पता था कि आप वही हो.
मैं हंसने लगा.
उसे लगा कि मैं उसके बारे में न जाने क्या सोचूंगा.
मैंने उससे काफी देर तक बात की और उसको इस बात का अहसास दिला दिया कि मुझे तुम्हारे इस तरह से मिलने से कोई दिक्कत नहीं है … बल्कि इस तरह से मिलने शायद हम दोनों एक दूसरे को ज्यादा ढंग से समझ सकते थे.
जब वो कॉफ़ी पीने के बाद वापस गई, उस वक्त तक वो मुझसे काफी प्राभावित हो गई थी. मैंने उससे आगे बातचीत जारी रखने के बारे में पूछा, तो वो मुस्कुरा दी.
उस दिन वो मुझे सिर्फ हाथ मिला कर गई थी, लेकिन उसकी आंखों में उभरते प्यार की लालिमा को मैंने पढ़ लिया था.
चूंकि उसने मिलने की हामी भर दी थी, इसलिए इसके बाद भी हम दोनों लोग मिलते रहे. हमारी दोस्ती आगे बढ़ गई. अब हम लोग रोज़ फोन पर बात करने लगे और हम दोनों में प्यार हो गया.
फिर एक दिन सोना मेरे आफिस आई.
तब मैंने उससे पहली बार गले लगाया और उसके गालों पर किस किया.
जब उसको मैंने गले लगाया, तब मैंने देखा कि उसका तना हुआ सीना इतना मुलायम था कि जैसे कोई टेडीबियर हो.
मैंने उसको किस करते करते में उसे गुदगुदी करने लगा.
उसने हंसते हुए कहा- मुझे गुदगुदी नहीं होती है.
अब मैंने उसके गले में गुदगुदी की, फिर हाथों में की. जब मैं उसके चूचों के पास आया, तो वो एकदम से हिचकी, मैंने खुद को रोक लिया.
मैंने कहा- यहां मुझे आपकी इज़ाज़त है या नहीं?
तो उसने हंस कर कहा- आप वहां भी हाथ लग सकते हो, आपको इज़ाज़त है.
ये सुनते ही मैंने उसके टॉप के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहला दिया.
आह दोस्तो … वो पल मेरे लिए बहुत ही यादगार पल था. उसके बाद मैंने उसके टॉप को ऊपर कर दिया और एकदम बुरा गया. मैं देखता रह गया कि दूध सी सफेद और रूई सी मुलायम उसकी चुचियां एकदम तनी हुई थीं.
उसकी चूचियां 32 साइज की थीं. एकदम गुलाबी निप्पल थे. मुझे देख कर ही मज़ा आ गया.
मैंने बड़े प्यार से उसके निप्पलों को देखते हुए उसकी आंखों में देखा, उसके चेहरे पर शर्म की लाली थी. मैंने उसकी आँखों में देखते हुए ही एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया. अपने निप्पल पर मेरी छुअन का अहसास पाते ही उसकी आह निकल गई. शायद ये उसके लिए पहली बार था. उसे बड़ा मज़ा आया.
मैंने काफी देर तक उसके निप्पलों को बारी बारी से चूसा और मम्मों का मर्दन किया. फिर मैंने उसकी नाभि को चूम कर प्यार किया.
तभी उसने खुद को मुझसे छुड़ाते हुए कहा- बस अभी के लिए इतना ही.
उस दिन उसके साथ इतना ही हो पाया.
इसके बाद हम दोनों में प्यार और भी गहरा होता चला गया. हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से मिलते रहे और थोड़ा थोड़ा प्यार करते रहे.
मैंने उस दिन के बाद से उसे पहली बार के जैसे, अन्दर से उसे छुआ ही नहीं था. बस ऊपर ऊपर से ही मैंने उसको चूमा था और उसके मम्मों को दबा कर मजा लिया था. इससे उसे भी मेरा साथ पाने की तड़प होने लगी. मुझे भी उससे मिलने की तड़फ थी, लेकिन मैंने ढील देकर उसे लूटना चाहता था.
फिर एक दिन वो वक्त भी आ ही गया, जब मैं सोना की प्यारी सी योनि को देखने वाला था.
वो संडे का दिन था. मेरे आफिस में काम नहीं था, मैं फ्री था. मैंने शनिवार को ही फोन करके सोना को आज आने के बोला था.
सोना तय समय पर मेरे ऑफिस में आ गई. हम दोनों ने काफी देर बातें की.
कुछ अन्तरंग बातें होने लगीं. उसने मुझे बताया कि तुमसे रोज़ प्यार करते करते मेरे बूब्स 32 से 34 साइज़ के हो गए हैं.
मैं उसको छेड़ने लगा और गुदगुदी करने लगा. ऐसा करके मैं उसे मूड में ला रहा था. वो मेरे करीब आई और हम किस करने लगे. हम दोनों ने 5 मिनट तक किस किया. फिर मैंने उसका टॉप अलग कर दिया. उसने मना नहीं किया. उस दिन उसने स्पोर्ट्स वाली ब्रा पहनी थी, जो बहुत ही प्यारी लग रही थी. उसका गोरा बदन और काले रंग की ब्रा बड़ी दिलकश मैचिंग थी.
मैं उस स्पोर्ट ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूमने लगा और चूसने लगा. वो कसमसाने लगी. मैंने उसकी ब्रा निकाल दी … उसने कोई विरोध नहीं किया. ब्रा हटते ही मेरे सामने दो सफेद कबूतर मानो फड़फड़ाते हुए खुली हवा में बाहर उड़ निकले. मैं इतने मस्त कबूतरों को कैसे उड़ जाने देता, मैंने उन्हें झट से पकड़ लिया. खूब सहलाया और चूमने लगा. मैंने प्यार से एक निप्पल को चूस कर खड़ा कर दिया. वो भी मस्ती से अपने दूध मुझे पिला रही थी. मैंने उसके मम्मों इतना चूसा कि वो लाल हो गए.
उस टाइम मेरे ऑफिस में कोई चारपाई या बेड नहीं था. मैं उसकी प्यारी सी मुनिया को अपने हरामी शैतान से अच्छे से पेलना चाहता था.
उस टाइम मेरे ऑफिस में कुछ 10-12 मूड़े पड़े थे, जिनको जोड़कर मैंने बेड सा बनाया. सोना समझ गई कि सुहाग सेज सज रही है. वो कुछ नहीं बोली, शायद आज उसको भी सील तुड़वाने की चुल्ल थी.
मैंने पहले सोना की लैगी निकाल कर अलग कर दी. नीचे मैंने उसकी गीली पेंटी को देखा, जो इतनी ज्यादा गीली हो चुकी थी कि बस यूं समझो कि उसकी चूत का सारा पानी उसी पेंटी में बह गया था.
मैंने उसे निकाल दिया और देखा मेरे सामने एक बिना बाल वाली एकदम साफ चिकनी चमेली चुत चमक रही थी. वो शर्मा रही थी और मैंने उसकी चुत को देख कर अपना लौड़ा सहला रहा था.
उसकी चुत इतनी मदमस्त और फूली हुई थी कि उसे कोई भी देख लेता, तो बिना उसे मुँह में लिए नहीं रह सकता था.
वही मेरे साथ भी हुआ. मैंने जैसे ही उसकी चुत को हाथ लगाया, उसकी आह निकल गई. वो आंखें बंद करके लेट गई.
मैंने उसकी दोनों टांगों को खोल कर फैला दिया. मैंने देखा एक नई और आकर्षित करने वाली नई-नकोर कोरी चूत मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी.
मैंने उसकी चुत पर जैसे ही अपनी जीभ लगाई … उसे एक झटका सा लगा. वो मुझे बड़ी चुदासी निगाहों से देख रही थी.
वो इतनी वासना और प्यार से देख रही थी, मानो उसकी आंखें बोल रही थीं कि बस करते रहो … रुको मत.
फिर मैंने उसकी चुत के अन्दर जीभ करना शुरू किया और वो बस ‘आआआ हम्म्म्म अअ..’ कर रही थी.
कुछ ही पलों में वो झड़ गई … शायद वो आज दूसरी बार झड़ी थी. पहली बार वो चड्डी में झड़ चुकी थी और दूसरी बार चूत को मुझसे चटवा कर झड़ गई थी.
वो इतनी खुश लग रही थी कि उसकी आंखें बता रही थीं. मानो उसे आज सब कुछ मिल गया था.
अब मैंने अपनी जींस निकाली और उसमें मेरा 6 इंच का छोटा शैतान … मेरी अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आना चाहता था.
मैंने उसकी तरफ इशारा किया, तो सोना ने मेरे अंडरवियर को खोल दिया. उसने मेरे लंड को देखते ही कहा- ये तो बहुत बड़ा है … इसे मैं नहीं ले पाऊंगी.
उसे प्यार से मैंने समझाया.
वो मान गई लेकिन वो डर रही थी. मैंने उसे पैर फैला कर लिटाया और खुद उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपने लंड के टोपे को उसकी चुत पर लगा कर और हल्का सा धक्का दे दिया. मेरा लंड करीब दो इंच उसकी प्यारी चुत को चीरते हुए अन्दर चला गया.
उसी पल सोना की तेज चीख निकली और वो कहने लगी- उई … माँ मर गई … मेरी फट गई … आह … इसे बाहर निकाल लो …
मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे प्यार से किस करता रहा. जिससे उससे थोड़ा दर्द का कम एहसास हो. जब वो थोड़ा सामान्य हुई, तो मैंने जोर लगा कर पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर पेल दिया.
पूरा लंड चुत में लेते ही उसके आंसू आ गए.
मैं लंड पेलने के बाद रुक गया और उसके गालों पर बहते उसके आंसुओं को चाट कर साफ कर दिया. उसके मम्मों को भी किस करता रहा और सहलाता रहा.
थोड़ी देर में वो सामान्य हो गई और खुद अपनी गांड हिलाते हुए आगे पीछे करने लगी. उसकी इस हरकत से मुझे उसका ग्रीन सिग्नल मिल गया. मैंने अपनी स्पीड खोल दी.
हम दोनों पर हवस की प्यास चढ़ी थी. मेरे आफिस में हम दोनों की गर्म साँसों की आवाज़ के साथ सोना की ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आंमम्म … आआ … हाआं … आहम्माम … जैसी आवाजें भी गूंज रही थीं.
हमने कोई एक घंटे तक सेक्स किया और इतनी देर में वो 3 बार फ्री हो चुकी थी. मैं आज ही उसकी मक्खन सी मुलायम गांड भी मारना चाहता था, पर सोना इतनी थक चुकी थी, तो उसने मना कर दिया. मैं अभी भी उसकी चुत चुदाई में ही लगा था.
मैंने गांड में कभी और करने का सोचा. जब मैंने झड़ने की बात बताई, तो उसने मुझे अपने अन्दर झड़ने से मना कर दिया.
मैं भी नहीं चाहता था कि फालतू कुछ लफड़ा हो जाए. मैंने लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में दे दिया. सोना ने उससे प्यार से हाथ में थाम लिया और आगे पीछे करने लगी.
थोड़ी देर में ही मैं सोना को चूमते चूमते फ्री हो गया.
वो मुझसे चुदवा कर बड़ी खुश थी.
अब हमें जब भी मौका मिलता, हम चुदाई का ये खेल, खेल लेते और बहुत मज़े करते.
आगे की हिंदी एडल्ट स्टोरी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उसकी गांड की सील तोड़ी और उसके मुँह में लंड दिया.
आपको मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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